Tuesday, October 7, 2008

घुसा देने के बाद राजू रुक गया. --1

घुसा देने के बाद राजू रुक गया. --1

हेलो दोस्तो मैं यानी आपका राज शर्मा एक ओर हिन्दी कहानी लेकेर हाज़िर हूँ
अब आप ही कहानी पढ़केर बताना की कहानी कैसी है
ये कहानी जान की ज़ुबानी ही सुनें तो ज़्यादा ठीक रहेगा
कहानी कुच्छ इस तरह है-उनका ठेकेदारी का काम बहुत ही लंबा चौड़ा था. उनका एक
मॅनेजर था जिसका नाम विजय प्रताप था. वो उनका दोस्त भी था और उनका
सारा कम देखता था. वो हमारे घर सुबह के 8 बजे आ जाता था और
नाश्ता करने के बाद मेरे पति के साथ सीटे पर निकल जाता था. मैं
उसे विजय कह कर बुलाती थी और वो मुझे सीमा कह कर बुलाता था. उस
समय उसकी उमर लगभग 23 साल की थी और वो दिखने में बहुत ही
हॅंडसम था. वो मुझसे कभी कभी मज़ाक भी कर लेता था. शादी के 5
साल बाद मेरे पति की एक कार एक्शिदेंट में मौत हो गयी. अब उनका सारा
कम मैं ही संभालती हून और विजय मेरी मदद करता है. मेरे पति
बहुत ही सेक्सी थे और मैं भी. उनके गुजर जाने के बाद लगभग 6
महीने तक मुझे सेक्स का बिल्कुल भी मज़ा नहीं मिला तो मैं उदास रहने
लगी. एक दिन विजय ने कहा, क्या बात है सीमा, आज कल तुम बहुत उदास
रहती हो. मैने कहा, बस ऐसे ही. वो बोला, मुझे अपनी उदासी की वजह
नहीं बताॉगी, शायद मैं तुम्हारी उदासी डोर करने में कुच्छ मदद
कर सकूँ. मैने कहा, अगर तुम चाहो तो मेरी उदासी डोर कर सकते
हो. आज पुर दिन बहुत कम है. मैं शाम को तुम्हें अपनी उदासी की
वजह ज़रूर बतौँगी. मेरी उदासी की वजह जान लेने के बाद शायद
तुम मेरी उदासी डोर कर सको. मेरी उदासी डोर करने में शायद
तुम्हें बहुत ज़्यादा वक़्त लग जाए, हो सकता है पूरी रात ही गुजर
जाए इस लिए आज तुम अपने घर बता देना की कल तुम सुबह को आओगे.
मैं शाम को तुम्हें सब कुच्छ बता दूँगी. वो बोला, ठीक है. हम
दोनो सारा दिन काम में लगे रहे. 1 मीं की भी फ़ुर्सत नहीं मिली.
घर वापस आते आते रात के 8 बाज गये. घर पहुचने के बाद मैने
विजय से कहा, मैं एक दम तक गयी हून. पहले मैं तोड़ा गरम
पानी से नहा लून उसके बाद बात करेंगे. वो बोला, नहाना तो मैं भी
चाहता हून. पहले तुम नहा लो उसके बाद मैं नहा लूँगा. मैं नहाने
चली गयी और विजय बैठ कर टV देखने लगा. 15 मीं बाद मैं नहा
कर बातरूम से बाहर आई तो विजय नहाने चला गया. मैने केवल
गाउन पहन रखा था. गाउन के बाहर से ही मेरे सारे बदन की झलक
एक दम सॉफ दिख रही थी. विजय मुझे देखकर मुस्कुराया और बोला, आज
तो तुम बहुत सुंदर दिख रही हो. मैं केवल मुस्कुरा कर रह गयी.
उसके बाद विजय नहाने चला गया. मैं सोफे पर बैठ कर टV देखने
लगी. थोड़ी देर बाद विजय ने मुझे बातरूम से ही पुकारा तो मैं
बातरूम के पास गयी और पूचछा, क्या बात है. वो अंदर से ही बोला,
सीमा, मैं अपने कपड़े तो लाया नहीं था और नहाने लगा. अब मैं क्या
पहनूंगा. मैने कहा, तुम टवल लपेट कर बाहर आ जाओ. मैं अभी
तुम्हारे लिए कपड़े का इंतेज़ाम कर दूँगी. विजय एक टवल लपेट कर
बाहर आ गया. मैने कहा, तुम बैठ कर टV देखो, मैं छाए बना कर
लाती हून. उसके बाद मैं तुम्हारे लिए कपड़े का इंतेज़ाम भी कर
दूँगी. वो सोफे पर बैठ कर टV देखने लगा. मैं किचन में छाए
बनाने चली गयी. थोड़ी देर बाद मैं छाए ले कर आई. मैने तबले
पर छाए रखी और छाए बनाने लगी. मैने विजय को छाए दी. वो
चुप छाप छाए पीने लगा. मैं भी सोफे पर बैठ कर छाए पीने
लगी. छाए पी लेने के बाद विजय ने मुझसे पूचछा, अब तुम अपनी
उदासी की वजह बताओ. मैं तुम्हारी उदासी डोर करने की कोशिश
करूँगा. मैं उठ कर विजय के बगल में बैठ गयी. फिर मैने उसके
लंड पर हाथ रख दिया और कहा, मेरी उदासी की वजह ये है. मेरे
पति को गुज़रे हुए 6 महीने हो गये हैं और तब से ही मैं एक दम
प्यासी हून. वो रोज ही जाम कर मेरी चुदाई करते थे. 6 महीने से
मुझे चुदाई का मज़ा बिल्कुल नहीं मिला है और ये कमी तुम पूरी कर
सकते हो. वो कुच्छ नहीं बोला.

मैने विजय के लंड पर से टवल हटा दिया. विजय का लंड एक दम
ढीला था लेकिन था बहुत ही लंबा और मोटा. मैने कहा, तुम्हारा लंड
तो उनके लंड से ज़्यादा लंबा और मोटा लग रहा है. मुझे तुमसे
छुड़वाने में बहुत मज़ा आएगा. वो बोला, मैं तुम्हें नहीं छोड़
सकता. मैने पुचछा, क्यों. विजय ने अपना सिर झुका लिया और बोला, मेरा
लंड खड़ा नहीं होता. उसकी बात सुन कर मैं सन्न रह गयी. मैने
कहा, तुम्हारी शादी भी तो 2 महीने पहले हुई है. वो बोला, मेरा लंड
खड़ा नहीं होता इस लिए वो अभी तक कुँवारी ही है. मेरी बीवी मुझसे
इसी वजह से बहुत नाराज़ रहती है. वो कहती है की जब तुम्हारा लंड
खड़ा नहीं होता था तो तुमने मुझसे शादी क्यों की. मैने विजय से
कहा, ठीक है, जब मैं अपने लिए कोई अच्च्छा सा मर्द खोज लूँगी
जिसका लंड खूब लंबा और मोटा हो और जो खूब देर तक मेरी चुदाई
कर सके. उसके बाद तुम एक दिन अपनी बीवी को भी यहाँ बुला लाना, मैं
तुम्हारी बीवी को भी उस से छुड़वा दूँगी. इस तरह तुम्हारी बीवी
सुहग्रात भी माना लेगी और उसे छुड़वाने का पूरा मज़ा आ जाएगा. उसके
बाद वो तुमसे कभी नाराज़ नहीं रहेगी. क्यों ठीक है ना. विजय बोला,
क्या तुम सही कह रही हो की वो फिर मुझसे नाराज़ नहीं रहेगी. मैने
कहा, हन मैं एक दम सच कह रही हून लेकिन जब तुम अपनी बीवी को
यहाँ लाना तो उसे कुच्छ भी मत बताना. विजय बोला, ठीक है.डूस्रे
दिन मैं विजय के साथ एक सीटे पर गयी. वो सीटे मेरे घर से लगभग
80-85 केयेम. डोर था. उस सीटे पर लगभग 40 मज़दूर कम करते थे. उस
सीटे का मॅनेजर उन सब को पैसे दे रहा था. सारे मज़दूर लाइन में
खड़े थे. मैं मॅनेजर के बगल में एक चेर पर बैठ गयी. सभी
ने नेकार और बनियान पहन रखा था. मैं नेकार के उपर से ही उन
सबके लंड का अंदाज़ लगाने लगी. जब मॅनेजर लगभग 20-25 मज़दूर को
पैसे दे चुका तो मेरी नज़र एक मज़दूर के लंड पर पड़ी. मैने नेकार
के बाहर से ही अंदाज़ लगा लिया की उसका लंड कम से कम 8-10" लंबा और
खूब मोटा होगा. उसकी उमर लगभग 22-23 साल की रही होगी और बदन
एक दम गातीला था. मैने उस मज़दूर से पुचछा, क्या नाम है तुम्हारा.
वो बोला, मेरा नाम राजू है. मैने पुचछा, तुम्हारे कितने बच्चे हैं.
वो शरमाते हुए बोला, मालकिन, अभी तक मेरी शादी नही हुई है.
मैने कहा, मुझे अपने घर के लिए एक आदमी की ज़रूरत है. मेरे घर
पर कम करोगे. वो बोला, आप कहेंगी तो ज़रूर करूँगा. मैने विजय से
कहा, इसे घर का कम करने के लिए रख लो. विजय समझ गया और
बोला, ठीक है. विजय ने उस मज़दूर से कहा, राजू तुम घर जा कर
बता दो और अपना समान ले आओ. आज से तुम मेडम के घर पर कम
करोगे. ठीक है. वो बोला, जी साहब. वो अपने घर चला गया. लगभग
1 घंटे के बाद वो वापस आ गया. उसके बाद हम सब कार से घर वापस
चल पड़े रात के 8 बजे हम सब घर पहुचे. मैने राजू को घर का
सारा कम समझा दिया और उसे ड्रवैिंग रूम में सोने के लिए कह दिया.
घर में केवल एक ही बातरूम था इस लिए मैने राजू से कहा, घर
में केवल एक ही बातरूम है. तुम इसी बातरूम से काम चला लेना. वो
बोला, ठीक है मालकिन. मैने कहा, घर पर मुझे मालकिन कहलाना
पसंद नहीं है. तुम मुझे मेरे नाम से ही बुलाया करो. वो बोला,
ठीक है मालकिन. मैने उसे दांता और कहा, मालकिन नहीं सीमा कह कर
बुलाओ. वो बोला, ठीक है सीमा जी. मैं कहा, सीमा जी नहीं, केवल
सीमा. वो शरमाते हुए बोला, ठीक है सीमा. मैने कहा, लग रहा की
तुमने बहुत दीनो से नाहया नहीं है. मैं तुम्हें एक साबुन दे देती
हून, तुम बातरूम में जा कर ठीक से नहा लो. राजू बोला, ठीक है.
मैने राजू को एक खुश्बुदार साबुन दे दिया तो वो ननाने चला गया.

थोड़ी देर बाद राजू नहा कर बाहर आया. अब उसका सारा बदन एक दम
खिल उठा था और महक भी रहा था. वो पंत और शर्ट पहन ने लगा
तो मैने कहा, घर में पंत शर्ट पहन ने की कोई ज़रूरत नहीं
है. तुम नेकार और बनियान में ही रह सकते हो. विजय बोला, मैं घर
जा रहा हून. मैने कहा, ठीक है. कल मैं कहीं नहीं जौंगी. अब
तुम परसों सुबह आना. विजय ने मुस्कुराते हुए कहा, ठीक है. मैं
कल नहीं अवँगा. उसके बाद विजय चला गया. रात के 10 बजने वेल
थे. मैने बेडरूम में जा कर पनटी और ब्रा को छ्चोड़ कर सारे कपड़े
उतार दिए और उपर से गाउन पहन लिया. उसके बाद मैने राजू को पुकारा.
वो मेरे पास आया और बोला, क्या है. मैने कहा, मेरे सारे बदन दुख
रहा है. तुम तोड़ा सा तेल लगा कर मेरे सारे बदन की मालिश कर दो.
वो बोला, आप मुझसे मालिश करवाएँगी. मैने कहा, शहर में ये सब
आम बात है. गाओं की तरह यहाँ की औरतें शरम नहीं करती. तुम
ड्रेसिंग तबले से तेल की शीशी ले आओ और मेरे बदन की मालिश करो.
वो ड्रेसिंग तबले से तेल की शीशी ले आया तो मैने अपना गाउन उतार
दिया और पेट के बाल लेट गयी. वो घूर घूर कर मेरे गोरे बदन को
देखने लगा. उसकी निगाहों में भी सेक्स की भूख सॉफ दिख रही थी.
मैने कहा, क्या देख रहे हो. चलो मालिश करो. वो शरमाते हुए मेरे
बगल में बेड पर बैठ गया. मैने कहा, पहले मेरी पीठ और कमर
की मालिश करो. वो मेरी पीठ की मालिश करने लगा. उसका हाथ बार
बार मेरी ब्रा में फस जाता था. मैने कहा, तुम्हारा हाथ बार बार
मेरी ब्रा में फस जा रहा है. तुम इसे खोल दो और ठीक से मालिश
करो. उसने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मालिश करने लगा. मुझे
बहुत मज़ा आ रहा था. मैने कहा, और नीचे तक मालिश करो. वो और
ज़्यादा नीचे तक मालिश करने लगा. अभी उसका हाथ मेरे चूतड़ पर
नहीं ल्गा रहा था. मैने कहा, तोड़ा और नीचे तक मालिश करो. वो
शरमाते हुए और नीचे तक मालिश करने लगा. जब उसका हाथ मेरी
पनटी को टच करने लगा तो मैने कहा, पनटी को भी तोड़ा नीचे कर
दो फिर मालिश करो. उसने मेरी पनटी को भी थोड़ी सा नीचे कर दिया.
अब मेरा आधा चूतड़ उसे दिखने लगा. वो बड़े प्यार से मेरी चूतड़ की
मालिश करने लगा. थोड़ी देर बाद वो मेरे दोनो चूतड़ को हल्का हल्का
सा दबाने लगा. मुझे बहुत मज़ा आने लगा. थोड़ी देर तक मालिश
करवाने के बाद मैने कहा, अब तुम मेरे हाथों की मालिश करो. मैने
जानबूझ कर अपनी ब्रा को नहीं पकड़ा और पलट कर पीठ के बाल लेट
गयी. मेरी ब्रा सरक गयी और उसने मेरी दोनो चुचियों को एक सॉफ सॉफ
देख लिया. वो मुस्कुराने लगा तो मैने तुरंत ही अपनी ब्रा से अपनी
चुचियों को धक लिया लेकिन उसका हुक बंद नहीं किया. वो मेरे
हाथों की मालिश करने लगा. मेरी ब्रा बार बार सरक जा रही थी और
मैं बार बार उसे अपनी चुचियों पर रख लेती थी. जब वो मेरे हाथ
की मालिश कर चुका तो मैने कहा, अब तुम मेरे पैरों की मालिश कर
दो.Wओ घुटने के बाल बैठ कर मेरे पैरों की मालिश करने लगा. मैने
देखा की राजू का लंड एक दम खड़ा हो चुका था और उसका नेकार तंबू
की तरह हो गया था. वो केवल घुटने तक ही मालिश कर रहा था तो
मैने कहा, क्या कर रहे हो, राजू. मेरी जांघों की भी मालिश करो. वो
मेरी जांघों तक मालिश करने लगा. थोड़ी देर बाद वो मालिश करते
करते अपनी उंगली मेरी छूट पर टच करने लगा तो मैं कुच्छ नहीं
बोली.

उसकी हिम्मत और बढ़ गयी और वो अपने एक हाथ से मेरी छूट को पनटी
के उपर से ही सहलाते हुए पैरों की मालिश करने लगा. मुझे तो बहुत
मज़ा आ रहा था. मैं मान ही मान खुश हो रही थी की अब बस थोड़ी ही
देर में मेरा कम होने वाला है. थोड़ी ही देर बाद राजू जोश से एक दम
बेकाबू हो गया और उसने मेरी पनटी नीचे सरका दी और एक हाथ से मेरी
छूट को सहलाने लगा. मैं फिर भी कुच्छ नहीं बोली तो उसकी हिम्मत
और बढ़ गयी. उसने मेरे पैरों की मालिश बंद कर दी और अपनी बीच
की उंगली मेरी छूट में दल दी और अंदर बाहर करने लगा. मैं मान
ही मान एक दम खुश हो गयी की अब मेरा कम बन गया. वो दूसरे हाथ
से मेरी चुचियों को मसालने लगा. थोड़ी ही देर में मैं एक दम जोश
में आ गयी और आहें भरने लगी. वो मेरी चुचियों को ंसालते हुए
अपनी उंगली बहुत तेज़ी के साथ मेरी छूट के अंदर बाहर करने लगा तो
2 मीं में ही मैं झाड़ गयी और मेरी छूट एक दम गीली हो गयी.
मैने उसका सिर पकड़ कर अपनी छूट की तरफ खीच लिया. वो मेरा
इशारा समझ गया और मेरी छूट को चाटने लगा. उसने अपने नेकार का
नडा खोल कर अपना नेकार नीचे सरका दिया और मेरा हाथ पकड़ कर
अपने लंड पर रख दिया. उसका लंड तो लगभग 8" ही लंबा था लेकिन
मेरे पति के लंड से बहुत ज़्यादा मोटा था. मैं उसके लंड को सहलाने
लगी तो थोड़ी ही देर में उसका लंड एक दम लोहे जैसा हो गया. वो मेरी
छूट को बहुत तेज़ी के छत रहा था. मैं जोश से पागल सी होने लगी
तो मैने राजू से कहा, राजू, अब देर मत करो. मुझसे अब बर्दस्त नहीं
हो रहा है. मेरे इतना कहते ही उसने एक झटके से मेरी पनटी जो की
पहले से ही नीचे थी, उतार दी और मेरी ब्रा को भी खीच कर फेक
दिया. उसके बाद उसने अपना नेकार भी उतार कर फेक दिया. उसके बाद वो
मेरी टाँगों के बीच आ गया. उसने मेरी टाँगों को पकड़ कर डोर डोर
फैला दिया और अपने लंड का सूपड़ा मेरी छूट की लिप्स के बीच रख
दिया. उसके बाद उसने अपना लंड धीरे धीरे मेरी छूट के अंदर
दबाना शुरू कर दिया. उसका लंड बहुत ज़्यादा मोटा था इसलिए मुझे
तोड़ा दर्द होने लगा. मैने दर्द के मारे अपने होठों को ज़ोर से जाकड़
लिया जिस से मेरे मूह से आवाज़ ना निकल पाए. मेरी धड़कने तेज होने
लगी. लग रहा था की जैसे कोई गरम लोहा मेरी छूट को चीरता हुआ
अंदर घुस रहा हो. धीरे धीरे उसका लंड मेरी छूट के अंदर घुसने
लगा. दर्द के मारे मेरी टाँगें तर तर काँपने लगी. मेरी धड़कने
बहुत तेज चलने लगी. मेरा सारा बदन पैसने से नहा गया. उसका लंड
स्लिप करता हुआ धीरे धीरे मेरी छूट के अंदर लगभग 5" तक घुस
चुका था. दर्द के मारे मेरा बुरा हाल हो रहा था. मैने सोचा की
अगर मैने राजू को रोका नहीं तो मेरी छूट फॅट जाएगी. मैने राजू से
रुक जाने को कहा तो वो रुक गया. उसने मेरी टाँगों को छ्चोड़ दिया. उसने
मेरी दोनो चुचियों के निपल्स को पकड़ कर धीरे धीरे मसलना
शुरू कर दिया और मुझे चूमने लगा. मैं भी उसके होठों को चूमने
लगि.ठोदि देर बाद उसने मेरी चुचियों को मसालते हुए अपना लंड
धीरे धीरे मेरी छूट के अंदर बाहर करने लगा. उसका लंड इतना
ज़्यादा मोटा था की मेरी छूट ने उसके लंड को बुरी तरह से जाकड़ रखा
था. 2 मीं में जब मेरा दर्द कुच्छ कम हो गया तो मैने जोश में
आकर अपना चूतड़ उठना शुरू कर दिया. मुझे चूतड़ उठता हुआ
देखकर राजू ने अपनी स्पीड तदी सी बढ़ा दी. मुझे अब ज़्यादा मज़ा आने
लगा. मैं जोश के मारे पागल सी हुई जा रही थी. जोश में आ कर
मैने और तेज और तेज कहना शुरू कर दिया तो राजू ने अपनी स्पीड और
तेज कर दी. 5 मीं छुड़वाने के बाद मैं झाड़ गयी तो राजू ने बिना मेरे
कुच्छ कहे ही ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाने शुरू कर दिए. हर धक्के के
साथ ही राजू का लंड मेरी छूट के अनादर और ज़्यादा गहराई तक
घुसने लगा. मुझे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन मैं पुर जोश में
आ चुकी थी. उस जोश के आयेज मुझे दर्द का ज़्यादा एहसास नहीं हो रहा
था. धीरे धीरे राजू ने अपना पूरा का पूरा लंड मेरी छूट में
घुसा दिया. पूरा लंड मेरी छूट में घुसा देने के बाद राजू रुक गया


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