Wednesday, April 23, 2008

ए दिल बे-इमान

दोस्तों एक बार फ़िर से अनलाइन पे आता हूं,
टाइम वेस्ट न करते हुए एक चुदाई का किस्सा सुनाता हूं…।।

तो उस दिन मैं कपड़े धोकर छत पे सुखाने गया था,
पड़ोस की एक औरत भी वहां थी जिसका नाम 'जया' था……।।

उसकी मस्त जवानी को देखकर दिल बे-इमान हो रहा था,
मोम्मे (दुध)इतने बड़े थे कि खड़ा मेरा समान हो रहा था…।।

यारों उसकि जवानी मेरे दिल पे सितम ढा रही थी,
और वो न चाहते हुये भी चुन्नी से अपने मोम्मे छुपा रही थी…।।

यारों उसकी इस हरकत ने मेरे इरादे को और कड़ा कर दिया,
मोम्मे छुपाने से पहले ही उसकी जवानी ने मेरे लंड को खड़ा कर दिया……।।

यारों मैं सोचने लगा-कि काश इसे चोदने का मौका मिल जाये,
इसका पति कहीं दूर जाये और ये मेरे पास आये…।।

आखिर एक दिन जब वो मेरे घर आयी,
तो मैने भी शुरु कर दी उसकी चुदाई…।।

मैने उसका हाथ पकड़ के कहा-भगवान ने आपको फ़ुरसत में बनाया है,
ऐसा लगता है सारा हुस्न आप पे ही लुटाया है…।।

मेरी बात सुन कर वो शर्मा गयी,
और बिना कुछ कहे ही मेरी बाहों में आ गयी…।।

मैं खुले दिल से उसकी तारिफ़ कर रहा था,
लेकिन मन ही मन उसके पती से भी डर रहा था…।।

मैने अपना एक हाथ उसकी ब्रा में डाल दिया,
देर न करते हुये उसके कुर्ते को भी निकाल दिया…।।

मेरी इस हरकत से वो एकदम गरम हो गयी,
हया की मूर्ती एकदम बेशरम हो गयी…।।

अब मैने हाथ को उसकी पैंटी में डाल दिया,
वो गरम हो चुकी थी सो उसने चूत(पुती)से पानी निकाल दिया…।

मैं समझ गया कि जो हालत मेरे हथियार की थी,
वोही हालत उसकी भी थी और वो चुदाने को तैयार सी थी…।

मैने टाइम सम्भालते हुये उसकी सलवार और पैंटी को भी निकाल दिया,
और अपने खड़े हुये लंड को उसकी चूत के अंदर डाल दिया…।।

मैं अपने लंड को उसकी चूत में डाल के आगे पीछे हिला रहा था,
मैं तो मजे ले ही रहा था साथ ही उसे भी मजे दिला रहा था…।।

वो बोली-चोदो चोदो मुझे चोदो और ज़ोर ज़ोर से,
आज मुझे चोदो जी भर के आगे-पीछे दोनो ओर से…।।

मैने भी उसे चोदने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी,
इस बार मैं घोड़ा और वो घोड़ी थी……।।

अब हम फ़्री हुये और वो मेरा लंड चूस रही थी,
मेरे जिस्म की गर्मी को वो लंड से महसूस कर रही थी…।।

आज हम दोनो चुदाई के रास्ते एक नये रिश्ते से जुड़ गये,
यारों सामने देखा तो मेरे होश ही उड़ गये…।।

चुदाई के टाइम हमने जो वादे किये वो बड़े बड़े थे,
लेकिन वादे सारे टूट गये क्युकि सामने उस के पतिदेव खडे थे…।।

पतिदेव ने कहा-चोदो चोदो अब क्यु शरम आ रही है,
मैं तो देखने चला था कि मेरी बीवी कहाँ जा रही है…।।

लेकिन यहाँ तो सीन ही कुछ और चल रहा है,
मेरी बीवी को गोद में बिठा के तू उसके मोम्मे मल रहा है…।।

पतिदेव ने आज हमे रंगे हाथ पकड़ लिया,
मैं कुछ समझ पाता इससे पहले ही मुझे गले से जकड़ लिया…।।

पतिदेव का गुस्सा देखकर जया तो उनके चरणों से लिपट गयी,
यारों पतिदेव ने चांटा मारा तो मेरी तो गांड ही फट गयी…।।

इसी बीच में पतिदेव ने बाकी की कसर भी पूरी कर दी,
पुरे जोश के साथ एक लात मेरी गांड पे धर दी…।।

उसकी लात से गांड का पुर्ज़ा पुर्ज़ा हिल रहा था,
गांड मरवाने के बाद का दर्द अब मुझे मिल रहा थ…।।

अब क्या बताउं दोस्तों मेरा क्या हाल था,
मेरे लिये तो अब जान बचाने का सवाल था…।।

आखिर किसी तरह से मामले को ठंडा किया गया,
मैं सोच रहा था कि क्यु मेरे से ये पंगा लिया गया……।।

उस दिन से मैने सोच लिया कि किसी भी औरत को कभी गंदी नज़र से नहीं देखुंगा,
वो अगर नंगी भी आके सामने खड़ी हो जायेगी तो भी अपने पैज़ामे को उतार के नहीं फ़ेंकुंगा…।।

लेकिन दोस्तों दिल तो पागल है रोज़ मचलता है,
आखिर इस दिल पे कब किसका ज़ोर चलता है……।।

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