Sunday, April 6, 2008

चचेरी बहन के साथ सेक्स

1मैं पहली बार अपना एक्शपेरियांस शेयर करने जा रहा हूँ। ये बिल्कुल ही सच्ची कहानी है मेरी चचेरी बहन गाव अपनी पढ़ाई के लिए हमलोगो के पास शहर मे आई। उस समय वो इंटेर मे दाख़िले की आई थी और मैं graduation मे था। हमलोग शूरू से शहर में रहते थे। मेरे पिताजी सरकारी नौकरी मे थे। मैं घर मे सबसे छोटा हूँ। मेरी बहन मुझसे छोटी थी क़रीब 5 साल। शूरू मे तो ऐसा कोई ख़्याल नही आया, मगर धीरे धीरे मन सेक्श की तरफ़ होने लगा। हूम लोगो का कमरा छोटा था और हमलोग सब एक ही बेद पैर सोते थे। मैं अक्सर अपनी बहन के बगल मे सोया करता था। रात मे सोते समय मेरे हाथ उसके पेट को छूते थे। मुझे तो आकर्षन महसूस होता था मगर उसके बारे मे मुझे कुछ पता नही चल पाता था। एक दिन मैने उसके स्तन को छ्होआ तो उसने तोड़ा ओप्पोस किया मैने तुरण अपना हाथ हटा लिया। फिर मैने एक बार कोशिश की लेकिन फिर से हटा दिया मगर कुछ बोला नही मुझे भी डर लग रहा था क्योंकि मेरी मा और मेरी अपनी दोनो बहन भी बगल मे सोई हुई थी।

दूसरे दिन मैने फिर से कोशिश की इस बार मैने उसके स्तन को तोड़ा ज़ोर से प्रेस किया इस बार उसकी थोड़ी सहमति थी मैने धीरे धीरे काफ़ी देर तक प्रेस किया शायद उसे भी आनंद आ रहा था। ये कारकरम काफ़ी दीनो तक चला। एक दिन उसने मुझसे पूछा की आप ऐसा क्यों करते है तो मैने बोला की क्यों तुम्हे पसंद नही है तो उसने कहा नही ऐसी कोई बात नही मगर किसी को पता चलेगा तो क्या होगा, तब मैने कहा किसी को पता नही चलेगा। तुम साथ दो तो कुछ नही होगा। फिर उसने हा भरी। अब हम लोग घर मे किसी के नही रहने का इंतेज़ार करने लगे और ये मौक़ा भी हमे जल्द ही मिल गया और मैने कहा की अब मैं कुछ और टेस्ट करना चाहता हूँ तो उसने पूछा क्या तो मैने कहा मैं तुम्हरा स्तन देखना चाहता हूँ उसने पहले तो मना किया फिर थोड़ी देर मे हामी भर दी तो मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया और फिर मैने धीरे से से उसके सलवर को उपर किया और उसके ब्रा को उपेर किया तो देखů की दो गोल गोल स्तन मेरे सामने थे जो की मैने पहले कभी नही देखा था और फिर मैने अपने दोनो हाथों से उसको दबाना शूरू कर दिया शायद उसे भी अच्छा लग रहा था और वो ज़्यादा ही excited हो रही थी। फिर काफ़ी दीनो तक चलता रहा मगर असली प्यास अभी नही बुझी थी और मेरा मन उसको चोदने को करने लगा।

एक दिन मैने कहा की ये सब काफ़ी हो गया क्यों ना ज़िंदगी की असली मज़ा लिया जाए तो उसने कहा कया तो मैने कहा ज़िंदगी की सुख तो चोदै मे ही हैं जो कर आदमी और औरत की ज़रूरत है तब उसने कहा इसमे कोई रिस्क तो नही मैने कहा नही सावधानी के साथ करेंगे। मगर पता नही उसे काफ़ी डर लग रहा था और हिम्मत नही जुटा पा रही थी काफ़ी समझाने के बाद उसे बिस्वास हो गया और उसने हामी भर दी और हमलोग एकांत क्स इंतेज़ार करने लगे और एक दिन हमे मौक़ा मिल गया जब मेरी मा और बहन बाज़ार गये और हम दोनो घर मे अकेले थे तब मैने कहा क्यों ना अपनी ज़िंदगी की प्यास भुझा ले उसने दबी ज़ुबान मे हा कही और फिर मैने धीरे धीरे उसके सलवार और पायज़मा को खोला अब वो ब्रा और पनती मे मेरे सामन थी उसका बदन तो मानो आपसरा का बदन लग रहा था और शर्मा रही थी और अपने चेहरे को अपनी हाथों से धके हुई थी फिर मैने धीरे से अपने कपरे को उतरा और उसके स्तन को धीरे धीरे दबाना शूरू किया शायèा उसे अच्छा लग रहा था अब मैने उसके ब्रा को खोल दिया और मेरे सामने उसके संटरे जैसे दो चीज़ आ गयी और मैने अपने मुह से उसके स्तन को चूसना शूरू किया ये अहसास उसे अच्छा लग रहा था और वो ज़यादा excited हो रही थी और मैं भी अब काफ़ी excited होने लगे।

फिर मैने उसके पनती को उतार दिया अब मेरे सामने मानो जैसे दुनिया की सबसी बड़ी चीज़ नज़र आ रही थी क्योंकि अभी तक मैने किसी भी लड़की को ऐसे नही #2342;ेखा था। अब मैने अपने लंड को उसके मुह मे दे दिया। पहले तो उसने मना किया काफ़ी मनाने के बाद वो मान गयी और मेरे लंड को चूसना शूरू कर दिया मैं तो मानो की सातवे आसमान मे सफ़र कर रहा था वो अहसास का बयान मैं नही कर सकता की मैं कैसा महसूस कर रहा था। उसके चूसने से मेरा लंड काफ़ी tight हो गया और मैने इसे उसके बूर मे धीरे धीरे डालना शूरू किया उसे काफ़ी तकलीफ़ महसूस हो रही थी। पहलीबार किसी मर्द क्स लंड उसके बूर मे जो जा रहा था। मैने उसकी तकलीफ़ को समझते हुए धीरे धीरे लंड को अंदर डाला अब तो उसे भी मज़ा आने लगा और थोड़ा ऊऊऊ आआआ ईईई के आवाज़ के साथ वो पूरा मज़ा लेना चाहती थी और मैं भी इस मौक़े को छोड़ना नही चाहता था और हमलोगो ने क़रीब 1 घंटे तक अपनी जवानी का मज़ा लिया लेकिन इसके बाद हमलोग की चाहत बढ़ती गयी और हमलोग रात मे भी ये काम सबसे बचाते हुए करने लगे और घर मे कोई ना हो तो फिर क्या कहना। इस तरह से हमलोगो ने क़रीब 7 साल तक अपनी जवानी का मज़ा लेते रहे। अब उसकी शादी हो चुकी है मगर मैं अभी भी कुवारा हूँ और उन दीनो के बारे मे सोचकर आज भी दिल रोमांचित हो जाता है।

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