hindi sexi stori
हाय, मेरा नाम सुमित है। मुझे अभी तक यकीन नहीं होता जो मैं लिखने जा रहा हूं। 3 दिन पहले मेरे साथ ऐसा एक्सपेरिएंस हुआ जो मैं सोच भी नहीं सकता था। हुआ यूं कि मेरी पूरी फ़ेमिली (मेरा संयुक्त परिवार है) किसी शादी पे दो दिन के लिये चली गयी। घर सिर्फ़ पापा, मम्मी और मैं था। सुबह पापा भी ओफ़िस चले गये। मम्मी कामवाली के साथ काम करने लगी और मैं अपने कमरे मैं स्टडी करने चला गया। करीबन दपहर एक बजे कामवाली चली गयी। मैं स्टडी कर रहा था के मुझे मम्मी की आवाज़ अयी। मैं कमरे के बाहर गया तो देखा कि मम्मी फ़र्श पर गिरी पड़ी थी। मैने फ़ौरन जाकर मम्मी को उठाया और पूछा "क्या हुआ""फ़र्श पर पानी पड़ा था, मैने देखा नहीं और गिर गयी""चोट तो नहीं लगी""टांग मुड़ गयी""हल्दी वाला दूध पी लो""नहीं, उसकी ज़रूरत नहीं। बस टांग में दर्द हो रहा है, लगता है नश पे नश चढ़ गयी है""थोड़ी देर लेट जाओ""मुझसे चला नहीं जा रहा, मुझे बस मेरे कमरे तक छोड़ आ""आराम से लेट जाओ और अब कोई काम करने की ज़रूरत नहीं है""हाय रे, टांग हिलाई भी नहीं जा रही""मैं कुछ देर दबा दूं क्या""दबा दे"मैने टांग दबानी शुरू की। मैं पूरी टांग दबा रहा था, पैर से लेकर जांघ तक"कुछ आराम मिल रहा है?""हां""मेरे ख्याल से तो आप थोड़ा तेल लगा लो, जल्दी आराम मिल जायेगा""कौन सा तेल लगाऊं" "वो ही, जो बोडी ओयल मेरे पास है""चल ले आ"मैं अपने कमरे से जाकर तेल ले आया। मम्मी ने अपनी शलवार ऊपर उठा ली लेकिन वो घुटने से ऊपर नहीं उठ पयी। मैने कहा "अगर आपको ऐतराज़ न हो तो मैं ही लगा दूं"इतने में फोन की बेल बजी। फोन पे पापा ने कहा कि वो आज खाना खाने नहीं आयेंगे।"किसका फोन था"" पापा का था कि वो खाना खाने नहीं आ रहे""अच्छा""तेल लगा दूं?""लगा दे"फिर मैने मम्मी के पैर से लेकर घुटने तक तेल लगाना शुरू कर दिया कुछ देर बाद मम्मी बोली "पर दर्द तो मेरे घुटने के ऊपर हो रहा है""एक काम करते हैं। आप तांग के ऊपर कम्बल कर लो, मैं कम्बल के अन्दरहाथ डाल के आपके जांघ की मालिश कर दूंगा""मैं खुद ही कर लूंगी""मैं एक बार कर देता हूं आपको आराम जल्दी मिल जायेगा""अलमारी से कम्बल निकाल के मेरे ऊपर कर दे"मैने मम्मी के ऊपर कम्बल कर दियाफिर मैने कम्बल के अन्दर हाथ डाल के मम्मी की शलवार का नाड़ा खोला और शलवारघुटनों के नीचे सरका दी। मम्मी ने अपनी आंखें बंद कर ली। मैने मम्मी कीजांघ पर तेल लगाना शुरु किया। ऊऊओह। मम्मी की जांघ का अनुभव बहुत ही मादक था। "मम्मी कहां तक लगाऊं तेल""बेटे थोड़ा तेल जांघ पर"मैने मम्मी की जांघ पर अंदर की तरफ़ तेल लगाना शुरु किया तब मम्मी ने अपनी टांगेथोड़ीफ़ैला ली।मैं तेल मलते हुए कभी कभी अपना हाथ मम्मी की पैंटी और चूत के पास फेरता रहा।मैं कम्बल में खिसक गया और मम्मी की टांगें अपनी कमर की साइद पे रख के तेललगाता रहा।"मम्मी, अगर आप उलटी लेत जाओ तो मैं पीछे से भी तेल लगा दूंगा""अच्छा""मम्मी शलवार का कोई काम नहीं है, इसे उतार दो""नहीं, खोल के घुटनों तक सरका दे""अच्छा"फिर मम्मी पेट के बल लेत गयीअब मैं मम्मी की दोनो टांगों के बीच में बैठा हुआ था"मम्मी कुछ आराम मिल रहा है""हम्म""मम्मी एक बात बोलूं""हम?""आपकी जांघें सोफ़्टी की तरह मुलायम हैं"मम्मी इस पर कुछ नहीं बोली। मैने तेल मम्मी की हिप्स पर लगाना शुरु कर दिया"मम्मी आपकी हिप्स को छू के ...""छू के क्या?""कुछ नहीं""बता न छू के क्या?""आपके हिप्स को छू के दिल करता है कि इन्हें छूता और मसलता जाऊं। आपकी जांघें औरहिप्स बहुत चिकनी हैं। तेल से भी ज़्यादा चिकनी। मम्मी क्या आपकी कमर भी इतनी हीचिकनी है?""तुझे नहीं पता? खुद ही देख ले""मम्मी आप पहले के जैसे पीठ के बल लेट जाओ""ठीक है"फिर मैं मम्मी के पेट और कमर पर हाथ फेरने लगा"बेटे अब मैं बहुत मोटी होती जा रही हूं, है न?""नहीं मम्मी, आप पहले से ज्यादा सेक्सी लगने लगी हो?""क्या लगने लगी हूं?" "सेक्सी""बेटे सेक्सी का क्या मतलब होता है?""सेक्सी का मतलब होता है कामुक""सच्ची, मैं तुझे कामुक लगती हूं?""हां, मम्मी मैने आज तक इतनी चिकनी हिप्स नहीं देखी,क्या मैं आपकी हिप्स पे किस कर सकता हूं?""क्या""प्लीज़ मम्मी, बस एक बार""पर किसी को बताना मत""बिल्कुल नहीं बताऊंगा"मैं मम्मी की हिप्स पे किस करने लगा और जीभ से चाटने भी लगा"बेटे कम्बल निकाल दे"मैंने कम्बल निकाल दिया"मम्मी आपकी हिप्स के सामने तो अमूल बटर भी बेकार है""अच्छा""मम्मी मैं एक बार आपकी धूनी(नाभि) पे किस करना चाहता हूं""नहीं, तूने हिप्स पे कहा था और वो मैंने करने दिया और तूने तो उसे चाटा भीहै, अब और नहीं""प्लीज़ मम्मी, जब हिप्स पे कर लिया तो धूनी से क्या फ़र्क पड़ता है?""तो आखिर करना क्या चाहता है?""मैं तो आपकी जांघों को भी चूमना चाहता हूं, आपकी जांघों की शेप किसी को भीललचा सकती है, आपकी कच्छी(पैंटी) आपकी कमर पे इतनी अच्छी तरह फ़िट हो रहीहै के मैं बता नहीं सकता, आपकी जांघें देख कर तो मेरे मुँह में पानी आ रहाहै, क्या मैं आपकी जांघों पे भी किस कर सकता हूं?""पता नहीं तूने मुझ में ऐसा क्या देख लिया है, हम दोनो जो भी करेंगे सिर्फ़ आजकरेंगे और आज के बाद कभी इसको डिस्कस भी नहीं करेंगे, प्रोमिस?""प्रोमिस..... मम्मी मैं आपकी शलवार निकाल दूं?""हम्मम्मम...निकाल दे"अब मम्मी बिना शलवार के थी।फिर मैं मम्मी की धूनी को चाटने लगा। मम्मी ने अपनी आंखें बंद कर ली।फिर मैं मम्मी की जांघों को दबाने, चूमने और चाटने लगा। फिर मैने एकचुम्मापैंटी के ऊपर से ही मम्मी की चूत का लिया"अह्हह, बेता, ऊउस्सस्सशह्हह्हह्हह..यह क्या..अच्छा लग रहा है""मम्मी मैं आपकी चूत चखना चाहता हूं""क्या चखना चाहता है?""चूत""चूत क्या होती है?""चूम के बताऊं?""बता"मैंने फिर से पैंटी के ऊपर से मम्मी की चूत को चूमा। मम्मी ने कहा"आआह्हह्हह्हह्हह्हह.....ईईएस्सस्सस्सस्सस्सस्स...बेटा मेरी चूत को थोड़ा और चूम""कच्छी के ऊपर से ही?" "नहीं, कच्छी निकाल दे"मम्मी के इतना कहने की देर थी कि मैंने कच्छी निकाल दी और मम्मी की चूत को चाटना शुरु कर दिया। मम्मी सिसकने लगी"ईईएस्सशह्हह्हह्ह...आआआह्हह्हह..बेटा। बहुत आनन्द आ रहा है। मेरी चूत पे तेरी जीभका स्पर्श कमाल का मज़ा दे रहा है"मैं कुछ देर तक मम्मी की चूत चाटता रहा। इतने सब होने के बाद तो मेरा लौड़ाभी तैयार था"मम्मी अब मेरा लौड़ा बेचैन हो रहा है""लौड़ा क्या होता है"मैंने अपना पैंट उतार कर अपना लौड़ा मम्मी के सामने रख दिया और बोला"मम्मी इसे कहते हैं लौड़ा""हाय माँ..तू इतना गंदा कब से बन गया कि अपना यह..क्या नाम बताया तूने इसका""लौड़ा""हां, लौड़ा, की अपना लौड़ा अपनी ही माँ के सामने रख दे""माँ मेरा लौड़ा मेरी माँ की चूत के लिये मचल रहा है""लेकिन बेटे माँ की चूत में उसके अपने बेटे का लौड़ा नहीं घुस सकता""लेकिन क्यों माँ?""क्योंकि यह पाप है""माँ तू क्या है? ""मैं तेरी मा हूं""मेरी माँ होने से पहले तू क्या है""इंसान""और उसके बाद?""एक औरत""बस, सबसे पहले तू एक औरत है और मैं एक मर्द, और एक मर्द का लौड़ा औरत की चूतमें नहीं घुसेगा तो कहां घुसेगा""लेकिन....""क्या माँ, जब मैंने तेरी चूत तक चाट ली तो क्या तुझे चोद नहीं सकता""चोद मतलब?""मतलब अपना लौड़ा तेरी चूत में""तू मेरी चूत चाहे कितनी ही चाट ले, मुझे चटवाने में ही मज़ा आ रहा है""माँ चुदाई में जो आनंद है वो और किसी चीज़ में नहीं""तू जानता नहीं मेरी चूत इस वक्त लौड़े की भूखी है। पर कहीं बच्चा न हो जाये""नहीं माँ, मैं अपना माल तेरी चूत में नहीं गिराऊंगा""प्रोमिस""प्रोमिस""तो अपनी माँ की बेकरार चूत को ठंडा कर दे न, बेटे मेरी चूत की आग बुझा दे न""पहले तू बैठ जा""ले बैठ गयी""अब तु मेरे लौड़े पे बैठ जा"फिर माँ मेरे लौड़े पर बैथ गयी और मैंने धक्के मारने शुरु कर दिये"ऊऊऊऊओ... बेटे .....अह्हह्हह्हह्हह""ओह, ओह, मा तेरी चूत तो टाइट है""ऊऊऊओह्हह्हह्हह....अपने बेटे जे लिये ही रखी है""हां..माँ की चूत बेटे के काम नहीं आयेगी तो किसके काम आयेगी""ऊऊऊओ...मेरा प्यारा बेटा..मेरा अच्छा बेटा..और ज़ोर लगा""ऊह्ह....मेरी माँ कितनी अच्चही है"फिर मैं और मम्मी चुदाई के साथ फ़्रेंच किस भी करते रहे"ऊऊऊऊ माँ मेरा माल निकलने वाला है""मेरा भी""करूं अपने लौड़े को तेरी चूत से अलग?""नहीं..नहीं, प्लीज़, चोदता रह तेरे लौड़े में मेरी चूत की जान है""और तेरी चूत में मेरे लौड़े की जान है""आआआआआह्हह्हह्हह्हह्हह्ह।।।।।।ऊऊऊऊऊऊऊऊ"
Saturday, April 19, 2008
2 comments:
कामुक कहानियाँ डॉट कॉम
राज शर्मा की कहानियाँ पसंद करने वालों को राज शर्मा का नमस्कार दोस्तों कामुककहानियाँब्लॉगस्पॉटडॉटकॉम में आपका स्वागत है। मेरी कोशिश है कि इस साइट के माध्यम से आप इन कहानियों का भरपूर मज़ा ले पायेंगे।
लेकिन दोस्तों आप कहानियाँ तो पढ़ते हैं और पसंद भी करते है इसके साथ अगर आप अपना एक कमेन्ट भी दे दें
तो आपका कया घट जाएगा इसलिए आपसे गुजारिश है एक कमेन्ट कहानी के बारे में जरूर दे
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chutia aaj ke baad aisi khani mat likhna
ReplyDeletebhut bariya khani the maa bete per or khani jarur lhikhna
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