Saturday, April 19, 2008

बोक्सर भाई के बहन की चुदाई

hindi sexi stori
हाय रीडर्सआपका शुक्रिया कि आपने मेरी कहानी को इतना पसंद किया कि मुझे दूसरी कहानी बताने का हौसला मिला।तो शुरु करता हूं और अपने एक नये अनुभव को आप के सामने पेश करता हूं।बात उन दिनो कि है जब मैं सर्दी के दिनों में धूप सेंक रहा था, मेरे पड़ोस की कुछ लड़कियां भी हमारे घर की छत पे धूप सेंकने आती थीं क्योंकि हमारे घर की छत पे धूप बहुत अच्छी लगती थी।मेरा एक दोस्त, जिसका नाम बोक्सर भाई था, की बहन भी धूप सेंकने हमारी छत पे ही आती थी। उसका नाम बोबी था। गज़ब की सेक्स बोम्ब थी वो। उसकी मस्त गांड को देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो सकता था। उसको चोदने का बहुत मन तो था लेकिन बोक्सर से डर की वज़ह से कभी हिम्मत नहीं हो पायी थी।मेरी और उसकी बहुत अच्छी दोस्ती थी लेकिन शायद बोक्सर भाई को हमारी ये दोस्ती पसंद नहीं थी। वो टाइम टाइम पे मुझे धमकी देता था कि मैं उसकी बहन से किसी तरह की दोस्ती न रखुं, लेकिन आप तो जानते हैं कि लंड की प्यास के आगे हर कोई बेबस है।उस दिन मोम डोक्टर के पास गयी हुयी थी। मैं घर पे ब्लु मूवी देख रहा था। मुझे पता भी नहीं चला कि कब बोबी मेरे पीछे आ के खड़ी हो गयी।वो मूवी देखने लगी। अचानक उसके हाथ से कुछ टकराया, मैने मुड़कर देखा तो बोबी मेरे सामने थी। मैने पहले तो टीवी ओफ़ किया, मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करुं।अचानक बोबी ने कहा-तुम तो बहुत गंदे हो, मैंने कहा नहीं बस टाइम पास कर रहा था।उसने कहा बोक्सर भैया ठीक कहते हैं कि तुमसे कोई वास्ता ना रखुं, मुझे उम्मीद नहीं थी कि तुम ऐसी मूवीज़ भी देखते होगे। मैंने कहा-मूवी तो तुमने भी देखी है।तो उसका जवाब था-मेरी हिम्मत ही नहीं हुई कुछ कहने कीअब मेरी हिम्मत कुछ बढ़ने लगी थी,मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और कहा प्लीज़ मोम या डैड से इस बारे में कुछ नहीं कहना जबकि मैं भी जानता था कि वो कुछ कहने वाली नहीं है।मैंने देखा कि उसने अपना हाथ चुड़ाने की ज़रा भी कोशिश नहीं की। मेरा हौसला और भी बढ़ गया। मैंने उसके हाथ को धीरे धीरे दबाना शुरु किया और उसे अपनी बाहों में भर लिया। शायद फ़िल्म देख के वो भी गरम हो चुकी थी। उसने कोई विरोध नहीं किया।मैंने उसके होठों को हल्का सा चूम लिया और कहा प्लीज़ मोम से मत कहना, उसने जवाब नहीं दिया।मैंने उसकी चूची को चूम लिया और कहा-मोम से मत कहना प्लीज़, उसने कोई जवाब नहीं दिया। वो मस्त हो चुकी थी।मैंने धीरे धीरे अपना हाथ उसकी कमीज़ में डाल दिया और उसके मोम्मे दबाने लगा। मैंने अब मोर्चा सम्भालना शुरु कर दिया था, मैंने धीरे से उसकी ब्रा के हुक खोल दिये और उसकी कमीज़ और ब्रा को अलग कर दिया शायद वो मज़ा ले रही थीअब उसकी चूचियां मेरे सामने थी, मैने उसकी चूचियों को अपने मुँह मे डाल लिया। वो तड़प उठी, नहीं नितिन ये ठीक नहीं है, मैंने उसके होठों पे अपने होठों को रखते हुये कहा जब मज़ा आये तो सब ठीक हो रहा है, उसने कहा अगर बोक्सर भाई को पता लग गया तो?मैंने कहा उसने कौन सा तुझे चोदना है जो उसे पता लग पायेगा।हम इस बात को राज़ ही रखेंगे।और मैंने टाइम ना वेस्ट करते हुये उसकी शलवार को भी अलग कर दिया। अब वो मेरे सामने सिर्फ़ पैंटी में थी।मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि बोक्सर की सेक्सी बहन को आज मैं चोदने जा रहा हूं।मैंने उसकी चूचियां चूसते हुये उस की पैंटी को भी उस से अलग कर दिया। मैंने उसे 69 पोजिशन में लिया और उसकी चूत को चाटने लगा, वो मेरे लंड को चूस रही थी।वाह क्या आनंद के लम्हे थे वो?वो 15 मिनट में झड़ गयी लेकिन मैंने उसे सीधा लिटाया और उसकी बिना बालों की चूत को उंगली से सहलाना शुरु किया।अब वो दोबारा जोश में आ रही थी।मैंने उसकी टांगों को ऊपर उठाया और अपना 7" का लंड उसकी चूत में डाल दिया वो चीख उठी। मैंने उसके मुँह पे हाथ रख दिया 4-5 धक्के लगाने के बाद जब लंड पूरी तरह अन्दर घुस गया और उसे भी मज़ा आने लगा तब मैंने हाथ हटा दिया। अब उसके मुंह से आआआआह ऊऊऊऊउह फ़क मी की आवाज़ निकल रही थी। अब हम जोश में थे।डू इट फ़ास्ट, डू इट फ़ास्ट, फ़क मी, फ़क मी, फ़क मी की आवाज़ से कमरा गूंज रहा था। मैंने 20 मिनट तक उसको चोदा। हम दोनो खुश थे। उसके बाद वो कहने लगी-तुमने अपना लंड तो टेस्ट ही नहीं करवाया। तो मैंने कहा उसमें क्या बड़ी बात है और फ़िर मेरा लंड उसके मुँह में था। एक बार फ़िर वो मेरा लंड चूस कर मज़ा ले रही थी।सच बताउं तो दोस्तो जितना मज़ा बोक्सर भाई की बहन को चोद कर आया उतना मज़ा ज़िंदगी में कभी भी नहीं आया। गज़ब का नशा है उसकी चूत में। उस दिन के बाद मैंने कई बार बोक्सर की बहन को चोदा। और बोक्सर आज भी इस बात से बेखबर है।तो चोदो चुदाओ और लाइफ़ को खुश हाल बनाओ।

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