Friday, April 18, 2008

कुंवारी बहने

कुंवारी बहने

नटवर सींह की हवेली मे हर समय तीन ख़ूबसूरत हसीन बहनो की हंसी मज़ाक की आवाज ही सुनाई पडती थी. एह तीन हसीन बहने नटवर सींह के स्वार्गीय भाई का नीशानी थी. लेकीन इन तीन लाडकीओं का बाप नटवर सींह ही थे. इन तीन हसीन बहनों का नाम वीर्मा (२५ साल), प्रीया (२२ साल) और रानी (२० साल) था. तीन बहनो की फीगर बहुत ही Sexy थे. उनकी चुचची और चुतड बहुत फूले फूले थे और कोई भी मर्द उनको देख कर अपने आप को रोकना बहुत ही मुश्कील हो जता. इनके बाप का शहर मे बहुत दब-दबा था और इसीलिए कोई ल्डका इनकी तरफ़ अपनी आंख उठा कर देखने की भी जोर्रत नही कर्ता.
इसीलिए तीन बहने अभी तक कुवारी ही थी और अपना कम अपनी उंगली या बैगन से चलती थी. वे सब एक दीन कार मे स्वर होकर कालेज जा रही थी. कार की driving प्रीया कर रही थी. कार ने अचानक जोर दर ब्रेक मार एकाएक रूक गयी. पीछे बैठी वीर्मा और रानी ने प्रीया से पूछी, "क्यों क्या बात है, तुमने अचानक कार क्यों रोक दीं." प्रीया बोली, "क्यों चिल्ला रही हो. कार के सामने का नज़ारा तो देखो. कितना नशीला नज़ारा है. तब वीर्मा और रानी ने सामने देखी की कार के सामने बीच सडक पर एक कुत्ता और कुतीया गांड से गांड मीला कर चीपके हुए थे, यानी की वो कुत्ता और कुतीया चुदाई कर रहे थे और अपनी अपनी जीभ नीकल कर हांफ रहे थे. वीर्मा और रानी चहक कर बोली, "वह! क्या हसीन नज़ारा है." प्रीया बोली, "हमसे तो किस्मत वाला यह कुतीया है. क्या मस्ती से अपनी चुत चुद्वा रही है." तब वीर्मा और रानी ने एक साथ बोली, "हाँ हमारे चाचा नटवर सींह के डर के मरे कोई ल्डका हमे घास भी नही डालता. लगता है की अपने नसीब मे कुवारी ही रहना लीखा है और अपनी चुत की आग अपने उन्ग्लीओं से ही बुझानी है." तीनो के दीमाग मे तब एक आईडीया आया.

प्रीया ने कार Proffesor रावी के घर के तरफ मोर दी. Prof. रावी की उमर उस समय लगभग ३५ साल की थी और उनकी शादी अभी नही हुई थी. वो बहुत ही रंगीन मीज़ाज के थी मतलब वो एक बहुत चोदु आदमी था. उनका लंड की लुम्बाई " और मोती " का था और यह बात कालेज की लगभग सभी लाडकी और मैडम को मालुम था. उनको अपने लंड और अपनी चुदाई की कला पर बहुत गरव था और कालेज कई लाड्कीयाँ और मैडम उनसे अपनी चुत चुद्वा चुकी थी. रावी इन सब लाड्कीयाँ और मैडम को बातों बातों मे फंसा कर अपने घर ले जाया कर्ता था और फीर उनको नंगी करके उनकी चुत चोदा कर्ता था. Prof. रावी चोरी चोरी इन बहनों की जवानी घुर कर्ता था और यह बात इन तीन बहनों को मालुम था. इन तीन बहने अपनी कार Prof. रावी के घर के सामने जा कर रोकी. Prof. रावी उस समय अपने घर पर ही थी और एक लूंगी पहन कर अपना लंड सहलाते हुए एक ब्लू फीलम देख रहे थे. Prof. रावी ने इन तीन बहनों को कार से उतेरते देखा और जान बुझ कर t.v. ऑफ़ नही कीया.

उन्होने ऐसा दीखाया की उन्हें इन लोगे की आने की बात मालुम ही नही परा. .v. पर उस समय एक गरमा गरम चुदाई की सीन चल रह था जीस मे एक आदमी दो लाडकी को अपनी लंड और अपनी जीभ से चोद रह था. लाड्कीयाँ अपनी चुत चुदा के समय अपनी अपनी क़मर उछाल कर लंड और जीभ अपने चुत मे ले रही थी. तीनो बहने सीधे Prof. रावी के कमरे पहुंच गयी. Prof. रावी इन तीन बहनों को देख कर घबराहट की नाटक करने लगा फीर उठ कर t.v. ऑफ़ कर दी और बोला, "आरे! अचनाक तुम लोग यहा कैसे?" तीनो बहने एक साथ Prof. रावी से पूछी, "sir, आप t.v. पर क्या देख रहे थे?" Prof.

रावी ने उन तीनो बहनों के चहरे देख कर उनकी मन की बात पहचान ली और उनसे पुछा, "हम जो कुछ .v. पर देख रहे थे, क्या तुम लोग भी देखना चाहोगी?" तीनो बहने एक साथ अपनी अपनी सीर हीला कर हामी भर दीं. Prof. रावी ने फीर t.v. On कर दी और सब लोग पलंग और सोफा पर बैठ कर ब्लू फीलम देखने लगे. रावी एक सोफा पर बैठे थे और उनकी बगल वाली सोफा पर प्रीया और रानी बैठी थी और पलंग पर वीर्मा बैठी थी. उधर Prof. रावी ने देखा की ब्लू फिल्म की चुदाई की सीन देख कर तीनो बहनों की चेहरा लाल हो गया और उनकी सांस भी जोर जोर से चल रही थी. उनके सांसों के साथ साथ उनकी चुचचेँ भी उनके कपरे के अन्दर उठ बैठ रही थे

क्या हसीन नज़ारा था. एक साथ तीन के चुचचेँ एक साथ उठ बैठ रही थे और सांसे गर्म हो रही थे. कुछ देर के बाद वीर्मा, जो की इन बहनो मे सबसे बडी थे, अपना हाथ अपने बदन पर, चुचची पर फेरने लगी. रावी उठ कर वीर्मा के पास पलंग पर बैठ गए. उन्होने पहले वीर्मा के सीर पर हाथ रखा और एक हाथ से उसके कंधो को पकड लीया. इससे वीर्मा की चेहरा रावी के सामने हो गया. रावी ने धीरे से वीर्मा के कानो पास अपना मुँह रख पुछा, " बहुत गर्मी लग रही है, पंखा चला दूँ? वीर्मा बोली, "नही ठीख है," और फीर रावी सीर के चहरे को आंखे कर देखने लगी. रावी पलंग से उठ कर पंखा फुल्ल स्पीड मे चला दी. पंखा चलत ही वीर्मा की साड़ी की अंचल उडने लगा और उसकी दोनो चुचचेँ साफ साफ दीखने लगी. रावी फीर पलंग पर वीर्मा के बगल मे अपनी जगह बैठ गए.

उन्होने वीर्मा की एक हाथ अपने हाथ मे ले लीया और धीरे से पुछा, "क्या मैं तुम्हारे हाथ को चूम सकता हूँ?" वीर्मा यह सुनते ही पहले अपनी बहनों के तरफ देखी और फीर अपनी हाथ रावी के हाथों मे ढीला छोर दी. रावी ने भी फुर्ती से वीर्मा की हाथ खींच कर उसके हथेली पर एक चुम्मा दे दी. चुम्मा दे कर वो बोले, "बहुत मीठी है तुम्हारी हाथ और हमे मालुम है की तुम्हारी होंठों की चुम्मा इससे भी मीठी होगा." यह कह कर रावी वीर्मा के आँखों मे देखने लगे. वीर्मा तो पहले कुछ नही बोली, फीर अपनी हाथ रावी के हाथों से खींचते हुए अपनी मुँह उनके पास कर दी और बोली, "जब अपको मालुम है की मेरे होंठों की चुम्मा और भी मीठी होगा और अपको शुगर की बीमरी नही है, तो देर कीस बात की और मीठा खा लीजिए." वीर्मा की बात सुन कर रावी ने अपना होंठ वीर्मा के होंठ पर रख दी. फीर उन्होने अपने होंठों से वीर्मा के होंठ खोलते हुए वीर्मा की नीचला होंठ चूसने लगे. वीर्मा अपने होंठ चुसाई से गर्म हो कर रावी के कन्धों पर अपना सीर रख दी. रावी ने वीर्मा की reaction देख कर धीरे से अपना हाथ बारह कर वीर्मा की एक चुचची बलौज के ऊपर से पकड लीया. रावी एक हाथ से वीर्मा की एक चुचची सहला रहे थे और दुसरे हाथ से उसकी चुतड पर फेर रहे थे. वीर्मा उनकी इस हरकत पर पहले तो थोडा कस्मसी और अपने बहनों के तरफ देखती हुए उसने भी रावी को जोर से अपने बाँहों मे भींच लीया. रावी अब वीर्मा के दोनो चुचची पर अपना दोनो हाथ रख दी और वीर्मा के दोनो चुचची को पकड कर मसलने लगा. यह पहली बार था की कोई मर्द की हाथ वीर्मा के शारीर को छू रह था.

वो बहुत गरमा गयी और उसकी सांसे जोर जोर से चलने लगी. रावी वीर्मा के चुचची को मसलते हुए वीर्मा को होंठों को चूमने लगा. रावी इधर वीर्मा को चोदने की तयारी कर रह था की उसने देखा की प्रीया रानी भी अपने अपने बदन सहला रही है और बाडे गौर से रावी और वीर्मा के चल रही जवानी की खेल देख रही है. रावी समझ गया की वो अब इन तीनो बहनों से कुछ भी कर सकता है और यह तीनो बहने अब उसके काबु मे है और वो जो भी चाहेगा वही कर सकता है. रावी ने फीर से अपना धयान वीर्मा के शारीर पर डाला.

रावी ने वीर्मा की चुचची को बलौज के ऊपर से मसलते हुए अपना हाथ उसकी बलौज के अंदर ले गया और जोर जोर से वीर्मा की दोनो चुचचींयो को पकड कर दबाने लगा. कभी कभी वो अपने दो उंगली के बीच वीर्मा की नीप्प्ल को लेकर मसल रह था और वीर्मा रावी के कंधों से लीपटी चुप चाप आंखे बंद करके अपनी चुचची मालवा रही थे. रावी ने फीर धीरे धीरे वीर्मा की ब्लिउस और ब्रा को खोल दी और वीर्मा की कासी कासी चुचची को देखने लगा. वीर्मा तब अपनी आंख रावी के आंख मे डाल कर पूछी, "sir, कैसा है हमारी चुचचेँ, अपको पसंद तो है?" रावी ने वीर्मा की चुचची को देख कर पहले ही पागल सा हो गया था और उसकी चुचची को सहलाते हुए बोला, "वीर्मा रानी, तुम हमारे पसंद नापसंद पुछ रही हो? आरे आज तक मैंने इतनी सुंदर चुचची कभी नही देखा है. तुम्हारी चुचची बहुत सुंदर है और यह हमको पागल बाना रहे है. इनको देख कर मैं आप को रोक नही रह हूँ. वीर्मा बोली, "मेरी चुचची देख कर अपको क्या हो रह है?" रावी ने बोला,"हाय! मैं अब तुम्हारी इन चुचची को चूसना और काटना चाहता हूँ," और यह कहा कर वीर्मा की एक चुचची अपने मुँह मे भर लीया और मज़े ले ले कर चूसने लगा.

अपनी चुचची की चुसाई शुरू होते ही वीर्मा पगला सी गयी और अपनी हाथ बाह्र कर रावी के लंड उसके पैंट के ऊपर से ही पकड कर मरोडने लगी. वीर्मा की गरमी देख कर रावी अपना हाथ से अपना पैंट उतर दी और फीर से वीर्मा की एक चुचची को मुँह मे लेकर चूसने लगा और दुसरी चुचची अपने हाथों मे लेकर मसलने लगा. वीर्मा अब अपने अप को रोक नही पी और अपने हाथ सो रावी की अंडरवीयर उतर दी. रावी की अंडरवीयर उतारते ही रावी की " की लंड बहार कर अपने आप झुमने लगा मनो वो इन हसीन बहनों को अपना सलाम बाजा रह हो. तीनो बहने रावी की लुम्बा और मोटा लंड देख कर दंग रह गयी. रावी अब वीर्मा को अपने गोद मे उठाया और फीर पलंग पर लीटा दीया.

वीर्मा को लीटने के बाद रावी ने वीर्मा की साड़ी को उसकी क़मर से खींच कर नीकल दी और वीर्मा पलंग पर सीर्फ पेटीकोअट पहने चीत लेटी हुई थे. रावी ने वीर्मा की बुर को उसके पेटीकोअट के ऊपर से पकड कर दबाने लगा. वीर्मा की बुर अपने हाथों से दबाते हुए उसने वीर्मा के पेटीकोअट की नारा खोल दीया. वीर्मा ने भी पेटीकोट का नारा खुलते ही अपनी क़मर ऊपर कर दीं जीससे की रावी उसके पेटीकोअट को उसके चुतड से नीचे आसानी से नीकल सके. रावी ने वीर्मा की पेटीकोअट उसके फूले फूले चुतड के नीचे कर दी और फीर उसको वीर्मा के पैर से अलग कर पलंग के नीचे फ़ेंक दी. अब वीर्मा रावी के सामने अपने गुलाबी रंग की पैंटी पहन कर लेटी हुए थी.
रावी अब अपना मुँह वीर्मा के बुर के पास ले गया और उसके पैंटी के ऊपर से उसको चूमने लगा. इधर रावी वीर्मा को नंगा कर रह था उधर वीर्मा भी चुप नही थे. वीर्मा ने रावी की लंड हाथ मे लेकर ऊपर नीचे करने लगी और फीर उसके लंड की सुपडा खोल कर उसको अपनी मुँह ले लीया और जीभ से चाटने लगी. अब रावी की लंड अब और भी काडक हो गया. तबतक रावी, वीर्मा की बुर उसके पैंटी के ऊपर से ही अपने नाक लगा कर सूघ रह था और चूम रह था. जैसे ही वीर्मा ने रावी की लंड अपने मुँह मे भर कर चूसने लगी, रावी मे वीर्मा की पैंटी भी उतर कर, वीर्मा को पूरी तरफ से नंगी कर दी. वीर्मा नंगी होने से अब शर्म रही थी और अपनी चेहरा रावी के छाती मे छुपा लीया. इसी दौरान रावी ने वीर्मा की चुचची को चूसना फीर से चालू कर दी. वीर्मा की चुचची अब पत्थर के समन करे हो गए थे.

तब रावी ने वीर्मा को फीर बीसतर पर चीत लीटा दीया और वीर्मा की बुर को अपने जीभ से चाटने लगा. उसने अपनी जीभ वीर्मा के बुर के अंदर बहार काटने लगा. अपनी बुर मे रावी की जीभ घुसते ही वीर्मा को बहुत मजा आने लगा और वो जोर से रावी की सीर अपने बुर के ऊपर पकड दबाने लगी और थोरी देर के बाद अपनी क़मर ऊपर नीचे करने लगी. रावी जो की चुदाई के मामले मे बहुत माहीर था, समझ गया की अब वीर्मा अपने बुर मे उसका लंड पील्वाना चाहती है. उसने वीर्मा की मुँह चूम कर धीरे से उसके कान पर मुँह रख कर पुछा, "ही! वीर्मा रानी , अपनी क़मर क्यों उछाल रही हो? क्या तुम्हारे चुत मे कुछ कुछ हो रहा है?" वीर्मा बोली, "हाँ मेरे sir, अरे नही मेरे रजा तुम सही कहा रहे हो, मेरी चुत मे चीटीयाँ रेंग रहे है. मेरा सारा बदन टूट रह, अब तुम ही कुछ करो." फीर रावी ने पुछा,

"क्या तुम अपनी चुत हमारे लंड से चुद्वाना चाहती हो?" वीर्मा ने बोली, "आरे मेरे कप्रे सब उतर दीये और अपने भी कपरे भी उतर दीये और अब भी पुछ्ते हो क्या हम लोग चुदाई करेंगे?" "ठीक अब हम तुमको चोदेंगे, लेकीन पहले थोडा दरद होगा पर मैं तुम्हे बहुत ही प्यार से धीरे धीरे चोदुँगा और तुमको दर्द महसूस नही होने दूंगा," रावी ने वीर्मा से बोला. यह सुन कर रावी उठा और वीर्मा के दोनो पैर उठा कर घुटने से मोर दी और दोनो पैर को अपने हाथों से फैला दीया. फीर उसने ढ़ेर सारा थूक अपने हाथ मे लेकर पहले अपने लंड मे लगाया फीर वीर्मा के बुर पर लगाया.

थूक से सना बुर की मुँह पर अपने खडा लंड को रखा और धीरे से क़मर को आगे बरहा कर अपना सुपडा वीर्मा के बुर मे घुसा दीया और वीर्मा के ऊपर चुप चाप पडा रहा. थोरी देर के बाद जब वीर्मा नीचे से अपनी क़मर हीलाने लगी तो रावी ने धीरे धीरे अपना लंड वीर्मा की बुर मे डालना शुरू कीया. वीर्मा की बदन दर्द से कपने लगी और वो चील्लाने लगी, "बहार नीकालो, मेरी बुर फटी जा रही है. ही! मेरी बुर फटी जा रही है. तुमतो को कह रहे थे की थोडी सी दर्द होगी और तुम आराम आराम से चोदोगे . मुझे नही चुद्वाना है, तुम अपना लंड बहार नीकालो ." रावी ने वीर्मा के मुँह मे अपना हाथ रख कर बोला, "बस्स रानी बस्स , अभी तुम्हारा दर्द खतम हो जाएगा और तुम्हे मज़ा आने लगेगा . Bus थोरी सी और बर्दास्त करो." "हाय! मेरी बुर फटी जा रही है और तुम कह रहे हो की थोडी और बरदास्त करो. आरे मुझे नही चुद्वानी है अपनी बुर, तुम अपना लौडा मेरी बुर से बहार नीकालो," वीर्मा बोली और उसके आंख से आंसू गए. इतनी देर मे रावी अपना क़मर उठा कर एक जोर दार धक्का मार और उसने महसूस कीया की उसका सारा की सारा लंड वीर्मा की बुर मे घुस गया है और वीर्मा की बुर से ख़ून नीकल रह है.

वीर्मा मरे दर्द के तरपने लगी और रावी को अपनी हाथों से अपनी ऊपर से हटाने की कोशीस करने लगी. लेकीन रावी ने वीर्मा को मजबूती से पाकर हुए था और उसका हाथ वीर्मा के मुँह के ऊपर था इस्सी लीये वीर्मा कुछ ना कर सकी बस्स तडप कर रहा गयी. रावी ने अपना लंड वीर्मा की बुर के अंदर ही थोडी देर के लीये रहने दीया. उसने वीर्मा की एक चुचची को अपनी मुँह मे लेकर जीभ से सहलाना शुरू कर दीया और दुसरी चुचची को हाथ से सहलाना शुरू कर दीया. थोडी देर बाद वीर्मा की दर्द ग़ायब हो गया, अब उसे मज़ा आने लगा और नीचे से अपनी क़मर ऊपर नीचे करना शुरू कीया. रावी अब धीरे धीरे अपनी क़मर हीला हीला कर अपना लौडा वीर्मा की बुर मे अंदर-बहार करने लगा.

वीर्मा ने भी अब जोरदार धक्के देना शुरू कीया और जब रावी की लंड उसकी बुर मे होता तो वीर्मा उसे कास कर जाकर लेती और अपनी बुर को सीकोड़ लेती थी. अब रावी समझ गया की वीर्मा को अब मज़ा आने लगा है तो उसने अपनी क़मर को ऊपर खींच कर अपना लंड पुरा की पुरा वीर्मा की बुर से बहार नीकल लेता, सीर्फ अपनी सुपडा अंदर छोर देता और फीर जोर डर झटके के साथ अपना लंड वीर्मा की बुर मे पेल दे रहा था. वीर्मा बुरी तरफ रावी से लीपती हुई थी और रावी को अपनी हाथ और पैर से जाकर रखे थी. सरे कमरे मे वीर्मा और रावी की सिस्करी और उनके चुदाई की `फाच' `फाच' पकत' `पकत' की आवाज गूंज रही थी. वीर्मा अपनी मुँह से "अह! अह! ओह! ओह! हाँ! हाँ! और जोर से, और जोर से हाँ हाँ ऐसे ही अपना लंड मेरा बुर मे पेलते रहो," बोल रही थी. रावी फुल्ल स्पीड से वीर्मा की बुर मे अपना लंड अंदर-बहार करके उसको चोद रहा था और वीर्मा बुरी तरफ से रावी से चिपकी हुई थी. इतनी देर से वीर्मा की बुर चोद रहा रावी अब झडने वाला था और उसने अब -१० धक्के काफी जोरदार लागाया और रावी के लौडे से ढ़ेर सारा पानी वीर्मा की बुर मे गीरा और समां गया. रावी के झडने के साथ ही साथ वीर्मा की बुर ने भी पानी छोड दीया और वो अपनी हाथ पैर से रावी को ज्कड लीया. रावी हफ्ते हुए वीर्मा के ऊपर गीर गया और थोडी देर तक दोनो एक दुसरे से चीपके रहे. फीर वीर्मा उठ कर अपनी बुर मे हाथ लगाए बथ्रोम्म की तरफ भाग गयी. रावी इस समय बुरी तरफ से थक चुक्का था और बेड पर पडा रहा, लेकीन उसका लंड अभी भी खडा था.

उधर प्रीया और रानी दोनो एक दुसरे को बुरी तरफ से चूम रहे थे. रावी अपनी जगह से उठ कर उन्दोनो के पास चला गया और प्रीया के चिकने पैर पर अपना हाथ फेरने लगा. प्रीया जो पहले ही मदहोश थी अपनी पैर पर रावी की हाथ लगते ही अपनी आप पर काबु नही रख सकी. प्रीया ने रानी को छोर कर रावी के तरफ मूड गयी और उसके सामने रावी बील्कुल नंगा अपना खडा लंड लीये खडा था. रावी एक बार फीर चोदने के मूड मे था. प्रीया ने रावी की चुतड को अपनी दोनो हाथों से पकड कर अपनी मुँह उसके लंड पर र्गडने लगी. रावी की लंड अब भी वीर्मा की चुत की चुदाई से भीगा हुआ था. रावी ने भी प्रीया को अपनी दोनो हाथों मे बाँध कर चूमने लगा. रावी की हाथ प्रीया के नंगे Sexy शारीर पर घूम रहा था, उसका हाथ प्रीया की चुचची पर गया और वो उन खरी खरी चुचची को अपनी हाथों मे ले कर मसलने लगा. प्रीया अपनी चुचची पर रावी की हाथ परते ही और जोश मे गयी और अपनी हाथ रावी के लौडे पर रख दीं. रावी की लंड प्रीया की मुट्ठी मे आते हो रावी प्रीया की एक चुचची अपनी मुँह मे भर कर चूसने लगा और दुसरी चुचची अपनी हाथ मे लेकर उसकी नीप्प्ल मसलने लगा. ठोडी देर तक प्रीया रावी के लंड को अपनी हाथों मे लेकर उसका सुपडा को खोला और बंद कीया फीर एकाएक उसने सुपडा को अपनी मुँह मे भर कर चाटने लगी.

जैसे ही प्रीया ने रावी की लंड अपनी मुँह मे लीया वैसे ही रावी खडे खडे अपना क़मर हीला कर अपना लंड प्रीया के मुँह के अंदर पेल और बोला, "ले ले मरी रानी, मेरा लंड अपनी मुँह मे लेकर इसको खूब चुसो फीर बाद मे मैं इसको तुम्हारी चुत मे डाल इससे चुत चुसौँगा." प्रीया ने अपनी मुँह से रावी की लंड नीकल कर बोली, "बस्स सीर्फ हमारी चुत से ही अपना लंड चुस्वोगे, गांड से नही? मैंतो तुम्हारा लंड अपनी चुत और गांड से खोउंगी. क्या तुम मुझको अपना लंड दोनो छेदों से खीलाओगे ना? थोडी देर के बाद, रावी प्रीया को पलंग पर ले जाकर चीत कर के लेटा दीया और उसके पैरो के पास बैठ कर उसकी शलवार को खोलने लगा. शलवार खोलने मे प्रीया ने रावी को मदद कीया और अपनी चुतड को उठा कर अपनी शलवार को अपनी गांड से नीचे कर के अपनी पैरो से अलग कर दीया. फीर रावी ने प्रीया की पैंटी भी उतर दीया और उसकी पैंटी उतर ते ही प्रीया की गुलाबी कुंवारी चुत उसकी चमकते चीकनी जांघों के बीच चमकने लगी. प्रीया की गुलाबी चुत को रावी अपनी दम सादे देखने लगा और अपनी जीभ होंठों मे फेरने लगा. रावी झुक कर प्रीया की चुत पर चुम्मा दीया और अपना जीभ नीकल कर उसकी चुत की घुंडी को तीन-चर्बर चाट दीया. फीर रावी ने प्रीया की टांगो को फैलाया और ऊपर उठा कर घुटने से मोड दीया और अपना लंड प्रीया के चुत के दरवाजे पर रख दीया .

थोडी देर के बाद रावी ने अपना लंड प्रीया की चुत के ऊपर र्गडने लगा और प्रीया मारे चुदास से अपनी क़मर उठा उठा कर रावी की लंड अपनी चुत मे लेने की कोशीश करती रही. जब प्रीया से नही रहा गया तो वो बोली, "अब क्यों तड्पते हो, कबसे तुम्हारा लंड अंदर लेने की लीये मेरा चुत बेकरार है और तुम अपना लंड सीर्फ मेरा चुत के ऊपर ऊपर ही रगड रहे हो. अब जल्दी करो और मुझको चोदो, फाड दो मेरा कुंवारी चुत को. आज मैं लाडकी से औरत बनाना चाहती हूँ, अब जादा परेशान मत करो. जल्दी से मुझे चोदो और मेरा चुत की आग को बुझाओ." प्रीया की इतनी Sexy मीननत सुनते ही रावी एक तकीया बेड से उठा कर प्रीया की चुतड के नीचे लगा दीया, जीससे की प्रीया की चुत और ऊपर हो गई और खुल गयी. तब रावी ने एक जोर दार धक्का अपनी लंड से प्रीया की चुत मे मारा और उसका पुरा लंड प्रीया की चुत मे जर तक घुस गया. प्रीया के मुँह से चीख नीकल गयी और उसकी चुत से ख़ून नीकलाने लगा, लेकीन उसे इस बात की पता ही नही चला. प्रीया ने रावी को जोरो से जकड लीया और अपनी टंगे रावी के क़मर पर कास लीये.

रावी ने प्रीया की एक चुचची चूसते हुए एक हाथ से दुसरी नीप्प्ल को मसलने लगा. धीरे धीरे प्रीया की दर्द कम होने लगी और उसकी गरमी फीर बढ़ने लगी जीससे की वो अपनी क़मर ऊपर नीचे करने लगी. रावी ने भी अब अपनी क़मर चला कर प्रीया की चुत मे अपनी लंड अंदर बहार करने लगा. थोडी देर के बाद प्रीया बोली, "क्या कर रहे हो? और जोर से चोदो मुझे, आने दो तुम्हारा पुरा लंड मेरा चुत मे. मेरा चुत मे अपना लंड जड तक पेल दो. और जोर जोर से धक्का मरो." यह सुनते ही रावी ने चुदाई फुल्ल स्पीड से शुरू कर दीया और बोलने लगा, "क्या मेरा रानी, चुदाई कैसी लग रही है. चुत की आग बुझ रहे है की नही?" प्रीया नीचे से अपनी क़मर उछालते हुए बोली, "अभी बात मत करो और मन लगा कर मेरा चुत मरो. चुदाई के बाद जीतना चाहे बात कर लेना, अभी मुझे तुम्हारा पुरा की पुरा लंड मेरा चुत को खीलाओ. इस समय मेरा चुत बहुत भूखी है और उसको बस्स लंड की ठोकर चाहीये." रावी और प्रीया इस समय एक दुसरे को जोर से अपनी हाथ और पैर से जाकर हुए थे और दोनो फुल्ल स्पीड से एक दुसरे को अपनी अपनी लंड और चुत से धक्का मार रहे थे. Pure कमरे मे उनकी सीस्कीयो और चुदाई की आवाज गूंज रही थी.

प्रीया की चुत बहुत पानी छोड रही थी और इसी लीये उसकी चुत से रावी के हर धक्के के साथ बहुत आवाज नीकल रही थी. प्रीया अचानक बहुत जोरो से अपनी क़मर उछालने लगी और वो फीर निढाल हो कर बीसत्र पर अपनी हाथ पैर फैला कर ढीली पड गयी. प्रीया अब झड चुकी थी और उसमे और चुदाने की हीम्मत नही थी. रावी ने भी प्रीया के झर जाने के बाद जोर दार चार-पंच धक्के लगाए और प्रीया की चुत के अपना लंड घुसेर कर प्रीया के ऊपर गीर गया. रावी भी झड चुक्का था और अब वो प्रीया के ऊपर आंख बंद करके लेटा था और हफ़ रहा था. थोडी देर के बाद रावी ने अपना लंड प्रीया की चुत से बहार नीकला और लंड के बहार निकलाते ही प्रीया की चुत से ढ़ेर सारा सफ़ेद गर्हा गर्हा पानी निकलने लगा. प्रीया यह देख कर चुत मे अपनी पैंटी खोंस कर उठ कर बाथरूम की तरफ भागी. प्रोफ्फ. रावी काफी थक चुके थे. उसने आज लगातार दो कुंवारी ल्डकीयो के साथ चुदाई कर चुक्का था. उन्होने अपना मुँह घुमा कर देखा की वीर्मा और रानी आपस मे व्यत थे. वीर्मा रानी के चुचची उसकी कपरे के ऊपर से ही दबा रही थी. वीर्मा ने रानी के कपरे बहुत ढीला कर दीये थे और रानी के कपरे आधे खुले हुए थे. वीर्मा ने रानी के जीन्स और t-शर्ट उतर दीया था और अब रानी सीर्फ अपनी ब्रा और पैंटी मे थी. रानी के चुचची बहुत ही Sexy थे.

उसकी चुचची बहुत बाडे तो नही थे पर थे बहुत गाठीले और गोल गोल थे. उसकी नीप्प्ल इस समय बीलकुल फूल कर खडा और काडक हो गयी थी. रानी की एक नीप्प्ल वीर्मा ने अपनी मुँह मे लेकर चूसने लगी और अपनी हाथ रानी के जांघों के बीच मे घुमाने लगी. वीर्मा ने फीर रानी की पैंटी भी उतर दीं और अपनी मुँह रानी की चुत पर रख दीया. थोडी देर के बाद वीर्मा अपनी जीभ नीकल कर रानी की चुत के अंदर कर दीया. रानी इतना गरम हो गुई की अपनी हाथों से अपनी नीप्प्ल मसल रही थी. यह सब देख कर रावी के अंदर वासना की जवार फीर से आने लगा और चुदाई के लीये उसका लंड फीर से गरम होने लगा. वो उठ कर वीर्मा और रानी के पास पहुंच गया और दो बहनों की कम लीला ध्यान से देखने लगा. दोनो बहनों को देखते देखते उसने अपना हाथ रानी के चुचची पर रख दीया और उनकी नीप्प्ल अपनी हाथों मे लेकर अपनी उन्ग्लीओं की बीच रख कर मसलने लगा. रानी अब रावी के तरफ मुरी और वो देखी की रावी sir उसके बगल नंगे खरे है और उनका लंड अब गरम हो कर खडा होने लगा है. उसने रावी की लंड अपनी हाथों मे ले कर रावी से पूछी, "क्या sir अब मुंझ को भी चोदेंगे? हाँ मैं भी अपनी दीदीयो की तरफ़ अपनी चुत आपसे चुद्वाना चाहती हूँ.

प्लेस मुझे भी अपनी लंड से चोदीये. लेकीन अपके लंड को क्या हो गया है? क्या अब यह हमारी चुत मे घुसने के काबील है?" रावी ल्डकीयो की चुदाई की पुराना खीलाडी था और उसने पाने लंड को हीलाते हुए कहा, "घबराओ मत अभी तुम्हे अपना लंड की कमल दीखता हूँ." यह कह कर रावी ने अपना लंड रानी के मुँह मे दे दीया और बोला, "लो मेरा जान! मेरा लंड अपनी मुँह मे लेकर इसे चुसो." रानी भी उनके लंड को अपनी मुँह मे लेकर उस पर अपनी जीभ चलाने लगी और कभी उस पर अपनी दंत गरने लगी. रानी की लंड चुसाई से रावी को बहुत मज़ा आया और उनका लंड अब धीरे धीरे खडा होने लगा. उधर वीर्मा अपनी एक हाथ से रानी की चुत सहला रही थी और दुसरे हाथ से रावी के गांड मे अपनी उंगली पेल रही थी. थोडी देर के बाद लंड चुसाई और गांड मे वीर्मा उंगली होने से रावी की लंड Pure जोश के साथ खडा हो गया और फीर चुदाई शुरू करने के लीये तयार था.

रावी ने अपना लंड रानी के मुँह से नीकला और रानी के पैरो बीच बैठ गया. उसने अपनी दोनो हाथों से रानी की चुत को फैलाया और उसके अंदर अपनी जीभ डाल दीं. रावी अपनी जीभ रानी की चुत के अंदर-बहार करने लगा और चुत की दीवारों के साथ अपनी जीभ से खेलने लगा. कभी कभी रावी अपनी जीभ रानी की भागनाशा भी चाट रहा था और कभी कभी उसको अपनी दातों के बीच पकड कर जोर जोर से चूस रहा था.

रानी अब काफी बेचैन थी और अपनी क़मर हीला हीला कर अपनी चुत को रावी के मुँह पर आगे पीछे कर रही थी. रावी समझ गया की रानी की चुत अब लंड खाने की लीये तयार है. रावी की लंड भी अब पहले जैसा तागाडा हो गया था और रानी की चुत मे घुसने के लीये उतावला था. रावी अपनी जीभ रानी की चुत से नीकल लीया और अपना सुपडा रानी की चुत पर रख कर एक हल्का सा धक्का दीया, लेकीन रानी जबर्दस्त जोर से चील्ला पडी. रावी की लंड रानी की छोटी चुत के हीसाब से बहुत मोटा था और रानी की यह पहली चुदाई थी. रानी अपनी हाथों से रावी को रोक रही थी और रावी अपना लंड रानी की चुत मे पेल नही पा रहा था. उसने वीर्मा और प्रीया से रानी के चुचची और चुत से खेलने को कहा जीससे की रानी बहुत गरम हो गए और रावी की लंड अपनी चुत मे घुसने दे. रावी उठा कर एक नारीअल के टेल की शीशी उठा लाया और अपनी लंड पर अच्छी तरफ से तेल माला. फीर उसने टेल को अपनी उंगली मे लेकर रानी की चुत पर भी लगाया. उसने टेल को चुत के अंदर तक अपनी उंगली सेघुमा घुमा कर लगाया.

तेल लगाने के बाद रावी ने अपना उंगली रानी के चुत के अंदर-बहार करने लगा. कभी कभी वो अपनी उंगली से उसकी चुत की घुंडी भी रगड देता था. रानी की चुत अब पानी छोड रही थी और इससे उसकी चुत चुदाई के तयार हो गयी. रावी फीर रानी के पैर को फैला कर उनके बीच घुटने के बल बैठ गया और रानी को समझाया की अब कोई चीन्ता की बात नही है अब उसको कोई दर्द नही होगा. उधर वीर्मा और प्रीया रानी की एक एक नीप्प्ल अपनी मुँह मे लेकर चूस रही थी. रावी ने उसकी दोनो पैर हवा मे उठा दीये और उसकी क़मर को कास कर पकड लीया जीसे की फीर से छूट ना जाये. रावी ने फीर रानी की चुत पर अपना लंड रखा और रानी को कुछ समझाने के पहले ही एक जोर दार झटका दीया. रानी की चुत तेल और चुत से नीकाले पानी की वजह से काफी चीकना हो गया था जीससे की रावी की लंड एक ही झटके से पुरा की पुरा अंदर चला गया. रानी इस अचानक हमले से तो पहले चीखी और रावी को अपनी ऊपर से हटाने के लीये धक्का मारा, लेकीन इस बार रावी की पकड बहुत ही मजबूत थी. रावी ने अपनी क़मर आगे पीछे करके अपना लंड रानी की चुत मे धीरे धीरे पेलने लगा.

थोडी देर के बाद रानी को भी मज़ा आने लगा और तब वो अपनी क़मर उठा उठा कर रावी को चुदाई मे सहयोग करने लगी. रावी और रानी दोनो एक दुसरे को ऊपर और नीचे से धक्के मार रहे थे और रानी की चुत मे रावी की लंड तेज़ी से -जा रहा था. वीर्मा और प्रीया अब चुदाई के जोरो से हाथ कर दोनो की चुदाई देख रहे थे और एक दुसरे की चुत मे ऊँगली कर रहे थे. रानी और रावी दोनो एक दुसरे से चुत और लंड के साथ जुडे हुए थे. थोडी देर के बाद रानी की चुत से पानी नीक्लने लगी तो रावी ने अपनी चुदाई की स्पीड और तेज़ कर दीं क्योंकी रावी भी अब झडने वाला था. उसने अखीर के चार पंच धक्के जोर से रानी की चुत पर अपनी लंड से मारा और फीर रानी की चुत के अंदर पुरा की पुरा लंड ठेल कर के झर गया. रानी भी अब तक झर चुकी थी. रावी की सारा पानी रानी की चुत मे समां गया. दोनो हांफ रहे थे और एक दुसरे को चीपके पडा हुए थे. फीर रावी ने अपना लंड को रानी की चुत से नीकला तो उससे ढ़ेर सारा पानी नीक्लने लगा. वीर्मा और प्रीया जल्दी से अपनी अपनी मुँह रानी की चुत पर लगा दीया और उससे नीकल रहा रावी और उसकी चुत की पानी की मीश्रन को जीभ से चाट चाट कर पी गयी.

थोडी देर के बाद रानी ने अपनी आंखे खोली और मुस्कुरा कर रावी से बोली, "sir, आपका लंड से चुद्वा कर बहुत मज़ा आया. आज हम तीनो बहनों ने अप से अपनी अपनी चुत की सील खुल्वाई . अप को कीसकी चुत सबसे अच्छी लगी और कोन सी बहन को चोदने मे अपको मज़ा आया. सच सच बताना." रावी ने रानी की चुचची को मसलते हुए बोला, "आरे चूदी हुई लाडकीओं, भाई मुझे तो तुम तीनो बहनों की चुत की बहुत अच्छी लगी, हाँ तुम्हारी चुत बहुत tight थी और मुझे बहुत मेहनत करनी परी. लेकीन तुम तीनो बहनों ने आज दील खोल कर अपनी अपनी चुत चुद्वई हे. मुझे तो तुम सभी बहनों की चुत को चोदने मे मज़ा आया." इतना सुन कर तीनो बहनों ने मुस्कुरा दी और फीर बोली, "अब फीर हमारी चुत को अपकी लंड की भोग मिलेगा.

जल्दी से कोई दीन नीकालीये और फीर हम तीनो बहने अपकी लंड के धक्के अपनी अपनी चुत मे खाने के लीया हाजीर हो जायीगी ." रावी ने कुछ देर सोच कर कहा ऐसा करो की मैं सन्डे को एक सेमीनार मे चार-पाच दीन के लीये जा रहा हूँ, तुम तीनो बहने अपनी घर से permission ले कर हमारे साथ चलो. मैं तुम सब को वान्हा रोज सुबह शाम और रात को वायग्रा की गोली खा खा कर चोदुँगा और तुम्हारे चूतों को चोद चोद कर भोसडा बाना डालूँगा. हाँ, वांहा और भी लोग आएंगे तुम लोग अगर चाहोगी तो तुम्हे और भी लंड अपनी अपनी चुत मे पील्वाने को मील जाएगा और तुम तीनो बहने मज़े से अपनी अपनी चुत को लुम्बे लुम्बे और मोटे मोटे लंड से चुद्वा सकती हो." यह सुन कर तीनो बहनों ने रावी के साथ न्यू देल्ही जाने की प्रोग्रॅम बाना डाला. फीर तीनो बहने अपनी अपनी कपरे पहन लीये और रावी एक सीर्फ लूंगी अपनी क़मर पर बाध लीया. रावी उनको अपनी हाथ से काफ़ी बाना कर नाश्ते के साथ खाने को दीया. फीर रावी तीनो बहनों को बहार छोडने गए. बहार जाने के पहले दरव्जे के पास रावी ने उनको फीर से अपनी बाँहों मे ले कर उनको चुम्मा दीया और इन तीन बहनों की चुचची उनके कपरों के ऊपर से दबाया. ….



--
.....................raj..........................

No comments:

Post a Comment

कामुक कहानियाँ डॉट कॉम

राज शर्मा की कहानियाँ पसंद करने वालों को राज शर्मा का नमस्कार दोस्तों कामुककहानियाँब्लॉगस्पॉटडॉटकॉम में आपका स्वागत है। मेरी कोशिश है कि इस साइट के माध्यम से आप इन कहानियों का भरपूर मज़ा ले पायेंगे।
लेकिन दोस्तों आप कहानियाँ तो पढ़ते हैं और पसंद भी करते है इसके साथ अगर आप अपना एक कमेन्ट भी दे दें
तो आपका कया घट जाएगा इसलिए आपसे गुजारिश है एक कमेन्ट कहानी के बारे में जरूर दे

460*160

460*60

tex ade

हिन्दी मैं मस्त कहानियाँ Headline Animator

big title

erotic_art_and_fentency Headline Animator

big title