उस दिन के बाद --पार्ट -२
उस दिन के बाद --पार्ट -२
आप सभी दोस्तों को राज शर्मा का प्यार भरा नमस्कार . दोस्तो आपने उस दिन के बाद -पार्ट -१ को काफ़ी पसंद किया
अब आप इस कहानी के दूसरे पार्ट का मज़ा लीजिए
अगले दिन भाभी की हालत खराब थी उन्हे सर्दी हो गयी थी. ओर
नहाओ बारिश मे मेने कहा ओर चला आया, मों को बता दिया की भाभी
की तबीयत खराब हो गयी है. उस रात फिर मों ही भाभी के पास
रुकी. मे घर पर पापा के पास. अगले रात को फिर मुझे ही भाभी के
पास जाना था उनका नंगा बदन बर्बर मेरी आखों के सामने कोंध
जाता था. खेर मे भाभी के घर गया खाना अपने साथ ले कर गया
जो मों ने बना कर दिया था. मेने ओर भाभी ने खाना खाया वो ठीक
लग रही थी पर बीच-बेच मे करहती जाती थी. दर्द हो रहा है
मेने पूचछा. हन वो बोली पीठ, सर ओर सीने मे काफ़ी दर्द है.
खाना खा कर हम लेट गये पर वो कराह रही थी. मेने पूचछा "डॉवा
ली?" वो बोली हन कल तुम्हारी मों ने विक्क्स लगा दी थी काफ़ी आराम
मिला था. तो आज भी लगा लो मेने कहा. वो बोली पीठ पे कैसे
लगाऊं. लाओ मे लगा देता हून-मेने कहा. उन्होने विक्क्स दी. पर वो
गौण पहने थी विक्क्स लगती कैसे. मैने पूचछा कैसे लगाऊं. वो
मुस्कुरा दी. उन्होने गौण उतार दिया. अब वो ब्लॅक ब्लाउस ओर पेंटी मे
थी. बोली ब्लाउस भी उतार देती हून वरना ब्लाउस मे ही लग जाएगी.
मेने मूह घुमा लिया. वो बोली लगा दो. मेने देखा वो उल्टी लेती थी ओर
उनकी पीठ पर अभी ब्लॅक ब्रा बाकी थी. मेने लंबी साँस ली ओर
विक्क्स लगाने लगा पीठ पर. पर हाथ बार-बार ब्रा की स्ट्रीप से उलझ
जाता था. भाभी बोली अभी स्ट्रीप खोल दो विक्क्स लगाने के बाद वापस
बाँध देना. स्ट्रीप मेने खोल दी पर उनकी पूरी नंगी पीठ देख कर
मेरा लॅंड फिर सर उठाने लगा. मेने किसी तरह उसे रोका ओर विक्क्स
लगाने लगा पर अभी मई पूरी तरह लगा भी नही पाया था की
भाभी ने अचानक करवत् ले ली. अब वो सीधी लेती थी उनकी ब्रा भी
खुली हुई थी. पर एक साइड से उनके बूब से चिपकी हुई थी. पर एक
बूब उनका सॉफ दिख रहा था.
मेने झटके से उनके चेहरे की तरफ देखा वो शायद सो गयी थी ओर
नींद मे ही उन्होने करवट ले ली थी. पर उनके बूब का मे क्या करता
बार-बार आँख उसी तरफ चली जाती थी. दिल कह रहा था वो तो
सोई हुई है फिर क्या दर्र है. पर मई जीटा मेने उनकी ब्रा उठा कर
उनके बूब पर रखी ही थी की उन्होने ऐसा मूह बनाया जैसे च्चिंक आ
रही हो पर आई नही उन्होने आँख खोली बोली - वीनू प्लीज़ सीने ओर
गले पर भी विक्क्स माल दो कहते हुए उन्होने अपनी ब्रा उठा कर साइड मे
रख दी ओर आखों पर कलाई रख ली. अफ क्या पॉज़ था. मे एकदम
देखता ही रह गया. वो फिर कराह रही थी. प्लीज़ वीनू माल दो बहुत
दर्द हो रहा है. हार कर मैने उनके गले पर विक्क्स लगाई वो बोली
सीने पे भी लगा दो. मेने उपेर उपेर से ही लगा दी तो वो बोली दोनो
के बीच मे भी लगा दो. उनकी बूब्स की दोनो चोटियाँ खड़ी हुई थी.
लेते होने पर भी ऐसा लग रहा था जैसे वो किसी पर्वत की तरह से
खड़ी होंए विक्क्स लगाने लगा तो मेरा लॅंड फिर खड़ा होने लगा.
मेने भाभी के चेहरे की ओर देखा वो वैसे ही आखों पे हाथ रखे
लेती थी. मैने बनियान उपेर उठा कर अपने लॅंड को सीधा करना
चाहा पर तभी उन्होने आख पर से हाथ हटा लिया ओर बोली क्या कर
रहे हो? मई दर्र गया बोला - "कुछ नही". "कुछ तो"-वो बोली. ये क्या
कर रहे हो कहते हुए उनहोले निक्कर के उपर से ही मेरा लॅंड पकड़
लिया. अरे ये तो बहुत टाइट हो रहा है वो दबाते हुए बोली. मई
हक्का-बक्का था. होश आया बोला छोड़ो मुझे टाय्लेट जाना है ज़ोर से
आ रही है. ओह वो बोली सस्यू आ रही है, हन मैने कहा अब मेरा
लॅंड ढीला होने लगा था पर उन्होने छ्चोड़ा नही था. पकड़े हुए ही
बोली सस्यू जाना है सच मई. हन मैने कहा आप छ्चोड़ो ना इसे. वो
बोली नही तुम झूठ बोल रहे हो तुम्हे टाय्लेट नही जाना है. मेने
कहा आपको कैसे मालूम की मुझे नही जाना है. वो बोली अगर तुम्हे
टाय्लेट आ रही होती तो तुम्हारा सस्यू लूस नही होता. उन्होने अभी तक
मेरा लॅंड छ्चोड़ा नही था पकड़े ही हुए थी निक्कर के उपर से ही.
नही मैने कहा मुझे सच मे टाय्लेट जाना है. ठीक है उन्होने मेरा
लॅंड छ्चोड़ दिया. चलो तुम्हे टाय्लेट करा डून. "करा डून मतलब"
मई खुद कर आऊंगा. आप कपड़े पहन लो मेने कहा. पर वो बोली नही
कपड़े तो अब तुम्हे टाय्लेट करने के बाद ही पहनेंगे. चलो निक्कर
उतरो. नही मई कर आऊंगा. पर वो नही मानी बोली चुपचाप उतार दो
वरना मुझे ज़बरदस्ती करनी पड़ेगी. पर मे कैसे मान जाता. मई
उठने लगा आप ऐसे ही करती हो मे आपसे बात नही करूँगा. पर
उन्होने मुझे फॉरन पकड़ लिया. जबरन मुझे बेड पर गिरा दिया ओर
मेरे उपेर चाड गयी बोली मुझसे झूठ बोल रहे हो. अब देखती हून
कितनी टाय्लेट आ रही है तुम्हे, निक्कर छ्चोड़ दो वरना फट जाएगा.
उन्होने मेरे हाथ अपने परॉन के नीचे दबा लिए ओर ज़बरदस्ती मेरा
निक्कर उतार लिया ओर मेरा लॅंड पकड़ कर बोली अभी इतना टाइट था अब
इतना लूस है. झूठ बोल रहा है की सस्यू आ रही है. चलो अब
सस्यू करने. कह कर वो मेरे उपेर से हट गयी. पर मेरा लॅंड नही
छ्चोड़ा. बोली चलो बातरूम मे. पर मेरा लॅंड तो छ्चोड़ो मे
चिल्लाया. "ओहो तो इसे लॅंड कहते हैं". अब तो मई ओर भी घबरा
गया. भाभी प्लीज़ छ्चोड़ो नेया. पर वो नही मानी बोली अब तो तुम्हारा
लॅंड तभी छ्छूतेगा जब तुम टाय्लेट करने चलोगे. "अफ चलो" मैने
अपनी बनियान नीचे करते हुए कहा अब तो छ्चोड़ दो. वो बोली बातरूम
मे. मेरा लॅंड खिचते हुए वो उल्टी चल दी मे भी साथ-साथ चल
दिया. उसके बूब्स ताने हुए थे. क्योकि वो मेरा लॅंड पकड़े उल्टी चल
रही थी इसलिए उसके बूब्स बिल्कुल मेरे सामने थे. वो मेरे लॅंड को
हाथून मे दबाए तो थी ही साथ ही उसे सहलाती भी जेया रही थी
इसलिए मेरा लॅंड फिर से टाइट ताना गया. उन्होने मेरा लॅंड देखा ओर
बोली अभी से ये इतना बड़ा है जब तुम ओर बड़े होगे तो कितना बड़ा हो
जाएगा. मे लॅंड च्छुपाने लगा तो बोली लगता है टाय्लेट तुम्हे ज़ोर से
आ रही है जल्दी चलो. मे टाय्लेट की तरफ बढ़ा तो उन्होने मुझे
बातरूम की तरफ खीच लिया. मेने कहा भाभी टाय्लेट जाना है. वो
बोली बातरूम मे करना. मेने कहा- बातरूम मे? वाहा तो बात लेते
हैं. वो बोली टाय्लेट भी कर लेते हैं, अब चलो.ओर वो मुझे ले कर
बातरूम मे घुस गयी. मेरा निक्कर उनके हाथ मे था. बातरूम मे
अंदर ले जेया कर उन्होने मेरा लॅंड छ्चोड़ा तो मैने चैन की साँस ली.
पर इतनी देर मे उन्होने दरवाजा बंद करके चटकनी लगा दी ओर मेरा
निक्कर शवर की रोड पर लटका दिया, जहाँ मेरा हाथ नही पहुच
सकता था. मैने अपना लॅंड अपने हाथो के बीच मे च्छूपा लिया.
उन्होने मेरी तरफ देखा, मुस्कुरई ओर बोली-- अब पेशाब नही आ रही
क्या? जो अपना, क्या कहते हैं इसे? "हन लॅंड". अपना लॅंड हाथों मे
छुपाए खड़े हो. मुझे बड़ी शरम आ रही थी. मैने कहा आप जाओ
मई आता हून. पर वो मेरे ओर पास आ गयी. बोली तुम झूते हो मई
जानती हून तुम्हे सस्यू नही आ रही है. अब कर के दिखाओ कहते हुए
उन्होने अपना हाथ मेरे हिप्स के बीच मे कर दिया ओर मेरी गांद को
सहला दिया. मई जैसे काप सा गया. "भाभी" च्चिलते हुए मेने उनके
बूब्स को नोच लिया क्योंकि वो मेरे एकद्ूम सामने थे. "अया" उन्होने
सिसकारी ली ओर बोली आज तुम्हे सस्यू किए बागेर जाने नही दूँगी.
चलो सस्यू करो आ रही है नेया कहते हुए वो मेरे आयेज बेत गयी ओर
मेरे दोनो हाथ ज़बरदस्ती मेरे लॅंड पर से हटा दिए. मेरा लॅंड फुट
से बाहर आ कर टन गया. उन्होने फॉरन उसके उपेर एक चुम्मा दिया ओर
बोली करो पेशाब वरना आज तुम यही बंद रहोगे ऐसे ही. अब मे दर
ओर गया. मेने कहा आप इसे छ्चोड़ो तो सस्यू करूँ नेया. भाभी ने
हेस्ट हुए मेरा लॅंड छ्चोड़ दिया बोली करो. पर आप सामने से तो हटो
मे बोला. वो मेरे पीछे आ गयी अपने बूब्स मेरे कंधो पर टीका
दिए ओर बोली अब करो मे देखूँगी तुम्हे सू-सू आती भी है या नही .
मैने कहा आप हटो मे नली पर कर लूँगा पर वो बोली यही करो.
मैने कहा यहाँ बीच बातरूम मे? वो बोली हन यही. अफ मया, मई
साँस भर कर रह गया. उन्होने फिर से मेरा लॅंड पकड़ लिया ओर बोली
तुम बहुत देर से बहाने कर रहे हो चलो अब सस्यू करो कहते हुए
उन्होने मेरे लॅंड की खाल पीच्चे को खीच ली. अब मेरा लॅंड ओर कस
कर बाहर आ गया. वो बोली करो. मैने पूरी कोशिश की पर पेशाब
तो वाकई मे आ ही नही रही थी. 10-12 बूँद तपाक कर रह गयी.
बस इतनी ही वो बोली ओर फिर मेरे आयेज आ गयी. उन्होने मेरे लॅंड को
झटका सा दिया कुछ बूंदे उनके उपेर जा गिरी. वो बोली- "है-है"
तुम्हारी पेशाब मेरे उपर आ गयी है सॉफ करो. मेने कहा आप मेरे
आयेज आई ही क्यो? अब मई सॉफ नही करूँगा आप खुद ही करो.