Wednesday, September 24, 2008

उस दिन के बाद --पार्ट -२

उस दिन के बाद --पार्ट -२
आप सभी दोस्तों को राज शर्मा का प्यार भरा नमस्कार . दोस्तो आपने उस दिन के बाद -पार्ट -१ को काफ़ी पसंद किया
अब आप इस कहानी के दूसरे पार्ट का मज़ा लीजिए
अगले दिन भाभी की हालत खराब थी उन्हे सर्दी हो गयी थी. ओर
नहाओ बारिश मे मेने कहा ओर चला आया, मों को बता दिया की भाभी
की तबीयत खराब हो गयी है. उस रात फिर मों ही भाभी के पास
रुकी. मे घर पर पापा के पास. अगले रात को फिर मुझे ही भाभी के
पास जाना था उनका नंगा बदन बर्बर मेरी आखों के सामने कोंध
जाता था. खेर मे भाभी के घर गया खाना अपने साथ ले कर गया
जो मों ने बना कर दिया था. मेने ओर भाभी ने खाना खाया वो ठीक
लग रही थी पर बीच-बेच मे करहती जाती थी. दर्द हो रहा है
मेने पूचछा. हन वो बोली पीठ, सर ओर सीने मे काफ़ी दर्द है.
खाना खा कर हम लेट गये पर वो कराह रही थी. मेने पूचछा "डॉवा
ली?" वो बोली हन कल तुम्हारी मों ने विक्क्स लगा दी थी काफ़ी आराम
मिला था. तो आज भी लगा लो मेने कहा. वो बोली पीठ पे कैसे
लगाऊं. लाओ मे लगा देता हून-मेने कहा. उन्होने विक्क्स दी. पर वो
गौण पहने थी विक्क्स लगती कैसे. मैने पूचछा कैसे लगाऊं. वो
मुस्कुरा दी. उन्होने गौण उतार दिया. अब वो ब्लॅक ब्लाउस ओर पेंटी मे
थी. बोली ब्लाउस भी उतार देती हून वरना ब्लाउस मे ही लग जाएगी.
मेने मूह घुमा लिया. वो बोली लगा दो. मेने देखा वो उल्टी लेती थी ओर
उनकी पीठ पर अभी ब्लॅक ब्रा बाकी थी. मेने लंबी साँस ली ओर
विक्क्स लगाने लगा पीठ पर. पर हाथ बार-बार ब्रा की स्ट्रीप से उलझ
जाता था. भाभी बोली अभी स्ट्रीप खोल दो विक्क्स लगाने के बाद वापस
बाँध देना. स्ट्रीप मेने खोल दी पर उनकी पूरी नंगी पीठ देख कर
मेरा लॅंड फिर सर उठाने लगा. मेने किसी तरह उसे रोका ओर विक्क्स
लगाने लगा पर अभी मई पूरी तरह लगा भी नही पाया था की
भाभी ने अचानक करवत् ले ली. अब वो सीधी लेती थी उनकी ब्रा भी
खुली हुई थी. पर एक साइड से उनके बूब से चिपकी हुई थी. पर एक
बूब उनका सॉफ दिख रहा था.
मेने झटके से उनके चेहरे की तरफ देखा वो शायद सो गयी थी ओर
नींद मे ही उन्होने करवट ले ली थी. पर उनके बूब का मे क्या करता
बार-बार आँख उसी तरफ चली जाती थी. दिल कह रहा था वो तो
सोई हुई है फिर क्या दर्र है. पर मई जीटा मेने उनकी ब्रा उठा कर
उनके बूब पर रखी ही थी की उन्होने ऐसा मूह बनाया जैसे च्चिंक आ
रही हो पर आई नही उन्होने आँख खोली बोली - वीनू प्लीज़ सीने ओर
गले पर भी विक्क्स माल दो कहते हुए उन्होने अपनी ब्रा उठा कर साइड मे
रख दी ओर आखों पर कलाई रख ली. अफ क्या पॉज़ था. मे एकदम
देखता ही रह गया. वो फिर कराह रही थी. प्लीज़ वीनू माल दो बहुत
दर्द हो रहा है. हार कर मैने उनके गले पर विक्क्स लगाई वो बोली
सीने पे भी लगा दो. मेने उपेर उपेर से ही लगा दी तो वो बोली दोनो
के बीच मे भी लगा दो. उनकी बूब्स की दोनो चोटियाँ खड़ी हुई थी.
लेते होने पर भी ऐसा लग रहा था जैसे वो किसी पर्वत की तरह से
खड़ी होंए विक्क्स लगाने लगा तो मेरा लॅंड फिर खड़ा होने लगा.
मेने भाभी के चेहरे की ओर देखा वो वैसे ही आखों पे हाथ रखे
लेती थी. मैने बनियान उपेर उठा कर अपने लॅंड को सीधा करना
चाहा पर तभी उन्होने आख पर से हाथ हटा लिया ओर बोली क्या कर
रहे हो? मई दर्र गया बोला - "कुछ नही". "कुछ तो"-वो बोली. ये क्या
कर रहे हो कहते हुए उनहोले निक्कर के उपर से ही मेरा लॅंड पकड़
लिया. अरे ये तो बहुत टाइट हो रहा है वो दबाते हुए बोली. मई
हक्का-बक्का था. होश आया बोला छोड़ो मुझे टाय्लेट जाना है ज़ोर से
आ रही है. ओह वो बोली सस्यू आ रही है, हन मैने कहा अब मेरा
लॅंड ढीला होने लगा था पर उन्होने छ्चोड़ा नही था. पकड़े हुए ही
बोली सस्यू जाना है सच मई. हन मैने कहा आप छ्चोड़ो ना इसे. वो
बोली नही तुम झूठ बोल रहे हो तुम्हे टाय्लेट नही जाना है. मेने
कहा आपको कैसे मालूम की मुझे नही जाना है. वो बोली अगर तुम्हे
टाय्लेट आ रही होती तो तुम्हारा सस्यू लूस नही होता. उन्होने अभी तक
मेरा लॅंड छ्चोड़ा नही था पकड़े ही हुए थी निक्कर के उपर से ही.
नही मैने कहा मुझे सच मे टाय्लेट जाना है. ठीक है उन्होने मेरा
लॅंड छ्चोड़ दिया. चलो तुम्हे टाय्लेट करा डून. "करा डून मतलब"
मई खुद कर आऊंगा. आप कपड़े पहन लो मेने कहा. पर वो बोली नही
कपड़े तो अब तुम्हे टाय्लेट करने के बाद ही पहनेंगे. चलो निक्कर
उतरो. नही मई कर आऊंगा. पर वो नही मानी बोली चुपचाप उतार दो
वरना मुझे ज़बरदस्ती करनी पड़ेगी. पर मे कैसे मान जाता. मई
उठने लगा आप ऐसे ही करती हो मे आपसे बात नही करूँगा. पर
उन्होने मुझे फॉरन पकड़ लिया. जबरन मुझे बेड पर गिरा दिया ओर
मेरे उपेर चाड गयी बोली मुझसे झूठ बोल रहे हो. अब देखती हून
कितनी टाय्लेट आ रही है तुम्हे, निक्कर छ्चोड़ दो वरना फट जाएगा.

उन्होने मेरे हाथ अपने परॉन के नीचे दबा लिए ओर ज़बरदस्ती मेरा
निक्कर उतार लिया ओर मेरा लॅंड पकड़ कर बोली अभी इतना टाइट था अब
इतना लूस है. झूठ बोल रहा है की सस्यू आ रही है. चलो अब
सस्यू करने. कह कर वो मेरे उपेर से हट गयी. पर मेरा लॅंड नही
छ्चोड़ा. बोली चलो बातरूम मे. पर मेरा लॅंड तो छ्चोड़ो मे
चिल्लाया. "ओहो तो इसे लॅंड कहते हैं". अब तो मई ओर भी घबरा
गया. भाभी प्लीज़ छ्चोड़ो नेया. पर वो नही मानी बोली अब तो तुम्हारा
लॅंड तभी छ्छूतेगा जब तुम टाय्लेट करने चलोगे. "अफ चलो" मैने
अपनी बनियान नीचे करते हुए कहा अब तो छ्चोड़ दो. वो बोली बातरूम
मे. मेरा लॅंड खिचते हुए वो उल्टी चल दी मे भी साथ-साथ चल
दिया. उसके बूब्स ताने हुए थे. क्योकि वो मेरा लॅंड पकड़े उल्टी चल
रही थी इसलिए उसके बूब्स बिल्कुल मेरे सामने थे. वो मेरे लॅंड को
हाथून मे दबाए तो थी ही साथ ही उसे सहलाती भी जेया रही थी
इसलिए मेरा लॅंड फिर से टाइट ताना गया. उन्होने मेरा लॅंड देखा ओर
बोली अभी से ये इतना बड़ा है जब तुम ओर बड़े होगे तो कितना बड़ा हो
जाएगा. मे लॅंड च्छुपाने लगा तो बोली लगता है टाय्लेट तुम्हे ज़ोर से
आ रही है जल्दी चलो. मे टाय्लेट की तरफ बढ़ा तो उन्होने मुझे
बातरूम की तरफ खीच लिया. मेने कहा भाभी टाय्लेट जाना है. वो
बोली बातरूम मे करना. मेने कहा- बातरूम मे? वाहा तो बात लेते
हैं. वो बोली टाय्लेट भी कर लेते हैं, अब चलो.ओर वो मुझे ले कर
बातरूम मे घुस गयी. मेरा निक्कर उनके हाथ मे था. बातरूम मे
अंदर ले जेया कर उन्होने मेरा लॅंड छ्चोड़ा तो मैने चैन की साँस ली.
पर इतनी देर मे उन्होने दरवाजा बंद करके चटकनी लगा दी ओर मेरा
निक्कर शवर की रोड पर लटका दिया, जहाँ मेरा हाथ नही पहुच
सकता था. मैने अपना लॅंड अपने हाथो के बीच मे च्छूपा लिया.
उन्होने मेरी तरफ देखा, मुस्कुरई ओर बोली-- अब पेशाब नही आ रही
क्या? जो अपना, क्या कहते हैं इसे? "हन लॅंड". अपना लॅंड हाथों मे
छुपाए खड़े हो. मुझे बड़ी शरम आ रही थी. मैने कहा आप जाओ
मई आता हून. पर वो मेरे ओर पास आ गयी. बोली तुम झूते हो मई
जानती हून तुम्हे सस्यू नही आ रही है. अब कर के दिखाओ कहते हुए
उन्होने अपना हाथ मेरे हिप्स के बीच मे कर दिया ओर मेरी गांद को
सहला दिया. मई जैसे काप सा गया. "भाभी" च्चिलते हुए मेने उनके
बूब्स को नोच लिया क्योंकि वो मेरे एकद्ूम सामने थे. "अया" उन्होने
सिसकारी ली ओर बोली आज तुम्हे सस्यू किए बागेर जाने नही दूँगी.
चलो सस्यू करो आ रही है नेया कहते हुए वो मेरे आयेज बेत गयी ओर
मेरे दोनो हाथ ज़बरदस्ती मेरे लॅंड पर से हटा दिए. मेरा लॅंड फुट
से बाहर आ कर टन गया. उन्होने फॉरन उसके उपेर एक चुम्मा दिया ओर
बोली करो पेशाब वरना आज तुम यही बंद रहोगे ऐसे ही. अब मे दर
ओर गया. मेने कहा आप इसे छ्चोड़ो तो सस्यू करूँ नेया. भाभी ने
हेस्ट हुए मेरा लॅंड छ्चोड़ दिया बोली करो. पर आप सामने से तो हटो
मे बोला. वो मेरे पीछे आ गयी अपने बूब्स मेरे कंधो पर टीका
दिए ओर बोली अब करो मे देखूँगी तुम्हे सू-सू आती भी है या नही .
मैने कहा आप हटो मे नली पर कर लूँगा पर वो बोली यही करो.
मैने कहा यहाँ बीच बातरूम मे? वो बोली हन यही. अफ मया, मई
साँस भर कर रह गया. उन्होने फिर से मेरा लॅंड पकड़ लिया ओर बोली
तुम बहुत देर से बहाने कर रहे हो चलो अब सस्यू करो कहते हुए
उन्होने मेरे लॅंड की खाल पीच्चे को खीच ली. अब मेरा लॅंड ओर कस
कर बाहर आ गया. वो बोली करो. मैने पूरी कोशिश की पर पेशाब
तो वाकई मे आ ही नही रही थी. 10-12 बूँद तपाक कर रह गयी.
बस इतनी ही वो बोली ओर फिर मेरे आयेज आ गयी. उन्होने मेरे लॅंड को
झटका सा दिया कुछ बूंदे उनके उपेर जा गिरी. वो बोली- "है-है"
तुम्हारी पेशाब मेरे उपर आ गयी है सॉफ करो. मेने कहा आप मेरे
आयेज आई ही क्यो? अब मई सॉफ नही करूँगा आप खुद ही करो.
उन्होने घूर कर मुझे देखा ओर फिर मुस्कुरा कर अपने बदन पर
हाथ फिराया ओर मेरी सस्यू अपने पुर बदन पर रग़ाद लिंऐ देखता
ही रह गया. अब भी उन्होने एक हाथ से मेरे लॅंड को पकड़ा हुआ था.
मेरा लॅंड फुल टाइट था ओर मस्ती से तनटना रहा था. वो बोली ये
अभी तक इतना टाइट क्यो है. पता नही मैने कहा ओर इसके साथ ही
मेरा लॅंड सिकुड़ना शुरू हो गया. वो बोली लगता है तुम्हारी सस्यू
ख़तम हो गयी पर अब मुझे सस्यू आ रही है. मैने कहा मेरा
निक्कर दे दो फिर आप सस्यू कर आना. वो बोली नही अभी नही पहले
मई भी सस्यू कर लून. चलो मेरी पेंटी उतरो. नही, मे पीछे हटने
लगा पर हट कैसे सकता था उन्होने मेरा लॅंड सख्ती से पकड़ रखा
था. बोली उतरो वरना मे तुम्हारा लॅंड नही छ्ोड़ूँगी. तुम भी देखो
सस्यू कितनी की जाती है. मैने कहा आप उतार लो मे खड़ा तो हून पर
वो नही मानी हार कर मुझे उनकी पेंटी उतरनी ही पड़ी मे उनकी पेंटी
नीचे की ओर सरका रहा था ओर वो मेरे लॅंड को पकड़े हुए खड़ी थी
बिल्कुल ऐसे की उनके बूब्स मेरे मूह से लग रहे थे. खेर मैने पेंटी
उतार दी तो वो मेरे लॅंड को पकड़े हुए वही बेत गयी ओर पेशाब
करने लगी बोली देखो ऐसे करते हैं सस्यू. मे पहली बार किसी औरत
को पेशाब करते देख रहा था. पेशाब बाहर आने का रास्ता देखते
ही मुझे फिर से शरम आई ओर मे पीच्चे हटा ही था की भाभी
मेरा लॅंड पड़के हुए खड़ी हो गयी. वो अभी भी सस्यू कर रही थी
सारी सस्यू उनके परॉन पर आ कर बहने लगी. वो बोली ये तुमने क्या
किया. मैने कहा- क्या किया मैने आप खुद खड़े हुई. वो बोली तुम
पीच्चे हुए तो मुझे खड़ा होना पड़ा. मई उनकी सस्यू देख रहा था जो
एक च्छेद से निकल कर उनके परॉन से बहती हुई नीचे गिर रही थी.

फिर उन्होने सस्यू करनी बंद कर दी. अब तो छ्चोड़ दो मेरा लॅंड अब तो
आप भी सस्यू कर चुकी मेने लगभग चिल्लाते हुए कहा. उन्होने मेरा
लॅंड छ्चोड़ दिया. मई अपने निक्कर की तरफ बढ़ा पर वो उपेर लटका
undefined हुआ था मेरा हाथ नही पहुच सकता था. मेरा निक्कर दो भाभी-
मेने कहा. वो बोली देती हून पहले सू-सू तो धो लू. मैने जल्दी से
हाथ धोए ओर बोला अब लाओ निक्कर. "ओर लॅंड नही धूगे"-वो बोली.
गंदा रह जाता है ऐसे चलो यहाँ आओ. मे फिर वाश्बेसिन की ओर
बढ़ गया. जैसे ही मैने पानी के लिए वाश्बेसिन मे हाथ डाला
उन्होने फिर से मेरा लॅंड पक्कड़ लिया बोली तुम पानी डालो मे धो देती
हून. मैने कहा नही मे धो लूँगा. वो बोली सही से सॉफ नही होगा
मे धो देती हून. मेरे पास कहने को कुछ नही था जान गया था वो
वही करेंगी जो उनके मान मई है. सो पानी अपने लॅंड पर डालने लगा
ओर वो उसे धीरे-धीरे रगार्ने लगी. मेरे लॅंड मे फिर से सख्ती
आने लगी. वो बोली लगता है फिर से सस्यू आ रही है. मे शर्मा
गया बोला नही आ रही है. पर ये तो फिर से टाइट हो रहा है वो
बोली. मैने कहा पता नही क्यो टाइट हो रहा है. वो बोली मई बता
दूँगी क्यो टाइट हो रहा है. कहते हुए उन्होने मेरा लॅंड छ्चोड़ दिया
ओर बोली अब मे पानी डालती हून तुम सॉफ करो. ये सॉफ हो चुका है
भाभी मई बोला. वो बोली ये तो सॉफ हो चुका है पर अभी ये रह
गयी है. उन्होने अपनी छूट की तरफ इशारा किया. बोली चलो तुम
इसे सॉफ करो. मेरे लाख माना करने फिर भी वो नही मानी ओर मुझे
उनकी छूट सॉफ करने को तैयार होना पड़ा. उन्होने हाथ मे पानी
भर कर अपने पेट पर डाला. जो बहता हुआ उनकी छूट तक आ गया.
मैने जल्दी से उनकी छूट पर हाथ फिराया ओर बोला हो गयी सॉफ अब
चले. वो बोली अभी कहा हुई, क्या मैने ऐसे है सॉफ किया था
त ुम्हारा लॅंड? ठीक से सॉफ करो वरना निक्कर नही मिलेगा ओर आज
यही बंद रहोगे मेरे साथ. "ओफो" डालो पानी, कर रहा हून सॉफ-
कहते हुए मैने अपना हाथ फिर से उनकी गीली छूट पर रख दिया. वो
मुस्कुरई ओर पानी डालने लगी. बोली- अभी से सीख जाओगे तो अपनी बीवी
की छूट भी सही से सॉफ कर सकोगे. मैने जल्दी-जल्दी छूट पर
हाथ फिराया इसी बीच मेरी उंगली उसके छूट के च्छेद मेभी चली
गयी. हन यही पर रगर के सॉफ करो- वो बोली. अब मुझे भी मज़ा
आ रहा था. मई मज़े से अपनी उंगली उसकी गीली छूट मे घूमने लगा.
थोड़ी देर बाद मई बोला- अब बहुत हो गया भाभी, अब चलो. उसने
अपनी पेंटी वही पर छ्चोड़ दी ओर दरवाजे की तरफ चल दी. मैने कहा
भाभी मेरा निक्कर तो दे दो. उसने मेरा निक्कर उठाया, दरवाजा खोला
ओर बाहर चल दी. मैने कहा भाभी कुछ पहन तो लो ओर मेरा निक्कर
दो मई भी पहन लू. उसने कहा- मेरी पेंटी गीली हो चुकी है, अंदर
जा कर पहन लूँगी. मैने कहा मेरा निक्कर तो दे दो. उसने कहा अभी
गीले हो पहले टवल से पोंच्छ कर सूखा तो लो. नही रहने दो, मई
ऐसे ही पहन लूँगा- मई बोला. पर वो बोली- नही इस तरह से मेल
जमा हो जाता है. पहले सूखा लो. पर मुझे बातरूम से बाहर आते
हुए शरम आ रही थी. क्योकि बातरूम लॉबी के बाहर बना था. ओर
रूम तक खुले आसमान के नीचे से हो कर जाना पड़ता था. पर जब वो
मेरा निक्कर ले कर चली गयी तो मई वहाँ नंगा खड़ा हुआ क्या कर
सकता था. मेरा लॅंड मुरझाया हुआ लटका था. पर जैसे ही मे भाभी
के बूब्स ओर छूट के बारे मे सोचने लगा, फिर से तनटानने लगा.
मुझे लगा जैसे मैने कुछ मिस कर दिया मुझे भाभी की छूट को
ओर सहलाना चाहिए था ओर उनके बूब्स का दूध पीना चाहिए था. पर
अब तक तो भाभी कपड़े पहन चुकी होगी. ये सोचते हुए मई बातरूम
से बाहर निकला तभी भाभी जो की बातरूम की ड्यूवर से च्चिपी खड़ी
थी मेरे पीछे आ गयी ओर मेरे चूटरो के बीच मे हाथ फेर दिया.
मई चिहुक गया- क्या करती हो भाभी? वो बोली चलो रूम मे, सूखने
के बाद निक्कर पहन लेना. वो अभी तक नंगी ही खड़ी थी. इस बार
मैने जो नज़रें उठाई तो उनके बूब्स पर ही जूम गयी. कितने बड़े-
बड़े थे ओर आयेज निपल्स ऐसे लग रहे थे जैसे खरबूजों मे अलग
से तो लंबे मोटी लगा दिए हों. जी चाहा खीच लून उनको. पर ऐसा
कर नही पाया.

फिर भाभी ओर मई बेडरूम मई गये. हम दोनो ही लगभग सूख
चुके थे. मैने फिर निक्कर की माँग की तो भाभी बोली- उपेर से
सूख चुके हैं पर अभी नामी है उसे सूखने के बाद ही पहनना.
मुझे भी अब ऐसे ही मज़ा आ रहा था. भाभी बोली बेड पर लेट जाओ
पहले मई तुम्हारा लॅंड सूखा देती हून. फिर तुम मेरी छूट को सूखा
देना. मई जनता था की मेरे कहने से कुछ नही होने वाला, सो बेड पर
सीधा लेट गया. मेरा लॅंड कुछ ताना भी था ऑफ कुछ हल्का भी हो
रहा था. भाभी ने मेरा निक्कर एक तरफ डाला ओर मेरा लॅंड अपने
हाथ मे ले लिया ओर मेरे पेट पर से नीचे की ओर फूक मरने लगी.
बहुत मज़ा आ रहा था. फिर उन्होने मेरे लॅंड की खाल पकड़ी उपेर
उठाई ओर मेरे लॅंड के अंदर एक हल्की फूक मारी. "आ" मज़ा आ
गया. वो धीरे-धीरे मेरे लॅंड को सहलाते हुए उसमे फूक मारती
रही. मेरा लॅंड टाइट हो कर टन चुका था. अब उन्होने मेरे लॅंड की
टोपी के नीचे फूक मारनी शुरू कर दी, मुझे मज़े आ रहे थे.
अचानक उन्होने फूक की जगह मेरे लॅंड पर अपना थूक गिरा दिया.
मई चिल्ला पड़ा ये क्या किया भाभी. मेरे लॅंड पर थूक दिया. वो
बोली- सॉरी, अभी सॉफ कर देती हून. हन अब फिर धोऊॉगी ओर फिर
से सुखाऊगी. बस यही करते रहना. वो बोली- नही अब नही धोना.
फिर क्या अब गंदा ही रहेगा. पर उन्होने जवाब देने की जगह मेरे
लॅंड को अपने मूह मे घुसेड लिया ओर चूसने लगी. मेरे जिस्म मे जैसे
आग लग गयी. मई एकद्ूम उठ बेता-क्या करती हो भाभी "च्चि". वो
बोली नही च्चि इसी मे तो मज़ा आता है. अच्छा बताओ दूध पीना है.

नही रहने दो-मैने कहा. अरे नही पी लो. कहते हुए उन्होने मेरा
लॅंड छोड़ कर मेरे सर को अपने सीने से लगा लिया. उनके बूब्स मेरे
मूह से लग गये. अब मई समझा की वो किस दूध की बात कर रही है.
मैने जल्दी से एक निपल को मूह मई भर लिया ओर दूध खीचने
लग.पर कुछ नही आया. अब मैने दूसे निपल को मूह मे लेकर दूध
पीना चाहा. पर यहाँ भी कुछ नही. दूध तो है ही नही भाभी
मई बोला तो वो हास पड़ी, बोली- अभी से दूध थोड़े ही आता है. तो
कब आता है. बच्चा होने के बाद. बच्चा कब होगा. जब तुम्हारे
भैसाहब चाहेंगे, पर तुम उनसे पूच मत लेना. तुम थोड़ी देर रूको
मई अभी तुम्हे दूध पिलाती हून. कह कर वो उठी ओर कित्चान मे
चली गयी. मैने सोचा पीछा छ्होटा ओर जल्दी-जल्दी अपना निक्कर ओर
बनियान पहन लिया. पर वो जल्दी ही वापस आ गयी ओर खाली हाथ
ही, जबकि मई समझा था की वो दूध गिलास मे लेकर आएगी. आते ही
बोली अरे तुमने कपड़े पहन लिए क्यो? मैने कहा अब आप भी पहन लो
फिर सोते हैं. पर वो नही मानी बोली- मई तुम्हे दूध पिलाने आ
रही थी ओर तुमने कपड़े पहन लिए जल्दी से उतरो वरना मई उतारूगी
तो फट सकते हैं. मेरे काफ़ी माना करने पर भी वो नही मानी तो हार
कर मैने अपनी बनियान उतार दी. "ओर निक्कर"- वोबोली. नही भाभी अब
रहने दो मई तक गया हून सोना है. तो सो जाना पर निक्कर तो
उतरना ही पड़ेगा वरना मई आ रही हून उतरने. हार कर मैने
निक्कर भी उतार दिया. मेरा लॅंड मुरझा चुका था. वो देखते ही बोली-
है तुम्हारा लॅंड तो फिर से सो गया. अभी इसे जागते हैं. चलो
पहले दूध पियो. कहते हुए वो बेड पर बेत गयी. मैने देखा उनके
निपल्स कुछ चमक रहे थे. दूध आ गया क्या भाभी? मैने
पूछा. हन तुम पियो तो. मैने जैसे ही एक निपल को मूह मे लिए
जान गया भाभी शहद लगा कर आई थी. पर मीता निपल बड़ा
अच्छा लग रहा था तो मई चूसने लगा. अभी मई पहला निपल ही
चूस रहा था की उन्होने मेरा लॅंड फिर से पकड़ लिया. जो की अब फिर
टन चुका था. जैसे ही उन्होने मेरे लॅंड को पकड़ा मई चिहुक गया.


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लेकिन दोस्तों आप कहानियाँ तो पढ़ते हैं और पसंद भी करते है इसके साथ अगर आप अपना एक कमेन्ट भी दे दें
तो आपका कया घट जाएगा इसलिए आपसे गुजारिश है एक कमेन्ट कहानी के बारे में जरूर दे

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