Saturday, September 27, 2008

चाचा की लड़की

चाचा की लड़की 

हाय , मेरा नाम राज है.ये बात उस समय की है जब मैं 28 साल का था.
मेरे चाचा की लड़की का नाम शालु है. वो उस समय 23 की थी और 2
साल पहले उसकी शादी हुई थि.लेकिन उसको बचा नहीं होने के कारण
उसकी सास ने लड़ झगड़ कर उसको मयके भेज दिया. और तलाक़ का नोटीस
भेज दिय.इस्लिये वो बहुत ही उदास रहती थि्अर समय तलाक़ की
चिंता और उधर छूट की आग. एक दिन वो हमारे घर आई .उस समय
घर पर और कोई नहीं थंऐने उसे बैठाया और छाई पिलाई. उसके
बाद जस्ट सिंप्ली पूछा 'शालु तेरी प्राब्लम क्या है. उसने कहा बचा
नहीं होने के कारण वो लोग मुझे तलाक़ दे रहे हैं. मैने पूछा
बचा क्यों नहीं हो रहा, तुम डॉक्टर को दिखाओ,तो उसने बताया मेरे
मे कोई खराबी नहीं है. और भैया बचा क्या उंगली से होगा, वो
कुछ करते ही नहीं,करना चाहते हैं तो भी नहीं होतंऐने
कहा तब तलाक़ करके दूसरी शादी कर लो.वो बोली भीया एक तो
पिताजी की मेरी दूसरी शादी करने की हैसियत नहीं है, दोसरे
मैं उनसे बदला लेना चाहती हून क्योंकि उन्होने जान बुझ कर एक
कुवारि लड़की की जिंदगी क्यों बर्बाद किंऐन बोला बात तो ठीक है
लेकिन ये तो तभी होगा जब वो तुझे ले जाएँगे. बिना बचा हुए वो ले
नहीं जाएँगे. इतना सुन कर वो बेबसी से मजबूर होकर रोने लगी.
बोली मेरी तो तकदीर ही खराब है भैया, मुझे कोई रास्ता नहीं दिख
रहा है. आख़िर मे मैं जहर खाकर जान दे दूँगी.
मैं उसे संतवाना देने के लिए अपनी बाहों मे लेकर पूछकरने लगा
और चुप करने की कोशिश करने लग.तो वो आवेश मे आकर और ज़ोर
से लिपट गई. एका एक उसे उन दीनो की बात याद गई जब हम लोग
बहुत छोटे थे और गुड्डा गुड़िया खेला करते थे. और उस खेल मे
मैं हमेशा उसका दूल्हा बनता थऽउर हम लोग खाली रगड़ा रगड़ी
करते थे, क्योंकि और कुछ आता भी नहीं था . उन लीनो को याद
करके वो बोली, भैया एक बात कहूँ, मैं बोला ' हन कहो.वो बोली
बचपन मे आप हमेशा मेरे दूल्हा बनाते थे , आज मुझे सच मे
आपकी ज़रूरत है, एक यही रास्ता मुझे दिख रहा है मेरी मुसीबत
को हाल करने का की आप मुझे एक बचा दे दोंऐन बोला बचपन की
बात अलग है ,तू पागल है ये कैसे हो सकता है, आख़िर तू मेरी
बहन लगती है.वो बोली भैया ये बात हिम्मत करके इतना खुल कर
मैने आपको कह दी,हर किसी से तो नहीं कह सकति.फिर मैं किससे
संबध करून.घर से बाहर के आदमी से करूँगी तो बहुत बदनामी
होगि.भिय तुम्हे ये कम करना ही होगा ,मेरी जिंदगी का सवाल
है ,नहीं मैं सचमुच जहर खा लून्गिऽइसे कहा कर वो और ज़ोर
से रोने लगी. मैने घबराकर कर उसे चुप करने के लिए ज़ोर से
लिपटा लिया और उसकी पीठ और बाल सहला कर माता चूमने लगा. और
यही पर ग़ज़ब हो गया. वो बुरी तरह से मेरे से लिपट गई और मुझे
पागलों की तरह मूह पर गालो पर होतो को चूमने लगि.खुब कस कर
लिपट कर मेरे सिने मे सिर छुपा लिया.
गरम गरम चुममे लेने से मेरा लंड खड़ा हो गया था ,आख़िर मैं
भी तो जवान था. उसने मेरी पीठ पर हाथ सहलाते हुए दूसरा हाथ
धीरे धीरे आयेज से लेजकर मेरा लंड पकड़ लिया और मसलने लगी.
उस समय मैं लूँगी मे था. और उसके नीचे अंडरवेर नहीं था. उसने
लूँगी के अनादर हाथ दल कर लंड को बाहर निकलंएर मोटा तगड़ा
लंड देख कर उसकी आँखो मे अजीब सी चमक गई और अचानक नीचे
झुक कर लंड चूम लिया. लंड एक दम से फंफना उठा और लोहे की
तरह कड़ा हो गया. वो मेरे कन मे बोली भैया अब मत तड़पाव, जलदी
से जाओ ,बर्दस्त नहीं हो रहा हैंऐन भी पूरा गरम हो चुका
था सो उसको बेड पर ले गय.पहले उसकी सारी उतरी फिर ब्ल्ौए. ब्रा
खोलते ही वो तोड़ा शरमाई,चूचु पर हाथ रख लिया. मैने हाथ
हटा कर चुचि को मूह मे ले लिया और धीरे ढिरे निपल को चूसने
लगा,वॉवववववववववववव क्या मस्त चुचि थि.लगत था उसके साले गन्दू
पति ने कभी छुई ही नहीं थी .30 साइज़ की संतरे की तरह कड़ी
और गुदगुदी .थोड़ी देर चुसते ही उसकी शारी शरम भाग गई और ज़ोर
ज़ोर से सिसकने लगी ही भैया जलदी कीजिए .हाईईईईईईईईईईई मैं मार
जाऊंगी. उसकी आँखे मस्ती से लाल हो गई थी. उसने मेरा हाथ पकड़
कर छूट पर रख दिया .मैने तुरंत उसके पेटीकोत का नडा खोला और
पेटीकोत निकालने लगा तो शरम से पलट गई. मैने खींच कर
पेटीकोत टॅंगो से निकल दिया और अपनी लूँगी भी खोल कर फेंक दी.
अब हम दोनो बिल्कुल नंगे थे. मैने उसके चूटर पर चुम्मा लिया तो
वो सीधी हो गई. मैने उसकी टाँगे छोड़ी करके छूट पर होंठ रख
कर उसकी छूट का टिट चूसने लगंऐने जितनी छूट छोड़ी हैं
सबको पहले छत कर तैयर करता था क्योंकि एक तो छूट चाटने से
लड़की पूरी गरम होकर साथ मे झार जाती है दूसरे उस मर्द की
दीवानी हो जाती है.

छूट चाटते ही वो पूरी पागल हो गई और मेरे सिर के बाल पकड़ कर
अपने उपर खींच लिया. छूट से बहुत रस तपाक रहा था .कितना तो
मैं पी गया था. बहुत मस्त खुसबुदार छूट थी. छूट की ख़ुसाबू
लेते ही लंड और कड़ा हो गय.लुन्द का सूपड़ा उसकी छूट ऑर रखा तो
उसका सारा बदन कँपने लगा और बोली जलदी घुसा दीजिए
भैयहुत तो चाटने से और छूट के रस की वजाहा से पूरी गीली थी
फिर भी हाथ मे थूक लेकर मैने लंड पाएर और लगा लिया और छूट
के छेड़ मे सता कर धक्का मारा तो लंड फिसल कर सुपरा अंदर
चला गया. वो एकदम छिलाई आआआआहह और सरीर कड़ा कर
लिया, मैं उसके उपर लेट गया उसके होंठो को मुहा मे लेकर जीभ
उसके मूह मे दल दी वो भी मेरी जीभ चूसने लगी. 1 मिनिट बाद
मैने तोड़ा उपर होकर दूसरा तेज धक्का लगाया क्योंकि लंड इतना
कड़ा हो गया था की रूकना मुस्किल था. तेज डक्के से आधे से ज़्यादा
लंड झटके से अंदर तो गया लेकिन वो बहुत ज़ोर से छिलाई
हाईईईईईईईईई मार गई भयाअ.,धीरे अरे निकालिए मैं मार गई
माआआआअ. लेकिन मैने पैरो मे कैची दल रखी थी वो लंड तो
नहीं निकल पाई लेकिन कसमसाती रही. मैने फिर चुम्मा लेकर
पूछकरा 'क्या हुआ तोड़ा और है बस. वो बोली भैया पहली बार है
ना इसलिए तोड़ा धीरे धीरे कीजिए ना. मुझे सर्प्राइज़ हुआ .बोला क्या
मतलब तो बोली भैया मैं आज तक कुवारि हून ,उनका लंड खड़ा ही
नहीं होता था. कभी तोड़ा बहुत हुआ भी तो बाहर ही झार जाता था
अंदर जाने की नोबट ही नहीं आइंऐने चुम्मा छाती और बातों मे
उलझा कर मोका देख कर एक आख़िरी जोरा का धक्का मार दिया और मेरा
लंड उसकी कुवारि कची छूट को फादता हुआ पूरा घुस कर उसकी बचे
दानी मे लग गया.
वो बहुत तदपि लेकिन मैं सावधान था, उसको कस कर दबोच लिया था
और लंड को बाहर नहीं निकालने दिया. इतनी उमर और पूरी औरत
होने के बावजूद वो दर्द से रोने लगी थिंऐने पूरे चेहरे पर
चूमा. चुचि छूसी ,एक हाथ से उसके चूतड़ सहलाए तब उसको तोड़ा
आराम मिला .करीब 5 मिनिट बाद मैने पूछा दर्द कम हुआ वो बोली हन
तोड़ा है. मैने धीरे से लंड बाहर करके हल्के हल्के धक्के
लगाने चालू किए . धीरे धीरे उसको भी दर्द की जगह मज़ा आने
लगा तो बोली तोड़ा ज़ोर से धक्का लगाइए. मैने धीरे धीरे रफ़्तार
बढ़ा दी और लास्ट मे पूरा हुमच कर छोड़ना चालू किया तो वो टाँगे
उपर करके छुड़वाने लगी और पागलों की तरह बोल रही थी है भीया
आज पूरी रत कस कर छोड़ दो हाईईईईईईईईईईई मैं आपकी हो गैइइ आज
से मैं आपकी हून भैया मेरे पेट मे आअज ही अपना बचा दल
डूऊऊ. हाीइ और ज़ोर ज़ोर से छोड़िईईई ऐसे कहते हुए वो
झटके से लिपट गई और मुहा से आवाज़ निकली आआभाययय्याआआआययययए
क्य्ाआअमैंन्न मररररर गैिईईइईरीईईईई अहह
गरम हो गई थी की 4-5 ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने के बाद मैं भी
झार गया और उसकी छूट को अपने वीर्या से पूरा भर दिय.वो खूब कस
कर मेरे से लिपट गई और कन मे बोली भैया अभी बाहर मत
निकलना. बचा होने के लिए आपका पूरा पानी बचे दानी मे जाना
ज़रूरी है. मैं उसकी छूट मे लंड डाले उसके उपाए ही लेट गया . और
उसे चूमने लगा , एक हाथ नीचे ले जाकर छूट को टटोल कर देखा तो
मेरे हाथ मे खून लग गया. मुझे फिर सर्प्राइज़ हुआ तो वो बोली भीया
अब तो आपको बिसवास हो गया ना .मैने आपको बिना चूड़ी छूट दी हून
मैं बोला हन शालु आज से तू मेरी जान है तू मेरी रानी है क्योंकि
तूने अपना कुवरा शरीर मुझे अर्पण किया है. वो भी खुश हो
गई .15-20 मिनिट बाद उसके उपर उठा ,उसकी छूट ने सारा पानी अंदर
सोख लिया था ,फिर तोड़ा बहुत बाहर आया उसमे पूरा खून लगा था.

नीचे चददर पर भी खून लग गया था. वो थी और मेरे लंड को
साफ करके चुम्मा लिया फिर अपनी छूट साफ की. उसके बाद उस रत को
मैने उसे 5 बार छोड़ा सुबह 4 बजे हम दोनो नंगे ही लिपट कर
सोए . उसके बाद तो मैने उसे लागत्र 3 साल तक छोड़ कर 2 बचे पैदा
किए. पहली बार मे ही उसको गरभ (पेट) रह गया था. तो बहाने से
उसके पति को बुलाया एक रत के लिए. वो कर तो कुछ नहीं पाया लेकिन
जब उसे पता चल की वो गरभवती हो गई है तो ख़ुसी से घर ले
गया. शायद उसे अपनी कमज़ोरी का पता था ,उसे ये भी अची तरह
पता था काइया ये बचा उसका नहीं है फिर भी इसीलिए चुप रहऽब
वो अपनी ससुराल मे खुश हैऽउर उसने अपना इलाज भी करा लिया है.
उसे पक्का तो नहीं मालूम लेकिन शक पूरा है की दोनो बचे मेरे हैं
कारण की दोनो की शकल मेरे से मिलताई है. अब दिक्कत ये है वो
मुझे अपने यहाँ आने नहीं देता और शालु को भी नहीं भेजता,
और एक समस्या हो गई है की मैं किसी भी लड़की को तभी कस कर
छोड़ पता हून जब वो चुड़वते समय शालु की तरह है भियाआआआ
कह कर बोले. इसलिए जो भी ज़रूरत मंद बहन मेरी स्टोरी को पढ़े
वो मुझे कॉंटॅक्ट कर सकती है. उसकी भी ज़रूरत पूरी हो जाएगी
और मुझे शालु के बदले मे छोड़ने को बहन मिल जाएगी.


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