mastani bhabhi --hindi font story
हेलो दोस्तो आपका राज शर्मा एक ओर स्टोरी लेकर हाज़िर है ये कहानी एक ऐसीभाभी की है
जो आप को भी मस्त करने का दम रखती है तो अब आप कहानी का मज़ा लीजिये
मेरा नाम सोनिया, रंग गोरा और बॉडी एक दम स्लिम। मैं देल्ही की रहने वाली हू. 1 साल
पहले जब मैं 19 साल की थी तभी मेरी शादी मोहन के साथ हो गयी थी. उस समय मोहन की
उमर 21 साल की थी. उनका रंग गोरा है और वो एक दम दुबले पतले हैं. वो एक मल्टी नॅशनल
कंपनी मे कम करते हैं. मेरे ससुराल मे मेरे पति के अल्वा मेरा एक ड्यूवर है. उसका नाम राजू है
और उसकी उमर उस समय 20 साल की थी. अब वो 21 साल का है और बहुत ही हॅंडसम है. मेरे
पति के पेरेंट्स शादी के 2 साल पहले ही एक्सपाइर हो चुके थे. मोहन और राजू एक दम फ्रेंड की
तरह रहते हैं और एक दूसरे से कुच्छ च्छूपाते नही. राजू मुझसे एक दम खुला मज़ाक करता है.
मोहन भी हम दोनो के मज़ाक का खूब मज़ा लेते हैं और बीच बीच मे कॉमेंट भी करते रहते हैं.
ये 1 मंत पहले की बात है. मेरे पति को कंपनी के कम से 4 दीनो के लिए ऊशा जाना था. मेरे पति की
फ्लाइट रात के 10 बजे थी. उन्होने जाते समय राजू से कहा "सोनिया का हर तरह से ख्याल रखना."
राजू बोला "ठीक है, भैया. मैं पूरा ख़याल रखूँगा." मैने मोहन के जाने के दूसरे दिन सुबह जब मैं बातरूम
से नहा कर बाहर आई तो मैने देखा की राजू तो अभी तक सो रहा है. मैने अभी कपड़े भी नही पहने थे,
केवल एक टवल अपने बदन पर लपेट रखा था. मैं उसके रूम मे गयी. वो एक दम बेख़बर सो रहा था.
जब मेरी निगाह उसके उपर पड़ी तो मैं शरम से लाल हो गयी. मैने देखा राजू का लंड उसकी चड्धि से
बाहर निकला हुआ था. उसका लंड खड़ा था. मैने आज तक ऐसा लंड कभी नही देखा था. उसका लंड
लगभग 9" लंबा और बहुत मोटा था. मेरे पति का लंड तो केवल 4 1/2" लंबा था. मैं सोचने लगी
की 2 भाइयो के लंड मे कितना फराक है. मोहन का लंड छ्होटा और राजू का बहुत मोटा और लंबा.
undefinedमैं बहुत ही सेक्सी हून इस लिए इतना मोटा और लंबा लंड देखकर मुझे जोश आने लगा.
मैं बहुत देर तक राजू के लंड को देखती रही और सोचने लगी की काश मुझे इस लंड से छुड़वाने का
मौका मिल जाता. मैने मान ही मान सोचने लगी की राजू तो मेरा ड्यूवर है और इस से छुड़वाने मे
कोई रिस्क नही है. राजू भी मुझसे बहुत हसी मज़ाक करता था और बतो बतो मे मेरे बदन पर हाथ
भी लगा देता था. मैं भी उसे ड्यूवर होने की वजह से बहुत प्यार करती थी. हम दोनो दोस्त की तरह
रहते थे. मैं धीरे से जाकर बेड पर राजू के बगल मे बैठ गयी और अपने हाथो से उसके लंड को पकड़ लिया.
थोड़ी देर मे उसकी नीड खुल गयी.
उसने जब मुझे अपना लंड पकड़े हुए देखा तो बोला "भाभी आप, आप... ये क्या कर रही हो."
मैने कहा "राजू, तुम्हारा तो बहुत बड़ा है. मैने इतना लंबा और मोटा लंड कभी नही देखा है. इस लिए
मैं इसे देख रही हू." उसने शरम से अपनी आँखे बंद कर ली. मेरे हाथ लगाने से उसका लंड और ज़्यादा
टाइट हो गया. थोड़ी देर बाद उसने आँखे खोली और बोला "भाभी, अब रहने दो. अपना हाथ हटा लो." मैने
कहा "तोड़ा रुक जाओ, मुझे ठीक से देख लेने दो." वो कुच्छ नही बोला. मैं अपने हाथो से उसका लंड सहलाने
लगी. थोड़ी ही देर मे राजू का बदन अकड़ने लगा और वो बोला "भाभी, अब इसे छ्चोड़ दो नही तो इसका
पानी निकल जाएगा." मैने कहा "मैं इसका जूस अपने मूह मे लेना चाहती हू. तुम इसका जूस मेरे मूह मे
निकल दो." वो बहुत ज़्यादा जोश मे आ गया था. उसने मेरे सर को पकड़ कर अपने लंड के पास कर दिया.
मैने उसका लंड अपने मूह मे ले लिया और चूसने लगी. थोड़ी ही देर मे उसके लंड ने अपना जूस मेरे मूह मे
निकलना शुरू कर दिया. उसके लंड का जूस एक दम गरम गरम था. मैने वो सारा जूस निगल लिया. सारा
जूस निगल जाने के बाद मैने उसके लंड को छत छत कर सॉफ कर दिया. फिर मैने उस से कहा "चलो,
अब फ्रेश हो जाओ. 9 बाज रहे हैं."
वो मुझसे आँखे नही मिला पा रहा था. वो चुप छाप उठा और बातरूम चला गया. मैने किचन मे छाए
बनाने चली गयी. मैं अभी तक केवल टवल लपेट रखा था. राजू फ्रेश होने के बाद आकर सोफे पर
बैठ गया. उसने रोज़ की तरह अभी तक केवल टवल ही पहना हुआ था. मैने उसको छाए लाकर दी.
वो अपना सर नीचे किए हुए चुप छाप छाए पीने लगा. मैं भी उसके साथ ही साथ छाए पीने लगी.
छाए ख़तम होने के बाद मैं उसके बगल मे आकर बैठ गयी. मैने अपना हाथ उसके लंड पर रख दिया.
वो कुच्छ नही बोला. फिर मैने उसकी टवल उपर कर दी तो उसका लंड बाहर आ गया. मैने उसके लंड
को सहलाना शुरू कर दिया. 2 मीं मे ही उसका लंड फिर से एक दम टाइट हो गया. वो बोला "भाभी, आप
तो मेरा लंड देखना चाहती थी और इसे देख भी चुकी हैं. प्ल्ज़, अब रहने दो." मैने कहा "मैने आज तक
इंते बड़े लंड से कभी नही करवाया है. मैं आज इसका मज़ा भी लेना चाहती हू. तुम्हारे भैया का तो बहुत
ही छ्होटा है. उनका तो केवल 4 1/2" का ही है. मुझे उस से छुड़वाने मे ज़्यादा मज़ा नही आता."
वो कुच्छ नही बोला.
मैने उसका टवल खीच कर फेक दिया. अब वो मेरे सामने एक दम नंगा हो गया. मैने उसके लंड को फिर
से सहलाना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद उसका दर कुच्छ कम हो गया तो उसने अपना एक हाथ मेरे बूब
पर रख दिया. मैने कहा "ड्यूवर जी, इस तरह नही. मेरा टवल तो खोल दो." उसने धीरे से मेरा टवल खीच
कर अलग कर दिया. अब मैं भी उसके सामने एक दम नंगी हो गयी. उसने मेरे बूब्स को सहलाना शुरू कर
दिया. मैं और ज़्यादा जोश मे आने लगी तो मैने उसका एक हाथ पकड़ कर अपनी छूट पर सता दिया.
उसकी हिम्मत और बढ़ गयी. उसने अपनी उंगली मेरी छूट मे दल दी और अंदर बाहर करने लगा. मैं एक
दम बेकाबू सी होने लगी और उठ कर उसके पैरो पर बैठ गयी. उसने अपना हाथ मेरे पीठ पर फिरना शुरू
कर दिया.
फिर मैने उसके लंड का टोपा अपनी छूट पर रखा और दबाने लगी. मैने जैसे ही तोड़ा सा दबाया तो मेरे मूह
से एक सिसकारी सी निकल पड़ी. वो बोला "क्या हुआ." मैने कहा "तुम्हारा लंड बहुत मोटा है इस लिए दर्द
हो रहा है." मैने अपना होत उसके होत पर रख दिया और उसके होतो को चूमने लगी. मैने उसके लंड को
अपनी छूट से सताए हुए थोड़ी देर तक अपने कमर को हिलना जारी रखा. थोड़ी ही देर मे जब मेरा दर्द
कुच्छ कम हुआ तो मैने तोड़ा सा और ज़ोर लगाया. इस बार मेरे मूह से चीख निकल गयी. अब उसके
लंड का टोपा मेरी छूट मे घुस चुका था. मैं उसी तरह थोड़ी देर तक रुकी रही. जब मेरा दर्द तोड़ा कम
हुआ तो मैने अपनी कमर को आयेज पिच्चे करना शुरू कर दिया. अब उसके लंड का टोपा मेरी छूट
मे अंदर बाहर होने लगा. मेरी छूट ने उसके लंड को तोड़ा सा रास्ता दे दिया था.
अभी 2 मीं भी नही हुए थे की मेरी छूट ने पानी छ्चोड़ दिया. मेरी छूट एक दम गीली हो गयी और
उसका लंड भी एक दम भीग गया. अब किसी आयिल या क्रीम की ज़रूरत नही थी. मैने तोड़ा सा
ज़ोर लगाया तो इस बार मैं बहुत ज़ोर से चीख पड़ी. उसका लंड मेरी छूट मे 2" तक घुस गया. मैं
दर्द के मेरे रुक गयी और चुप छाप बैठी रही. राजू भी जोश से एक दम बेकाबू हो रहा था. उसने
अचानक मेरी कमर को पकड़ कर मुझे अपनी तरफ खीच लिया. मेरे मूह से एक जोरदार चीख
निकल गयी तो उसने अपना होत मेरे होतो पर रख दिया. उसका लंड मेरी छूट मे 3" तक घुस गया था.
मेरी छूट से तोड़ा खून भी आ गया. राजू मेरी कमर को पकड़ कर धीरे धीरे आयेज पिच्चे करने लगा.
उसके होत मेरे होतो पर थे.
2-3 मीं बाद मेरा दर्द कुच्छ कम हो गया. मैं अपना हाथ उसके पीठ पर लपेट कर उसके सीने से एक
दम चिपक गयी और उसका साथ देना शुरू कर दिया. मेरे बदन मे आग सी लग चुकी थी. मेरी साँसे बहुत
तेज होने लगी और मेरी छूट ने फिर से पानी छ्चोड़ना शुरू कर दिया. राजू का लंड और मेरी छूट दोनो और
ज़्यादा गीले हो चुके थे. उसका लंड अब 3" तक आराम से मेरी छूट मे अंदर बाहर होने लगा था. राजू मेरी
कमर को पकड़े हुए मुझे तेज़ी से आयेज पिच्चे कर रहा था. मैने जोश के मेरे अपनी आँखे बंद कर ली थी.
तभी राजू ने मुझे फिर से अपनी तरफ ज़ोर से खीच लिया. मैं फिर से चिल्लाई तो उसने अपने होतो से मेरे
होतो को सील कर दिया. मुझे लग रहा था की किसी ने मेरी छूट मे चाकू घुसेड दिया हो. उसका लंड अब तक
मेरी छूट मे 5" घुस चुका था. राजू भी बहुत जोश मे आ गया था. उसने मुझे तेज़ी से आयेज पिच्चे करना
शुरू कर दिया. मैं भी बहुत ज़्यादा जोश मे आ चुकी थी और उसका साथ दे रही थी.
अभी तक राजू का लंड मेरी छूट मे केवल 5" ही घुस पाया था. 5 मीं भी नही बीते थे की राजू के लंड ने अपने
जूस से मेरी छूट को भरना शुरू कर दिया. उसके साथ ही साथ मेरी छूट ने भी अपना जूस छ्चोड़ना शुरू कर दिया.
लंड का सारा जूस निकल जाने के बाद भी मैं बहुत देर तक उसका लंड अपनी छूट मे डाले हुए बैठी रही. जब
उसका लंड एक दम ढीला हो गया तब मैं उसके उपर से हट गयी. मैने देखा की उसके लंड पर मेरी छूट का जूस
और तोड़ा खून लगा हुआ था. उसका लंड खून और जूस की वजह से एक दम गुलाबी दिख रहा था.
मैने राजू का हाथ पकड़ा और उसे बातरूम ले गयी. मैने उसका लंड और अपनी छूट को साबुन लगा कर सॉफ
किया. उसके बाद हम दोनो नंगे ही बेडरूम मे जाकर बेड पर लेट गये. मैं उस से एक चिपकी हुई थी. वो मेरी
पीठ को सहला रहा था और मैं उसके पीठ को सहला रही थी. मैने कहा "राजू, तुमहरे लंड से छुड़वा कर मुझे
तो भूत मज़ा आया. जब की अभी मैने तुम्हारा पूरा लंड अपनी छूट के अंदर नही लिया है. तुमने आज के
पहले कभी किसी के साथ किया है." वो बोला "नही, मैने आज के पहले किसी के साथ नही किया है. ये मेरा
पहली बार था इसी लिए मेरा जूस बहुत जल्दी निकल गया. मुझे भी आज पहली बार ये मज़ा मिला है."
मैने कहा "मैं भी तुमसे छुड़वा कर खूब मज़ा लूँगी और तुम्हे भी खूब मज़ा दूँगी." इतने मे राजू का लंड फिर
से खड़ा होने लगा था. वो बोला "भाभी, मुझे कहते हुए शरम आ रही है. अगर तुम्हे एतराज़ ना हो तो मैं फिर
से तुमको छोड़ डू." मैने कहा "मैं तो तुम्हारा लंड अब अपनी छूट मे ले चुकी हू. अब कैसी शरम. तुम जब
चाहो मुझे छोड़ सकते हो. मैं तो अब तुम्हारी हू." वो बोला "क्या मैं आपकी छूट को छत सकता हू." मैने
कहा "तुमको इज़ाज़त लेने की क्या ज़रूरत है. तुम जैसा चाहो करो. अभी तो मुझे तुम्हारा पूरा लंड अपनी
छूट के अंदर लेना है."
राजू उठ कर मेरे उपर 69 की पोज़िशन मे लेट गया. उसने मेरी छूट को चाटना शुरू कर दिया. मैं भी जोश
मे थी. मैने उसका लंड अपने मूह मे ले लिया और चूसने लगी. थोड़ी देर बाद उसका लंड एक दम टाइट हो
गया. वो मेरे उपर से हट गया और मेरे पैरो के बीच आ कर बैठ गया. मैने राजू से कहा "मेरी कमर के नीचे
तकिया रख दो. इस से मेरी छूट उपर उठ जाएगी और तुमको छोड़ने मे आसानी हो जाएगी." उसने मेरी
कमर के नीचे 2 तकिये रख दिए. फिर उसने मेरी छूट के लिप्स को पहीलाया और अपने लंड का टोपा बीच
मे टीका दिया. उसके लंड का टोपा अपनी छूट पर महसूस करते ही मेरे सारे बदन मे सुरसुरी सी दौड़ गयी.
फिर उसने मेरे पैरो को पंजे के पास से पकड़ कर डोर डोर फैला दिया. मैने राजू से कहा "राजू, तुम मेरे पैरो
को मेरे कंधे के पास सता दो. उस ने मेरे पैरो को मेरे कंधे के पास सता दिया तो मेरी छूट और उपर उठ गयी.
वो बोला "भाभी, तुमहरि छूट तो एक दम उपर उठ गयी." मैने कहा "इस से तुमको अपना लंड मेरी छूट के
अंदर घुसने मे आसानी हो जाएगी और दूसरे जब तुम अपना पूरा लंड मेरी छूट मे घुसने लगॉगे तो मुझे
बहुत ज़्यादा दर्द होगा तब मैं उस दर्द की वजह से अपनी छूट को इधर उधर नही कर पौँगी और तुम
आसानी से अपना पूरा लंड मेरी छूट के अंदर दल कर मुझे छोड़ सकोगे. राजू मैं तुमसे एक बात और
कहना चाहती हू." राजू बे कहा "वो क्या." मैने कहा "जब तुम अपना पूरा लंड मेरी छूट मे घुसने की
कोशिश करोगे तो मुझे बहुत दर्द होगा. मैं बहुत चिल्लौंगी और ताड़पुँगी लेकिन तुम इसकी परवाह
मत करना, अपना पूरा लंड मेरी छूट मे दल देना और खूब ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाना, रुकना मत."
राजू बोला "ठीक है, भाभी." फिर मैने उसके सिर को पकड़ कर अपनी तरफ खीचा और उसके होतो पर
अपने होत रख दिए और कहा "चलो, अब शुरू हो जाओ."
उसका लंड 5" तक तो मैं एक बार पहले ही अंदर ले चुकी थी लेकिन मेरी छूट अभी तक टाइट थी. उसने
मेरे पैरो को मेरे कंधे पर दबाते हुए जैसे ही एक धक्का मारा तो उसका लंड मेरी छूट के अंदर 5" तक
आसानी से चला गया. मुझे बहुत हल्का सा दर्द हुआ. मैने उसके सिर को पकड़ लिया और उसके होतो
को चूमने लगी. उसने धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू कर दिया. मुझे जोश आने लगा और थोड़ी देर मे ही
मेरी छूट से पानी निकल गया.
अब मेरी छूट एक दम गीली हो गयी और राजू का लंड भी भीग गया. अब किसी आयिल या क्रीम की
ज़रूरत नही थी. मैने राजू से कहा "अब पुर ताक़त के साथ अपना लंड मेरी छूट मे घुसना शुरू कर दो,
अब रुकना मत. पूरा लंड मेरी छूट मे घुसा देना और उसके बाद बिना रुके ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाना."
वो बोला "ठीक है, भाभी." राजू ने मेरी टॅंगो को ज़ोर से दबाते हुए एक जोरदार धक्का मारा तो मेरी चीख
निकल गयी "आआहह......... उईए....... माआ......" उसका लंड मेरी छूट मे और ज़्यादा गहराई तक घुस
गया. मैने पुचछा "क्या हुआ. कितना घुसा है." वो बोला "अभी तो केवल 6" ही घुस पाया है." मैने कहा "
राजू, मुझे बहुत दर्द हो रहा है. मैं बर्दस्त नही कर पा रही हू. तुम जल्दी से अपना पूरा लंड मेरी छूट
मे दल दो. मैं तुम्हारा ये लंबा और मोटा लंड जल्दी से अपनी छूट के अंदर लेना चाहती हू." राजू ने फिर
एक धक्का लगाया तो मैं दर्द के मारे तड़पने लगी और मेरे मूह से एक जोरदार चीख निकली. उसका
लंड मेरी छूट को फड़ता हुआ और ज़्यादा घुस चुका था और मेरे बच्चेड़नी के मूह को चूम रहा था.
मैने चिल्लाते हुए ही राजू से कहा "जल्दी करो, रूको मत. दल दो अपना पूरा लंड मेरी छूट मे." उसने
फिर से एक जोरदार धक्का मारा. मुझे इस बार दर्द बर्दस्त नही हुआ. मेरे मूह से फिर एक जोरदार
चीख निकली. मैं किसी मच्चली की तरह तड़पने लगी और अपने सर के बॉल नोचने लगी. मेरी चेहरे
पर पसीना आ गया और आँखो मे आँसू भर गये. राजू का लंड मेरी छूट मे और ज़्यादा गहराई तक घुस
चुका था. उसका लंड मेरी बच्चेड़नी को पिच्चे धकेल रहा था. मैने समझा की अब उसका पूरा लंड मेरी
छूट मे घुस चुका है.
मैने राजू से पुचछा "क्या हुआ, पूरा घुस गया." वो बोला "अभी नही, तोड़ा सा बाकी है." मैने कहा "
बाकी का लंड भी मेरी छूट मे जल्दी से दल दो." उसने पुर ताक़त के साथ एक फाइनल धक्का मारा.
मैं दर्द से तड़पने लगी और सर के बॉल नोचने शुरू कर दिए. मेरे आँखो से आँसू निकल रहे थे. वो मेरे
चेहरे को देख रहा था और बोला "भाभी, अब मेरा लंड तुम्हारी छूट मे पूरा घुस चुका है." मैं भी उसके
दोनो बॉल्स को अपनी छूट पर महसूस कर रही थी. मैने कहा "राजू, रूको मत. अब ज़ोर ज़ोर से धक्के
लगाओ. अभी मेरी छूट चौड़ी नही हुई है. जब तुम ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा कर मुझे छोड़ोगे तब मेरी छूट
चूड़ी हो कर तुम्हारे लंड के साइज़ की हो जाएगी और मेरा दर्द ख़तम हो जाएगा. फिर मैं भी मज़ा ले सकूँगी."
उसने ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए. 20-25 धक्को के बाद मेरा दर्द धीरे धीरे कम होने लगा और
मेरी छूट ने इस बार ढेर सारा पानी छ्चोड़ दिया.
अब मेरी छूट और ज़्यादा गीली हो चुकी थी. छूट गीला हो जाने की वजह से राजू का लंड ज़्यादा आराम
अंदर बाहर होने लगा. जब राजू ने 20-25 धक्के और लगा दिए तो मेरी छूट कुच्छ चौड़ी हो गयी और
मेरा दर्द एक दम ख़तम हो गया. फिर मुझे भी मज़ा आने लगा. मैने चूतड़ उठा उठा कर राजू का साथ
देना शुरू कर दिया. मैने राजू से कहा "अब तुम मेरे पैरो को छ्चोड़ दो और मेरे बूब्स को मसालते हुए
मेरी चुदाई करो." उसने मेरा कहा मान लिया और मेरे पैरो को छ्चोड़ दिया. फिर उसने मेरे दोनो बूब्स
को अपने हाथो से मसालते हुए मेरी चुदाई शुरू कर दी. वो ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था. मैं भी चूतड़
उठा उठा कर उसका साथ दे रही थी. मैने उसका सिर पकड़ कर अपनी तरफ खीच लिया और अपने होतो
को उसके होतो पर रख दिया.
राजू जब धक्का लगता तो मैं अपना चूतड़ उपर उठा देती थी जिस से उसका लंड मेरी छूट मे और ज़्यादा
गहराई तक घुस जाता था. मेरे छूट के पानी से उसका लंड एक दम गीला हो गया था. इस वजह से रूम मे
फ़च फ़च की आवाज़ हो रही थी। वो मुझे बहुत तेज़ी के साथ छोड़ रहा था. 10 मीं बाद उसने मेरी कमर को
बहुत ज़ोर से जाकड़ लिया और बोला "भाभी, मेरा जूस निकालने वाला है." मैने कहा "तुम अपने लंड का
जूस मेरी छूट मे ही निकल दो." तभी राजू की स्पीड और तेज हो गयी और 2 मीं मे ही उसके लंड ने मेरी
छूट को भरना शुरू कर दिया. उसके साथ ही साथ मेरी छूट से भी पानी निकालने लगा. राजू मुझसे एक दम
चिपक गया था. उसकी साँसे बहुत तेज़ चल रही थी.
थोड़ी देर बाद उसने अपना लंड मेरी छूट से बाहर निकाला और मेरी छूट को देखने लगा. वो बोला "भाभी,
तुम्हारी छूट तो एक दम सुरंग की तरह हो गयी है. मैं एक बात कहना चाहता हू, तुम बुरा तो नही मनोगी."
मैने कहा "मैं क्यों बुरा मानूँगी. अब तो तुम मेरे ड्यूवर से मेरे प्राइवेट पति हो गये हो." वो बोला "जिस
तरह तुम मुझे ग्लास मे मिल्क पीने के लिए देती हो, मैं तुम्हारी छूट मे मिल्क भर कर पीना चाहता हू
क्यों की तुम्हारी छूट भी इस समय एक ग्लास की तरह दिख रही है." मैने कहा "ठीक है, जा कर मिल्क
ले आ और इसमे भर कर पी ले." उसने कहा "तुम अपना पैर इसी तरह उठा कर रखो जिस से ये सुरंग बंद
ना हो जाए." मैने भी अपना पैर उसी तरह उठा कर रखा. राजू किचन से मिल्क ले कर आया. उसने मेरी
छूट मे मिल्क भरना शुरू कर दिया. पूरा 1 ग्लास मिल्क मेरी छूट मे समा गया. राजू बोला "भाभी, तुम
जानती हो, इस मिल्क मे काई तरह का टॉनिक मिला हुआ है." मैने पुचछा "कौन सा टॉनिक." वो बोला "
इसमे मिल्क का टॉनिक तो है ही. लेकिन इस मिल्क मे तुम्हारी छूट और मेरे लंड का भी टॉनिक मिला
हुआ है." मैं हासणे लगी. राजू ने मेरी छूट पर मूह लगा कर उस मिल्क को पीना शुरू कर दिया. जब उसने
सारा मिल्क पी लिया तो मैने कहा "मुझे उस टॉनिक वाला मिल्क नही पिलाओगे." वो बोला "क्यों नही."
उसने फिर से मेरी छूट मे मिल्क भर दिया और उसके बाद वापस उसे ग्लास मे गिरा लिया. फिर मुझे देते
हुए बोला "लो, तुम भी ये मिल्क पी लो." मैने भी वो मिल्क पी लिया. मैने कहा "तुमने मेरी छूट इतनी
चौड़ी कर दी की इस मे 1 ग्लास मिल्क आने लगा." इस पर वो हासणे लगा और बोला "पहल तो आपने
ही की थी."
मैं बातरूम जाना चाहती थी लेकिन खड़ी नही हो पा रही थी. राजू मुझे गोद मेउठा कर बातरूम ले गया.
बातरूम के मिरर मे मेने अपनी छूट को देखा तो मेरी छूट एक दम सुरंग की तरह दिख रही थी. मैं अपनी
छूट की इस हालत पर हासणे लगी. उसके बाद हम दोनो बातरूम से वापस आ गये. बातरूम से वापस
आने के बाद मैं कहा "मैं खाना बनाने जाती हू, तब तक आराम कर लो." वो बोला "ठीक है." मैं कपड़े
पहन ने लगी तो राजू बोला "अब कहे की शरम. तुम इसी तरह एक दम नंगी ही खाना बना लो." मैं
ठीक से चल नही पा रही थी. धीरे धीरे मैं नंगी ही किचन मे खाना बनाने चली गयी. राजू ने कपड़े नही
पहने थे. वो उसी तरह बैठ कर टV देखने लगा.
जब मैं खाना बना कर बाहर आई तो मैने राजू से पुचछा "क्या तुम फिर से तय्यार हो." वो बोला "मैं
तो कब से तय्यार हू और आपका इंतेज़ार कर रहा हू।" मैने उसका लंड मूह मे ले लिया और चूसने लगी.
उसका लंड 2 मीं मे ही एक दम टाइट हो कर लोहे जैसा हो गया. मैं उस से लेट जाने को कहा. वो लेट गया
और मैं उसके उपर चढ़ गयी. मैने उसके लंड का टोपा अपनी छूट के बीच रखा और तोड़ा सा दबाया तो
उसका लंड मेरी छूट मे लगभग 2" तक घुस गया. मुझे तोड़ा दर्द हुआ और मेरे मूह से एक हल्की सी
चीख नियकाल पड़ी. राजू बोला "क्या हुआ, भाभी. आप तो पूरा लंड अंदर ले चुकी हैं तो फिर क्यों चीख
रही हैं।" मैने कहा "तू नही समझेगा. एक बार छुड़वाने से छूट थोड़े ही चौड़ी हो जाती है. जब मैं तुझसे 8-10
बार छुड़वा लूँगी तब जा कर तेरा लंड मेरी छूट मे बिना दर्द के जाएगा." मैने तोड़ा और दबाया तो उसका
लंड मेरी छूट मे 4" तक घुस गया. मेरी छूट मे फिर से दर्द होने लगा और मैं कराह उठी. मैने बिना और
ज़ोर लगाए धीरे धीरे धक्का लगाना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर मे मेरा दर्द कुच्छ कम हुआ तो मैने तोड़ा और ज़ोर लगाया. इस बार उसका लंड मेरी छूट मे 6"
तक घुस गया और मैं दर्द के मारे तड़पने लगी. मेरे चेहरे पर पसीना आ गया. मैने फिर से धीरे धक्के
लगाने शुरू कर दिए. कुच्छ देर बाद मेरा दर्द जब कम हुआ तो मैने इस बार एक गहरी सास लेकर अपने
बदन का वजन डालते हुए उसके लंड पर बैठ गयी. इस बार मैं दर्द से तड़प उठी. मेरी आँखो मे आँसू आ
गये. मेरा चेहरा पसीने से भीग गया. उसका पूरा लंड मेरी छूट मे समा चुका था. मैं थोड़ी देर तक उसका
पूरा लंड अपनी छूट मे डाले हुए उसके लंड पर बैठी रही. 2-3 मीं बाद मैने धीरे धीरे धक्का मारना शुरू
किया. दर्द अभी भी हो रहा था लेकिन मज़ा भी आने लगा था. मैने अपनी स्पीड तोड़ा तेज की तो मेरा
दर्द बढ़ गया लेकिन जो मज़ा मुझे मिल रहा था उसके आयेज ये दर्द कुच्छ भी नही था. 25-30 धक्को
के बाद मेरा दर्द जाता रहा और मुझे खूब मज़ा आने लगा. मैने अपनी स्पीड तेज कर दी. मैं उसके लंड पर
हवा मे उच्छल रही थी. मैं जब नीचे आती तो पूरे बदन के वजन के साथ उसके लंड पर बैठ जाती थी. राजू
को भी खूब मज़ा आ रहा था. जब मैं नीचे आती तब वो भी अपने चूतड़ को उठा देता था. 5 मीं बाद ही मेरी
छूट ने पानी छ्चोड़ दिया. पूरा पानी निकल जाने के बाद मैं उसके उपर से हट गयी.
मैं बुरी तरह से हाफ़ रही थी. मेरा चेहरा पसीने से लत पाठ था. मैने राजू से कहा "अब मैं डॉगी स्टाइल मे
हो जाती हू. तुम मेरे पिच्चे से आकर मेरी चुदाई करो." मैं ज़मीन पर डॉगी स्टाइल मे हो गयी. राजू मेरे
पिच्चे आ गया. उसने मेरी छूट के लिप्स को फैला कर अपने लंड का टोपा बीच मे रख दिया तो मैं बोली "
एक झटके से पूरा लंड दल दो मेरी छूट के अंदर." उसने मेरी कमर को ज़ोर से पकड़ा और पूरी ताक़त के
साथ एक झटका मारा और उसका 9" का लंड सनसंता हुआ मेरी छूट की गहरैइिओं मे समा गया. डॉगी
स्टाइल मे होने की वजह से मेरी छूट एक दम दबी हुई थी इस लिए मुझे उसका मोटा और लंबा लंड
अपनी छूट के अंदर लेने मे फिर से तकलीफ़ हुई. मेरे मूह से एक जोरद्र चीख निकल पड़ी. मैने राजू से
कहा "रूको मत, ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाओ. खूब ज़ोर ज़ोर से छोड़ो मुझे." ऱाजु ने मेरी कमर को पकड़
कर ज़ोर ज़ोर से धक्के मरने शुरू कर दिए. वो मुझे आँधी की तरह छोड़ने लगा. उसका हर धक्का मुझ
पर भारी पद रहा था. उसका लंड मेरे बच्चेड़नी को ज़ोर ज़ोर से ठोकर मार रहा था जैसे कोई उसकी
पिटाई कर रहा हो.
3-4 मीं मे ही मेरी छूट रोने लगी और उसके आँसू निकल पड़े. राजू का लंड एक दम भीग गया और
मेरी छूट मे आराम से अंदर बाहर होने लगा. राजू ने अपनी स्पीड और तेज कर दी. मैं हिचकोले खा
रही थी. मेरी छूट से फ़च फ़च की आवाज़ निकल रही थी. 10 मीं भी नही बीते थे की मेरी छूट ने फिर
से पानी छ्चोड़ दिया.
राजू ने मेरी कमर को छ्चोड़ कर मेरे बूब्स को पकड़ लिया. फिर उसने मेरे बूब्स को मसालते हुए ज़ोर
ज़ोर से धक्के लगा कर मुझे छोड़ने लगा. उसका हर धक्का इतना तेज था की मैं हर धक्के के साथ आयेज
सरक जाती थी. वो मुझे इसी तरह छोड़ता रहा और मैं आयेज सरक्ति रही. थोड़ी देर बाद मेरा सिर ड्रॉयिंग
रूम की दीवार से सात गया तो राजू बोल "भाभी, अब कहाँ भाग कर जाओगी." और उसने मुझे एक दम
आँधी की तरह छोड़ना शुरू कर दिया. अब मैं आयेज नही सरक पा रही थी इस लिए उसका हर धक्का
बहुत ज़ोर ज़ोर का लग रहा था.
15-20 मीं बाद मेरी छूट ने फिर से पानी छ्चोड़ दिया और इस बार मेरे साथ ही साथ राजू के लंड ने भी
पानी छ्चोड़ दिया और मेरी छूट भर गयी. पूरा पानी मेरी छूट मे निकल देने के बाद राजू ने अपना लंड
बाहर निकाला और जीभ से मेरी छूट को चाटने लगा. उसने मेरी छूट को छत छत कर सॉफ कर दिया
और उसके बाद उसने अपना लंड मेरे मूह के पास कर दिया. मैने भी उसका लंड छत छत कर एक दम
सॉफ कर दिया. उसके बाद हम दोनो एक दूसरे से लिपट कर वही ज़मीन पर लेट गये.
इसी तरह 3 दीनो तक राजू मुझे तरह तरह के स्टाइल मे छोड़ता रहा. मुझे उस से छुड़वाने मे बहुत मज़ा
आया. अब मेरी छूट एक दम चौड़ी हो चुकी. राजू अब चाहे जिस स्टाइल मे मेरी छूट मे अपना लंड घुसता
मुझे तोड़ा भी दर्द नही होता था और उसका लंड मेरी छूट मे एक दम गहराई तक आराम से घुस जाता था.
जो आप को भी मस्त करने का दम रखती है तो अब आप कहानी का मज़ा लीजिये
मेरा नाम सोनिया, रंग गोरा और बॉडी एक दम स्लिम। मैं देल्ही की रहने वाली हू. 1 साल
पहले जब मैं 19 साल की थी तभी मेरी शादी मोहन के साथ हो गयी थी. उस समय मोहन की
उमर 21 साल की थी. उनका रंग गोरा है और वो एक दम दुबले पतले हैं. वो एक मल्टी नॅशनल
कंपनी मे कम करते हैं. मेरे ससुराल मे मेरे पति के अल्वा मेरा एक ड्यूवर है. उसका नाम राजू है
और उसकी उमर उस समय 20 साल की थी. अब वो 21 साल का है और बहुत ही हॅंडसम है. मेरे
पति के पेरेंट्स शादी के 2 साल पहले ही एक्सपाइर हो चुके थे. मोहन और राजू एक दम फ्रेंड की
तरह रहते हैं और एक दूसरे से कुच्छ च्छूपाते नही. राजू मुझसे एक दम खुला मज़ाक करता है.
मोहन भी हम दोनो के मज़ाक का खूब मज़ा लेते हैं और बीच बीच मे कॉमेंट भी करते रहते हैं.
ये 1 मंत पहले की बात है. मेरे पति को कंपनी के कम से 4 दीनो के लिए ऊशा जाना था. मेरे पति की
फ्लाइट रात के 10 बजे थी. उन्होने जाते समय राजू से कहा "सोनिया का हर तरह से ख्याल रखना."
राजू बोला "ठीक है, भैया. मैं पूरा ख़याल रखूँगा." मैने मोहन के जाने के दूसरे दिन सुबह जब मैं बातरूम
से नहा कर बाहर आई तो मैने देखा की राजू तो अभी तक सो रहा है. मैने अभी कपड़े भी नही पहने थे,
केवल एक टवल अपने बदन पर लपेट रखा था. मैं उसके रूम मे गयी. वो एक दम बेख़बर सो रहा था.
जब मेरी निगाह उसके उपर पड़ी तो मैं शरम से लाल हो गयी. मैने देखा राजू का लंड उसकी चड्धि से
बाहर निकला हुआ था. उसका लंड खड़ा था. मैने आज तक ऐसा लंड कभी नही देखा था. उसका लंड
लगभग 9" लंबा और बहुत मोटा था. मेरे पति का लंड तो केवल 4 1/2" लंबा था. मैं सोचने लगी
की 2 भाइयो के लंड मे कितना फराक है. मोहन का लंड छ्होटा और राजू का बहुत मोटा और लंबा.
undefinedमैं बहुत ही सेक्सी हून इस लिए इतना मोटा और लंबा लंड देखकर मुझे जोश आने लगा.
मैं बहुत देर तक राजू के लंड को देखती रही और सोचने लगी की काश मुझे इस लंड से छुड़वाने का
मौका मिल जाता. मैने मान ही मान सोचने लगी की राजू तो मेरा ड्यूवर है और इस से छुड़वाने मे
कोई रिस्क नही है. राजू भी मुझसे बहुत हसी मज़ाक करता था और बतो बतो मे मेरे बदन पर हाथ
भी लगा देता था. मैं भी उसे ड्यूवर होने की वजह से बहुत प्यार करती थी. हम दोनो दोस्त की तरह
रहते थे. मैं धीरे से जाकर बेड पर राजू के बगल मे बैठ गयी और अपने हाथो से उसके लंड को पकड़ लिया.
थोड़ी देर मे उसकी नीड खुल गयी.
उसने जब मुझे अपना लंड पकड़े हुए देखा तो बोला "भाभी आप, आप... ये क्या कर रही हो."
मैने कहा "राजू, तुम्हारा तो बहुत बड़ा है. मैने इतना लंबा और मोटा लंड कभी नही देखा है. इस लिए
मैं इसे देख रही हू." उसने शरम से अपनी आँखे बंद कर ली. मेरे हाथ लगाने से उसका लंड और ज़्यादा
टाइट हो गया. थोड़ी देर बाद उसने आँखे खोली और बोला "भाभी, अब रहने दो. अपना हाथ हटा लो." मैने
कहा "तोड़ा रुक जाओ, मुझे ठीक से देख लेने दो." वो कुच्छ नही बोला. मैं अपने हाथो से उसका लंड सहलाने
लगी. थोड़ी ही देर मे राजू का बदन अकड़ने लगा और वो बोला "भाभी, अब इसे छ्चोड़ दो नही तो इसका
पानी निकल जाएगा." मैने कहा "मैं इसका जूस अपने मूह मे लेना चाहती हू. तुम इसका जूस मेरे मूह मे
निकल दो." वो बहुत ज़्यादा जोश मे आ गया था. उसने मेरे सर को पकड़ कर अपने लंड के पास कर दिया.
मैने उसका लंड अपने मूह मे ले लिया और चूसने लगी. थोड़ी ही देर मे उसके लंड ने अपना जूस मेरे मूह मे
निकलना शुरू कर दिया. उसके लंड का जूस एक दम गरम गरम था. मैने वो सारा जूस निगल लिया. सारा
जूस निगल जाने के बाद मैने उसके लंड को छत छत कर सॉफ कर दिया. फिर मैने उस से कहा "चलो,
अब फ्रेश हो जाओ. 9 बाज रहे हैं."
वो मुझसे आँखे नही मिला पा रहा था. वो चुप छाप उठा और बातरूम चला गया. मैने किचन मे छाए
बनाने चली गयी. मैं अभी तक केवल टवल लपेट रखा था. राजू फ्रेश होने के बाद आकर सोफे पर
बैठ गया. उसने रोज़ की तरह अभी तक केवल टवल ही पहना हुआ था. मैने उसको छाए लाकर दी.
वो अपना सर नीचे किए हुए चुप छाप छाए पीने लगा. मैं भी उसके साथ ही साथ छाए पीने लगी.
छाए ख़तम होने के बाद मैं उसके बगल मे आकर बैठ गयी. मैने अपना हाथ उसके लंड पर रख दिया.
वो कुच्छ नही बोला. फिर मैने उसकी टवल उपर कर दी तो उसका लंड बाहर आ गया. मैने उसके लंड
को सहलाना शुरू कर दिया. 2 मीं मे ही उसका लंड फिर से एक दम टाइट हो गया. वो बोला "भाभी, आप
तो मेरा लंड देखना चाहती थी और इसे देख भी चुकी हैं. प्ल्ज़, अब रहने दो." मैने कहा "मैने आज तक
इंते बड़े लंड से कभी नही करवाया है. मैं आज इसका मज़ा भी लेना चाहती हू. तुम्हारे भैया का तो बहुत
ही छ्होटा है. उनका तो केवल 4 1/2" का ही है. मुझे उस से छुड़वाने मे ज़्यादा मज़ा नही आता."
वो कुच्छ नही बोला.
मैने उसका टवल खीच कर फेक दिया. अब वो मेरे सामने एक दम नंगा हो गया. मैने उसके लंड को फिर
से सहलाना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद उसका दर कुच्छ कम हो गया तो उसने अपना एक हाथ मेरे बूब
पर रख दिया. मैने कहा "ड्यूवर जी, इस तरह नही. मेरा टवल तो खोल दो." उसने धीरे से मेरा टवल खीच
कर अलग कर दिया. अब मैं भी उसके सामने एक दम नंगी हो गयी. उसने मेरे बूब्स को सहलाना शुरू कर
दिया. मैं और ज़्यादा जोश मे आने लगी तो मैने उसका एक हाथ पकड़ कर अपनी छूट पर सता दिया.
उसकी हिम्मत और बढ़ गयी. उसने अपनी उंगली मेरी छूट मे दल दी और अंदर बाहर करने लगा. मैं एक
दम बेकाबू सी होने लगी और उठ कर उसके पैरो पर बैठ गयी. उसने अपना हाथ मेरे पीठ पर फिरना शुरू
कर दिया.
फिर मैने उसके लंड का टोपा अपनी छूट पर रखा और दबाने लगी. मैने जैसे ही तोड़ा सा दबाया तो मेरे मूह
से एक सिसकारी सी निकल पड़ी. वो बोला "क्या हुआ." मैने कहा "तुम्हारा लंड बहुत मोटा है इस लिए दर्द
हो रहा है." मैने अपना होत उसके होत पर रख दिया और उसके होतो को चूमने लगी. मैने उसके लंड को
अपनी छूट से सताए हुए थोड़ी देर तक अपने कमर को हिलना जारी रखा. थोड़ी ही देर मे जब मेरा दर्द
कुच्छ कम हुआ तो मैने तोड़ा सा और ज़ोर लगाया. इस बार मेरे मूह से चीख निकल गयी. अब उसके
लंड का टोपा मेरी छूट मे घुस चुका था. मैं उसी तरह थोड़ी देर तक रुकी रही. जब मेरा दर्द तोड़ा कम
हुआ तो मैने अपनी कमर को आयेज पिच्चे करना शुरू कर दिया. अब उसके लंड का टोपा मेरी छूट
मे अंदर बाहर होने लगा. मेरी छूट ने उसके लंड को तोड़ा सा रास्ता दे दिया था.
अभी 2 मीं भी नही हुए थे की मेरी छूट ने पानी छ्चोड़ दिया. मेरी छूट एक दम गीली हो गयी और
उसका लंड भी एक दम भीग गया. अब किसी आयिल या क्रीम की ज़रूरत नही थी. मैने तोड़ा सा
ज़ोर लगाया तो इस बार मैं बहुत ज़ोर से चीख पड़ी. उसका लंड मेरी छूट मे 2" तक घुस गया. मैं
दर्द के मेरे रुक गयी और चुप छाप बैठी रही. राजू भी जोश से एक दम बेकाबू हो रहा था. उसने
अचानक मेरी कमर को पकड़ कर मुझे अपनी तरफ खीच लिया. मेरे मूह से एक जोरदार चीख
निकल गयी तो उसने अपना होत मेरे होतो पर रख दिया. उसका लंड मेरी छूट मे 3" तक घुस गया था.
मेरी छूट से तोड़ा खून भी आ गया. राजू मेरी कमर को पकड़ कर धीरे धीरे आयेज पिच्चे करने लगा.
उसके होत मेरे होतो पर थे.
2-3 मीं बाद मेरा दर्द कुच्छ कम हो गया. मैं अपना हाथ उसके पीठ पर लपेट कर उसके सीने से एक
दम चिपक गयी और उसका साथ देना शुरू कर दिया. मेरे बदन मे आग सी लग चुकी थी. मेरी साँसे बहुत
तेज होने लगी और मेरी छूट ने फिर से पानी छ्चोड़ना शुरू कर दिया. राजू का लंड और मेरी छूट दोनो और
ज़्यादा गीले हो चुके थे. उसका लंड अब 3" तक आराम से मेरी छूट मे अंदर बाहर होने लगा था. राजू मेरी
कमर को पकड़े हुए मुझे तेज़ी से आयेज पिच्चे कर रहा था. मैने जोश के मेरे अपनी आँखे बंद कर ली थी.
तभी राजू ने मुझे फिर से अपनी तरफ ज़ोर से खीच लिया. मैं फिर से चिल्लाई तो उसने अपने होतो से मेरे
होतो को सील कर दिया. मुझे लग रहा था की किसी ने मेरी छूट मे चाकू घुसेड दिया हो. उसका लंड अब तक
मेरी छूट मे 5" घुस चुका था. राजू भी बहुत जोश मे आ गया था. उसने मुझे तेज़ी से आयेज पिच्चे करना
शुरू कर दिया. मैं भी बहुत ज़्यादा जोश मे आ चुकी थी और उसका साथ दे रही थी.
अभी तक राजू का लंड मेरी छूट मे केवल 5" ही घुस पाया था. 5 मीं भी नही बीते थे की राजू के लंड ने अपने
जूस से मेरी छूट को भरना शुरू कर दिया. उसके साथ ही साथ मेरी छूट ने भी अपना जूस छ्चोड़ना शुरू कर दिया.
लंड का सारा जूस निकल जाने के बाद भी मैं बहुत देर तक उसका लंड अपनी छूट मे डाले हुए बैठी रही. जब
उसका लंड एक दम ढीला हो गया तब मैं उसके उपर से हट गयी. मैने देखा की उसके लंड पर मेरी छूट का जूस
और तोड़ा खून लगा हुआ था. उसका लंड खून और जूस की वजह से एक दम गुलाबी दिख रहा था.
मैने राजू का हाथ पकड़ा और उसे बातरूम ले गयी. मैने उसका लंड और अपनी छूट को साबुन लगा कर सॉफ
किया. उसके बाद हम दोनो नंगे ही बेडरूम मे जाकर बेड पर लेट गये. मैं उस से एक चिपकी हुई थी. वो मेरी
पीठ को सहला रहा था और मैं उसके पीठ को सहला रही थी. मैने कहा "राजू, तुमहरे लंड से छुड़वा कर मुझे
तो भूत मज़ा आया. जब की अभी मैने तुम्हारा पूरा लंड अपनी छूट के अंदर नही लिया है. तुमने आज के
पहले कभी किसी के साथ किया है." वो बोला "नही, मैने आज के पहले किसी के साथ नही किया है. ये मेरा
पहली बार था इसी लिए मेरा जूस बहुत जल्दी निकल गया. मुझे भी आज पहली बार ये मज़ा मिला है."
मैने कहा "मैं भी तुमसे छुड़वा कर खूब मज़ा लूँगी और तुम्हे भी खूब मज़ा दूँगी." इतने मे राजू का लंड फिर
से खड़ा होने लगा था. वो बोला "भाभी, मुझे कहते हुए शरम आ रही है. अगर तुम्हे एतराज़ ना हो तो मैं फिर
से तुमको छोड़ डू." मैने कहा "मैं तो तुम्हारा लंड अब अपनी छूट मे ले चुकी हू. अब कैसी शरम. तुम जब
चाहो मुझे छोड़ सकते हो. मैं तो अब तुम्हारी हू." वो बोला "क्या मैं आपकी छूट को छत सकता हू." मैने
कहा "तुमको इज़ाज़त लेने की क्या ज़रूरत है. तुम जैसा चाहो करो. अभी तो मुझे तुम्हारा पूरा लंड अपनी
छूट के अंदर लेना है."
राजू उठ कर मेरे उपर 69 की पोज़िशन मे लेट गया. उसने मेरी छूट को चाटना शुरू कर दिया. मैं भी जोश
मे थी. मैने उसका लंड अपने मूह मे ले लिया और चूसने लगी. थोड़ी देर बाद उसका लंड एक दम टाइट हो
गया. वो मेरे उपर से हट गया और मेरे पैरो के बीच आ कर बैठ गया. मैने राजू से कहा "मेरी कमर के नीचे
तकिया रख दो. इस से मेरी छूट उपर उठ जाएगी और तुमको छोड़ने मे आसानी हो जाएगी." उसने मेरी
कमर के नीचे 2 तकिये रख दिए. फिर उसने मेरी छूट के लिप्स को पहीलाया और अपने लंड का टोपा बीच
मे टीका दिया. उसके लंड का टोपा अपनी छूट पर महसूस करते ही मेरे सारे बदन मे सुरसुरी सी दौड़ गयी.
फिर उसने मेरे पैरो को पंजे के पास से पकड़ कर डोर डोर फैला दिया. मैने राजू से कहा "राजू, तुम मेरे पैरो
को मेरे कंधे के पास सता दो. उस ने मेरे पैरो को मेरे कंधे के पास सता दिया तो मेरी छूट और उपर उठ गयी.
वो बोला "भाभी, तुमहरि छूट तो एक दम उपर उठ गयी." मैने कहा "इस से तुमको अपना लंड मेरी छूट के
अंदर घुसने मे आसानी हो जाएगी और दूसरे जब तुम अपना पूरा लंड मेरी छूट मे घुसने लगॉगे तो मुझे
बहुत ज़्यादा दर्द होगा तब मैं उस दर्द की वजह से अपनी छूट को इधर उधर नही कर पौँगी और तुम
आसानी से अपना पूरा लंड मेरी छूट के अंदर दल कर मुझे छोड़ सकोगे. राजू मैं तुमसे एक बात और
कहना चाहती हू." राजू बे कहा "वो क्या." मैने कहा "जब तुम अपना पूरा लंड मेरी छूट मे घुसने की
कोशिश करोगे तो मुझे बहुत दर्द होगा. मैं बहुत चिल्लौंगी और ताड़पुँगी लेकिन तुम इसकी परवाह
मत करना, अपना पूरा लंड मेरी छूट मे दल देना और खूब ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाना, रुकना मत."
राजू बोला "ठीक है, भाभी." फिर मैने उसके सिर को पकड़ कर अपनी तरफ खीचा और उसके होतो पर
अपने होत रख दिए और कहा "चलो, अब शुरू हो जाओ."
उसका लंड 5" तक तो मैं एक बार पहले ही अंदर ले चुकी थी लेकिन मेरी छूट अभी तक टाइट थी. उसने
मेरे पैरो को मेरे कंधे पर दबाते हुए जैसे ही एक धक्का मारा तो उसका लंड मेरी छूट के अंदर 5" तक
आसानी से चला गया. मुझे बहुत हल्का सा दर्द हुआ. मैने उसके सिर को पकड़ लिया और उसके होतो
को चूमने लगी. उसने धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू कर दिया. मुझे जोश आने लगा और थोड़ी देर मे ही
मेरी छूट से पानी निकल गया.
अब मेरी छूट एक दम गीली हो गयी और राजू का लंड भी भीग गया. अब किसी आयिल या क्रीम की
ज़रूरत नही थी. मैने राजू से कहा "अब पुर ताक़त के साथ अपना लंड मेरी छूट मे घुसना शुरू कर दो,
अब रुकना मत. पूरा लंड मेरी छूट मे घुसा देना और उसके बाद बिना रुके ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाना."
वो बोला "ठीक है, भाभी." राजू ने मेरी टॅंगो को ज़ोर से दबाते हुए एक जोरदार धक्का मारा तो मेरी चीख
निकल गयी "आआहह......... उईए....... माआ......" उसका लंड मेरी छूट मे और ज़्यादा गहराई तक घुस
गया. मैने पुचछा "क्या हुआ. कितना घुसा है." वो बोला "अभी तो केवल 6" ही घुस पाया है." मैने कहा "
राजू, मुझे बहुत दर्द हो रहा है. मैं बर्दस्त नही कर पा रही हू. तुम जल्दी से अपना पूरा लंड मेरी छूट
मे दल दो. मैं तुम्हारा ये लंबा और मोटा लंड जल्दी से अपनी छूट के अंदर लेना चाहती हू." राजू ने फिर
एक धक्का लगाया तो मैं दर्द के मारे तड़पने लगी और मेरे मूह से एक जोरदार चीख निकली. उसका
लंड मेरी छूट को फड़ता हुआ और ज़्यादा घुस चुका था और मेरे बच्चेड़नी के मूह को चूम रहा था.
मैने चिल्लाते हुए ही राजू से कहा "जल्दी करो, रूको मत. दल दो अपना पूरा लंड मेरी छूट मे." उसने
फिर से एक जोरदार धक्का मारा. मुझे इस बार दर्द बर्दस्त नही हुआ. मेरे मूह से फिर एक जोरदार
चीख निकली. मैं किसी मच्चली की तरह तड़पने लगी और अपने सर के बॉल नोचने लगी. मेरी चेहरे
पर पसीना आ गया और आँखो मे आँसू भर गये. राजू का लंड मेरी छूट मे और ज़्यादा गहराई तक घुस
चुका था. उसका लंड मेरी बच्चेड़नी को पिच्चे धकेल रहा था. मैने समझा की अब उसका पूरा लंड मेरी
छूट मे घुस चुका है.
मैने राजू से पुचछा "क्या हुआ, पूरा घुस गया." वो बोला "अभी नही, तोड़ा सा बाकी है." मैने कहा "
बाकी का लंड भी मेरी छूट मे जल्दी से दल दो." उसने पुर ताक़त के साथ एक फाइनल धक्का मारा.
मैं दर्द से तड़पने लगी और सर के बॉल नोचने शुरू कर दिए. मेरे आँखो से आँसू निकल रहे थे. वो मेरे
चेहरे को देख रहा था और बोला "भाभी, अब मेरा लंड तुम्हारी छूट मे पूरा घुस चुका है." मैं भी उसके
दोनो बॉल्स को अपनी छूट पर महसूस कर रही थी. मैने कहा "राजू, रूको मत. अब ज़ोर ज़ोर से धक्के
लगाओ. अभी मेरी छूट चौड़ी नही हुई है. जब तुम ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा कर मुझे छोड़ोगे तब मेरी छूट
चूड़ी हो कर तुम्हारे लंड के साइज़ की हो जाएगी और मेरा दर्द ख़तम हो जाएगा. फिर मैं भी मज़ा ले सकूँगी."
उसने ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए. 20-25 धक्को के बाद मेरा दर्द धीरे धीरे कम होने लगा और
मेरी छूट ने इस बार ढेर सारा पानी छ्चोड़ दिया.
अब मेरी छूट और ज़्यादा गीली हो चुकी थी. छूट गीला हो जाने की वजह से राजू का लंड ज़्यादा आराम
अंदर बाहर होने लगा. जब राजू ने 20-25 धक्के और लगा दिए तो मेरी छूट कुच्छ चौड़ी हो गयी और
मेरा दर्द एक दम ख़तम हो गया. फिर मुझे भी मज़ा आने लगा. मैने चूतड़ उठा उठा कर राजू का साथ
देना शुरू कर दिया. मैने राजू से कहा "अब तुम मेरे पैरो को छ्चोड़ दो और मेरे बूब्स को मसालते हुए
मेरी चुदाई करो." उसने मेरा कहा मान लिया और मेरे पैरो को छ्चोड़ दिया. फिर उसने मेरे दोनो बूब्स
को अपने हाथो से मसालते हुए मेरी चुदाई शुरू कर दी. वो ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था. मैं भी चूतड़
उठा उठा कर उसका साथ दे रही थी. मैने उसका सिर पकड़ कर अपनी तरफ खीच लिया और अपने होतो
को उसके होतो पर रख दिया.
राजू जब धक्का लगता तो मैं अपना चूतड़ उपर उठा देती थी जिस से उसका लंड मेरी छूट मे और ज़्यादा
गहराई तक घुस जाता था. मेरे छूट के पानी से उसका लंड एक दम गीला हो गया था. इस वजह से रूम मे
फ़च फ़च की आवाज़ हो रही थी। वो मुझे बहुत तेज़ी के साथ छोड़ रहा था. 10 मीं बाद उसने मेरी कमर को
बहुत ज़ोर से जाकड़ लिया और बोला "भाभी, मेरा जूस निकालने वाला है." मैने कहा "तुम अपने लंड का
जूस मेरी छूट मे ही निकल दो." तभी राजू की स्पीड और तेज हो गयी और 2 मीं मे ही उसके लंड ने मेरी
छूट को भरना शुरू कर दिया. उसके साथ ही साथ मेरी छूट से भी पानी निकालने लगा. राजू मुझसे एक दम
चिपक गया था. उसकी साँसे बहुत तेज़ चल रही थी.
थोड़ी देर बाद उसने अपना लंड मेरी छूट से बाहर निकाला और मेरी छूट को देखने लगा. वो बोला "भाभी,
तुम्हारी छूट तो एक दम सुरंग की तरह हो गयी है. मैं एक बात कहना चाहता हू, तुम बुरा तो नही मनोगी."
मैने कहा "मैं क्यों बुरा मानूँगी. अब तो तुम मेरे ड्यूवर से मेरे प्राइवेट पति हो गये हो." वो बोला "जिस
तरह तुम मुझे ग्लास मे मिल्क पीने के लिए देती हो, मैं तुम्हारी छूट मे मिल्क भर कर पीना चाहता हू
क्यों की तुम्हारी छूट भी इस समय एक ग्लास की तरह दिख रही है." मैने कहा "ठीक है, जा कर मिल्क
ले आ और इसमे भर कर पी ले." उसने कहा "तुम अपना पैर इसी तरह उठा कर रखो जिस से ये सुरंग बंद
ना हो जाए." मैने भी अपना पैर उसी तरह उठा कर रखा. राजू किचन से मिल्क ले कर आया. उसने मेरी
छूट मे मिल्क भरना शुरू कर दिया. पूरा 1 ग्लास मिल्क मेरी छूट मे समा गया. राजू बोला "भाभी, तुम
जानती हो, इस मिल्क मे काई तरह का टॉनिक मिला हुआ है." मैने पुचछा "कौन सा टॉनिक." वो बोला "
इसमे मिल्क का टॉनिक तो है ही. लेकिन इस मिल्क मे तुम्हारी छूट और मेरे लंड का भी टॉनिक मिला
हुआ है." मैं हासणे लगी. राजू ने मेरी छूट पर मूह लगा कर उस मिल्क को पीना शुरू कर दिया. जब उसने
सारा मिल्क पी लिया तो मैने कहा "मुझे उस टॉनिक वाला मिल्क नही पिलाओगे." वो बोला "क्यों नही."
उसने फिर से मेरी छूट मे मिल्क भर दिया और उसके बाद वापस उसे ग्लास मे गिरा लिया. फिर मुझे देते
हुए बोला "लो, तुम भी ये मिल्क पी लो." मैने भी वो मिल्क पी लिया. मैने कहा "तुमने मेरी छूट इतनी
चौड़ी कर दी की इस मे 1 ग्लास मिल्क आने लगा." इस पर वो हासणे लगा और बोला "पहल तो आपने
ही की थी."
मैं बातरूम जाना चाहती थी लेकिन खड़ी नही हो पा रही थी. राजू मुझे गोद मेउठा कर बातरूम ले गया.
बातरूम के मिरर मे मेने अपनी छूट को देखा तो मेरी छूट एक दम सुरंग की तरह दिख रही थी. मैं अपनी
छूट की इस हालत पर हासणे लगी. उसके बाद हम दोनो बातरूम से वापस आ गये. बातरूम से वापस
आने के बाद मैं कहा "मैं खाना बनाने जाती हू, तब तक आराम कर लो." वो बोला "ठीक है." मैं कपड़े
पहन ने लगी तो राजू बोला "अब कहे की शरम. तुम इसी तरह एक दम नंगी ही खाना बना लो." मैं
ठीक से चल नही पा रही थी. धीरे धीरे मैं नंगी ही किचन मे खाना बनाने चली गयी. राजू ने कपड़े नही
पहने थे. वो उसी तरह बैठ कर टV देखने लगा.
जब मैं खाना बना कर बाहर आई तो मैने राजू से पुचछा "क्या तुम फिर से तय्यार हो." वो बोला "मैं
तो कब से तय्यार हू और आपका इंतेज़ार कर रहा हू।" मैने उसका लंड मूह मे ले लिया और चूसने लगी.
उसका लंड 2 मीं मे ही एक दम टाइट हो कर लोहे जैसा हो गया. मैं उस से लेट जाने को कहा. वो लेट गया
और मैं उसके उपर चढ़ गयी. मैने उसके लंड का टोपा अपनी छूट के बीच रखा और तोड़ा सा दबाया तो
उसका लंड मेरी छूट मे लगभग 2" तक घुस गया. मुझे तोड़ा दर्द हुआ और मेरे मूह से एक हल्की सी
चीख नियकाल पड़ी. राजू बोला "क्या हुआ, भाभी. आप तो पूरा लंड अंदर ले चुकी हैं तो फिर क्यों चीख
रही हैं।" मैने कहा "तू नही समझेगा. एक बार छुड़वाने से छूट थोड़े ही चौड़ी हो जाती है. जब मैं तुझसे 8-10
बार छुड़वा लूँगी तब जा कर तेरा लंड मेरी छूट मे बिना दर्द के जाएगा." मैने तोड़ा और दबाया तो उसका
लंड मेरी छूट मे 4" तक घुस गया. मेरी छूट मे फिर से दर्द होने लगा और मैं कराह उठी. मैने बिना और
ज़ोर लगाए धीरे धीरे धक्का लगाना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर मे मेरा दर्द कुच्छ कम हुआ तो मैने तोड़ा और ज़ोर लगाया. इस बार उसका लंड मेरी छूट मे 6"
तक घुस गया और मैं दर्द के मारे तड़पने लगी. मेरे चेहरे पर पसीना आ गया. मैने फिर से धीरे धक्के
लगाने शुरू कर दिए. कुच्छ देर बाद मेरा दर्द जब कम हुआ तो मैने इस बार एक गहरी सास लेकर अपने
बदन का वजन डालते हुए उसके लंड पर बैठ गयी. इस बार मैं दर्द से तड़प उठी. मेरी आँखो मे आँसू आ
गये. मेरा चेहरा पसीने से भीग गया. उसका पूरा लंड मेरी छूट मे समा चुका था. मैं थोड़ी देर तक उसका
पूरा लंड अपनी छूट मे डाले हुए उसके लंड पर बैठी रही. 2-3 मीं बाद मैने धीरे धीरे धक्का मारना शुरू
किया. दर्द अभी भी हो रहा था लेकिन मज़ा भी आने लगा था. मैने अपनी स्पीड तोड़ा तेज की तो मेरा
दर्द बढ़ गया लेकिन जो मज़ा मुझे मिल रहा था उसके आयेज ये दर्द कुच्छ भी नही था. 25-30 धक्को
के बाद मेरा दर्द जाता रहा और मुझे खूब मज़ा आने लगा. मैने अपनी स्पीड तेज कर दी. मैं उसके लंड पर
हवा मे उच्छल रही थी. मैं जब नीचे आती तो पूरे बदन के वजन के साथ उसके लंड पर बैठ जाती थी. राजू
को भी खूब मज़ा आ रहा था. जब मैं नीचे आती तब वो भी अपने चूतड़ को उठा देता था. 5 मीं बाद ही मेरी
छूट ने पानी छ्चोड़ दिया. पूरा पानी निकल जाने के बाद मैं उसके उपर से हट गयी.
मैं बुरी तरह से हाफ़ रही थी. मेरा चेहरा पसीने से लत पाठ था. मैने राजू से कहा "अब मैं डॉगी स्टाइल मे
हो जाती हू. तुम मेरे पिच्चे से आकर मेरी चुदाई करो." मैं ज़मीन पर डॉगी स्टाइल मे हो गयी. राजू मेरे
पिच्चे आ गया. उसने मेरी छूट के लिप्स को फैला कर अपने लंड का टोपा बीच मे रख दिया तो मैं बोली "
एक झटके से पूरा लंड दल दो मेरी छूट के अंदर." उसने मेरी कमर को ज़ोर से पकड़ा और पूरी ताक़त के
साथ एक झटका मारा और उसका 9" का लंड सनसंता हुआ मेरी छूट की गहरैइिओं मे समा गया. डॉगी
स्टाइल मे होने की वजह से मेरी छूट एक दम दबी हुई थी इस लिए मुझे उसका मोटा और लंबा लंड
अपनी छूट के अंदर लेने मे फिर से तकलीफ़ हुई. मेरे मूह से एक जोरद्र चीख निकल पड़ी. मैने राजू से
कहा "रूको मत, ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाओ. खूब ज़ोर ज़ोर से छोड़ो मुझे." ऱाजु ने मेरी कमर को पकड़
कर ज़ोर ज़ोर से धक्के मरने शुरू कर दिए. वो मुझे आँधी की तरह छोड़ने लगा. उसका हर धक्का मुझ
पर भारी पद रहा था. उसका लंड मेरे बच्चेड़नी को ज़ोर ज़ोर से ठोकर मार रहा था जैसे कोई उसकी
पिटाई कर रहा हो.
3-4 मीं मे ही मेरी छूट रोने लगी और उसके आँसू निकल पड़े. राजू का लंड एक दम भीग गया और
मेरी छूट मे आराम से अंदर बाहर होने लगा. राजू ने अपनी स्पीड और तेज कर दी. मैं हिचकोले खा
रही थी. मेरी छूट से फ़च फ़च की आवाज़ निकल रही थी. 10 मीं भी नही बीते थे की मेरी छूट ने फिर
से पानी छ्चोड़ दिया.
राजू ने मेरी कमर को छ्चोड़ कर मेरे बूब्स को पकड़ लिया. फिर उसने मेरे बूब्स को मसालते हुए ज़ोर
ज़ोर से धक्के लगा कर मुझे छोड़ने लगा. उसका हर धक्का इतना तेज था की मैं हर धक्के के साथ आयेज
सरक जाती थी. वो मुझे इसी तरह छोड़ता रहा और मैं आयेज सरक्ति रही. थोड़ी देर बाद मेरा सिर ड्रॉयिंग
रूम की दीवार से सात गया तो राजू बोल "भाभी, अब कहाँ भाग कर जाओगी." और उसने मुझे एक दम
आँधी की तरह छोड़ना शुरू कर दिया. अब मैं आयेज नही सरक पा रही थी इस लिए उसका हर धक्का
बहुत ज़ोर ज़ोर का लग रहा था.
15-20 मीं बाद मेरी छूट ने फिर से पानी छ्चोड़ दिया और इस बार मेरे साथ ही साथ राजू के लंड ने भी
पानी छ्चोड़ दिया और मेरी छूट भर गयी. पूरा पानी मेरी छूट मे निकल देने के बाद राजू ने अपना लंड
बाहर निकाला और जीभ से मेरी छूट को चाटने लगा. उसने मेरी छूट को छत छत कर सॉफ कर दिया
और उसके बाद उसने अपना लंड मेरे मूह के पास कर दिया. मैने भी उसका लंड छत छत कर एक दम
सॉफ कर दिया. उसके बाद हम दोनो एक दूसरे से लिपट कर वही ज़मीन पर लेट गये.
इसी तरह 3 दीनो तक राजू मुझे तरह तरह के स्टाइल मे छोड़ता रहा. मुझे उस से छुड़वाने मे बहुत मज़ा
आया. अब मेरी छूट एक दम चौड़ी हो चुकी. राजू अब चाहे जिस स्टाइल मे मेरी छूट मे अपना लंड घुसता
मुझे तोड़ा भी दर्द नही होता था और उसका लंड मेरी छूट मे एक दम गहराई तक आराम से घुस जाता था.
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