Sunday, June 1, 2008

रानी का मजा--1

मेरा नाम रानी है. Meri शादी को २ साल हो चुके है. मैं अपनी सेक्स लाइफ के बारे में लीख रही हूँ. मेरे हुस्बंद का नाम अमीत है. मैं बहुत ही Sexy हूँ. जब मेरी शादी हुयी थी तब मैं एक दम दुबली पतली थी लेकीन अब कुछ मोटी हो गयी हूँ. आज भी मैं बहुत ही ज्यादा Sexy हूँ और खूब मेज़ ले ले कर चुद्वती हूँ. मेरी उमर अब २४ साल है. जब मेरी शादी हुयी थी तब Meri उमर २२ साल और उनकी उमर २५ साल की थी. मेरा हुस्बंद का लंड बहुत ही छोटा है. उनका लंड खड़ा होने के बाद भी केवल ४" या साढ़े चार इंच लम्बा और १.५" मोटा है. जब मेरी शादी हुयी थी तब मेरी चूत बहुत तिघ्त और छोटी थी.

सुहागरात को जब उन्होने अपने छोटे सी लंड सी मुझे चोदा तो मेरी चूत सी खून आ गया था. सुहागरात के दीन उन्होने मुझे ५ बार चोदा था. मैं बहुत ही Sexy हूँ. उनके छोटे सी लंड सी मेरी प्यास नहीं बुझ पाती थी. मैं खूब मोटा और लम्बा लंड अपनी चूत में लेना चाहती थी. लेकीन शरम के मरे कुछ कह नहीं पाती थी. लगभग १.५ साल तक मैं उनसे खूब चुद्वती रही लेकीन मुझे पूरी तरह मज़ा नहीं आता था. वो मुझको चोदते समय बहुत जल्दी झाड़ जाते थे. वो मेरी चुदाई कभी भी ५-१० मिनट सी ज्यादा नहीं कर पाते थे. मैं इस बात को समझती थी की उनका लंड छोटा है इसलिए वो मुझे पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर पाते थे. एक दीन मैंने उनसे कहा,

"अमीत, तुम्हारा लंड तो कीसी बच्चे की तरह है और बहुत ही छोटा है. मुझे तुम्हारे लंड सी पूरा मज़ा नहीं आता और मैं भूख्ही ही रह जाती हूँ. मैंने कई मर्दों को पेशाब करते हुए देखा है. उन सबका लंड ढीला रहने पर भी तुम्हारे लंड सी बहुत लम्बा और मोटा था. वो जब खड़ा होता होगा तब कितना लम्बा और मोटा हो जाता होगा. शायद इसीलिए मुझे तुम्हारे लंड सी चुदवाने में मज़ा नहीं आता. मैं अपनी चूत में और ज्यादा लंबे और मोटे लंड को अन्दर लेना चाहती हूँ. मेरी शादी को अब डेढ़ साल हो गए हैं. मैं अब तक शरम के मरे तुमसे कुछ बोल नहीं पा रही थी लेकीन अब मैं अपनी भूख को ज्यादा दीन बर्दास्त नहीं कर पा रही हूँ.

जब तुमने मुझे सुहागरात के दीन चोदा था तब मेरी चूत एक दम तिघ्त थी और मुझे केवल २-४ दिनों तक ही थोडा बहुत मज़ा आया. मैं कई दीनों से ही तुम्हारे छोटे लंड के बारे में कहना चाहती थी. लेकीन मैं शरम के मारे कुछ भी नहीं बोली. अब हमारी शादी को डेढ़ साल हो गए हैं और मैं तुमसे खुल कर बात कर सकती हूँ इसलिए मैं आज तुमसे तुम्हारे लंड के बारे में कह रही हूँ." उन्होने कहा,

"रानी, मैं अपनी कमी जनता हूँ और तुम्हारे दर्द को समझ सकता हूँ. मैंने बहुत इलाज कराया लेकीन ये नहीं बढ़ा. मैं क्या करूं. तुम ही कुछ बताओ. मैं तुम्हें तलक नहीं दे सकता क्यों की मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. तुम मुझे छोड़ कर मत जाना नहीं तो मैं मर जाऊंगा." मैंने कहा,

"मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और तुम्हारा दर्द समझ सकती हूँ, लेकीन क्या करूं. तुम्हारी चुदाई से मेरी भूख शांत नहीं होती. पहले थोडा बहुत मज़ा भी आता था लेकीन अब तो वो भी नहीं आता." वो सोच में पद गए. कुछ देर बाद वो बोले,

"अगर मैं एक मोटी मोमबत्ती ला कर तुम्हें मोमबत्ती से चोद दूं, तो कैसा रहेगा." मैं कुछ देर सोचने के बाद राजी हो गयी. दूस'रे दीन वो बाज़ार से एक मोमबत्ती ले आये. उन्होने मुझे वो मोमबत्ती दिखाई तो मैंने कहा,

"ठीक तो है. वो मोमबत्ती लगभग ८" लंबी और १.५" मोटी थी. मैंने कहा,

"लेकीन ये तो आदमीयों के लंड से बहुत पतली है. इस से मेरी भूख कुछ हद तक शांत हो जायेगी. आओ बेडरूम में चलते हैं. तुम ये मोमबत्ती मेरी चूत में दाल कर खूब चोदो मुझे." हम बेडरूम में आ गए. मैं बेद पर लेट गयी और वो मेरी चूत को चाटने लगे. २-३ मिनट में ही मैं पूरे जोश में आ गयी और सिस्कारियां भरने लगी फीर बोली,

"अमीत, अब देर मत करो. मैं बहुत दीनो से भूख्ही हूँ. दाल दो पूरी मोमबत्ती मेरी चूत में और ज़ोर ज़ोर से चोदो इस मोमबत्ती से मुझको." वो बोले,

"ठीक है. मैं तुम्हारी चूत में ये मोमबत्ती दाल कर चोद्ता हूँ और तुम मेरा लंड चूसो. वो मेरे ऊपर ६९ की पोसिशन में हो गए. मैं उनका लंड चूसने लगी और उन्होने मोमबत्ती को मेरी चूत में डालना शुरू कर दिया. मोमबत्ती उनके लंड से बहुत ज्यादा मोटी नहीं थी इसलिए आराम से मेरी चूत में लगभग ५" तक घुस गयी. मेरे मून'हा से केवल एक हलकी सी सिसकारी भर निकली. उन्होने मोमबत्ती को मेरी चूत में और ज्यादा नहीं डाला और अन्दर बाहर करने लगे.

मैं सिस्कारियां भरने लगी. ५ मिनट तक वो मोमबत्ती को मेरी चूत में अन्दर बाहर करते रहे. मैं बहुत ज्यादा जोश में आ गयी और उनके लंड को और तेज़ी के साथ चूसने लगी. वो समझ गए की अब मैं झड़ने वाली हूँ और २ मिनट में ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया. मैंने कहा,

"अमीत, मुझे बहुत मज़ा आ रह है. पूरा अन्दर डालो न इस मोमबत्ती को मेरी चूत में." उन्होने मोमबत्ती को थोडा और ज्यादा मेरी चूत के अन्दर डाला तो मुझे कुछ दर्द महसूस हुआ. वो मोमबत्ती अब तक मेरी चूत में ६" तक घुस चुकी थी. मैंने कहा,

"रूक जाओ अमीत, अब और ज्यादा मत डालो. दर्द हो रह है. इतना ही अन्दर दाल कर चोदो मुझे." उन्होने मोमबत्ती को तेज़ी से मेरी चूत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया. मैं सिस्कारियां भरने लगी. वो भी बहुत जोश में आ गए थे और मेरे मुं'हा में ही झाड़ गए. मैंने उनके लंड का सारा पानी निगल लीया. वो मोमबत्ती को मेरी चूत में और ज्यादा तेज़ी के साथ अन्दर बाहर करने लगे. ८-१० मिनट बाद ही मैं फीर से झाड़ गयी और बोली,

"अमीत, बहुत मज़ा आ रह है. काश तुम पहले ही ये मोमबत्ती ले आते और मेरी चूत में डालकर चोदते तो मैं इतने दीन भूख्ही न रहती. अमीत, अब देर न करो, दाल दो पूरी मोमबत्ती मेरी चूत में और खूब ज़ोर ज़ोर से अन्दर बाहर करो." उन्होने उस मोमबत्ती को मेरी चूत में पूरा अन्दर दाल दिया और तेज़ी से अन्दर बाहर करने लगा. मुझे थोडी देर के लिए कुछ दर्द हुआ लेकीन बाद में मज़ा भी आने लगा. थोडी ही देर में मैं और ज्यादा जोश में आ गयी और अपना चुतर उछाल उछाल कर मोमबत्ती को पूरा अन्दर लेने लगी. मुझे बहुत मज़ा आ रह था. अभी १० मिनट भी बीता था की मैं फीर से एक बार झाड़ गयी. मैं अब तक ३ बार झाड़ चुकी थी. झड़ने के बाद मैं और जोश में आ गयी और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी,

"अमीत, मुझे अब बर्दास्त नहीं हो रह है. खूब तेज़ी के साथ अन्दर बाहर करो इस मोमबत्ती को मेरी चूत में." वो भी जोश में आ गए थे और उनका लंड दूसरी बार फीर से एक दम तन गया था. वो बोले,

"रानी, मैं भी बहुत जोश में आ गया हूँ और मेरा लंड फीर से खड़ा हो गया है. अगर तुम कहो तो मैं एक बार चोद लूं." मैंने कहा,

"मुझे इस मोमबत्ती से बहुत मज़ा आ रह है. मेरा मज़ा बीच में मत खराब करो, प्ल्ज़. अभी मुझे मोमबत्ती से ही चोदो, बाद में तुम चाहे जितनी बार चोद लेना." वो मेरे जोश को देखकर एक दम हक्का बक्का हो गए. उन्होने मुझे उस मोमबत्ती से चोदना जारी रखा. मैं खूब मेज़ के साथ मोमबत्ती को अपने चूत के अन्दर ले रही थी. उन्होने और तेज़ी के साथ मोमबत्ती को मेरी चूत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दीया.

५ मिनट भी नहीं गुजरा की मैं एक बार फीर से झाड़ गयी. मैं अब तक ४ बार झाड़ चुकी थी. वो मुझे ३०-२५ मिनट में ४ बार झाड़ता हुआ देखकर सोच में पद गए क्यों की पीछ'ले डेढ़ साल की चुदाई में मैं कभी कभी ही झाड़ती थी. इसकी वजह उनके लंड का छोटा होना था. वो मेरी चूत में मोमबत्ती को अन्दर बाहर जाता हुआ देखने लगे और उनको भी मज़ा आ रह था. मेरी चूत ने मोमबत्ती को एक दम जकड रखा था. मेरे झड़ने के बाद उन्होने मोमबत्ती को मेरी चूत से बाहर निकाल लीया तो मैं बोली,

"अमीत, तुमने मोमबत्ती क्यों निकाल ली. प्ल्ज़, कुछ देर तक और अन्दर बाहर करो. मुझे एक बार और झाड़ जाने दो, प्ल्ज़." उन्होने मोमबत्ती को दोबारा में चूत में दाल दिया और बहुत ही ज़ोर ज़ोर से अन्दर बाहर करने लगे. इस बार मैं जल्दी नहीं झाड़ रही थी. मुझे बहुत मज़ा आ रह था और मैं अपना चुतर उठा उठा कर पूरी मोमबत्ती को अपने चूत में ले रही थी. लगभग २० मिनट के बाद मैंने अपना
चुतर बहुत तेज़ी के साथ ऊपर उठाना शुरू कर दिया तो वो समझ गए की मैं अब फीर से झड़ने वाली हूँ. उन्होने मोमबत्ती को और तेज़ी के साथ मेरी चूत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया. २-३ मिनट में ही मैं फीर से झाड़ गयी. इस बार मेरी चूत से ढेर सारा पानी आया. मैंने कहा,

"प्ल्ज़, मेरी चूत का सारा पानी तुम चाट लो. इस बार ये बहुत म्हणत के बाद निकला है." उन्होने मेरी चूत का सारा पानी चाट लीया और बोले,

"रानी, अब मैं चोद लूं." मैंने कहा,

"तुमने आज मुझे ज़िंदगी का वो मज़ा दिया है जिसके लिए मैं डेढ़ साल से तड़प रही थी. अब तुम जितनी बार चाहो मुझे चोदो. मैं एक दम तैयार हूँ." उनका लंड तो पहले से ही खड़ा था. उन्होने मेरी चूत में अपने लंड को डाला तो मोमबत्ती से चुदवाने की वजह से उनका लंड मेरी चूत में एक दम आराम से घुस गया. उनके लंड पर मेरी चूत की कोई पकड़ नहीं थी और मुझे कुछ भी पता नहीं चल रह था. उन्होने मुझे चोदना शुरू कर दिया लेकीन उनको कोई मज़ा नहीं आ रह था. वो बोले,

"मोमबत्ती से चुदवाने के बाद तुम्हारी चूत तो एक दम ढीली हो गयी है. मुझे मज़ा नहीं आ रह है." मैंने बहुत जोश में थी और बोली,

"मेरी गांड अभी तक एक दम तिघ्त है. प्ल्ज़, अगर तुम चाहो तो मेरी गंद मार लो. लेकीन एक शर्त है." उन्होने पूछा,

"क्या." मैंने कहा,

"हम एक दुसरे से बहुत प्यार करते हैं और हमें एक दुसरे के दर्द का एहसास भी है. मुझे मोमबत्ती से चुदवाने में बहुत मज़ा आया. लेकीन असली लंड से जो मज़ा आएगा वो मोमबत्ती में कहाँ है. तुम मेरे लीये कीसी आदमी का इन्तेजाम कर दो जिसका लंड लम्बा और मोटा हो. मैं प्रोमिसे करती हूँ की तुम्हारे अलावा मैं पूरी ज़िंदगी केवल उस आदमी से ही चुद्वौंगी." वो सोच में पद गए. थोडी देर बाद वो बोले,


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........raj.........

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