मेरी चुदाई
मेरा एक भाई है जिसका नाम बृजमोहन है ,लोग उसे प्यार से बिल्लू कहते है !मेरा नाम कृष्ण! है !वह मुझसे बड़ा है!मुझे ओ दिन आज भी याद है ,जब वह हम और मेरे गाव के कई लड़के लड़किया एक साथ चोर शिपाही खेला करते थे ! उस समय मैंऔर मेरा भाई भी खेलते थे !मैं बहुत चोकोलाते खाती थी उस समय मेरा भाई मेरे लिए चोकोलाते लता था और उसके बदले मुझसे मांगता था.!एक बार की बात है मैं खेल ही अहि थी मेरा भाई आया और बोला -चलो घर चलो,घर पर न ही मम्मी है और न ही पापा दोनों लोग चाचा जी पास गयेकल आएंगे !मैं बोली अभी कुछ देर बाद मे आउंगी !नही अभी का अभी चलो मैंने भी जिद कर लिया मैं नही जाउंगी !उसने मुझे लालच दिया की तुम यदि घर चलो टू तुम्हे चाकोलाते दूंगा !मैं झट से तैयार हो गई और घर चली आई!
घर आने के बाद ऊससे चाकोलाते मांगी तों उसने ना नुकुर की मैंने फ़िर भाग जाने की धमकी दे दी !उसने झट से दुकान पर जाकर चाकोलाते ले आया और दे दिया फ़िर क्या था !मैं उसकी बात मन गई उसने किवाड़ बंद कर दिया और बोला सो जाओ !लगभग एक घंटे बाद वो उठा और मेरे नजदीक आया और मुझे सहलाने लगा मैं भी उस समय जग गई थी लेकिन उठने की चेष्टा नही की वो सहलाता रहा और मुझे एक अनोखा सा ख्वाब नजर आ रहा था मैं बिल्कुल अनजान बनी हुई थीं ! अब वो धीरे -०धिरे मेरे कच्छी उतार दिया अब मुझे गुदगुदी सी हो रही थी पर उसे जरा सा भी एहसास न होने दिया की मैं जगी हुयी हूँ !मुझे यह जरा सा भी मालूम नही था की मेरे साथ ये क्या होने वाला है !फ़िर वो मुझे अपनी तरफ़ खीचा और उतान करके सुला दिया !अब वो अपनी पैंट की चैन खोल रहा था तभी मेरी ससे थोडी तेज़ हुई और मैं सहम गई! उसे इस बात का एहसास नही हुआ वो तों आगोश मे था,फ़िर उसने अपनी छुन्नी निकली और मेरे बुर मे घुसेड दिया मुझे दर्द हुआ मैं चिल्ला उठी उसने मेरा मुह कास क दाब लिया और बोला चुप रहो कोई सुन लेगा !मैं चुप हो गई और वो फ़िर से एक बार डाला मैं फ़िर चिल्लाई उसने मेरे मुह को दाबे हुआ था मेरी आवाज बाहर नही निकल रही थी,मैं उससे आख़िर पूछ पड़ी ये क्या कर राहे हो?वो बड़े मासूमियत से बोला पेल रहा हूँ ,मैंने फिर पूछा ये क्या होता है उसने जबाब दिया एक लड़की क साथ जब खेलते है तों लड़की को भुत अच्छा लगता है और लड़के को भी अच्छा महसूस होता है ये काम हेर आदमी और औरत करते है, उसने मुझसे पूछा क्या तुम जानती हो की हम लोग कहा से आए हैमैंने कहा नही तुम बताओ ? उसने जबाब दिया हम लोग पेट मे से आते है , फ़िर मैंने कहा -मम्मी तों कहती है की हम लोग भगवान् क वहा से आए है,उसने कहा बागवान क वहा से कैसे कोई आ सकता है ?मैंने फ़िर पूछा तों फ़िर पेट से कैसे कोई आएगा ?उसने फ़िर मेरे प्रश्न का जबाब दिया और बोला-ये तुम्हारा बुर है न इसी रस्ते से तुम्हारा भी एकज छोटा लड़का होगा जब तुम बड़ी हो जोगी तों ये तुम्हारा बुर भी बड़ा हो जायेगा!और तुम्हारा लड़का बाहर आ जाएगा! मैंने एक सवाल फ़िर किया -मम्मी का बुर तों इतना बड़ा नही है नही तों मैं जरूर देखती !उसने कहा मम्मी का बुर भी बड़ा है और उसे समय तेल लगा का चिक्जना कर लिया जाता है! मने तुर्तंत उठ कर तेल की कटोरी ले आयीं और बोली मेरा चिकना करो उसने मेरे बुर मे हल्केव-हलके से तेल लगाया और फ़िर मेरे बुर मेव अपना छुन्नी दल दिया मुझे अब दर्द हल्का हो रहा था और मजा भी बाद गया इस तरह से मैं आज तक अपने भी क साथ पेलवाटी हूँ अब मेरी और उय्सकी सदी हो गई है पर दिल से मजबूर ह क्या कृ मेरा भाई आ नही पता किसी और का इंतजाम काना चाहती थी पर अब मेरा और मेरे dewar ka reista ban gayaa hai isaki kahani bad me likhungi
घर आने के बाद ऊससे चाकोलाते मांगी तों उसने ना नुकुर की मैंने फ़िर भाग जाने की धमकी दे दी !उसने झट से दुकान पर जाकर चाकोलाते ले आया और दे दिया फ़िर क्या था !मैं उसकी बात मन गई उसने किवाड़ बंद कर दिया और बोला सो जाओ !लगभग एक घंटे बाद वो उठा और मेरे नजदीक आया और मुझे सहलाने लगा मैं भी उस समय जग गई थी लेकिन उठने की चेष्टा नही की वो सहलाता रहा और मुझे एक अनोखा सा ख्वाब नजर आ रहा था मैं बिल्कुल अनजान बनी हुई थीं ! अब वो धीरे -०धिरे मेरे कच्छी उतार दिया अब मुझे गुदगुदी सी हो रही थी पर उसे जरा सा भी एहसास न होने दिया की मैं जगी हुयी हूँ !मुझे यह जरा सा भी मालूम नही था की मेरे साथ ये क्या होने वाला है !फ़िर वो मुझे अपनी तरफ़ खीचा और उतान करके सुला दिया !अब वो अपनी पैंट की चैन खोल रहा था तभी मेरी ससे थोडी तेज़ हुई और मैं सहम गई! उसे इस बात का एहसास नही हुआ वो तों आगोश मे था,फ़िर उसने अपनी छुन्नी निकली और मेरे बुर मे घुसेड दिया मुझे दर्द हुआ मैं चिल्ला उठी उसने मेरा मुह कास क दाब लिया और बोला चुप रहो कोई सुन लेगा !मैं चुप हो गई और वो फ़िर से एक बार डाला मैं फ़िर चिल्लाई उसने मेरे मुह को दाबे हुआ था मेरी आवाज बाहर नही निकल रही थी,मैं उससे आख़िर पूछ पड़ी ये क्या कर राहे हो?वो बड़े मासूमियत से बोला पेल रहा हूँ ,मैंने फिर पूछा ये क्या होता है उसने जबाब दिया एक लड़की क साथ जब खेलते है तों लड़की को भुत अच्छा लगता है और लड़के को भी अच्छा महसूस होता है ये काम हेर आदमी और औरत करते है, उसने मुझसे पूछा क्या तुम जानती हो की हम लोग कहा से आए हैमैंने कहा नही तुम बताओ ? उसने जबाब दिया हम लोग पेट मे से आते है , फ़िर मैंने कहा -मम्मी तों कहती है की हम लोग भगवान् क वहा से आए है,उसने कहा बागवान क वहा से कैसे कोई आ सकता है ?मैंने फ़िर पूछा तों फ़िर पेट से कैसे कोई आएगा ?उसने फ़िर मेरे प्रश्न का जबाब दिया और बोला-ये तुम्हारा बुर है न इसी रस्ते से तुम्हारा भी एकज छोटा लड़का होगा जब तुम बड़ी हो जोगी तों ये तुम्हारा बुर भी बड़ा हो जायेगा!और तुम्हारा लड़का बाहर आ जाएगा! मैंने एक सवाल फ़िर किया -मम्मी का बुर तों इतना बड़ा नही है नही तों मैं जरूर देखती !उसने कहा मम्मी का बुर भी बड़ा है और उसे समय तेल लगा का चिक्जना कर लिया जाता है! मने तुर्तंत उठ कर तेल की कटोरी ले आयीं और बोली मेरा चिकना करो उसने मेरे बुर मे हल्केव-हलके से तेल लगाया और फ़िर मेरे बुर मेव अपना छुन्नी दल दिया मुझे अब दर्द हल्का हो रहा था और मजा भी बाद गया इस तरह से मैं आज तक अपने भी क साथ पेलवाटी हूँ अब मेरी और उय्सकी सदी हो गई है पर दिल से मजबूर ह क्या कृ मेरा भाई आ नही पता किसी और का इंतजाम काना चाहती थी पर अब मेरा और मेरे dewar ka reista ban gayaa hai isaki kahani bad me likhungi
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........raj.........
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