Thursday, June 5, 2008

दीवानगी भाग-2



दीवानगी भाग-2


थोड़ी ही देर बाद, नीता की मम्मी आई. बोली, नीता आज आने में थोड़ी देर हो गई है. बेटी तुम्हें दिक्कत तो नहीं हुई.

नीता राकेश की ओर देखकर मुस्कुराती हुई बोली, नहीं मम्मी, राकेश मेरा काफी ख्यालरखता है.

माया समझ गई कि उसकी बेटी जवान हो गई है.

नीता बहुत खुश थी.

माया नीता से बोली, नीता एक अच्छी फिल्म लगी है, चलोगी देखने.

नीता बोली, मम्मी राकेश के साथ चली जाओ, आज मन कुछ ठीक नहीं है.

माया ने आज शावर में पूरी तरह नंगी होकर स्नान किया. तेरह वर्षों बाद बूर के बालसाफ किए. अपनी बूर को गौर से देखा. अभी भी उसकी बूर उन्नीस साल की किसीकुवारी की तरह जवान दिख रही थी. उसे पछतावा हो रहा था कि आखिर उसने किसलिएअपनी बूर को चुदाई के सुख से वंचित रहा. उसने जालीदार पैंटी और ब्रा में देखा, बहुतसेक्सी लग रही थी. हालांकि उसकी उम्र चौंतीस से कम नहीं थी मगर वह पच्चीस सेज्यादा की नहीं लग रही थी. गहरे हरे रंग की सारी ब्लाऊज और साड़ी में सिमटी उसकीछरहरी काया बड़ी ही मादक लग रही था. राकेश ने माया को इतनी सेक्सी पहली बारदेखा था. उसने देखा तो बस देखता रह गया. सोचा, यदि माया देवी को चोदा जाय तोकितना आनंद आएगा. सच में शादी शुदा महिला चुदाई कला में माहिर होती है साथ हीउसका अंग-प्रत्यंग गदराया हुआ होता है, जिससे उसे चोदने में अलग ही आनंद आता है.

दोनों ने फिल्म देखी. लौटती में माया ने अपने लिए ब्रा और पैंटी का एक जोड़ा खरीदा.

लौटते-लौटते रात के दस बज चुके थे. माया बोली- राकेश, थोड़ी थकान सी लग रही है.

राकेश बोला, जी, मैडम जी, तेल लगाकर मालिश कर दूं.

माया तैयार हो गई. राकेश मालिश करने लगा.

माया ने पूछा, राकेश, तूने आज नीता के साथ जो कुछ किया था क्या उसने करने कहाथा.

जी, हां मैडम, उन्होंने मुझे मजबूर किया. उन्होंने कहा, यदि तुम नहीं करोगे तो तुम्हेंनौकरी से निकलवा दूंगी.

माया ने सोचा, यदि जवान बेटी को डॉटती फटकारती है तो बाहर जाकर किसी और सेकरवाएगी. आखिरकार घर की बात घर में रहे तो अच्छा है.

माया ने पूछा, अगली बार करने कहे तो कडोम लगाकर करना.

राकेश बोला, मैडम, मैंने तो कई बार कहा था, लेकिन वो कह रही थी कि कंडोम लगाकरउतना आनंद नहीं आता है.

माया बोली, जो भी करना, जरा धीरे करना. अभी बच्ची है.

राकेश बोला, जी, मैडम.

राकेश माया की पीठ में तेल लगाकर हौले-हौले सहलाने लगा. वर्षों बात पुरूष के हाथ नेमाया के जिस्म को छुआ था, माया के पूरे शरीर में करोड़ों चीटिंयां रेंगने लगी.

जवान औरत के गोरे चिकने जिस्म को छूकर राकेश का खून गर्म होने लगा.

राकेश का हाथ माया के ब्लाऊज के अंदर घूसने की कोशिश करने लगी. माया ने कहा, राकेश, ब्लाऊज को हुक खोल दो.

इसके बाद तो राकेश ने सिर्फ ब्लाऊज ही नहीं, ब्रा का हुक भी खोल दिया और माया कीचुच्चियों को पकड़कर दबाने लगा. माया मदहोश होने लगी. वर्षों बाद उसे जवानी का सुखमिल रहा था वह जल्दी ही मदमस्त हो उठी, मगर राकेश माया जैसे खूवसूरत और जवानऔरत को यूं ही चोद देना नहीं चाहता था. माया के होठों को होठों में लेकर मस्ती मेंचूसने लगा. माया भी राकेश के होठों को चूसने लगी. माया बेहद सेक्सी महिला थी. वहअपने पति से खूब चुदवाती थी.

माया के नरम होठों का दबाव पड़ते ही राकेश के शरीर का खून वाष्प बनकर उड़ने लगा. राकेश नीता की बड़ी-बड़ी पुष्ठ चुच्चियों पर झुक गया और चुंबनों की बौछार करते हुए बायींचुचुक को मुंह में भर लिया. माया पूरी मस्ती में जोर से सीत्कार उठी.

राकेश ने माया को पीठ के बल लिटा दिया.

कुछ देर के लिए माया को लगा कि राकेश उससे अलग हो गया है. अगले ही क्षण उसनेराकेश की उपस्थिति अपने बायें पैर के अंगूठों में महसूस की.

राकेश ने माया के बायें अगूठे पर एक गहरा चुंबन दिया. मस्तानी माया जोर से सीत्कारउठी. सीत्कार सुनकर नीता अपने कमरे से बाहर आई. अधखुली खिड़की से सब कुछ देखनेलगी.

राकेश ने माया की साड़ी को थोड़ो ऊपर खिसका दिया और माया के टांगों की चिकनीपिंडलियों को चूमने लगा. माया मस्ती में सिसकियां भरती रही.

राकेश ने साड़ी को थोड़ा उठाया और घुटनों को प्यार से चूमा.

साड़ी को थोड़ा खिसकाया और कदली खंभ सी चिकनी और पुष्ट जांघों पर चुंबनों की बौछारशुरू कर दी.

माया की जंघाये थरथराने लगी, लेकिन राकेश ने चुबनों की झड़ी लगानी जारी रखी.

साड़ी को थोड़ा ऊपर उठाया, थोड़ा और ऊपर, पारदर्शी पैंटी में माया की मस्तानी बूर कोदेखकर राकेश पागल हो उठा, बोला, हाय मेरी रानी और साड़ी को कमर से ढीला कर उसेअलग कर दिया और बूर पर झुक गया और पागलों की तरह चूमने लगा. माया मस्ती मेंसीत्कारती हुई राकेश के सिर को अपनी टांगों से बांध लिया. राकेश माया की प्यारी बूरको काफी देर तक चूमता रहा. उसका हाथ ऊपर बढ़ने लगा. बढ़कर माया की चुच्चियों सेखेलने लगा. चुच्चियों से खेलते हुए उसने माया की चुचुक को चुटकी में पकड़कर मसलनेलगा. चुचुक तनकर मस्त हो चुकी थी, मस्ताई हुई चुचुक को मसलने में राकेश को खूबमजा आ रहा था.

माया मदहोश होकर बोली, राकेश प्लीज अब और बर्दास्त नहीं होता.

राकेश ने माया के शरीर से पैंटी हटाकर उसे पूर्ण नग्न कर दिया.

उसकी मस्तानी बूर पर लंड टिकाकर माया को बांहों में भर लिया.

होठों को चूसते हुए लंड बूर में पेल दिया. राकेश का विशाल लंड बूर में जाते ही मायाचिहुंक उठी, ऊई मां मैं मर गई.

पर राकेश कहां मानने वाला था. उसने माया की चुच्चियों को प्यार से दबाते हुए होठों कोचूसने लगा.

माया जल्द ही मस्त हो उठी. राकेश ने माया की पतली कमर को हथेलियों में थामकरधीरे-धीरे चोदना शुरू किया. माया पूरे तेरह साल बाद चुदा रही थी, राकेश उसके पति कीतरह बड़े ही प्यार से चोद रहा था. बस राकेश का लंड उसे पति के लंड से दो इंच बड़ाथा. इस वजह से राकेश की चुदाई ने उसके गर्भाशय में हलचल पैदा कर दी. माया पागलहुई जा रही था.

राकेश को माया की चुदाई से बहुत ही आनंद मिल रहा था. माया परिपक्व महिला थी, इसलिए चुदाई में पूरा सहयोग कर रही था. राकेश पूरी मस्ती में माया को चोद रहा था.

माया ने सोचा अगर राकेश यू ही चोदता रहा तो जल्दी झड़ जाएगा, इसलिए राकेश सेकहा, राकेश बाबू अब थोड़ा धीरे होइये.

राकेश थम गया.

दोंनो के बीच एकबार फिर चुंबन और आलिंगन का दौर शुरू हुआ. माया के होठों को चूसतेहुए राकेश उसकी मादक चुच्चियों से खेलने लगा. चुच्चियों पर चुंबनों की बारिश और फिरचुचुकों को चूसने से माया मदहोश हो उठी.

माया ने कहा, राकेश अब फिर से अपना काम शुरू करो,

राकेश फिर उसी मस्ती से माया को चोदने लगा. माया की मदहोश नर्म मुलायम चुच्चियांमाया की छाती से चिपक कर उसे महान सुख दे रही थी. वहीं माया की बूर उसके लंड कोप्यार से चूम रही थी. राकेश पूरी स्पीड में माया को चोदने लगा. माया को पूरा आनंदमिल रहा था. माया बोली, चोदो मेरे राजा, और जोर से चोदो. राकेश समझ गया किमाया अब झड़ने वाली है. वह और भी तल्लीनता से उसकी चुदाई करने लगा. लंड पूरीमस्ती में बूर के अंदर आ-जा रहा था.

दोनों पसीने से तर-बतर हो चुके थे. फिर भी माया राकेश के शरीर में छिपकली के भांतिचिपकी जा रही थी. एक जोर दार किलकारी भरती हुई माया राकेश की छाती से चिपकगई.

राकेश भी तेज दौड़कर थके घोड़ की तरह माया की चुच्चियों के बीच सिर रखकर शांत होगया.

थोड़ी देर के बाद दोनों सचेत हुए. चुंबन आलिंगन का दौर फिर से शुरू हुआ.

माया बोली, राकेश, पिछले तेरह सालों में मैं तो भूल ही गई थी कि संभोग सुख भी कोईसुख होता है. आज तूने हमें ये सुख देकर इस सुख का अहसास करा दिया है अब तो मैंतेरे बिन एक पल भी नहीं रह सकती हूं.

राकेश बोला, आप जैसी महिला का प्यार पाने के लिए सिर भी चढ़ाना पड़े तो सौदा सस्ताहै.

माया बोली, तो समझो, आज से माया देवी का प्यार तेरे लिए, और राकेश को चूमनेलगी, बोली, जल्द से राकेश के लिए कोई अच्छा सा लड़का ढूढ़कर उसकी शादी करवा देतेहैं फिर हम दोनों हमेशा साथ रहेंगे. एक बार फिर दोनों ने जमकर चुदाई की.

माया के सो जाने के बाद राकेश की याद गई. देखा तो नीता के कमरे का दरवाजा खुलाहुआ था. वह अंदर दाखिल हुआ, नीता गहरी नींद में सोई हुई थी. राकेश ने प्यार सेनीता के होठों को चूम लिया. नीता की नींद खुल गई. उसने उसे बांहों में भर लिया. इसबार नीता ने खुलकर राकेश का साथ दिया. दोनों देर रात तक चुदाई करते रहे.

माया ने नीता की शादी करवा दी. नीता का पति भी चोदने में एक्सपर्ट था. पहली हीरात नीता की जमकर चुदाई की. नीता अपने पति से चुदवाकर राकेश को भूल गई. इधरमाया देवी ने मनाली में घर खरीद लिया. वहीं राकेश के साथ रहकर मस्ती में चुदाई करनेलगी.

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