Sunday, June 1, 2008

जुनून भाग ३ - षडयंत्र की शुरुवात

हमें अभिनय सीखते सीखते लगभग एक महीना हो चुका था। अब हम मयंक से काफ़ी घुलमिल गये थे। आज मयंक आते ही बोले -

क्षमा तुम्हें अभिनय सीखते हुए लगभग एक महीना हो गया है। आज तुम्हारा इम्तिहान है। अगर तुम इम्तिहान में पास हो गयी तो हम तुम्हें आगे सिखाना जारी रखेगें वरना आज से अभिनय सिखाना बंद।

मयंक की बात सुनकर हम एकदम घब्ररा गये फ़िर जैसे कैसे करके हमने अपने आपको इम्तिहान के लिये तैयार किया।

मयंक - आज तुम्हें एकदम नये किरदार का एवम् नये अभिनय रस का प्रदर्शन करना है। तुम्हें आज अभिनय के सबसे कठिन रसों मे से एक काम रस पर आधारित अभिनय करना है और तुम्हारा किरदार एक तवायफ़ का है।

मैं - पर मयंक हमने इस प्रकार क किरदार कभी नहीं किया है और तुम्हारे सामने करने में हमें संकोच होता है।

मयंक - अरे वाह क्षमा । बहुत बढिया । तुम्हें अपने भैया से छुपाकर अभिनय सीखने में संकोच नहीं होता। क्यों बेकार के बहाने बनाती हो। तवायफ़ का अभिनय अत्याधिक कठिन होता है और हर किसी के बस की बात नहीं है। मै समझ सकता हूँ । मैने ही गलती की जो एक मामूली सी विद्यालय स्तर की अदाकारा को एक उच्च कोटि की अदाकारा समझ बैठा।

मयंक की यह बात पता नहीं क्यों मुझे चुभ गयी और मैं अभिनय के लिये तैयार हो गयी। मैने अपने संवाद पढे और उनका अभ्यास करने लगी। इस नाटक में मयंक का भी किरदार था। वह कोठे पर आया हुआ एक ग्राहक था। मेरा नाम अनारकली था।

अनारकली - आइये हुजुर आज आपने आने में बङी देर कर दी।

ग्राहक - बस मेरी जान तुम्हारे शोख गालॊं और मुलायम उरोजों से खेलने के अलावा भी कम्बख्त कई सारे काम है। उस सब को जाने दो। चलो हमारे लिये शराब लाओ और हमारे हाथ से एक जाम पी कर आज की रात का जश्न चालू करॊ।

इसके बाद हमने मयंक की कोका कोला की बोतल से एक ग्लास भरा और मयंक को दे दिया । फ़िर कहानी के अनुसार मयंक ने हमें वह ग्लास पिला दिया। इसके पश्चात कहानी अनुसार ग्राहक की बीवी कोठे पर आती है, हमारे और उसके बीच में कुछ संवाद होता है। ग्राहक की बीवी के संवाद मयंक ने पढे । और नाटक का अंत हो जाता है। इस समय घङी में १०:०० बज रहे थे और मयंक हमारे काम की तारीफ़ कर रहे थे।

अचानक योनि में हुई हलचल से मेरी नींद टूटी। यह क्या । मै बिस्तर पर पूर्णत: नग्न थी और मयंक मेरी योनि के साथ खेल रहा था। मैने एकदम झटके से मयंक को दूर धकेल दिया।

मैं - मयंक तुम यह क्या कर रहे हो । तुम्हारी इतनी हिम्मत कैसे हुई ?

मयंक - अरे मेरी जान तवायफ़ का अभिनय कर रही हो तो ग्राहक से चुदना पङेगा ना।

मैं - मयंक अपनी जुबान पर काबु रखो। मै अभी चिल्लाकर सब को बुलाती हूँ।

मयंक - तुम कपङे पहनकर चिल्लाओगी या बिना पहने।

मयंक की बात सुन हमें आभास हुआ कि हम अभी भी नग्न ही थे। हमने एक हाथ से अपनी योनि एवम् एक हाथ से किसी तरह अपने उरोजों तो छुपाने की कोशिश की। हमें यह आभास हुआ कि कई बार बहुत सुडोल और पूर्णत: उरोज भी कष्ट का कारण हो सनते हैं। इसके पश्चात हम अपने वस्त्रों को ढूंढने लगे। परन्तु यह क्या हमारे कपङों का कोई अता पता ही नहीं था। ऊपर से मयंक की निगाहें हमारे बदन का रसास्वादन कर रही थी। हमारी हालत बहुत खराब हो गयी। एक तो हम नग्न थे, मयंक हमारे बहुत बुरी नजर से घूर रहा था और हमारे कपङे नही मिल रहे थे।

मयंक - मेरी रानी क्या हुआ तुम चिल्लाई नहीं। चिल्लाओ खूब जोर से चिल्लाओ ताकि सभी लोगों को इस मस्त चीज का आनन्द मिले।

इतना कह मयंक हमारी तरफ़ आने लगा। हम पीछे हठे और उससे हमें छोङने के लिये रोने लगे।

मैं - मयंक प्लीज हमे छोङ दो। हम किसी से कुछ नहीं कहेंगे। जो हुआ हम भूल जायेगे। पर हमें प्लीज छोङ दो।

मयंक - अब लाइन पर आई ना। चलो जाने दिया।

इसके बाद उसने हमे हमारे कपङे दे दिये और् हमने उन्हें पहन लिया।

मैं - मयंक अब हमें और अभिनय नहीं सीखना । तुम इसी वक्त यहाँ से निकल जाओ और हमें अपनी शक्ल कभी मत दिखाना।

इसके बाद हमने मयंक को लगभग धक्का दे कर घर से बाहर निकाल दिया।

मयंक के जाने के बाद हम १-२ घंटे रोते रहे और साथ ही साथ हमने भगवान का शुक्रिया भी किया कि उसने हमें बचा लिया। फिर हमने अपने आपको पूर्णत: नग्न कर लिया और देखा कि कहीं कोई खरोच आदि के निशान तो नहीं है। फिर हमने अपनी योनि का परिक्षण किया यह जानने के लिये कि कहीं उस हरामी ने हमारे साथ सेक्स तो नहीं किया। सब कुछ ठीक देखकर हमारी जान में जान आ गयी। हमने सोचा कि यह एक बुरा सपना था और इसे भूल जाने में ही हमारी भलाई है।

फिर हमने सोचा की आदित्य को इस बारे में बताना चाहिये। परन्तु सोचा कि नहीं इस बारे में कोई नहीं जानता तो इस वाक्ये को यहीं दबा देना चाहिये। इसके पश्चात हम तैयार हो कर सभी लोगों के आने का इंतजार करने लगे।

No comments:

Post a Comment

कामुक कहानियाँ डॉट कॉम

राज शर्मा की कहानियाँ पसंद करने वालों को राज शर्मा का नमस्कार दोस्तों कामुककहानियाँब्लॉगस्पॉटडॉटकॉम में आपका स्वागत है। मेरी कोशिश है कि इस साइट के माध्यम से आप इन कहानियों का भरपूर मज़ा ले पायेंगे।
लेकिन दोस्तों आप कहानियाँ तो पढ़ते हैं और पसंद भी करते है इसके साथ अगर आप अपना एक कमेन्ट भी दे दें
तो आपका कया घट जाएगा इसलिए आपसे गुजारिश है एक कमेन्ट कहानी के बारे में जरूर दे

460*160

460*60

tex ade

हिन्दी मैं मस्त कहानियाँ Headline Animator

big title

erotic_art_and_fentency Headline Animator

big title