Sunday, June 1, 2008

रानी का मजा--2

"ठीक है. बाद में बता दूंगा." मैंने कहा,

"ठीक है. तुम मेरी गांड मार लो." मैं पेट के बल लेट गयी. उन्होने अपने लंड पर थोडा सा थूक लगाया और मेरी गांड के छेद पर रख दिया. मैंने अपना चुतर और ऊपर उठा दिया जिस से उनका लंड आराम से पूरा मेरी गांड में घुस जाये. उन्होने एक धक्का मारा तो मुझे दर्द होने लगा और मेरे मुं'हा से एक चीख नीकल गयी. उनका लंड तो बहुत छोटा था ही. एक ही धक्के में मेरी गांड में आधे से ज्यादा घुस गया. उन्होने और ज्यादा नहीं डाला और मेरी गांड में अपने लंड को अन्दर बाहर
करने लगे. मेरा दर्द २ मिनट में ही कम हो गया और मैं शांत हो गयी. मुझे मज़ा आने लगा और मैं अपना
चुतर उठा उठा कर उनसे गांड मराने लगी. उनको भी मज़ा आने लगा. उन्होने फीर एक जोरदार धक्का मार दिया तो उनका पूरा लंड मेरी गांड में घुस गया. मेरी गांड बहुत ही तिघ्त थी. पूरा लंड घुसते ही मुझे बहुत तेज़ दर्द होने लगा और मैं चिल्लाने लगी. लेकीन वो बहुत जोश में थे और रुके नहीं.

उन्होने तेज़ी के साथ अपने लंड को मेरी गांड में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया. थोडी देर बाद मेरा दर्द कुछ कम हो गया और मुझे मज़ा आने लगा. मैं अपनी गांड ऊपर उठा उठा कर उनका साथ देने लगी. आज उनके छोटे से लंड से मुझे गांड मराने में बहुत मज़ा आ रह था. मैंने कहा,

"अमीत, तुम्हारा छोटा लंड तो मेरी गांड के ही लायक है. ये मेरी गांड में बहुत तिघ्त है. मुझे खूब मज़ा आ रह है. जब मुझे कोई दूसरा चोदेगा तो मेरी चूत तुम्हारे लंड के लायक नहीं रह जायेगी, यह एक दम ढीली हो जायेगी. तुम मेरी गांड मार लीया करना. इस से तुम्हें भी मज़ा आएगा और मैं भी गांड मराने का मज़ा ले पाऊँगी." वो बोले, "

ठीक है मेरी रानी. १० मिनट तक मेरी गांड मरने के बाद वो मेरी गांड में ही झाड़ गए. आज मुझे बहुत मज़ा आया था. उन्होने अपना लंड जैसे ही मेरी गांड से बाहर निकाला तो मैंने बडे प्यार से उनका लंड चाटना शुरू कर दिया. इतने प्यार से आज तक मैंने उनका लंड कभी नहीं चाटा था. उन्हें खूब मज़ा आने लगा. उसके बाद हम थोडी देर तक आराम करते रहे. १५ मिनट बाद मैंने उनके लंड को फीर से चूसना शुरू कर दिया. वो बहुत जोश में आ गए और बोले,

"आज तुम मुझसे दोबारा चुद्वोगी क्या." मैंने कहा,

"हाँ, अभी तुमने मेरी गांड मारी है अब चूत का भी मज़ा ले लो." लगभग १० मिनट तक मैं उनका लंड चुस्ती रही. उनका लंड फीर से खड़ा हो कर तन गया था. उन्होने मुझे लीता कर चोदना शुरू कर दिया. उनका लंड मेरी चूत में एक दम ढीला पद रह था लेकीन वो मुझे चोदते रहे. चूत में लंड के ढीला होने की वजह से मुझे बहुत कम मज़ा आ रह था. उनके लंड पर मेरी चूत की पकड़ एक दम ढीली पड़ गयी थी. इस वजह से वो जल्दी झाड़ नही रहे थे और मैं भी नहीं झाड़ रही थी. वो मेरी चूचियों को बहुत ज़ोर ज़ोर से मसल रहे थे. उन्होने मुझे आज लगभग १ घंटे तक चोदा. मैं भी आज बहुत खुश थी क्यों की उन्होने मुझे पहले कभी इतनी देर तक नहीं चोदा था.

वो मुझे कभी भी १० मिनट से ज्यादा नहीं चोद पाते थे. वो जल्दी झाड़ जाते थे. आज ज्यादा टीम लगने की वजह से उनको भी बहुत मज़ा आ रह था. लगभग १० मिनट और छोड़ने के बाद वो झाड़ गए. आज मैं भी उनकी चुदाई से बहुत मस्त हो गयी थी और २ बार झाड़ चुकी थी. छोड़ने के बाद जब वो मेरे ऊपर से हटे तो तुरंत ही मैंने उनके लंड को बडे प्यार से चाटना शुरू कर दिया. आज हम दोनो बहुत खुश थे. थोडी देर बाद हम सो गए. दुसरे दीन जब वो मुझे मोमबत्ती से छोड़ने लगे तो
मैं बोली,

तुमने मेरे बारे में कुछ सोचा." वो बोले,

"मेरा एक दोस्त है जिस'का नाम केष्री है. वो मेरे बचपन का दोस्त है, वो कैसा रहेगा. हम लोग जब छोटे थे तो अपनी लंड को एक दुसरे की छुन्नी से नापते थे. उस समय मेरे सभी दोस्तों में केशरी की छुन्नी सबसे लंबी और मोटी थी. उसकी छुन्नी सबसे ज्यादा गोरी भी थी. अब तक उसकी छुन्नी एक लम्बा और मोटा लंड बन चुकी होगी. अगर तुमको केशरी पसंद हो तो मैं उस से बात कर लूं. अभी केशरी की शादी भी नहीं हुयी है." मैंने कहा,

"केशरी तो बहुत हन्द्सोमे है और गोरा भी. अगर केशरी की छुन्नी उस समय सबसे लंबी और मोटी थी तो अब वो खूब लम्बा और मोटा लंड बन गया होगा. सबसे अच्छी बात है की केशरी तुम्हारा दोस्त भी है. तुम लोग बचपन मेँ केवल एक दूस'रे की नूनी ही नाप'ते थे या आपस मेँ गांड मारा मारी भी कर'ते थे? वो बोले,

"केशरी ही कभी कभी मेरी गांड मार'त था. वह अक्सर कह'त रह'त है यार तुम'ने रानी भाभी के रुप मेँ गजब की चीज पी है. वह तुम पर पहले से फ़िदा है . मेरा समन पैक कर देना. मुझे एक सप्ताह के लीये बाहर जाना है." मैंने उनका समन पैक कर दिया. दुकान बंद होने के बाद रात ८ बजे घर आये तो मैंने पूछा,

"मेरे काम का क्या हुआ." वो बोले,

"अभी मैंने केशरी से बात नहीं की है. वापस आऊंगा तो बात कर लूंगा." मैं उदास हो गयी.

तुम मेरा खाना निकाल दो. मैंने खाना निकाल दिया और वो खाना खाने लगे. खाने के बाद जब वो जाने लगे तो मैं उनको दरवाज़े पर छोड़ने आयी. मेरा चेहरा एक दम बुझा हुआ था और मैं एक दम उदास थी. उन्होने मेरी तरफ देखा तो बोले,

"मैंने केशरी से बात कर ली है. यह सुन'के वह आईटी'न खुश हुवा की मत पूछो. वो लगभग १० बजे आएगा. मेरे वापस आने तक तुम केशरी से जी भर कर चुद्वा लेना." मैं ख़ुशी से फूली नहीं समां रही थी. मैंने उनके होठों पर एक चुम्बन जड़ दिया और कहा,

"ठीक है." मैं केशरी का इंतज़ार करने लगी. मैं ख़ुशी से एक दम पागल हो रही थी. मैं बहुत जोश में थी और मैंने अपनी साड़ी और ब्लौसे को उतार दिया. मैं केवल पेत्त्य्कोअत् और ब्रा में थी और ख़ुशी के मारे डान्स करने लगी. रात के १० बजे काल्ल्बेल्ल बजी तो मैंने धारक'ते दील से दरवाज़ा खोला. वो केशरी था. मैं उसे देखकर मुस्कुराई और वो भी मुस्कुराया. मैंने दरवाज़ा लाक कर दिया. केशरी मुझे अपनी बाँहों में जकड लीया. उसने अपने होठों को मेरे होठों पर रख दिया.

मैं जोश में आने लगी. उसने मेरी पीठ पर अपना हाथ फिरना शुरू कर दिया और मेरे होठों को चूमने लगा. मैंने भी उसके होठों को चूमना शुरू कर दिया. उसने मेरे होठों को चूमने के बाद मेरे गाल और मेरी गर्दन को चूमना शुरू कर दिया. मैं जोश में आ गयी और सिस्कारियां भरने लगी,

"ऑफ़... केशरी.... ओह...... और..... चूमो...... .. ." उसने मेरी ब्रा को खोल दिया और उसे उतारने लगा. मैंने अपने हाथ ऊपर कर दिए जिस से वो मेरी ब्रा को उतार सके. उसने ब्रा को उतार कर फेक दिया. अब मैं केवल पेट्तिकोअत में उसके सामने थी. उसने मेरी एक चूची को अपने हाथ में पकड़ कर मसलन शुरू कर दिया और दुसरे हाथ से मेरी पीठ को सहलाने लगा.

उसने पायजामा और कुरता पहन रखा था. उसका लंड पायजामे के अन्दर ही खड़ा हो कर तन गया था. मैं उसका लंड अपने चूत के पास महसूस कर रही थी. वो बहुत बड़ा लग रह था. मैं भी उसके पीठ को सहला रही थी. उसने मेरी पीठ को सहलाने के बाद मेरी कमर को सहलाना शुरू कर दिया. थोडी देर बाद उसने मेरे पेत्त्य्कोअत् के नादे पर अपना हाथ रखा. मैं एक दम जोश में थी. मैं समझ गयी की अब वो मेरा पेत्त्य्कोअत् खोलने वाला है. उसने पेत्त्य्कोअत् के नादे को झटके से खीच लीया तो
मेरा पेत्त्य्कोअत् खुल कर नीचे ज़मीन पर गिर गया. मैंने Panty जानबूझ कर नहीं पहनी थी. अब उसके सामने एक दम नंगी हो गयी थी. उसने अपना एक हाथ मेरी चूत पर लगाया तो मेरे मुं'हा से सिस्कारियां निकलने लगी,

ऑफ़......... . केशरी...... .. हाय....... ओह......... . वो मेरी चूत को सहलाने लगा. मैंने उसे अपनी तरफ खीच लीया और उसके
चुतर पर हाथ फिरने लगी. उसने एक ऊँगली मेरी चूत में दाल दी. मेरी चूत एकदम गीली होने लगी. मैंने उसके पायजामे के नादे को खोलने लगी. उसका पायजामा खुलने के बाद नीचे ज़मीन पर गिर गया. उसने भी अन्दर कुछ नहीं पहना था. वो नीचे से एक दम नंगा हो गया. मैंने कहा,

"क्या तुम नीचे कुछ नहीं पहनते हो." वो बोला,

"पहनता हूँ भाभी. लेकीन मुझे आज तुम्हारी चूत का न्योता मिल था, मेरा बस चल'त तो नंगा ही दौरा आता. जल्दी मेँ मैंने केवल कुरता और पायजामा ही पहना. मैंने अपना हाथ उसके लंड पर फिरना शुरू किया. उसका लंड बहुत लम्बा और मोटा था लेकीन अभी मैंने उसे देखा नहीं था. केवल अपने हाथों से महसूस कर रही थी. मैंने उसके लंड को सहलाना शुरू कर दिया. उसने मुझे अपनी बाँहों में ज़ोर से जकड लीया. वो अभी भी अपनी एक ऊँगली को मेरी चूत में अन्दर बाहर कर रह था. मेरे
बदन में सिहरन सी हो रही थी. थोडी देर में उसने अपनी ऊँगली बाहर नीकल ली फीर अपनी दो ऊँगली मेरी चूत में दाल दी. अब मुझे कुछ दर्द सा होने लगा. मैं सिस्कारियां भर रही थी,

उफ़....... उम्म........ ओह्ह्ह्ह....... .... . मेरे सहलाने पर उसका लंड और ज्यादा तिघ्त हो रह था. मैं उसके बदन से एक दम चिपकना चाहती थी लेकीन उसने अभी भी कुरता पहना हुआ था. मैंने उसके कुरते को नीचे की तरफ खीचा तो वो समझ गया. उसने अपना कुरता भी उतार दिया. अब हम दोनो एक दम नंगे थे. मैं उस से एक दम चिपक गयी. मैंने अभी तक उसका लंड नहीं देखा था. मैंने उसके लंड को अपने हाथों में ज़ोर से पकड़ लीया और आगे पीछे करने लगी. उसका लंड एक दम गरम था. वो मेरी चूत में अपनी दो ऊँगली दाल कर अन्दर बाहर कर रह था. मैं बहुत जोश में आ गयी और २ मिनट बाद ही मेरी चूत से पानी नीकल गया. वो नीचे ज़मीन पर बैठ गया और मेरी चूत के पानी को चाटने लगा. सारा पानी चाटने के बाद भी वो रुका नहीं और मेरी चूत को छत्ता रह. मैं पागल सी होने लगी. मैंने उसके बलों में अपना हाथ फिरना शुरू कर दिया और उसके सर को पकड़ कर अपनी चूत की तरफ दबा दिया.

५ मिनट बाद उसने मेरी चूत को चाटना बंद कर दिया और मुझे गोद में उठा कर बेद पर ले गया और बेद के एक किनारे बिठा दिया. अब वो खड़ा होकर मेरे सामने आ गया. उसका लंड एक दम मेरे मुं'हा के पास था. मैंने अब जाकर उसके लंड को पहली बार देखा. उसका लंड एक दम गोरा था और लगभग ८" लम्बा और २ १/२" मोटा था. मैंने ऐसा लंड पहले कभी नहीं देखा था. मैंने बिना उसके कुछ कहे ही उसके लंड को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया. वो मेरे बलों में अपना हाथ फिरने लगा. कुछ देर चाटने के बाद मैंने उसके लंड को अपने मुं'हा में ले लीया और चूसने लगी. मैं जोश से एक दम पागल हो रही थी. उसका लंड अपनी चूत में अन्दर लेने के लीये बेताब हो रही थी. वो समझ गया. उसने मुझे लीता दिया और मेरी टांगों के बीच आ गया.

उसने मेरी
चुतर के नीचे २ तकिये रख दिए तो मेरी चूत एक दम ऊपर उठ गयी. उसने मेरी टांगों को फैलाया और अपने लंड का सुपदा मेरी चूत के बीच रख दिया. मैं बहुत जोश में आ गयी बोली,

"केशरी, अब बर्दास्त नहीं हो रह है. दाल दो अपना पूरा लंड मेरी चूत में और खूब चोदो मुझे." केशरी ने अपने लंड को मेरी चूत के अन्दर डालना शुरू कर दिया. उसका लंड मेरी चूत में केवल २" ही घुसा था की मुझे हल्का हल्का दर्द होने लगा. केशरी ने मेरी चूत में अपने लंड को घुसना शुरू कर दिया. मैं तो पहले ही मोमबत्ती से चुद्वा चुकी थी. इस लीये मुझे अभी ज्यादा दर्द नहीं हो रह था. थोडा दर्द इस लीये हो रह था क्यों की केशरी का लंड मोमबत्ती से बहुत ज्यादा मोटा था.

केशरी ने एक धक्का लगाया तो उसका लंड मेरी चूत में ४" तक घुस गया. मेरे मुं'हा से हलकी हलकी चीख निकलने लगी. उसने जब थोडा सा और अन्दर डाला तो मेरे मुं'हा से एक जोरदार चीख नीकल गयी. केशरी का लंड अब मेरी चूत में ६" तक घुस चूका था. उसने और ज्यादा लंड घुसाने की कोशिश नहीं की और मुझे छोड़ने लगा. पहले उसने धीरे धीरे धक्का लगाया. जब मेरा दर्द कुछ कम हुआ तो मैं जोश में आ गयी. जब मैंने अपना ****तर ऊपर उठाना शुरू कर दिया तो उसने तेज़ी के साथ मुझे चोदना शुरू कर दिया.

थोडी देर तक चुदवाने के बाद मुझे और ज्यादा मज़ा आने लगा. मैंने अपना *
चुतरउठा उठा कर केशरी का साथ देना शुरू कर दिया. मेरे ****तर उठाते ही केशरी ने और तेज़ी के साथ चोदना शुरू कर दिया. वो अपने दोनो हाथों से मेरी चुचियों को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से मसल रह था और धक्के पर धक्के लगते हुए मुझे चोद रह था. बीच बीच में वो एक धक्का ज़ोर से मर देता था जिस से उसका लंड मेरी चूत में और ज्यादा अन्दर तक घुस जाता था. मेरी सांसें बहुत तेज़ चल रही थी. मेरा सारा बदन उसकी चुदाई से ज़ोर ज़ोर से हिल रह था. मैं बहुत जोश में आ गयी थी और मुझे अब दर्द का कोई एहसास नहीं रह गया था.

८-१० मिनट की चुदाई के बाद उसका पूरा लंड मेरी चूत में घुस चूका था. मैं उसके लंड के सुपदे को अपनी बच्चेदानी के मुं'हा पर महसूस कर रही थी, जिस से मुझे और ज्यादा मज़ा आ रह था. मैं अपना
चुतर उठा उठा कर उसके हर धक्के का जवाब दे रही थी. २-३ मिनट बाद मैं झाड़ गयी लेकीन वो रुका नहीं. मुझे चोद्ता रह. १० मिनट तक चुदवाने के बाद मैं फीर से झाड़ गयी. मेरी चूत एक दम गीली हो चुकी थी. केशरी मेरे ऊपर से हट गया तो मैंने पूछा,

"अभी तो तुम्हारे लंड का पानी भी नहीं निकला है. तुम हट क्यों गए." वो बोला,

"तुम्हारी चूत एक दम गीली हो गयी है. पहले इसे कपडे से साफ कर दूं, उसके बाद फीर चोदुन्गा." उसने बेद पर से चद्दर उठा ली और मेरी चूत साफ करने लगा. मेरी चूत को साफ करने के बाद उसने अपना लंड फीर से मेरी चूत में डालना शुरू किया. मेरी चूत साफ होने के बाद एक दम सूख गयी थी, इस लीये मुझे फीर से दर्द होने लगा. केशरी ने मेरे दर्द की कोई परवाह नहीं की और अपना लंड मेरी चूत में घुसता रह. मैं थोडा सा चिल्लाई लेकीन वो रुका नहीं. पूरा लंड मेरी चूत में घुसाने के बाद वो मुझे छोड़ने लगा. थोडी देर में मेरा दर्द फीर से कम हो गया तो मैं उसका साथ देने लगी. मैंने अपने
चुतर को उसके हर धक्के के साथ उठाना शुरू कर दिया. मेरे चुतर उठाते ही उसका लंड एक दम ज़द तक मेरी चूत में घुस जाता था और मैं उसके दोनो बल्ल्स को अपनी गांड पर महसूस करने लगती थी.

लगभग २० मिनट तक वो मुझे इसी तरह चोद्ता रह. इस बीच मैं २ बार और झाड़ चुकी थी. मेरी चूत फीर से गीली हो गयी थी. केशरी ने अपना लंड बाहर नीकल कर मेरी चूत को फीर से साफ किया. फीर उसने अपने लंड के सुपदे को मेरी चूत के बीच रखा. फीर उसने अपने दोनो हाथों से मेरी चुचियों को ज़ोर से पकड़ लीया और एक जोरदार धक्का मारा. मेरे मुं'हा से एक ज़ोर की चीख निकली और उसका पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में समां गया. उसने बिना देर किये मेरी चुचियों को ज़ोर ज़ोर से मसलते हुए बहुत ही तेज़ी के साथ मेरी चुदाई शुरू कर दी.

मैं हिचकोले खाने लगी. उसका पूरा लंड मेरी चूत के अन्दर बाहर हो रह था. मैं एक दम ज़न्नत का मज़ा ले रही थी. जब उसका पूरा लंड मेरी चूत में जाता तो मैं उसके दोनो बल्ल्स को अपनी गांड पर महसूस करती. मैं भी अपना ****तर उठा उठा कर उसके ताल से ताल मिलाने लगी. लगभग २० मिनट तक वो मुझे चोद्ता रह और फीर मेरी चूत में ही झाड़ गया. इस दौरान मैं २ बार फीर झाड़ चुकी थी. अपने लंड का पूरा पानी नीकल जाने के बाद वो हटा तो मैंने उसका लंड चाट चाट कर साफ कर दिया. मैं एक दम थक कर चूर हो गयी थी और बेद पर ही लेट गयी. वो भी मेरे बगल में लेट गया. मुझे आज ज़िंदगी में पहली बार चुदाई का असली मज़ा मिल था.

३० मिनट तक आराम करने के बाद केशरी ने फीर से मेरी चूत को सहलाना शुरू कर दिया. मैं समझ गयी की वो मुझे फीर से चोदना चाहता है. मैं उसके ऊपर आ कर ६९ की पोसिशन में हो गयी. मैंने उसके लंड को मुं'हा में लेकर चूसना शुरू कर दिया और वो मेरी चूत को चाटने लगा. ५ मिनट बाद ही हम दोनो फीर से तैयार हो गए.

इस बार केशरी ने मुझे दोग्ग्य स्टाइल में कर दिया और खुद मेरे पीछे आ गया. उसने मेरी चूत को फैला कर अपना लंड बीच में फंसा दिया और मेरी कमर को ज़ोर से पकड़ लीया. फीर वो मुझसे बोला,

"तुम तैयार हो जाओ, जानेमन. तुमको अब फीर से दर्द होने वाला है. मैं अब बिना रुके तुम्हारी चूत में अपना पूरा लंड दाल कर तुम्हारी चुदाई करने वाला हूँ. मैंने कहा,

"मेरी जान, मैं तैयार हूँ. मैंने आज ज़िंदगी में पहली बार चुदाई का मज़ा तुमसे पाया है. शादी के बाद आज तक मैं एक दम भूख्ही थी. आज तुमने मेरी भूख को शांत किया है. तुमने आज मेरी चुदाई करके मेरे जोश को और भी भड़का दिया है. चिल्लाने दो मुझे. तुम मेरे चिल्लाने की परवाह मत करना. दाल दो अपना पूरा लंड एक झटके से ही मेरी चूत में. खूब ज़ोर ज़ोर से चोदो मुझे." उसने मेरी कमर को पकड़ कर एक जोरदार धक्का मारा. अभी उसका केवल आधा लंड ही मेरी चूत में घुस पाया था की मेरे मुं'हा से चीख नीकल गयी. वो रुका नहीं. वो धक्के पर धक्का लगाने लगा और में चिल्लाती रही. वो रुका नहीं. ८-१० धक्कों के बाद उसका पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया. उसने मुझे तेज़ी के साथ चोदना शुरू कर दिया.

थोडी देर में जब मेरा दर्द कुछ कम हुआ तो मैं भी अपना
चुतर आगे पीछे करके उसका साथ देने लगी. वो मुझे आंधी की तरह चोद रह था. उसने इस बार मुझे लगभग ४५ मिनट तक बिना रुके चोदा. अभी तक मैं ३ बार झाड़ चुकी थी. मेरी चूत एक दम गीली हो चुकी थी. रुम में फच-फच और धाप-धाप की आवाज़ हो रही थी. केशरी का भी पानी अब निकलने ही वाला था. उसने मेरी कमर को और ज़ोर से पकड़ लीया और अपनी स्पीड बहुत तेज़ कर दी. मैंने भी अपना चुतर और तेज़ी के साथ आगे पीछे करना शुरू कर दिया. लगभग ५ मिनट और छोड़ने के बाद केशरी मेरी चूत में झाड़ गया और मैं भी एक बार फीर केशरी के साथ ही साथ झाड़ गयी. सारा पानी मेरी चूत में निकलने के बाद केशरी ने अपना लंड बाहर निकला तो मैंने उसे चाटना शुर कर दिया. मैंने उसका लंड खूब छठा और एक दम साफ कर दिया.
मैंने अमीत के आने तक केशरी से एक सप्ताह तक खूब चुद्वाया और खूब मज़ा लीया. अभी भी मैं केशरी को बुला कर खूब चुद्वती हूँ.


--
........raj.........

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