Thursday, March 20, 2008

रूचि की कहानी .भाग 1.......जारी है ............

रुची की कहानी -भाग 1.
हल्लो दोस्तो मैं आपका दोस्त राज शर्मा एक नई कहानी लेकर हाजिर हूँ आपने मेरी कहानी गोरी मेंम देशी लंड को बहुत पसंद किया इसके लिए मैं आपका आभारी हूँ क्योंकि जब आप लोग मेल करते हैं तो मन और भी अच्छी कहानी लिखने को करता है अब मैं आपको और ज्यादा बोर नही करूँगा तो दोस्तो कहानी ये उस समय की है जब मैंने राजा पार्क मैं किराये का मकान लिया था मेरे बराबर वाले मकान मैं एक रूचि नाम की ओरत रहती थी जब मैं शाम को छत पेर टहलने जाता तो मुझे अक्सर रूचि अपनी छत पर ही दिखाई देती थी एक दिन जब मैं छत पर टहल रहा था तो मुझे एक सुरीली सी आवाज सुनाई दी मैंने देखा की रूचि मुझसे कुछ पूंछ रही थी
रूचि-क्या आपने ये मकान किराये पर लिया है
राज-हाँ
रूचि -क्या आप यहाँ अकेले रहते है
राज-हाँ
रूचि- मैं अक्सर शाम को आपको यहाँ टहलते हुए देखती हूँ
राज-खाना खाने के बाद टहलना अछा रहता है
अगले दिन उसने कहा मैं आपके लिए चाय ले आई हूँ आ जाइये चाय पीतेहै मैंने कहा मैं चाय नही पीता मैं सिर्फ़ दूध पीता हूँ तो उसने कहा आज तो मैंने बना ली है आज चाय पी लीजिये फिर कभी दूध पिला देंगे .मैं उसके इस द्विअर्थी बात पर हेरान हो गया मैंने सोचा राज बेटा ये तो डोरे डाल रही है मैंने उसके हाथ से चाय का प्याला ले लिया चाय का प्याला लेते समय मैंने जान कर उसके हाथ को थोड़ा दबा दिया उसने कुछ नही कहा वह muskrati रही हम एक दुसरे के बरे मैं सवाल जबाब करने लगे रूचि naiti पहने हुए थी उसके bub बड़े sexi दिखाई दे रहे थे इसका matalab उसने bra नही पहने थी वह इतनी sexi लग रही थी की मन कर रहा था उसे अभीमन कर रहा था की उसे अभी चोद डालू चाय पीने के बाद मैंने पूंछा क्या आपके ये दोनों रूम खाली है रूचि ने कहा हाँ जब कोई गेस्ट आता है तब इन्हें खोल देते हैं उसने पूंछा क्या आप रूम देखना चाहेंगे मैंने कहा हाँ तों रूचि ने कहा मैं चाबी लाकर आती हूँ काफी दिनों से इनकी सफ़ाई भी नही हुयी है मैं रूचि के कहने का मतलब समझ चुका था मैं उसे चोदने का मन बना चुका था जिसका मौका भगवान ने मुझे तीसरे दिन ही दे दिया था
रूचि नीचे से चाबी लेकर आई और बोली आइये देख लीजिये मैं उसकी छत पर आ गया और उसने चाबी लगाकर एक रूम का दरवाजा खोल दिया और बोली ये हमारा गेस्ट रूम है जब भी कोई आता है हम उसे इसी मैं ठहराते हैं ये कहते हुए मैंने फील किञा की रूचि की सांसे भारी हो रही थी इधर मेरा भी यही हाल था बाहर अँधेरा होने के कारन रूम मैं भी अँधेरा था जेसे ही रूचि ट्यूब लेत को जलने के लिए आगे बढ़ी मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और उसके बूब को दबाने लगा साथ ही उसके गालों की पप्पी लेता रहा रूचि ने अपने आप को छुडाने का नाटक किया और बोली छोड़ो मुझे कोई देख लेगा मैं सब समझता था मैंने उससे कहा सरदी का मौसम है कोई नही आएगा मैंने उसे बांहों मैं ले रक्खा था
और उसके गालों को चूम रहा था मेरा लंड उसके चूतरों से टच हो रहा था और इस वक्त लोहे की रोड की तरह टाईट हो चुका था जिसे रूचि भी महसूस कर रही थी वो फ़िर बोली मुझे डर लग रहा है कोई आ जाएगा तुम्हे जो भी करना है जल्दी कर लो हालांकि रूचि सही कह रही थी मैंने देर करना उचित नही समझा मैंने किस करते हुए उसके चूतरों पेर हाथ फिराया उसके चूतर काफी सुदोल थे रूचि के चूतरों पर हाथ फिराते हुए मैं स्वर्ग का आनंद ले रहा था रूचि ने भी अपनी आँखें बंद कर ली थी वक्त की नजाकत को समझते हुए मैंने उसे घुमाया और उसकी नाइटी को उपर उठाया और अपना फद्फदाता लंड निकालाउसके हाथ नीचे करते हुए अपना लंड उसके हाथ मैं दिया वो बोली राज तुम्हारा लंड कितना टाईट और गरम है और कितना बड़ा है मैंने कहा मेरी जान अभी कुछ मत कहो इसे अपना काम कराने दो जो भी कहना है बाद मैं कह लेना ये कहते हुए मैंने रूचि को झुकने को कहा रूचि अपने दोनों हाथ वहाँ पडी चारपाई पर रखकर खड़ी हो गयी मैंने उसकी चूत से अपना लंड सटाया उसकी चूत सूखी हुयी थी अभी लंड लेने को तैयार नही थी मैंने अपने लंड को एक मिनट उसकी चूत पर फिराया फ़िर मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर सेट किञा और एक जोरदार धक्का दिया लंड फिसलकर एक तरफ़ हो गया फ़िर रूचि ने लंड को अपने हाथ से अपनी चूत के मुहाने पर लगाया और बोली अब लगाओ धक्का मैंने जेसे ही धक्का लगाया आधा लंड रूचि की चूत मैं घुस गया रही रूचि धीरे से चीखी दूसरे धक्के मैं पूरा लंड उसकी चूत मैं था पूरा लंड घुसाने के बाद मैंने धीरे -धीरे धक्का लगाना शुरू कर दिया और उसकी चूची को मसलने लगा रूचि मेरे हर धक्के पर सिसकियाँ भर रही थी साथ ही ओह ह ह ह ह ह ह ह हहह ह्ह्ह्छ आह ह ह ह ह ह ह ह ह ह सी स स स स स स मेरे राज तुम कितना प्यारा चोद रहे हो हाय राज मेरा मन कर रहा है तुम मुझे इसी तरह आह ह ह ह ह ह ह ह बस एइसे ही cहोदते रहो रूचि बहुत मस्त हो रही थी मुझेभी बहुत मज़ा आ रहा था मैंने रूचि से पूछा मेरी जान तुम्हें कैसा लग रहा है .रूचि बोली राज बहुत मज़ा आ रहा है आज छह महीने बाद मेरी चूत को प्यार मिल रहा है बोलो मत सिर्फ़ चुदाई करो मेरी चूत को फाड़ डालो क्या शानदार लंड है तुम्हारा .दो मिनट बाद रूचि ने मुझसे कहा राज मेरे राजा तेज तेज करो और तेज करो और तेज ज्ज् ज् ज् ज् ज् करो कहते हुए वो अपनी गांड को आगे पीछे करने लगी अगले ही पल वो झड़ गयी जिसका अहसास मुझे उसके शरीर के कांपने से हुआ जैसे उसके शरीर मैं मेरे लंड ने करंट सा फैला दिया हो झड़ने के बाद वो बोली छह महीने बाद लंड का स्वाद मिला है तुम्हारे लंड से दो मिनट ही मस्ती सी आ गयी और मैं स्वर्ग मैं पहुच गयी मेरे राज क्या तुम मुझे यही सुख दोगे मैं तुम्हारी दासी बनकर रहूँगी । मैंने कहा मेरी रानी मैं रोज़ तुम्हारी इस प्यासी चूत को अपने लंड से सुख दूंगा ये कहते हुए मैंने अपनी रफ़्तार और तेज कर दी क्योंकि मेरे लिए रूचि की चूत एक नयी चूत थी इसलिए मैं भी झाड़ने के कगार पर पहुच गया था उसकी चूत का पानी छूट चुका था इसीलिए हर धक्के पर फच फच फच्च च च च च की आवाज़ आ रही थी जैसे ही मुझे लगा मैं झरने वाला हूँ मैंने उससे पूंछा रुची मेरी जान मैं झड़ने वाला हूँ बाहर झडू या ....मेरी बात पूरी करने से पहले ही वह बोली !! प्लीज़ राज मेरी चूत से लंड बाहर मत निकालना झड़ना है तो मेरी चूत मैं ही झडो और मेरी चूत को गरम गरम पिचकारी से नहलादो !!एक पिचकारी की तरह मेरे लंड से निकला पानी उसकी चूत को सुख पहुचाने लगा वह जोर जोर से अपनी गांड को आगे पीछे कर रही थी मैंने रूचि की चूत से अपना लंड बाहर निकाल लिया मेरा लंड लाल सुर्ख हो रहा था बिल्कुल वैसा जैसा रूचि का चेहरा लाल हो रक्खा था रूचि ने अपनी naitee से मेरे लंड को साफ किया और उसे अपने मुंह मैं ले लिया एक मिनट तक रूचि लंड को अपने मुंह मैं अन्दर बाहर करती रही मेरा लंड जो चूहा बन गया था वो फिर से मस्त हो गया अब मैंने रूचि के मुंह से मुंह लगाकर उसके होठों को चूसते हुए खड़े खड़े ही लंड को उसकी चूत मैं डालने की कोशिस करने लगा तभी रूचि ने कहा अभी नही मैं कल शाम को जल्दी ही आ जाउंगी ये कह कर रुची वहाँ से चली गयी और मैं भी अपनी छत पर आ गया अगले दिन रूचि जल्दी ही छत पर आगई मैंने उसे करीब एक घंटे तक जी भरकर चोदा उस दिन पहले मैंने उसके मुंह मैं अपना लंड दिया फिर घोड़ी बनाके उसे दो बार जबरदस्त तरीके से चोदा वो panch बार झाडी और मैं दो बार इस तरह हमने करीब सात आठ दिनों तक चुदाई की फ़िर मुझे कुछ जरुरी काम से गुडगांवा जाना पडा और मैं करीब एक सप्ताह मैं वापस आया
...........जारी है ............

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