Monday, March 17, 2008

मेरी प्यारी रागिनी

मेरी प्यारी रागिनी

दोस्तों ये कहानी..एक बहुत ही अजीब तरह से शुरू हुयी और इसके किरदार भी असल है सिर्फ़ नाम बदल दिए गए है.. मेरी पत्नी एक शिक्षिका है. मेरी उम्र 40 साल है.. मै इंजीनियर हू..हमारा एक ही लड़का है ..मै दिखने मे भी ठीक ठाक हूँ...पत्नी सुबह ६ बजे स्कूल चली जाती है इसलिए मै ऑफिस के लिए जाते हुए..मेरे लड़के को स्कूल बस मे बिठा के फ़िर जाता हू..उस एरिया के सभी बच्चे वहाँ आते हैं..उसी मे एक औरत भी अपने बेटे को छोड़ने आती है..उसका बेटा मेरे बेटे की क्लास मे ही होने की वजह से हमारी भी बोलचाल शुरू हो गई..अब उस महिला के बारे मे बता दूँ उनका नाम Mrs. रागिनी कामथ है...उम्र ३४ साल 5 फ़ीट उंचाई , गोल मटोल गदाराई हुयी काया , लम्बे काले बाल , गोल चेहरा और गेहुंवा रंग याने थोड़े मे वो , मुझे बड़ी सेक्सी लगती थी . Mrs. रागिनी के पति दुबई मे रहते है..इसलिए वो अपने 10 साल के बेटे के साथ मेरे कॉलोनी मे रहती थीं क्योंकि वोह इस एरिया मे ही नौकरी करती थी . वैसे वोह रहने वाली किसी दूसरे शहर की थीं .
मेरा 10 साल का बेटा और उनका बेटा दोनों एक क्लास मे पढते थे . Mrs. रागिनी से मेरी मुलाक़ात सुबह स्कूल बस स्टॉप पर हो जाती थी जब हम दोनों अपने बेटों को स्कूल बस पर छोड़ने आते थे . Mrs..रागिनी का घर हमारे घर से क़रीब 10 मिनिट के पैदल चलने की दूरी पर था . Mrs. रागिनी और मेरा मिलना जुलना सिर्फ़ बस -स्टॉप तक ही सीमित था . उनकी मुलाक़ात मेरी पत्नी से नहीं हुई थी , क्युकि वो कभी लड़के को छोड़ने नही आती थी .
हाफ -ईयरली एक्जाम के परिणाम निकले और उनका बेटा राहुल के मार्क्स काफी ख़राब थे . आकाश [मेरा बेटा ] ने अच्छे मार्क्स पाये थे..क्यूकी उसे मै घर पर पढाता था.. Mrs. रागिनी काफी परेशान थी . बात ही बात मे उन्हों ने मुझे एक शिक्षक बताने की बात कही . मेने कहा की मे इस रविवार को उनके घर आ कर राहुल से बात करूंगा और देखूँगा की उसको क्या प्रॉब्लम आ रही है . मेरे बेटे को मै ख़ुद ही पढ़ा लेता हू..और शाम को वैसे भी मै फ्री रहता हूँ..,सो रविवार को मे Mrs.रागिनी के घर शाम को पत्नी और आकाश के साथ गया . Mrs. रागिनी ने हम लोगों का का बहुत खुशी के साथ स्वागत किया.. मेरी पत्नी और रागिनी एक दूसरे से मिल कर बहुत खुश हुई . राहुल से बात की और मैने पाया की उसे कुछ मार्ग दर्शन की जरूरत है और वोह अच्छे मार्क्स पा सकता है . मेरी पत्नी ने मुझसे कहा की क्यों ना मै राहुल को शाम को एक घंटा पढ़ा दिया करूं .मै ऑफिस से 6 बजे आ जाता था और 7 बजे से आकाश को पढाता था . मै इस बारे मे ज्यादा उत्सुक नही था.. फ़िर रागिनी बोली की वोह उसे रेगुलर पढ़ा देती है , तो अगर मै शनिवार और रविवार मे कुछ समय निकल लूँ तो काफी हेल्प हो जायेगी ख़ास कर गणित और साईंस मे हेल्प ज्यादा चाहिए . मै तैयार हो गया . यह अरेंजमेन्ट सिर्फ़ अप्रील तक का था यानि सिर्फ़ वार्षिक परीक्षा तक . इस बात के फ़ाइनल होने के बाद मेरी पत्नी , आकाश और मै घर लौट आए .
अगले शनिवार ,शाम को 6.30 PM को मै रागिनी के घर राहुल को पढने पहुँच गया . रागिनी ने मेरे लिए नाश्ता पेश किया और गरमा गरम काफ़ी साथ मै दी . नाश्ता और काफ़ी पी कर मै काफी रिफ्रेश फील कर रहा था . राहुल काफी होशियार बच्छा था और उसकी ग्रहन करने की शक्ति काफी तेज़ थी . दो घंटे पढने के बाद मेने उसे होम वर्क दिया और सन्डे को दिन मै पढने के लिए कह कर चला आया .
शनिवार और रविवार का यह सिलसिला चलता रहा और देखते देखते जनवरी फ़रवरी का महीना बीत गया .
मार्च के महीने मै एक शनिवार की शाम मै राहुल को पढाने पहुँचा . मेरी पत्नी आकाश को लेकर उसी दिन अपने भाई के घर दो दिन के लिए गयी थी . रागिनी ने मुझे ड्राइंग रूम मै बिठाया और पानी लेने अन्दर चली गयी . 5 मिनिट बाद वोह पानी का ग्लास और बिस्किट ले कर ई . मैंने पूछा की राहुल कहाँ है तो पता चला की राहुल दो दिन के लिए उससे सेहर मै रहने वाली अपनी मौसी के यहाँ रहने गया है .क्युकि आज उसके मौसी के लड़के का जन्म दिन भी है और कल वो लोग पिकनिक जाने वाले है.
मै उठ कर खड़ा हो गया और चलने लगा .रागिनी ने काफ़ी पीने की पेशकश दी तो मै रुक गया. रागिनी ने उस दिन गुलाबी कलर का गाऊन पहन रखा था . 5ft की हाईट मै उनका पूरा बदन बड़ा गदराया हुआ लगता था . बालों को उन्होंने ढीले जूडे मै बंधा था जो की कंधे पर ढलका हुआ था . आज रागिनी देखने मे बड़ी सेक्सी लग रही थी. शायद पहली बार उनके अकेले मे देख रहा था ..और मेरे घर मे बीवी भी नही थी.. उनकी सेक्स अपील पर मै पहले से ही कुर्बान था पर उस दिन जो गाऊन उन्होंने पहें रखा था वोह उनके गदराये बदन का जो मंजर पेश कर रहा था वोह मेरे मन मै पाप जगा रहा था वो जब पिछे मुद कर किचेन मे जा रही थी तो उनके गोल नितम्ब और उसकी लचक..फ़िर आज उनक वो मुस्कराहट..उनके उभरे हुए स्तन..जो की..उफ़..आज आमंत्रण देते हुए लग रहे थे....मै शादी शुदा और एक बेटे का बाप था पर आज उनको देख कर मेरे अन्दर का वोह आदमी जाग गया था जिस की काम अग्नि कभी शांत नहीं होती है . वोह आदमी हमेशा गरम चूत ढूँढता रहता है . मेरे अन्दर का वोही आदमी जाग गया था और मेरे मन मै रागिनी को ले कर कामुक विचार आने लगे मेरा लंड एकदम से कठोर हो गया...मै उसे दबाता हुआ बैठा था.. मै काफी देर अपने से विवाद करता रहा पर मेरे अन्दर का वोह कामुक आदमी मेरी सुनने को तैयार नहीं था .
मेरे ऊपर रागिनी की सेक्स अपील ने जादू कर दिया था और मेरे अन्दर का शैतान जाग गया था , पर मै रागिनी का बलात्कार नहीं करना चाहता था . मैंने निश्चय किया की मै रागिनी को मानसिक रूप से तैयार करूंगा की वोह मेरे साथ अपनी मरजी से चुदाई करे . मै किसी भी हालत मै रागिनी के साथ जबरदस्ती नहीं करना चाहता था क्योंकि यह बात मेरी बीवी को पता चल सकती थी और सोसायटी मे फैल सकती थी . यह बात सच थी की मै रागिनी को छोड़ना चाहता था और वो भी उसके गद्रये बदन को पुरा नंगा कर के..अच्छी तरह से मसलन और चूमना चाहता था. लेकिन...उनकी मरजी के साथ . मेरा मकसद सिर्फ़ मजे लेना था और उसे भी पूरी तरह से तृप्त करना था ....और कुछ नहीं . मै किसी लम्बी रेलातिओंशिप मे नहीं पड़ना चाहता था पर रागिनी जैसी सेक्सी और रसीली औरत के साथ पूरी तरह से गरम चुदाई का मजा लेना चाहता था...उसकी आहों और कराहों को सुन कर मेरा मूसल उसकी फूली हुयी चूत (ये मेरी कल्पना थी उस वक्त , जो सच थी) मे डाल कर जोरदार चुदाई का मज़ा लेना चाहता था
बात ही बात मे रागिनी को मैंने बताया की उस दिन मै अकेला था तो वोह डिनर कर के जाने के लिए आग्रह कर ने लगी . थोड़ी न नुकुर के बाद मै डिनर करने के लिए रुक गया , असल मे मै भी उनके पास ज्यादा से ज्यादा वक्त रुकना चाह रहा था...उनके बदन को देखना चाह रहा था..और कोशिश कर रहा था की उनके हुस्न का मज़ा तो ले लू...
वैसे पिछले दो महीने मे मै रागिनी से काफी खुल गया था और रागिनी भी मुझसे काफी खुल गयी थी . हम कभी कभी आपस मे मजाक भी कर लिया करते थे और मै कभी कभी रागिनी को को उनके ड्रेस और मेकअप सेन्स पर कोम्प्लिमेंट भी कर देता था .
उस शाम इस बात का फायदा उठाया और मै रागिनी के पीछे किचेन मे जा कर खड़ा हो गया और बात कर ने लगा . वोह किचेन मे डिनर बाना रही थी . बात ही बात मे मैने एक नॉन -वेज जोक सुना दिया . वोह जोर से हँसी . थोड़ी देर बाद मैंने उन्हे एक और नॉन -वेज जोक सुना दिया . वोह फिर जोर से हँसी और बोली की मै बहुत मजाकिया हूँ .. किचेन मे मै पीछे से खड़ा होकर रागिनी के भारी नितम्बो को..यानि की गदराये चूतड .को देख रहा था थोड़ी देर की बातचीत के बाद बात मैंने धीरे से सेक्स की तरफ मोड़ दी और उनके विचार जाने . मैने सेक्स एजुकेशन , प्री मेरिटल सेक्स और फ्री सेक्स सोसायटी के विषय मे उनके विचार पूछे . मेरा मकसद उनका सेक्स की तरफ़ रुख जानना था . वोह काफी फ्रैंक थी ..और उनके पति..दो साल से दुबई मे होने के कारन उन्हें भी सेक्स की जरुरत महसूस होती है..लेकिन ये बात उन्होंने खुल के नही कही..
रात के 9 बज गए थे . हम डिनर कर रहे थे . हमारी बाते काफी खुल कर हो रही थी . बाते फिल्म्स पर हो रही थी और फिर मैने नॉन -वेज जोक्स की झड़ी लगा दी . डिनर के बाद मै घर जाने के लिए तैयार हो गया मै इंतज़ार मे था की आज रात को अगर मामला जम जाए तो..लेकिन वैसा कुछ दिखा नही.मै..बाहर निकला और घर चला आया .
पूरे रास्ते मे सोचता रहा की रागिनी को कैसे चोदा जाए, दूसरे दिन सन्डे था और मै घर पर अकेले था . मैंने निश्चय किया की सन्डे को मै किसी बहने से फिर जाऊंगा और एक खुला अप्रोच मारूंगा और रिस्क ले कर देखूँगा .तभी मुझे याद आया मै अपना छोटा बैग रागिनी के घर पर ही भूल आया हूँ. शायद किस्मत मेरे साथ थी और वोह भी चाहती थी की रागिनी मेरे से चुदे . . मैंने घर आ कर उस बैग की याद की.. उस बैग मे एक ब्लू फ़िल्म की cd थी जो मै एक दोस्त से मांग कर लाया था और घर मे अकेले मे देखना चाहता था . मेरा दिमाग चक्र गया पर इतनी रात मे वापस जा कर cd लाना मुझे ठीक नही लगा..और वैसे भी मै काफी गरम था..आंखों के सामने रागिनी का बदन घूम रहा था ..पूरे कपड़े निकाले..नंगा हो गया..देखा लंड..रागिनी के याद मे खड़ा है और उसके मुँह से प्री कम.टपक रहा है मैंने आँख बंद की तो रागिनी को नंगा महसूस करके मूठ मारने लगा..थोड़ी देर बाद झाड़ गया..लेकिन बिना कपड़े पहने ही सो गया..लंड उस रात सोया नही ...
दूसरे दिन मै सुबह तैयार हो कर रागिनी के घर 11 AM पर पहुँच गया . मेरे मन मे दो बाते थी . पहली , cd लेना और दूसरी रागिनी को सीधे सेक्स के लिए तैयार करना..मै रिस्क लेने को तैयार था पर किसी भी कीमत पर रागिनी को चोदना चाहता था .
रागिनी ने दरवाज़ा खोला और मुस्कुराती हुई मुझे अन्दर ले कर आयी रागिनी ने क्रीम कलर साड़ी ब्लाउज पहन रखा था . बाल शैंपू किए थे जो की कंधे पर बिखरे थे ब्लाउज के पीछे से उसकी सफ़ेद रंग की ब्रा की बड़ी सेक्सी लग रही थी . उरोज़ (चुंचियाँ) भी उभरे हुए दिख रहे थे और काफी बडे और गोल गोल थे .
"आप कहीँ जा रही हैं ?", मैंने पूछा . "नहीं ,मै जानती थी की आप आएंगे (मुस्कुरा कर), कल आप का बैग और cd छूट गयी थी ." वोह बेबाक बोली. मैंने उनको देखा , फिर बोला ,"हाँ वोह जल्दी मे बैग छूट गया और cd ....आप को कैसे पता की उसमे cd है ?". वोह मुस्कुरा दी और कुछ नहीं बोली . मैने कुछ भांप लिया और पासा फेका ," कैसे लगी cd?". वोह कुछ नहीं बोली और नज़रे झुका लिया और मुस्कुराने लगी .कई समझ गया की तीर निशाने पर लगा है . किस्मत ने ख़ुद -ब -ख़ुद साथ डे दिया है .रागिनी ने cd उस रात देख ली थी और तबियत गरम हो गयी थी . मैंने समय गवाना ठीक ना समझा और गरम लोहे पर चोट कर दिया .
मैंने आगे बढ़कर रागिनी को अपनी बाँहों मे भर लिया और उनके रसीले होंठों और गोल फूले गालों पर अनगिनत चुम्बन जड़ दिए पूरा चेहरा गीला हो गया उनका..रागिनी का बदन अंगारे के समान जल रहा था वो भी मुझसे चिपक गई थी. . सांसों मे गरम सन् सनी थी . उनका पूरा बदन किसी अंगारे की तरह मेरी बाँहों मे कसमसा रहा था .आंखें बंद थी..मेरे चुम्बन उनके गर्दन..कण..कान के नीचे..और होंठों पर..होंठ तो मै बुरी तरह चूस रहा था..रागिनी के अन्दर की प्यासी औरत जाग गयी थी . बिना किसी विरोध के रागिनी ने अपने जवान बदन को मेरे हवाले कर दिया और आँख बंद कर के तेज़ सांसे लेने लगी . मेरा रास्ता आसान हो गया था . मैंने रागिनी को अपनी मजबूत..बाँहों मे उठा लिया और बेडरूम की तरफ़ चल दिया . बेडरूम मे मैंने रागिनी को लिटा दिया और फिर उनके उस जलते हे बदन के एक एक अंग को चूमने लगा . मेरे धधकते हुए होंठ और गीली जीभ उनके सुलगते हे बदन मे और आग भर रहे थे मै रागिनी के ऊपर चा चुका था , रागिनी के अन्दर की प्यासी औरत मेरे अन्दर के पुरूष के सामने समर्पण कर चुकी थी . रागिनी आंखे बंद कर के सिर्फ़ तेज़ सांसे ले रही थी . अब उसने मेरे चुम्बनो का जवाब देना शुरू कर दिया था..मै अपनी जीभ उसके मुह के अन्दर घुमाया ..तो उसने भी अपनी जीभ मेरे मुह मे डाल दी उसकी गरम जीभ..अआह्ह..मै चूसने लगा.. . तेज़ सांसे लेने से उनकी भापूर गुदाज़ और उन्नत छाती ऊपर नीचे हो कर मेरे अन्दर के उबलते लावे मे और उबाल पैदा कर रही थी . मैंने अपनी पैंट , कमीज़ और बनियान उतर दी . उसने आँख खोलकर मेरी बालों से भरी छाती को देखा..फ़िर मैंने उसके सीने से उसकी साड़ी का आँचल हटा दिया..और उसके उभारों को ब्लाउज के ऊपर से सहलाया..मै अभी भी उसका चुम्बन कर रहा था...उसके मुह से सिस्कारी निकली..आह्ह इश स्.स्.स्.स्.स्.स्...और उसने साड़ी पूरी निकलने मे मेरी मदद की..मैंने रागिनी की साड़ी उतार दी . वोह पेटीकोट और ब्लाउज मे मेरे सामने लेटी थी . नहाई हुई औरत और उसके भीगे बाल मुझे बड़े सेक्सी लगते है.मैंने रागिनी के ब्लाउज के बटन उसके चुन्चियों को सहलाते हुए खोले और फ़िर उसका ब्लाउज भी खोल दिया . ब्रा के कप्स मे उनके बड़े दूधिया स्तन इस तरह से दिख रहे थे जैसे की सफ़ेद कप मे आइसक्रीम भरी हो . मै उसके ब्रा के बॉर्डर से जीभ फिरते हुए उसके मदमस्त..उभारों को चाटने लगा ..और वो अब पैर को खिचती और फैला देती..उसके चहरे पर एक अलग नज़ारा दिख रहा था..आँखें गुलाबी हो गई थी..आवाज़ नशीली..वो मेरा सिर अपनी चूची पर दबाने लगी... मैंने उनके गुदाज़ चुन्चियों को ब्रा की कैद से आजाद कराया और पागलों की तरह उनके गोल गोल चूचियों को चूमने लगा..घुन्डियाँ अब कड़क हो गई थी..तन के गुलाबी दिख रही थी...पिचले दो साल से उनके पति यहाँ नही थे और किसी मर्द ने इन्हे छुआ नही था..मै एक एक निपल को बारी बारी से मुह मे ले कर चूसने लगा .रागिनी ने ज़ोर ज़ोर से सिस्कारी मारनी शुरू कर दी आह्ह...ऑफ़..हुश.श.स्.स्.स्.स्. उफ़.. और मुझसे लिपट गयी . रागिनी ने सारी लोक लाज छोड़ दी थी और अब वोह सिर्फ़ औरत थी और मै एक मर्द और हम वो कर रहे थे जो इस दुनिया मे एक औरत और मर्द सब भूल कर करने के लिए बने है . मै उस पल भूल गया था की मै कौन हूँ .मै सिर्फ़ एक पुरूष था जो एक औरत को चोदने जा रहा था
मै उन नायाब खरबूजों का जीं भर कर रस चूसता रहा . क़रीब 5 मिनिट के बाद मैंने रागिनी के रसीले धधकते हुए होंटों की आग फ़िर से पीनी शुरू की . मेरी ज़बान उसके मुह मे जा रही थी .रागिनी मुझसे लिपटी हुई थी और आंखे बंद किए थी मुह से सिस्कारी और गरम आह निकल रही थी..उफ़..ओह्ह..हुश..हुश..श.श..स्.स्.स्.स्..स्..स्.और इस चुदाई मे पूरी गरमी के साथ वोह पूरा साथ दे रही थी . क़रीब और 5 मिनिट बाद मैंने उसके पेट के खुले हिस्से को सहलाया..उसे गुदगुदी हुई और वो मचलने लगी..मैंने वहाँ चूमना शुरू किया..जीभ की गीली नोक से उसकी नाभि मे सुर सुरी दी.. फ़िर पेटीकोट के ऊपर से उसके जांघों पर और कूल्हों पर सहलाया..मुझे लगा की उसने पैंटी पहनी नही है..फ़िर सोचा शायद स्ट्रिंग वाली पहनी हो...और मैने उस का पेटीकोट का नाडा खोल दिया और उसने अपने नितम्ब उठा के वो अपनी गांड के निचे से निकाल दिया यह देख कर मेरा लंड और टन टना गया की उस ने पैंटी नहीं पहनी थी . रागिनी ,5ft की गदराई गोल मटोल औरत मेरे सामने नंगी लेटी थी और चुदाने का इंतज़ार कर रही थी . रागिनी की चूत पर बाल थे और बालों मे से उसकी चूत की लाइन दिख रही थी.ऐसा लग रहा था किसी कुंवारी की चूत है.. मुझे औरत की चूत पर बाल बड़े सेक्सी लगते हैं . मैंने रागिनी की झांटो मे ऊँगली घुमाई और फिर चूत के छेद मे ऊँगली लगायी..उफ़..कितनी गरम और गीली थी..चूत से पानी निकलने से..झांटे भी भींग गई थी.. चूत के छेद पर हाथ रखते ही उसके मुँह से आह्ह्ह..उफ्फ्फ..ई.ई.ई.ई.ई की सिस्कारी निकलने लगी जैसे ही ऊँगली अन्दर डाली..वो जोर से सि.सि.सि.सि.सि. उफ़..करने लगी.. उफ़ , कितनी गरमी निकल रही थी , लग रहा था की कोई भट्टी जल रही हो . रागिनी पिछले दो साल से नही चुदी थी . मै ज्यादा इंतज़ार नही कर सकता था मैंने रागिनी की जांघे फैला दी .और चूत के ऊपर होंठ रख दिए..वो तड़प उठी..आह्ह..उईई..माँ..आह्ह..मैंने उसके चूत के दाने को जीभ से सहलाया..और जीभ अन्दर डाल दी..आह क्या मादक सुगंध थी..और चूत का पानी..नमकीन था..लेकिन बहुत टेस्टी..क़रीब 4-५ मिनिट मैंने चूत को छठा..वो भी कमर उछाल कर चूत को मेरे मुँह पर लगा रही थी...और पानी निकाल रही थी... फ़िर उसने कहा प्लीज़..अब सहन नही हो रहा..पहली बार उसने कुछ बोला..मै भी अब रुक नही सकता था.मैंने रागिनी के पैरों को ऊपर उठा के फैलाया और उसकी गांड के नीचे दो तकिये लगाये..मोटी गांड के नीचे तकिया रखने से चूत ऊपर उठ गई और खुल गई..चूत का छेद बहुत ही छोटा लग रहा था..गुलाबी एकदम.. अब मैंने अपना फनफनाता हुआ लंड उसकी चूत के ऊपर रखा और चूत पर घिसने लगा दबा के..दाने पर..वो ऑफ़..ऑफ़..अब मत तडपाओ मैंने छेद पर सैट करके दबाया..सुपाडा अन्दर जा कर फंस गया..आह्ह्ह्ह..उफ़..उसके चहरे पर दर्द दिख रहा था..लेकिन कुछ बोली नही..मैंने दुसरा धक्का जोर से मारा और आधा लंड चूत के अन्दर कर दिया ..थोड़ा रुक कर लंड को पीछे खीचा और इस बार जबर्दस्त धक्का दिया,,लंड चूत की दीवार को चौड़ा करता हुआ फक क की आवाज़ के साथ पुरा चूत के अन्दर गया..और रागिनी आह्ह्ह..मर गई.ई.ई.ई.ई.ई बोल उठी..मैंने पूछा दर्द हुआ क्या.."आपका कितना मोटा है..इतना मोटा और लंबा..दर्द नही होगा...? :निकाल लू" मैंने उसे चिढाने के लिए पूछा..."नही ई ई ई " अब पूरा लंड रागिनी की चूत की गहराई मे समां गया था .मुझे लगा की मेरा लंड किसी सुलगती भट्टी मे आ गया था . रागिनी की चूत बहुत गरम थी रागिनी. ने जोर डर सिस्कारी मारनी शुरू की और मेरा पूरा लंड अपनी चूत मे उतार लिया अब उसके मुँह से बोल निकलने लगे थे . "प्लीज़ , जोर से कीजिये , और जोर से ...." वोह बोली . मैंने जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया . रागिनी गांड उठा उठा कर मेरे धक्कों से ताल मिलानी शुरू की . मेरा लंड उनकी चूत मे काफी गहराई मे जा रहा था .
थोड़ी देर बाद मै जबर्दस्त धक्के मैने उनकी चूत मे मारे और वोह आह्ह्ह..उफ़..और जोर से.. आह्ह. .हाय..हाय ..ऐसा कहते हुए उनका बदन एक दम कड़क हो गया मुझे कस के जकडा और चूत एकदम गीली हो गई..लंड को भी कस के जकडा था...वो झड़ गई थी.. और फ़िर वो शांत पड़ गयी .अब रागिनी . के अन्दर की प्यासी औरत को चुद कर शान्ति मिल गयी थी . उनके शरीर मे एक ठहराव और शान्ति का एहसास हो रहा था . वोह पसीने मे नहा गयी थी . अगले कुछ पल मे मै भी शांत पड़ गया मैंने इतने जोरदार धक्के लगाये की शायद इस तरह मैंने अपनी पत्नी को भी कभी नही चोदा..और लंड को पूरी गहराई मे उतार कर मैंने अपना लावा उसकी नाज़ुक चूत मे डाला..पिचकारी का फोर्स बहुत ज्यादा था... मेरे लंड ने उनकी चूत पेल कर शान्ति पा ली थी . हम थोड़ी देर वैसे ही पडे रहे .
रागिनी सो गयी थी .चुदाई से उनकी बुर की गरमी मे काफी रहत मिली थी . मेरे वीर्य ने उनकी गरम चूत की दीवारों को नेहला दिया था . मै उठा तो देखा की रागिनी की चूत से मेरा क्रीम बह रहा था . मैंने काफी बहुत सारा जूस निकाला था इसका कारन था पिछले 5 दिनों से बीवी की मासिक चल रहे थे और वो ख़त्म होते ही वो अपने भाई के यहाँ चली गयी तो मेरा पूरा माल जमा था..कल रात को रागिनी के नाम से निकाला लेकिन उतना ही फ़िर जमा हो गया था....
मैंने जब रागिनी की चूत से लंड को निकाला तो.पक की आवाज़ हुयी वैसे एक चुदी हुयी चूत से ये आवाज़ नही अणि चाहिए..और फ़िर रागिनी तो एक बेटे की माँ थी..फ़िर भी मेरे लंड पर कुछ खून मैंने देखा..और कुछ बूंदे चादर पर भी थी..मैंने रागिनी को फ़िर से चूमा..थोड़ी देर बाद रागिनी उठी.. और बाथरूम जाने लगी..लेकिन उसके कदम लड़खड़ा रहे थे....मैंने उसे सहारा दिया...बाथरूम मे उसने अपना सब साफ किया ..फ़िर मै गया.. मैंने उससे पूंछा.."रागिनी..क्या ये ग़लत हुआ?" वो कुछ नही बोली..मैंने उसे फ़िर अपने क़रीब लिया..उसने कहा प्लीज़..आज नही..मै समझ गया की वो आज बहुत दिनों बार चुदी है..शायद ..दर्द ज्यादा है..या कुछ और सोच रही है..मैंने अपने कपड़े पहने..रागिनी ने भी अपने कपड़े पहने..जब मै निकल रहा था तो उसने कहा."आपकी पत्नी आ गई क्या?"मैंने कहा "नही"फ़िर उसने कहा "रात को डिनर के लिए आएंगे ना?बस मै समझ गया.....
"हाँ..मै डिनर के लिए गया और उस रात को मैंने रागिनी को रात भर अलग अलग आसन मे चोदा..मेरी पत्नी के आने के बाद भी मैंने उसे चोदा...लेकिन उस रात की चुदाई कुछ अलग ही थी..रागिनी मेरे साथ से दो बार गर्भवती हुई ,क्युकी हम दोनों ही कोई सावधानी नही लेते थे... मै ही उसका पति बन कर गर्भपात करवा के लाया..क्या आप उस रात की वारदात सुनोगे?..अगर हाँ तो मुझे मेल कीजिये....दोस्तों..राहुल को तो मैंने सिर्फ़ उसके वार्षिक परीक्षा तक ही पढाया लेकिन रागिनी की क्लास अभी भी चल रही है..क्या आपको जानना है उस दिन डिनर मे किसने किसको क्या खिलाया?

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