Monday, March 17, 2008

रंजना की चुदाई

रंजना की चुदाई

लंड वाले दोस्तो और गरम चूत वाली औरतों..का प्यारा संजय हाज़िर है एक नया कारनामा लेकर.,उमर सिर्फ़ ४० साल, थाने (मुम्बई) मे रहता हु..और उम्मीद करता हूँ की मुम्बई या आस पास की सेक्सी भाभियाँ ज़रुर मुझसे मिलना चाहेंगी... , कहानी ज्यादा पुरानी नही है..मेरे घर के पास ही एक परिवार रहता है शर्मा जी का..उनकी २२ साल की एक ही बेटी है..बड़ी खूबसूरत और सेक्सी भी है..मेरी पत्नी के साथ उसकी अच्छी दोस्ती है....उसे वो आंटी कहती है और मुझे संजय अंकल...लेकिन मेरी पत्नी के साथ वो हर तरह की बातें करती है...यहाँ तक की सेक्स की भी..(ये मुझे मेरी पत्नी ने ही बताया) उसका नाम रंजना है ..है ना नाम भी सेक्सी? उसके माता पिता लेकिन ज्यादा मिलनसार नही है.अब सीधे कहानी पर आता हूँ. रंजन मेरे घर आती है..और मै उसे देख कर गरम हो जाता हु ..दो तीन बार मैंने उसके साथ नॉन -वेज जोक्स कहे...फ़िर जान बूझकर बाथरूम से टॉवेल पहन कर बाहर निकला और उसे खड़ा लंड दिखाया ..वो मुस्कुरायी.. रंजन की चुंचियाँ बहुत मस्त है..गोल गोल ..और गांड..वाह..मेरी बीवी से भी ज्यादा भरी हुयी गांड है उसकी..मै कई बार उन्हें छू चुका हूँ..और थोड़ा दबाया भी..वो कुछ बोली नही..मेरी हिम्मत बढ़ी .एक दिन मेरी बीवी नहा रही थी..रंजना मेरे घर पर थी..मै सिर्फ़ लुंगी पहना था..अचानक गैस पर रखा दूध उबलने लगा तो रंजना किचेन मे गई और दूध उतारने लगी..गरम ढूढ़ उसके हाथ पर गिरा...आह.. की आवाज़ सुनकर मै किचेन मे गया..वो अपना हाथ पकड़े हुए थी..मैंने पूछा क्या हुआ उसने हाथ दिखाया..मैंने बर्फ लगाया और उसके एकदम पास सट कर खड़ा हुआ..इधर उसके चुन्चियों को देख कर लंड खड़ा हो गया..मै उसके पीछे गया और उसके गांड मे लंड को लगा दिया..और पीछे से उसके हाथ को सहलाया..उसने मुड कर देखा तो मैंने उसके चिकने और फूले गालों को चूम लिया.. उसने कहा..संजय अंकल क्या कर रहे हो..अभी आंटी आ जायेगी..मैंने कहा तो फ़िर मुझे प्यार करने का एक मौका तो दो..तुम बहुत सुंदर हो..तुम्हे देख कर मै बेचैन हो जाता हु..ये कहते हुए उसकी चूची दबायी और लंड को और दबाया गांड पर.. उसने कुछ कहा नही..लेकिन गांड को लंड पर दबाया ..मैंने भी दोनों चूची को मसला..आह्ह..अंकल..दर्द होता है..मैंने उसे घुमाया और उसके होठों को चूम लिया कास के..तभी बाथरूम का दरवाजा खुलने की आवाज़ आई मेरी बीवी बाहर निकली..मुझे किचेन मे देखा तो पूंचा क्या हुआ.? मैंने कहा रंजना के हाथ पर गरम दूध गिर गया ..तुम दूध गैस पर रख कर नहाने चली गई थी..मैंने दवाई लगा दी है..वो मक्सी पहन कर आयी..और देखा..उस दिन रंजना..मेरी तरफ़ बड़े प्यार से देखती रही..और अपने चूची को सहलाती रही...अब हम दोनों ही मौके की तलाश मे रहते थे..किस और चूची दबाना..सलवार के ऊपर से चूत सहलाना..और लंड को उसके गांड पर लगाना होता रहता था..लेकिन चुदाई का मौका नही मिल रहा था.. लेकिन एक दिन मिल ही गया . उसके घर पर कोई नही था शर्माजी अपनी पत्नी को लेकर किसी काम से 8-9 घंटे के लिए बहार गए हुए थे . उसने मुझे फोन किया की घर आ जाओ कोई नही है.लेकिन मैंने कहा..घर पर नही..मेरी पत्नी को शक हो जाएगा..मेरे दोस्त का फ़्लैट है.वहाँ जायेंगे..वो अभी ऑफिस जाने वाला है और उसकी बीवी मायके गई है..मैंने तुरंत उसे फोन किया और फ़्लैट की चावी देने को कहा..फ़िर रंजन से कहा आगे के मोड़ पर रुके..वहाँ मै कार लेके पहुँचा..रंजना हम फ़्लैट मे पहुँच गए . उस वक्त दिन के 11 बज रहे थे . जून का महिना था . सभी लोग गरमी के कारण अपने घरों मे बंद थे .अन्दर पहुंचते ही मै शुरू हो गया . उसे दबोच लिया और चुम्बनो की बरसात शुरू कर दी...चुचियाँ मसली..उसके बाल खोल के पीठ पर फैला दिए.. वो पहले से ही मूड मे थी लेकिन मुझे रोकने का नाटक करके धीरे से बोली स् स् स् स् स् स् स् आ ..आ..आ.अहह...ह..ह..ह.. नही..ई.ई.ई.ई... ये क्या कर रहे हो ...ओ ओ ओ ओ स् स् स् स् स् आ आ आ आ अ आ ये ग़लत है ऐ ई ई ई एई आ आ आ आह्ह हह हह हह ह .ओह संजय अंकल प्लीज़... उसे मजा भी बहुत आ रहा था ..वो मुझसे चिपकती जा रही थी..मै कुरते के अन्दर एक हाथ से उसकी चुन्ची दबा रहा था ...और उसे चूम रहा था..आह्ह रंजना..कितने मस्त है ये..उसके मुँह से इश....उफ़ आह्ह..क्या कर रहे हो..उसकी चुन्ची एकदम मख्खन के गोले थे..मै पहला मर्द था जो इन पर हाथ लगा रहा था..उसे भी गुदगुदी हो रही थी..मैंने उसे गोद मे उठ्या और बेद रूम मे ले जा कर लिटा दिया..अब उसके कुरते के खुले गले से हाथ अन्दर डाल दिया... और एक जांघ उसकी जांघ पर रख कर अपने तने हुए लंड से उसकी जांघ को रगड़ रहा था.मैंने उसके कुरते के ऊपर से ही उसके मम्मे मुँह मे लिए...उसका एक हाथ मेरे सिर पर और दूसरा मेरी कमीज के अन्दर पीठ पर था . उसकी आंखें बंद थे वो मजे के सातवे आसमान पर थी . बोले जा रही थी मत करो अंकल..प्लीज़ ..मै..कुंवारी हूँ...लेकिन चिपकती जा रही थी.. अहह आह्ह आह्ह हह ... मुझे ... पता नही क्या हो रहा है ई ई ई ई ई ई ई ई ई और उसने अपने आप अपनी टाँगे चौड़ी करनी शुरू की.. मैंने धीरे -धीरे अपना हाथ कुरते से निकाल कर उसके कमर पर फेरा.. फिर उसकी केले के खंभे जैसी जांघों को सलवार के ऊपर से ही सहलाने और मसलने लगा मैंने अब उसका कुरता ऊपर की तरफ़ उठाया..उसने आँख खोल कर मेरी तरफ़ देखा..मैंने उसे चूम लिया और कहा..रंजू...इसे निकाल दो..वो कुछ बोली नही..मैंने उसके हाथ ऊपर किए और कुरता निकाल दिया..वो सिर्फ़ गुलाबी ब्रा मे थी..ऊफ..क्या..मम्मे थे..दूधिया..एकदम कड़क..मैंने जैसे ही जीभ से ब्रा की लीन मे उसकी चुन्ची को चाटा ..वो तड़प उठी..ऊफ्फ्फ..ओह्ह...इश..स्.स्.स्.स्...मुझे कुछ हो रहा है...मैंने उसकी पीठ के नीचे हाथ डाला और ब्रा का हूक खोलने लगा...उसे तोड़ दिया..दोनों दूध से भरे कलश मेरे मुँह के सामने थे..मैंने एक एक घुंडी को चाटना और चूसना शुरू किया...रंजना..के मुह से आह्ह..आह..ओहो....निकला..उसने दो टिन बार कमर उछाली..मेरा सिर अपनी छाती पर दबाया..और..शांत हो गई..मैंने पूछा क्या हुआ..कहने लगी..अंकल मै झड़ गई... मै अपना काम करता रहा...अब मै अपना ध्यान उसकी चूत की तरफ़ लगाया...और फिर धीरे -धीरे उसकी टांगो के बीच मे अपना हाथ ले आया और उसकी चूत को सलवार के ऊपर से मसलने लगा . वो चिहुक पड़ी आ आ आह्ह ह ह ह ह स् स् स् स् स् स् स् स् स् हां आ आ आ आ आह ई.ई.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्.स्. हा.आ.आ.आ..आ..अ. ..स्.स्..स्..स्..स्..स्.. हा..आ...आ..आ..आ..आ.. मै उसकी गरम सांसे अपने शरीर पर महसूस कर रहा था .
पूरे कमरे मे हमारी सांसों की ही आवाज थी . फिर मै उसके पेट को मसलता हुआ चूमने लगा..मेरी गीली जीभ की नोक को गोली मे घुमाया..और उसके सलवार के नाडे की गठान को हाथ लगा रहा था और उसे खोलने की कोशिश करने लगा..उसने मेरा हाथ पकड़ लिया..और सिर हिला के बोली..नही संजय अंकल..प्लीज़...लेकिन मै सुना नही और नाडा खीच दिया और मेरा हाथ सलवार के अन्दर डाल ही दिया.. उसने अपनी टाँगे तो पहले से ही चौडी की हुई थी चूत के ऊपर हाथ रखते ही मैंने उसकी गरमी महसूस की..शायद अभी २-३ दिन पहले ही उसने अपनी चूत के बाल साफ किए थे.मैंने अपना हाथ उसकी पैंटी के अन्दर डाल दिया...मैंने उसकी चूत को हलके से रगड़ता हुआ उसकी दरार मे अपनी बीच वाली ऊँगली पर उसके दाने को महसूस किया . वो थोड़ा ऊपर की तरफ़ उठा हुआ था रंजना . भी अब अपनी गांड उठाकर चौडी टांगो से अपनी चूत रगड़वा रही थी और मुह से सी सी सी ..स्.स्.स्.स्. आह..मजा आ रहा और करो ..आह्ह..की आवाज़ निकल रही थीमै समझ गया वो फ़िर से गरम हो गई है..मैंने .अपनी बीच वाली ऊँगली उसकी चूत मे डाल दी . उसने जोर से ऊउईईइ आह्ह आह्ह धीरे..लगता है..उसकी चूत बहुत टाईट थी..ऊँगली आधी भी अन्दर नही जा रही थी..और वो ..आह्ह ह्ह्ह ..ऊफ्फ्फ...अंकल..दर्द हो रहा है..प्लीज़..मत करो..कह रही थी..लेकिन चूत को ऊँगली पर दबा भी रही थी.. ऐसा करते हुए मुझे कस के पकड़ लिया . और अपनी चूत टाईट कर दे . मेरी ऊँगली उसकी चूत की पकड़ महसूस कर रही थी . मै क़रीब 10 मिनिट तक ऐसे ही करता रहा . फिर मै उठा और पहले अपनी शर्ट उतार दी अब मै ऊपर से बिल्कुल नंगा था . उसके बाद मैंने चूमना शुरू किया..उसके होंठों को बहुत देर तक चुस्त रहा..उसके मुह मे अपनी जीभ डाल दी..और उसके ऊपर आ गया..थोड़ी देर बाद मैंने उसे अपने ऊपर ले लिया..और चूमने लगा..उसकी चुन्चियों पर हाथ फेरने लगा . मैं उसके मम्मे मसलने लगा . वो मदहोश हुयी जा रही थी . फिर मैंने उससे अपनी सलवार खोलने को कहा . उसने कहा कुछ होगा तो नही न ...मैंने कहा..की कुछ नही होगा मै तुम्हे गोली दूंगा... वो उठी और अपनी सलवार खोल दी और पैंटी भी . अब मैंने उसकी गुलाबी चूत को देखा..ऊफ्फ क्या उभरी हुयी चूत थी..मेरा लंड भी उसे देखकर बाहर अने को मचलने लगा..मैंने उसे समझाया..और रंजना से कहा मेरे मुह पर चूत को रख कर बैठो .
उसने वैसे ही किया अपनी टाँगे चौडी कर के मेरे मुह पर बैठ गई मै उसकी चूत पर किस किया उसकी गांड के नीचे हाथ लगा के चूत को फैलाया... और जीभ लगायी..रंजना तो उछाल पड़ी..उईई.अंकल.. प्लीज़ बहुत गुदगुदी हो रही है..मैंने कहा मज़ा आ रहा है न..हाँ..बहुत..और फ़िर से चूत को मुह पर रखा..मै जीभ से उसके चूत के दाने को और थोड़ा अन्दर तक चाटने लगा..वो तो पानी छोड़ने लगी...उसका पानी मेरी नाक और मुह पर लग गया .मैंने दोनों हाथो से उसकी गंद पकड़ी हुई थी और उसकी चूत चाट रहा था . क्या नमकीन टेस्ट था . अपनी जीभ कभी चूत तो कभी उसकी गांड की दरार मे ले जा रहा था . वो पागल हुयी जा रही थी और बोले जा रही थी तुम बहुत गंदे हो अंकल.. लेकिन मुझे भी पता नही क्या हो रहा है आह्ह..चाटो..ऊफ्फ ऊह्ह ऊह्ह ओह्ह आह्ह मजा भी बहुत आ रहा है मैंने फिर अपने हाथ उसकी गांड को छोड़ कर उसकी पीठ पर ले जा कर उसे नीचे की तरफ़ किया और उसके मोटे चूचियों को अपने मुह मे लेकर निपल पर हल्का सा काट लिया और चूसने लगा . अब वो मेरे ऊपर लेती हुई थी और अपने हाथ से मेरी छाती को मसल रही थी . मेरे 7.5 इंच के मोटे लंड का बुरा हाल था . वो मेरे चड्डी से निकलने को उतावला हो रहा था . वो भी मेरे लंड को देखना चाहती थी लेकिन थोड़ा शर्म कर रही थी . मैंने कहा मेरी अंडरवियर नीचे खिसका दो उसने शरमाते हुए उसे नीचे खिसकाया..तो लंड फुफकारते हुए बाहर निकल आया..देखकर वो बोल उठी..बाप रे..इतना बड़ा..कितना मोटा है...मैंने कहा इसे पकडो..वो भी यही चाहती थी उसने झट से मेरा लंड अपने हाथो मे ले लिया . बोली मैंने किसी मर्द का पहली बार देखा है ..ये कितना मोटा और लंबा है..मैंने कहा दरो नही इसे प्यार करो..इसे लंड कहते है .. फिर मैंने कहा की इस पर अपना थूक लगाओ वो मुह से लंड पर थूक लगाने के लिए जैसे ही झुकी मैंने अपनी कमर ऊपर कर के लंड को उसके मुह से टच करा दिया . वो एकदम से बोली क्या कर रहे हो मैंने कहा की तुम इसे मुह मे लो . लेकिन उसने मना कर दिया .
मैंने कहा इसे किस तो करो..वो मान गई..फ़िर मैंने कहा जीभ से चाटो..मैंने भी तुम्हारी छूट को कितना प्यार किया..उसने चाटना शुरू किया..मैंने और समझाया तो कुछ समझाने के बाद वो मान गई . फिर मैंने उसे 69 की पोजीशन मे आने को कहा . लेकिन उसे अपने ऊपर किया . अब वो मेरा लंड चूस रही थी लेकिन सिर्फ़ लंड का सुपाडा ही उसके मुह मे जा रहा मैंने कहा और अन्दर लो...उसने कहा बहुत मोटा है..नही जा रहा... उसकी चूत..से पानी निकल रहा था...मैंने एक ऊँगली उसकी चूत मे तो एक उसकी गांड मे डाल रहा था . क़रीब 10 मिनिट तक ऐसे ही किया रंजना का बदन फ़िर से कड़क हो गया और मुँह से गो गो गो गो. की आवाज़ निकली..चूत को मेरे मुह पर दबा दिया और बहुत सारा जूस मेरे ऊपर मिकाल दिया..उसकी चूत ने झटके लिए..फ़िर लंड छोड़ कर वो बोली..अंकल मेरा कुछ निकल गया..आह्ह..मैंने चाटना शुरू रखा..उसके दाने को फ़िर से मसलने लगा..५ मिनिट मे वो फ़िर गरम होने लगी..इधर चूसने से मेरा लंड भी अब झड़ने के क़रीब आ रहा था.. मैंने उसे सीधा लिटाया फिर मैंने कहा की रंजना अब मई तुम्हारी चूत मे अपना लंड डालना चाहता हूँ . मैंने कहा की थोड़ा दर्द होगा लेकिन तुम चिल्लाना मत . उसने कहा की बहुत दर्द होगा क्या मैंने कहा की ज्यादा नही . उसने कहा की कुछ होगा तो नही न .मैंने कहा तुम चिन्ता मत करो . अब मैंने पहले उसकी गांड के निचे दो मुलायम तकिया रखा . और उसकी टाँगे चौडी की . अपने लंड को उसकी उभरी हुयी गुलाबी चूत से रगड़ने लगा . वो मजे मे अजीब अजीब आवाज़ निकलने लगी . हान्..हाँ..ओह्ह ओह्ह..मजा आ रहा है..उफ्फ्फ्फ़.. अंकल..कितने अच्छे हो मैंने चूत को हाथ से फैलाया और पूंचा..रंजू डार्लिंग..तैयार हो.? . उसने डरते हुए कहा ह ह ह हाँ . मैंने लंड का सुपाडा उसकी चूत के लाल पर रखा और धीरे से उंदर की तरफ़ दबाया चूत गीली थी लेकिन लंड इतना मोटा था की अन्दर नही गया..और ये बिना चूड़ी चूत थी .. आसानी से नही गया मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखे और अपनी जीभ उसके मुह मे डाल दी वो मेरी जीभ चूसने लगी . फिर मैंने अपने कमर को थोड़ा उठाया और एक जोरदार धक्का दिया मैंने उसे कास के पकड़ लिया था..लंड का सुपाडा चूत को फाड़ कर अन्दर धंस गया..वो छटपटाने लगी... और मेरे कन्धों को पीछे करके अपने आपको छुड़ाने की कोशिश करने लगी . लेकिन मेरी पकड़ मजबूत थी मै रुक गया..उसने कहा अंकल निकाल लो....बहुत दर्द हो रहा है..मैंने कहा अभी थिक हो जाएगा..और उसे चूमने लगा... और फ़िर धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर काने लगा..दर्द थोड़ा कम होते ही..मैंने दुसरा झटका मारा और उसकी सील टूट गई और वो चिल्ला पड़ी..उईईईई.. मर गयीईईई . .निकालो..अंकल प्लीज़..छोड़ दो मुझे..मै फ़िर से उसे किस करने लगा...उसके चुन्चियों को चूसने लगा...फ़िर से धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा..क़रीब ५ मिनिट के बाद मैंने लंड को पूरा बाहर खीचा और जबर्दस्त धक्का दिया..पूरा लंड उसकी चूत को ककड़ी की तरह फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया,..रंजना छटपटा उठी..उसके आंखों से आंसू निकल गए . पर मैंने उसे छोड़ा नही , फिर लंड बहार निकला और फिर एक बार मुम्बईया शॉट मारा , अब की बार लंड पुरा चूत मे उसकी गहरी तक चला गया . मै किस करता रहा लेकिन लंड अन्दर फंसा कर ऐसा लगा किसी जबडे मे लंड फंस गया है..बहुत गरम और टाईट चूत थी..इतनी टाईट तो मेरी बीवी की भी नही थी सुहागरात मे..हालांकि वो भी कुंवारी थी...क़रीब 5 मिनिट के बाद मै धीरे -2 शुरू हुआ उसका दर्द अब कम हो गया था . थोड़ी देर बाद उसे भी मजा आने लगा . वो भी अब साथ देने लगी उसके मुह से आह..ओह्ह..उफ़..इश..इश..इश की आवाज़ आने लगी थी.ऐसा करते हुए. .मैंने देखा उसकी आँखें बंद हो गई..उसने मेरी कमर को अपने पैरों से जकड लिया..और चूत को लंड से चिपकाने लगी..और झड़ गई.. इससे उसकी चूत गीली हो गई और लंड आसानी से अन्दर बाहर होने लगा...उसने अपनी टांगो से मेरी कमर पकड़ी हुई थी . और दोनों हाथ मेरे गले मे फंसा रखे थे . बहुत शानदार पोजीशन थी . कमरे मे हच हच हच हच फच फचक हच..फच.. हच फ्च फ्च फ्च फ्च की आवाजे आ रही थी . कभी वो मेरे हिप्स पर अपना हाथ रख कर अपनी चूत की तरफ़ दबा रही थी . ताकी लंड और ज्यादा अन्दर चला जाए . क़रीब 20-25 मिनिट की चुदाई के बाद वो बोली मुझे फ़िर से कुछ हो रहा है प्लीज़ तेज़ करो मैंने तुम अब असली पानी निकालोगी..तुम्हारा जूस निकलेगा मैंने स्पीड बढ़ा दी पूरा लंड बाहर खींच कर एक झटके मे अन्दर डालने लगा..उसके पूरे बदन मे पसीना आ गया..मै भी पसीना पसीना हो गया था..स्पीड बहुत तेज कर दी थी मैंने.. और एक मिनिट के बाद रंजना ने अचानक मुझे जोर से भींच लिया और आ अ..आ..हह.हह...हह..हह.. करती हुई बोली हां ..हाँ करो करो ओ ओ ऊ ऊ ऊ ओ हां आ हाँ आ..आ..आ..आ..आ..अऊच..आह ह हह हह म म म म म हाँ आ आ आ करो करो ..करो ओ..ओ..ओ..ऊ..ऊ.ओ..ओ..ओ.. आ.आ...आ..आ..आ..अहह.हह.ह.ह..हह..हह..हह..आह... और वो झड़ गई और शांत हो गई इस बार वो पूरी तरह से झड़ी थी और उसकी पकड़ ढीली हो गई .मै समझ गया की वो झड़ गई है लेकिन उसका गर्म जूस मुझे मेरे लंड पर महसूस हुआ और मेरा लंड सहन नही कर पाया और मैंने अब धक्के मारते हुए कहा रंजना मेरा भी होने वाला है...मैंने पुरी ताकत के साथ लंड को ज़द तक उसकी चूत मे उसके बच्चेदानी के मुह पर टिका दिया और उसे कास के पकड़ लिया मेरा लावा फौवारे की शकल मे छुट पड़ा.. क़रीब ७-८ पिचकारी मैंने उसकी चूत मे मारी और पूरी चूत भर दी.फ़िर हम ऐसे ही करीं २० मिनिट सोये रहे..फ़िर मैंने उठकर अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला..उसकी चूत से बहुत खून निकला था..लेकिन चुदाई की गरमी मे पता नही चला..चादर पर खून फैला था..मेरे लंड पर भी लगा था.मैंने उसे हाथ पकड़ कर उठाया..और बाथरूम मे ले गया...उसकी चूत परपरा रही थी..थिक से चल नही पा रही थी..बाथरूम मे दोनों ने एक दुसरे का साफ किया..मेरा लंड फ़िर से खड़ा होने लगा था.लेकिन उसने कहा..बहुत दर्द है..हम दोनों बेडरूम मे आ गए..और क़रीब दो घंटे नीद ली..नंगे ही सोये थे..उसके बाद उठ कर कपड़े पहने मैंने उसे गर्भ निरोधक गोली दी ...और वापस आ गए..उसके बाद रंजना को मैंने मेरे घर पर चोदा...जब मेरी पत्नी.अपने मायके गई हुई थी.

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