Monday, March 17, 2008

मै तेरे प्यार मे क्या क्या ना बना

मै तेरे प्यार मे क्या क्या ना बना

मेरे प्यारे लंड वाले और चुदाई के लिए बेचैन चूत वाले दोस्तों के लिए ये एक अनोखा अनुभव पेश कर रहा हूँ. ये किस्सा सिर्फ़ ५ महीने पहले का है जो अब तक चालू है मेरी एक पडोसन भाभी के साथ.असल मे उसका पति राजेश (नाम बदल दिया) मेरा सीनियर है और दोस्त भी है.एक बार उसके घर पार्टी थी..और ज्यादा बियर पिने के कारन मैंने दो-तीन बार उसके बाथरूम मे पेशाब करने के लिए गया बाथरूम किचेन के ठीक सामने था और उसका दरवाजा पूरा बंद नही होता था..बाथरूम के मिरर से किचेन दिखता है..इसका मतलब किचेन मे जो होगा उसे बाथरूम के अन्दर का दिखता है...राजेश की पत्नी रेखा भाभी (नाम बदल दिया) बहुत ही सेक्सी दिखती है..और मेरा लंड उन्हें छोड़ने के लिए बेताब था..लेकिन कैसे होगा ये ..खैर उस दिन मैं जब पेशाब के लिए गया तो मैंने ये मौका हाथ से नही जाने दिया..उस वक्त रेखा भाभी किचेन मे ही थी..और मई जान बूझकर मेरा लैंड निकल कर इस तरह से पेशाब कर रहा था ताकी उन्हें मेरा लंड दिख जाए..और वैसा ही हुआ. फ़िर एक दिन मुझे भाभी का फ़ोन आया की उन्हें मुझसे कुछ बात करनी है..मुझे बुलाया..उस वक्त राजेश घर पर नही था....उन्होंने साफ कहा की वो मुझसे सेक्स करना चाहती है..और मेरा लंड उन्हें बेचैन कर रहा है..लेकिन उन्होंने चुदवाने का एक अजीबोगरीब तरीका मुझसे कहा..उनकी इच्छा थी की वो किसी निचले तबके के मर्द से चुदवाये ..उन्होंने मुझसे कहा की मई एक फल बेचने वाला बनूँ और उसी भूमिका मे उन्हें चोदूं ..मैंने हामी भर दी..और हमने .राजेश के बाहर जाने का दिन तय किया...अब आगे का पुरा हाल रेखा भाभी की जुबानी है..ताकी मेरी चूत वाली दोस्तों को भी मज़ा आए. .मैं रेखा हु मुम्बई के पास थाने शहर मे रहती हु.. मेरी उमर 34 साल , बदन एक दम स्लिम , रंग गोरा , बाल एक दम काले , घने , लंबे और आखें भूरी हैं राजेश से मेरी शादी 10 साल पहले हुयी है . वो उमर में मुझसे ज्यादा बड़े हैं .हमारी कोई औलाद नही है.. उनकी उमर 45 साल की है . राजेश मुम्बई में एक बैंक में काम करते हैं . वो सुबह 9 बजे बैंक चले जाते हैं फिर रात के 9 बजे तक वापस आते हैं . घर का सारा काम और देखभाल मैं ही करती हूँ . मैं बहुत ही सेक्सी हूँ .राजेश 8-10 दिनों में केवल एक ही बार मेरी चुदाई करते हैं और बहुत ही जल्दी झड़ जाते हैं .उनका..लंड भी पतला और छोटा सा है..एकदम मरियल... मेरी सेक्स की भूख नहीं मिट पाती और मैं तड़पती रहती हूँ...असल मे मैं जम के चुद्वाना चाहती हूँ.. मैं ख़ूब चुदवाना चाहती हूँ
हमारे मुहल्ले में घूम घूम कर सब्जी और फल बेचने वाले आते रहते हैं . और वो सब हट्टे कट्टे दिखते है..मैं कल्पना करती थी की उन्ही मे से कोई मुझे चोदे..लेकिन ..फ़िर एक दिन मेरे घर एक पार्टी थी..और उस पार्टी मे राजेश के दोस्त संजय भी आये थे.. वो दो -तीन बार बाथरूम मे पेशाब के लिए गए..मैंने मिरर मे उनका लंड देखा.., मुझे मालूम था की वो भी मुझे छोड़ना चाहते है..सो मैंने ख़ुद उन्हें बुलाया और मेरा इरादा बताया..पहले तो वो परेशान हो गए...फ़िर तैयार हो गए..अब मैंने उन्हें फल बेचने वाला बनाया ..और मेरी कहानी की कल्पना को असली रूप दिया.एक नाटक के शक्ल मे .सो उन्ही फल और सब्जी वालों मे से एक फल बेचने वाले का नाम संजय (जो मैंने उसे बनने को कहा था , इसके आगे संजय फलवाले के रूप मे ही मिलेगा ) था . वो मुझसे बहुत ही मुस्कुरा मुस्कुरा कर बात करता था और कभी कभी मज़ाक भी कर देता था (जो की संजय भी करता था) . दिखने में भी वो ठीक थक था . उसका बदन एक दम गठीला था उसकी उमर भी ४० के क़रीब होगी..लेकिन वो मज़बूत था . एक दिन मैंने सोचा की मैं संजू को थोड़ा सा लिफ़्ट दे दूँ तो शायद बात बन जाए और मुझे उस से चुदवाने का मौका मिल जाए . क्यों की मुहल्ले के सभी लोग राजेश को अच्छी तरह से जानते पहचानते थे . मुझे डर था की अगर मैंने मुहल्ले में किसी के साथ चुदवाया तो राजेश को पता चल जाएगा . मुहल्ले में ज़्यादातर सर्विस करने वाले ही रहते थे . 10 बजे के बाद मुहल्ले में सन्नाटा हो जाता था .
इसके बाद जैसा की हमने प्लान बनाया था संजय ने फल वाले की तरह मेरे पास आना था मैं संजू का इंतज़ार करने लगी . लगभग ११ बजे संजू मेरे दरवाजे पर आया और उसने आवाज़ दी ", केले ले लो केले . वो जब मेरे दरवाजे पर आया तो बोला , मेम साब केले चाहिए . बहुत ही लंबे और मोटे केले हैं . मैंने कहा , पहले अपने केले तो दिखाओ . वो मेरे पास आया और अपने पास की थैली को नीचे रखा और उसमे से केले निकाले (ये हमारे प्लान के मुताबिक़ था). उसने मुझे एक बहुत बड़ा केला दिखाते हुए कहा , मेम साब , आप ये केला ले लो . ये बहुत ही अच्छा है . आप को मज़ा आ जाएगा . मैंने मुस्कुराते हुए सेक्सी अंदाज़ में कहा , ये केला तो मुलायम है , मुझे एक दम कड़क और बड़ा केला चाहिए . उसने मुझे दूसरा केला दिखाते हुए कहा , तो ये ले लो . मैंने कहा , मुझे कोई स्पेशल केला दिखाओ . उसने दूसरा केला निकला और मुझे दिखाते हुए बोला , फिर ये ले लो .
तभी संजू ने अपने पहने हुए शर्ट और पैंट निकाल के बाजू मे रखा दिया अब वो एक निकर और बनियान मे था..और सच मे फलवाले जैसा अपने सिर पर एक टॉवेल बाँध लिया. उसके निकर के ऊपर से ही उसका लंड महसूस हो रहा था . ऊपर से देखने में ही मुझे लगा की उसका लंड 8" से कम लंबा नहीं होगा . मैंने उसके लंड की तरफ़ इशारा करते हुए कहा , तुमने तो वहाँ पर एक स्पेशल केला छुपा कर रखा है . उसे नहीं दिखाओगे . वो बोला , आप मज़ाक कर रही है . मैंने कहा , मैं मज़ाक नहीं कर रही हूँ . वो शरमाते हुए बोला , मैं ये केला यहाँ पर कैसे दिखा सकता हूँ . मैंने इधर उधर देखा तो आस पास कोई नहीं था .अब मैंने दरवाज़ा बंद कर दिया.और फ़िर कमरे मे आ कर संजय से कहा अब मुझे अपना केला दिखाओ . वो इधर उधर देखने लगा...संजय बहुत अच्चा अभिनय कर रहा था...मैंने फ़िर से कहा.. , अब तुम अपना वो केला मुझे दिखाओ . वो बोला , मेम साब ये केला आप के लायक नहीं है . ये बहुत ही बड़ा है . मैंने कहा , ये तो और अच्छी बात है . मुझे बड़ा केला ही तो चाहिए . उसने शरमाते हुए अपना लंड निकर से बाहर निकला और बोला , देख लो . मैंने कहा , ये तो बहुत ही अच्छा केला है . मुझे तुम्हारा केला पसंद है ये कहते हुए मैंने उसे हाथ लगाया..उफ़ कितना कड़क है... मुझे यही केला चाहिए . वो बोला , मेम साब बहुत दर्द होगा . मैंने कहा , बाद में मज़ा भी तो आएगा . वो बोला , हाँ , मज़ा तो बहुत आएगा लेकिन ये केला खाने से आप की फट सकती है . मैंने जब पहली पहली रात को अपनी बीवी को ये केला खिलाया तो वो दूसरे दिन बिस्तर से उठ नही पायी..फ़िर उसने मुझे १ महीने केला खिलाने नही दिया..देख कर ही दूर भाग जाती थी..और फ़िर बाद मे तो वो मायके चली गई और फ़िर लौट के नही आयी.मैं उसे लेने के लिए गया ..तो उसकी माँ ने कहा तुम्हारा केला दिखाओ मैंने उसे दिखाया तो वो कहने लगी मुझे खिलाओ..मैंने उसे भी खिलाया..उसकी भी हालत ख़राब हो गई और उसने कहा मेरी बेटी तुम्हारे साथ नही जायेगी...माँ और बेटी दोनों की कई जगह से फट गई थी.. मैंने कहा , मैं तो बहुत दिनों से ऐसा ही केला खोज रही थी . वो बोला , आप सोच लो . मैं इस केले का मज़ा आप को देने के लिए तैयार हूँ , आगे आप की मरजी . मैं संजू के नजदीक गई तो उसके लंड को हाथ से पकड़ा और कहा तुम बाथरूम मे जाकर थोड़े साफ हो लो.और फ्रेश भी..और उसे बाथरूम दिखाया..एक अच्छा सा खुशबू वाला साबुन दिया...मैंने कहा नहा लो फ़िर तुम्हारे इस केले का स्वाद लूंगी मैं भी उसके पीछे पीछे बाथरूम तक चली गई .
उसने अपनी बनियान और निकर उतार दी और नहाने लगा . मैं उसे देखती रही . उसने जब अपने लंड पर साबुन लगा कर उसे ख़ूब रगड़ा तो उसका लंड एक दम टाईट हो गया . मैं उसके 8" लंबे और बहुत ही मोटे लंड को देखती ही रह गई हालांकि संजय को पेशाब करते हुए मैंने देखा था लेकिन मिरर मे सिर्फ़ उसका आकार दिखा था..और अब तो मेरी नज़रों के सामने फेन फनाता लंड था..मेरी चूत से भी अब पानी निकलना शुरू हो गया था.. मेरे बदन में उसके लंड को देखकर आग सी लगने लगी . मैंने कहा , लाओ मैं तुम्हारे इस केले पर साबुन लगा देती हूँ . उसने मुझे साबुन देते हुए कहा , लो लगा दो . मैंने उसके लंड पर साबुन लगना शुरू कर दिया ..मैं उसे सहलाते भी जा रही थी..आगे पीछे हाथ चला कर...मैंने देखा संजय के मुँह से ऊह्ह..आह्ह..की आवाज़ निकलने लगी..वो अपनी कमर को जोर से हिलाने लगा और . थोड़ी देर में ही उसके लंड का जूस निकलने लगा . मैंने कहा , तुम्हारे लंड का जूस तो बहुत जल्दी निकल गया . वो बोला , मेरे लंड पर किसी औरत ने अपना हाथ लाघ्बग 1 साल बाद लगाया है . इस लिए मैं बहुत जोश में आ गया था लेकिन अब इसका जूस जल्दी नहीं निकलेगा . मैंने कहा , अब तुम्हारे लंड का जूस कितनी देर में निकलेगा . वो बोला , अब तो लगभग 1 घंटा लगेगा . मैंने कहा , अब तुम जल्दी से नहा कर बाहर आ जाओ और मुझे अपने केले का स्वाद चखने का मौका दो . वो बोला , बस मैं अभी आता हूँ . 5 मिनिट में ही वो नहा कर मेरे बेडरूम सिर्फ़ टॉवेल पहन कर आ गया.. में आ गया . अब उसका बदन खुशबु से महक रहा था . मैंने उसका लंड अपने हाथ से , टॉवेल खोल कर सहलाना शुरू कर दिया . थोड़ी देर बाद मैंने उसका आधा तना हुआ लंड को चूमा और चाटते हुए अपने मुह में ले लिया और चूसने लगी . वो बोला , मेम साब , अगर आप कहें तो मैं आप की चूत को अपनी जीभ से चाट लूँ .मैंने सिर्फ़ मेक्सी पहनी थी..और चूत के बाल भी पूरे साफ किए थे. मैंने कहा तब तो और मज़ा आएगा . मैं लेट जाती हूँ और तुम मेरी मेक्सी निकल कर मेरे ऊपर आ जाओ . मैं लेट गई उसने मेरे लेटते ही मेरी खड़ी खड़ी चूचियों को जोर से मसल दिया..मैं चीक पड़ी..संजू उ उ उ ..आह इतने जोर से तो राजेश भी नही दबाता..मेमसाब मैं जितने जोर से करुंगा उतने जोर से राजेश कभी नही कर पायेगा..वो मुझे चाटने लगा..ऑफ़ उसकी खुरदरी गीली जीभ..मेरे पूरे बदन पर घूमने लगी.. और मैं मचलने लगी वो मेरे चूची की घुंडी को बीच बीच मे काट भी लेता था और मैं उई ई.ई.ई.ई.ई.कर उठती थी..धीरे धीरे वो मेरे चूत की तरफ़ बढ़ने लगा..मेरे चूत पर उसने हाथ फेरा..वो तो गीली हो रही थी..उसने एक ऊँगली जैसे ही मेरे उभरे हुए दाने पर रखा..और रगड़ा मैं तो पागल हो गई इधर उसका लटकता हुआ लंबा लंड मेरे ठीक मुँह के सामने था..मैं आह्ह..संजू..उफ़..कर रही थी और उसने मेरी चूत मे दो ऊँगली दाल दी..चूत गीली होने पर भी उसकी मोटी ऊँगली अन्दर जाते ही मुझे दर्द हुआ..और मैं आह्ह..ह.ह.ह. करने लगी....वो थोड़ा और निचे खिसका..उसका लंड मेरे होठों पर लग रहा था ...और वो मेरे ऊपर 69 की पोसिशन में हो गया . मैंने उसका लंड मुह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और वो मेरी चूत को चाटने लगा . जैसे ही उसने अपनी जीभ मेरी चूत पर लगायी तो मेरे बदन में सुरसुरी सी होने लगी . मैं सिस्कारियां भरने लगी..इश्श.. श..स्.स्.. स्..संजू...पुरी जीभ अन्दर डालो..आह्ह...ओओओह्छ..मेरी कमर हिलने लगी और मैं अपने चूतड ऊपर उठाने लगी. मेरे पति ने ये कभी नही किया 10 साल मे ..मैं उसके लंड को और तेजी से चूस रही थी..उसके अंडकोष को भी दबा रही थी...संजू..कितना मस्त केला है....मैं आहें भरते हुए उसके लंड को और तेजी के साथ चूसने लगी .
2 मिनिट बाद ही मेरी चूत ने बहुत सारा जूस निकल दिया.. एक दम गीली हो गई .वो इस तरह जीभ दाल के चूस रहा था की मुझे लगा मैं झड़ जाउंगी..मैंने मुह से लंड निकल दिया और आह्ह..ह.ह..इश. श..स्.स्..स्. ऊह..संजू..मेरा हो जाएगा.. लेकिन वो नही सुन रहा था...मेरा पूरा बदन अकडने लगा..ऐसा 10 साल मे पहली बार हो रहा था.. मैं थोड़ी देर के लिए रोल प्ले भूल गई अब मैंने संजय का सिर अपनी चूत पर दबा लिया और अहह ..संजू. मैं गई..कहते हुए मैंने चूतड उछाल उछाल के मेरा पानी निकाला और झड़ गई..मैं तो ढीली पड़ गई..लेकिन वो चाटता ही रहा..अब मैंने फ़िर से उसका लंड मुह मे ले लिया और चूसने लगी..मैं बड़े प्यार से संजय का लंड चूस रही थी . वो बोला , मेम साब आपकी चूत गीली हो चुकी है . अगर आप कहें तो अब मैं आप की चुदाई करूं . मैंने कहा , थोड़ी देर तक मेरी चूत को और चाटो , फिर उसके बाद मेरी चुदाई करना . वो फिर से मेरी चूत को चाटने लगा .
वो इतनी बुरी तरह से चाट रहा था की मै फ़िर से गरम हो कर उह्ह ..अआछ. करने लगी..मुई चूत भी मनो खुशी से पागल हो रही थी..वो मेरी चूत के फांक को फैलाकर नीचे से ऊपर चाट रहा था..याने मेरी गांड के छेद को भी वो चाट रहा था..इस तरह मेरी जिन्दगी मे पहली बार हो रहा था...मेरे मुँह से सी सिस स्.स्.स्.स्.स् आह्ह ..ऊह्ह..हुश ह्श ..ऐसी आवाज़ निकल रही थी मै भी चूतड हिला के जीभ का मज़ा ले रही थी..कभी उसकी जीभ चूत के अन्दर ..कभी बाहर..और मेरी चूत ने अब हार मान ली और.. 5 मिनिट के बाद मैं झड़ गई तो मैंने कहा , संजय अब मत तड़पाओ ..मेरी चूत को अब चोदो...इसका भुरता बना दो...इधर मेरे चूसने से उसका लैंड और आधा इंच लंबा और ज्यादा मोटा हो गया था..उसके सुपाडे के छेद से चिकना पनि बहने लगा था..जो मेरे चेहरे और चुन्ची पर टपक रहा था..मैंने उसके लंड को मसलते हुए कहा . अब तुम मेरी चुदाई करो . वो मेरी टांगों के बीच आ गया और उसने मेरे चूतड के नीचे 2 तकिये रख दिए . मेरी चूत एक दम ऊपर उठ गई . उसके बाद उसने एक पका हुआ केला ले कर मसल डाला और केले का थोड़ा सा गूदा मेरी चूत पर लगा दिया . मैंने कहा , ये क्या कर रहे हो . वो बोला , बस आप देखती जाओ , मै उसके मूसल जैसे लंड को देख रही थी..अब मेरी गांड फटने लगी थी..क्युकी मुझे मालुम था की मेरी चूत का छेद इस लंड के सुपाडे का आधा भी नही होगा..., लेकिन मैंने अपना डर उसे नही बताया... फिर उसने थोड़ा सा केले का गूदा अपने पूरे लंड पर लगा लिया . उसके बाद उसने अपने लंड का सुपाडा..मेरी चूत के ऊपर रगड़ना शुरू किया..मै तो पागल होने लगी..वो सुपाडे को मेरी चूत के दाने पर घिस रहा था..मैंने उससे कहा..संजय..क्यों तरसा रहे हो.अब उसने मेरी चूत की लिप्स को को अपने एक हाथ की उँगलियों से फैला कर बीच में सुपाडा रख दिया और बोला , अब केले के गूदे की वजह से मेरा ये लंबा और मोटा लंड पूरा का पूरा आप की चूत में आसानी से घुस जाएगा ..मुझे मालूम था की वो मुझे तसल्ली दे रहा है...उसे भी मालूम था की मेरी चूत फटने वाली है...
उसने अपना लंड मेरी चूत के अन्दर दबाना शुरू कर दिया . उसका लंड स्लिप करते हुए नीचे फिसल गया और मेरी गांड के मुँह पर जा के लगा..मै घबरा गई..मैंने जल्दी से कहा..संजू वह अभी नही..उसने फ़िर से लंड को पाकर के चूत के छेद पर रखा और इस बार एक हाथ से लंड को पकड़ा और एक हाथ मेरी जांघों पर रखा और जोर से दबाया..उईई..माँ...मर गई.ई.ई.ई.ई.ई.ई.ई. मुझे ऐसा लगा किसी ने चूत मे लोहे का गरम डंडा दल दिया हो..मेरी चूत का मुँह फैला और शायद फट भी गया..लेकिन केले का गूदा होने की वजह से लंड अन्दर जा रहा था . मुझे दर्द होने लगा मै उसे रोक रही थी..बस..संजू..रुको..लेकिन उसने फ़िर भी अन्दर धकेला... जैसे ही उसका लंड मेरी चूत में लगभग 5" तक घुसा तो मुझे बहुत ज्यादा दर्द महसूस होने लगा और मेरे मुह चीख निकलने लगी ..आई..ई.ई.ई.ई.ई. मार डाला...निकालो इसे...आह्ह..मुझे नही चुद्वाना..ये लंड है..लोहा.बस करो... वो बोला , बस थोड़ा सा सबर करो , मेमसाब ..मुझे बहुत दर्द हो रहा है..इतने अन्दर तक आज तक कुछ भी नही घुसा मेरी चूत मे..आज घुसेगा मेम साब.. अभी ये आप की चूत में पूरा का पूरा बड़े आसानी से घुस जाएगा . उसने अपना लंड दबाना जारी रखा . दर्द के मरे मेरा बुरा हाल था .उसने मेरे बगल से हाथ डाल के मेरे कंधे पकड़ के अपने तरफ़ खींच के पकड़ा था मै ऊपर भी नही सरक पा रही थी..ओह..माँ..इश इश स् स् स् स् माँ...उफ़...उफ़.हा ह ह ह ..और अपने सिर को इधर उधर झटक रही थी...मुझे ऐसा लग रहता की मेरा दम निकल जाएगा ऐसा लग रहा था.... लग रहा था की जैसे कोई गरम लोहा मेरी चूत को चीरता हुआ अन्दर घुसता जा रहा हो . मेरा सारा बदन थर थर कांपने लगा और मेरी टांगें जवाब देने लगी . जब उसका पूरा का पूरा लंड मेरी चूत के अन्दर घुस गया तो मैंने संजय से रुक जाने को कहा तो वो रुक गया . वो मेरे चुन्चियो को मसलते हुए ,उझे चूम रहा था..और पास पड़ा हुआ एक केला उठाया और मेरी चूचियों पर मसल दिया..और उसे चाटने लगा..
थोड़ी देर बाद जब मेरा दर्द कुछ कम हो गया तो मैंने कहा , अब तुम बहुत ही धीरे धीरे अपना लंड मेरी चूत के अन्दर बाहर करो . वो अपना लंड मेरी चूत में धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा . मुझे फिर से दर्द होने लगा और मैं दर्द के मरे चीखने लगी . संजू..बहुत मोटा लंड है..और कितना लंबा है..मेरे गले तक जा रहा है शायद..मेरा सारा बदन पसीने से नहा गया था ..लंड मेरी बच्चेदानी से टकरा रहा था..मुझे लगा की आज मै गर्भवती हो जाउंगी..लेकिन मैंने गोली पहले ही खा ली थी.. 5 मिनिट तक वो बहुत ही धीरे अपना लंड मेरी चूत के अन्दर बाहर करता रहा . अब मेरा दर्द कुछ कम हो चुका था और मेरे चूत को भी उसके लंड की आदत होने लगी थी..मुझे मज़ा आने लगा था .मैंने भी नीचे से चूतड उचालना शुरू किया..लंड बहुत कसा कसा जा रहा था..संजय ने कहा..मेम साब अपकी चूत तो एकदम टाईट है..अभी तक एकदम गुलाबी है..लगता है बहुत कम चुदाई होती है इसकी.. और उसके धक्के थोड़े तेज हो गए..मेरी चूत ने फ़िर पानी छोड़ दिया .अब लंड थोड़ा आसानी से जा रहा था..मुझे लगा चूत सिकुड़ रही है और पुरा बदन खिंच रहा है...और मेरा ढेर सारा पानी निकल गया..मै फ़िर से झड़ गई..ये पहली बार मै एक चुदाई मे अब तक ३-४ बार झड़ी थी.. 2 मिनिट बाद ही मैं उसके धक्के खाते हुए फ़िर से झड़ गई तो मैंने संजय से कहा , अब तुम जिस तरह से चाहो मेरी चुदाई करो . उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और जोर जोर के धक्के लगाने लगा उफ़ क्या धक्के थे..मै तो पूरा कांप रही मेरी चुचियाँ बुरी तरह से हिल रही थी.मै आह..ऊह..और ज़ोर से..संजू..फाड़ डालो चूत को...अहह... अब मुझे और ज्यादा मज़ा आने लगा . मैं अपना चूतड उठा उठा कर संजय का साथ देने लगी इससे उसे और जोश आ गया और मुझे एक दम ज़न्नत का मज़ा मिल रहा था जो की मुझे आज तक कभी भी नहीं मिला . वो मेरी चुन्चियों को जोर जोर से मसलते हुए मेरी चुदाई कर रहा था .
10 मिनिट और चुदवाने के बाद जब मैं फिर से झड़ गई तो उसने अपना लंड मेरी चूत के बाहर निकल लिया और पक् .क्.क्.क्..की आवाज़ आई...मुझे लगा जैसे मेरी चूत खाली..हो गई एक खालीपन लगने लगा.. मैंने कहा , अब क्या हुआ . वो बोला , अब मैं अपना लंड और आप की चूत को साफ कर देता हूँ फिर आप की चुदाई करुंगा . मैंने चोट पर हाथ लगाया..वहाँ एक बड़ा सा छेद महसूस हुआ..मेरी चार उँगलियाँ अन्दर घुस गई..पहले एक घुसाने मे दर्द होता था..और मेरे उँगलियों पर खून भी लगा..मैंने कहा संजय तुमने मेरी चूत से दुबारा खून निकला है..बहुत कम औरतों को ये नसीब होता है...और कितना बड़ा कर दिया तुमने ..सामने ड्रेसिंग टेबल का आयना था मैंने देखा मेरी चूत फूली हुयी थी और..उसका छेद अंग्रेज़ी के "O" जैसा हो गया था. . मैंने पुछा साफ करके क्या करोगे उसने कहा अब केले के गूदे का कोई काम नहीं है . वो तो मैंने अपना ये लंबा और मोटा लंड आपकी चूत में आसानी से और कम दर्द के साथ घुसाने के लिए लगाया था .
उसने बेड की चादर से मेरी चूत को साफ कर दिया और फिर अपने लंड को साफ करने लगा . उसके बाद उसने अपना लंड फिर से मेरी चूत में धीरे धीरे घुसाना शुरू कर दिया . मुझे फिर से दर्द होने लगा लेकिन मैंने उसे रोका नहीं . धीरे धीरे उसने अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया और मुझे धीरे धीरे चोदने लगा उसने मेरे पैरों को अब ऊपर सिर तक मोड़ दिया था..मेरे पैर मेर चुन्चियों तक आ गए थे..वो धक्के लगाने लगा..मेरी चूत अब पानी चोदने के मामले मे बेशर्म हो गई थी..लंड अन्दार गया नही की उसके मुँह से लार टपकने लगती थी..और अब फच फच..फच..की आवाज़ अने लगी थी.... क़रीब 10 मिनिट तक चुदवाने के बाद मैं फिर से झड़ गई ..अब मैंने गिनना छोड़ दिया की मै कितने बार झड़ी..उसने मुझे कुतिया की तरह होने के लिए कहा और पीछे से लंड मेरी चूत मे डालने के लिए तैयार हुआ..मेरे गोल गोल चूतड सहलाये.. उसके बाद उसने अपना पूरा का पूरा लंड एक झटके से मेरी चूत में दल दिया . मेरे मुह से जोर की चीख निकली लेकिन वो रुका नहीं . वो मुझे एक दम आंधी की तरह बेदर्दी से चोदने लगा . सारा बेड जोर जोर से हिलने लगा . रूम में छप -छप और धप -धप की आवाज़ गूँज रही थी . मैं जोश से पागल सी हुयी जा रही थी और मैंने और तेज और तेज कहना शुरू कर दिया संजू..फाड़ दो...आह्ह्ह..ज़ोर से..स्.स्.स्.स्..स्. और..और..पूरा अन्दर डालो..ऊह्ह ओह्ह संजय ने भी मेरी आवाज़ सुन कर बहुत ही जोरदार और तूफानी धक्के लगाते हुए मेरी चुदाई करनी शुरू कर दी . अब उसके हर धक्के से मेरे बदन का सारा का सारा जोड़ हिल रहा था . वो बहुत ही बुरी तरह से मेरी चुदाई कर रहा था . मैं भी पूरे जोश के साथ संजय के साथ ताल से ताल मिला कर चुदवा रही थी .
10-15 मिनिट की चुदाई के बाद मैं फिर से झड़ गई , मै अब थक चुकी थी..मेरी चूत फूल कर दौब्ले रोटी बन गई थी..लेकिन उसका लुंड अभी भी लोहे जैसा कड़क था. मेरे झड़ते ही उसने फिर से अपना लंड मेरी चूत के बाहर निकाल लिया और मुझे बेड के किनारे पर लिटा दिया . उसके बाद वो मेरी टांगों के बीच आ कर ज़मीं पर खड़ा हो गया और मेरितान्गों को कंधे पर रख कर चुदाई करने लगा . अब वो मेरे दोनों बूब्स को मसलते हुए मुझे बहुत ही तेजी के साथ चोद रहा था . मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था और मेरे मुह से ओह्ह्ह .... आह्ह ..... और .... तेज .... और ..... तेज ..... फाड़ दो ...... मेरी .... चूत ... को ...संजू..तुम्हारे लौदे ने आज मुझे सच्चा सुख दिया..मेरे राज्जा....चोदो मुझे..मै जैसे बेहोशी मे चिल्ला रही थी....मेरे मुँह से अजीब तरह की आवाज़ निकलने लगी . वो भी पूरे दम ख़म के साथ मेरी चुदाई कर रहा था .
इसी तरह से उसने मुझे लगभग 45 मिनिट तक चोदा और फिर उसके झटके और तेज हो गए..उसने कहा मेमसाब अब मेरा होने वाला है..कहते कहते उसने ७-८ जोरदार झटके लगाये और पूरे लंड को मेरी बच्च्दनी के मुहाने पर टिका कर अपना सारा जूस फवारे जैसा मेरी चूत मे डाल..उसकी पिचकारी क़रीब २ मिनिट तक चलती रही..इस तरह वो मेरी चूत मे ही झड़ मेरी चूत में ही झड़ गया . उसके साथ ही साथ मैं भी झड़ गई . वो मेरे ऊपर लेट गया और मुझे चूमने लगा . हम दोनों की सांसें बहुत तेज चल रही थी . मैं इस चुदाई के दौरान 5-6 बार झड़ चुकी थी . आज मुझे चुदवाने का वो मज़ा मिला जिसका मैं बरसों से इंतज़ार कर रही थी . थोड़ी देर बाद जब उसका लंड मेरी चूत में एक दम ढीला पड़ गया तो उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया उसने जब लंड निकला तो चूत के अन्दर फ़िर से सूनापन लगने लगा और फ़िर से पुक्..की आवाज़ आई...इसके बाद संजय मेरे ऊपर से हट गया . उसने अपने कपड़े पहन लिए और बोला " भाभीजी..कैसी लगी फल्वाले के साथ चुदाई."मैंने कहा संजय तुमने मेरी वो चुदाई की है जिसका मै बरसों से इंतज़ार कर रही थी..अब तुम मेरी चूत के असली मालिक बन गए हो.,उसने अपने कपड़े पहने मुझे पकड़ के चूमा... वो बोला , मुझे भी आज आप की चुदाई करने में वो मज़ा आया है की मैं बता नहीं सकता . मैं तो रोज ही आप की च्दायी करना चाहता हु..और कोशिश करुंगा ..जब राजेश कही बाहर जाएगा तो हम दोनों भी लोनावाला या कहीँ किसी होटल मे जायेंगे जहाँ किसी का डर नही होगा और मै रात भर दिन भर आपको चोदुंगाये जो फल मै लाया था फल वाला बनके वो यही रखो..और खा लेना पूरी थकान मिट जायेगी..
उस दिन संजय चला गया .. हम लोग एक महीने तक चुदाई का मज़ा लेते रहे..उसके बाद ..एक दिन मैंने संजय से कहा मै तुमसे गांड मरवाना चाहती हु...संजय ने कहा भाभी..सोच लो..मेरी बीवी ने अभी तक नही मरवायी..मैंने कहा इतना प्यारा लंड है और गांड नही मरवायी..उसके लिए हम मौका ढूंढ़ रहे थे अचानक राजेश को बैंक के किसी सिलसिले मे दिल्ली जन पड़ा १० दिन के लिए और उस दौरान मैंने संजय से गांड मरवायी सिर्फ़ २ बार और सच कहूँ..मै दो दिन तक ठीक से चल भी नही पा रही थी..लेकिन मुझे ये पता चल गया की गांड मरवाने मे भी मज़ा आता है अगर मारने वाला अनुभवी हो

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