Monday, March 24, 2008

रंगीन चाची

जीत (२८य्) वडोदरा हर महीने अपने कंपनी के काम जाया कर्ता था.
वडोदरा मे उस के एक रिश्ते क चाचा रहते थेय जिन्की डेथ पीछले
साल हो गयी थी. चाचा जी जब जीन्दा थेय तो वोह हर बार उनसे
मिल्ने जाया कर्ता था पर वोह कभी उनके घर नहीं रुक्ता था. चाचा
जी का परिवार छोटा था. परिवार मे चाची (३८) की थी और एक बीटा
(१४) था जो देल्ही मे study कर रह था. अचानक heart अटैक से
चाचा जी की डेथ हो गयी.

डेथ क बाद चाची अकेली रह गयी थी. एस बार जब जीत चाची
से मिलेय गया तो चाची बोली की वोह उसी क घर रुका करे. जीत १०
दिन की विसित पर वडोदरा जता था. जीत पहले नहीं मन फिर मान
गया. उसी दिन जीत अपना समन होटल से शिफ़्ट कर क चाची क घर
पर आ गया.


चाचा की डेथ क बाद सरकारी quarter छोड कर किराये
क माकन मे रहने लगी थी और एक school मे teacher थी. चाची के एक
बहई वडोदरा मे ही रहते थे. किराये का माकन छोटा था और एक रूम,
एक kitchen और बाथरूम/टॉयलेट था. रूम मे सोने क लीये एक डबल बेद
था. जीत को समझ नहीं आ रह था पर वोह कुछ बोल नहीं पा रह
था.

चाची देखने मे attractive थी. School मे teacher होने क कारन
चाची ने अपने आप पर widow होने का जयादा असर हनिन आणे दीया था.
चाची ने अपनी personality maintain कर रखी थी. रात क खाने क
बाद सोने के समय जीत बोला के वोह ज़मीन पर बेड लगा लेगा तो
चाची बोली" floor पर क्यों, डबल bed है, मे अकेली तो सोती हूँ,
तुम भी सो जाना." जीत मान गया. वोह रात मे लेट कर बाते करते
रहे. चाची ने gown पहन राकहा था. चाची ने blue रंग का gown
पहन लीया था और बाल खोल लीये थे. चाची बदन से थोड़ी भारी
थी और overall जीत को वोह बहुत sexy लग रही थी. बात करते करते
जीत को नींद आने लगी और वोह सोने लगा. थोड़ी देर मे जीत पूरा
सो गया. जीत ने एक t-शर्ट और नेकर पहन रखा था. बीच रात मे
जीत की आंँख खुली तो उसने पाया चाची उस के बिल्कुल नजदीक सो रही
थी. gown क़मर तक उठ गया था और गोरी नंगी झांघे दीख रही थी.
Night लैंप मे उस ने देखा की चाची ने पैंटी नहीं पहनी है. चाची
का एक haat जीत के लौड पर था और ऐसा लग रह था की सोते-सोते
हाथ उस के लौडे पर आ गया. जीत वैसे भी चाची के गाद्रये बदन
को देख कर पागल हो रह था और उस पर चाची का हाथ उस के लोङे
पर तो situation और खराब हो गयी थी. एक बार जीत का मन् कर
की हिम्मत कर के वोः आगे कदम बढे पर वोह situation को जांच कर
ही कुछ करना चाहता था. जीत ने पढ़ रखा था की "patience
pays..." उस ने अपने पर काबू कीया और situation को टेस्ट करने का
फैसला लीया. उस ने सोने का बहाना बनाया और धीरे से हाथ
चाची की sexy छाती पर रख दीया और शो कीया की सोते सोते ऐसा हो
गया. वोह चुप चाप पड़ा रहा, जैसे एक अनुभवी सकिकारी की तरह, जो
अपने शीकर का पूरा इंतेज़ार कर्ता है. जीत की आँखों से नींद ग़ायब
हो गयी थी. उस ने धीरे धीरे हाथ से कुछ हरकत कर के देखा.
चाची थोडा कसमसाई और फीर सो गयई. जीत की हिम्मत बढ़ी और
उस्सने चाची की छाती सहला दी. सॉफ्ट छाती को वोह gown के ऊपर से हे
सहला रहा था. चाची कसमसाई. थोड़ी देर मे जीत ने हाथ हटा
लीया. थोड़ी देर मे सुबह होने वाली थी. सो, उसने थोडा इंतेज़ार करना
सही समझा. जब उससे लगा की चाची अब उठने वाली है तो उसने धीरे
से हाथ उस की नंगी जांघ पर रख लीया और सोने का बहाना करने
लगा. कुछ min बाद घड़ी मे अलार्म बजा और चाची की आंख खुल
गयी. उठ्तेय हेय चाची का हाथ उस के लौडे से छुआ. उठ्तेय हेय
चाची ने देखा की जीत का हाथ उस की जांघ पर है. उस ने उसे
हटा दीया और कपडे ठीक कर के kitchen मे चली गयी. जीत भी
कुछ minuit बाद उठ कर kitchen मे चला गया और नॉर्मल बात कर ने
लगा. उससे लगा की शायद चाची ने उस की हरकत को सोने की हरकत
समझ कर धयान नहीं दीया और उस का हाथ जो जीत के लौडे पर
रखा था, वोः भी बेय्ध्यानी मे होगा.

अगली रात खाना खा कर फीर दोनो बेड पर लेटे. आज जीत पक्का
करना चाहता था की चाची के मन् मे क्यया है. थोड़ी देर मे चाची
सो गयी पर जीत को लगा की वोः सोने का बहाना कर रही है. वोः भी
सोने का बहाना करने लगा. थोड़ी देर मे चाची का हाथ उस के
लौडे पर आ कर ठेहर गया. जीत ने मौका नहीं खोया. उस ने
भी उसी अंदाज़ मे अपना हाथ चाची के जांघ पर रख दीया. जीत
sure हो गया की चाची जग रही है पर जीत और sure होना चाहता
था. उस ने धीरेय धीरय चाची की जांघ सह्लानी शुरू की. चाची
का कोई वीरोघ नहीं था बल्की, जीत चाची की शरीर मे उठने वाली
सिहरन को महसूस कर रहा था. जीत और ऊपर बढ़ा और उस का हाथ
चाची की बुर के पास पहुंच गया. चाची के शरीर मे लहेर दौड़
गयी. जीत sure हो गया की लोहा गरम है, वार कर ने का यही वक़्त
है, चाची चुदासी है. जीत ने चाची को अपनी बाँहों मे लय लीया
और लिपस चूसने लगा. चाची ने बीना कोई रुकावट के cooperate करना
शुरू कर दीया.

जीत ने चाची का gown खोल दीया. चाची उंदर नंगी थी. जीत ने
चाची के मांसल मादक मम्मे दबाने शुरू कीये. चाची तो पूरी गरम
थी. जीत ने जीं भर कर चाची के मम्मे दबाय. चाची भरपूर
cooperate कर रही थी. जीत के भी दोनो कपडे उतर चुके थे. उस
का लौदा देखने मे बड़ा था. लुंड की लम्बाई करीब ६.५' और मोती
करीब ४.५' मतलब, चाची के मतलब का बेहतरीन सामान था.
चाची ने जीत का लौडा सहलाया. जीत चाची की बुर देखना चाहता
था. चाची की बुर भी देखने मे बड़ी थी और छूत का छेद भी थोडा
बड़ा था. जीत को उअमर्दार औरत की बुर देखना बड़ा उत्तेज़ाक लगता
था. चाची ने अपनी जंघे फैला दीं. जीत ने चुत मे २ ऊँगली दाल
दी. चाची काफी गीली थी और जीत उस की चुत मे सैलाब लाने जा
रहा था जिससे उस की चूत का एक साल पुराना सूखा खत्म होने वाला था.

चाची ने अपनी जान्घे फैला कर जीत को sailent signal दिया की वोः
अपनी चुदाई शुरू करे अब उसे सिर्फ़ जीत का मोटा लंड अन्दर चाहिए.
जीत ने time ना waste करते हुएय चाची की चूत मे अपना ६.५' पेल
दिया और पागलों की तरह चोदने लगा. चाची का छेद क्योंकी थोडा
बड़ा था और बुर का साइज़ भी नॉर्मल से कुछ ज्यादा था तो वोः बडे मजे
से जीत के भरपूर धक्कों को लय रही थी. जीत चाची की बुर की
सेवा कर रहा था. चाची करीब ५०-६० धक्कों मे satisfy हो गयी और
करीब २० धक्कों बाद जीत ने भी फ़ाइनल शूट मारा. जीत को शूट
करने मे मज़ा आ गया था. १० min वोः चाची के चूत मे अपना लंड
डाले लेटा रहा. चाची भी satisfy हो कर सो गयी थी. जीत उठा
और नंगा ही window के पास चला गया और एक ciggarett पीने लगा.
चाची की चूत से उस माल बहार आ रहा था. यह देख कर उससे बड़ा
sexy लगा. Ciggarett खत्म कर के उस ने चाची की चूत मे अपना
लंड फीर पेल दीया और एक trip फीर चुदाई की. चाची ने दूसरी बार
भी पूरा cooperate कीया.

दुसरे दीन, चाची अलार्म बजने पर भी नहीं उठी. जीत के लंड मे
अभी भी आग लगी थी. सुबह के वक़्त वैसे भी लंड कडा हो जता है.
जीत ने चाची के टंगे फैला कर अपना लंड उस की बुर मे फीर पेल
दीया, चाची की आंख खुल गयी. वोः बोली" अरी यह क्यया...." जीत
कुछ नहीं बोला बल्की उस की चूचियाँ चूसने लगा और चुदाई मे
बुस्य हो गया. चाची ने cooperate कीया और बड़ी मस्त चुदाई कराई.

उस दिन चाची ने School से लावे ले ली और जीत भी काम पर नहीं
गया. चाची और जीत साथ साथ नही और बाथरूम मे शोवेर मे
जीत ने चाची की चूत को खूब चाटा. चाची की दीन भर, रात मे
मीला कर करीब ६ बार चुदाई की.

एस तरह जीत हर १० दीन के लीये चाची की चूत मे बरस जता था
और चाची को भी अपनी चूत की आग ठण्डी करने के लीये अब बैगन और
केले (banana) का इस्तेमाल नहीं करना पड़ रहा था

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