Thursday, March 20, 2008

मेरी कहानी

मेरी कहानी
आज जब मैं अपने उन दिनो की याद करता हूं तो मुझे लगता है कि बचपन लौट आया लेकिन मैं यह जानता हूं कि यह हो नहीं सकता।बात उन दिनो की है जब मैं 11th में पढ़ता था। मेरे ठीक बगल वाले घर में अक भाभी रहती थी। उनकी फ़ीगर बहुत अच्छी थी वैसे यह अब मुझे लगता है, उस समय तो केवल उन्हें देखने का मन करता था और मैं उनके घर चला जाता था।Click to join hindistorysexy
भाभी मुझे खूब प्यार करती थी।उनका एक छोटा बेबी था जो उनका दूध पीता था जब वो एक दिन दूध पी ही रहा था तो मैने भाभी से पूछा कि बेबी को दूध मीठा लगता है या फ़ीका? इस बात पर भाभी मुसकराते हुए बोली तुम थोड़ा पी कर देखो भाभी ने अपने हाथ पर थोड़ा सा दूध निकाला और मुझे पीने के लिए दिया मैने दूध पी कर कहा ये तो बहुत अच्छा लगता है। भाभी हंसने लगी उस दिन से मैं भाभी को और प्यार करने लगा। एक दिन जब मैं भाभी के घर गया तो भाभी कोई दवा की बोतल देख रही थी मैने भाभी से पूछा तो वह बोली तेरे भैया लाये है और यह तेरे काम की चीज नहीं है, मैं बोला देखूं तो, जब मैने बोतल देखी तो उस पर बूब्स बने हुए थे मैने भाभी से पूछा की यह क्या है तो भाभी उदास हो गई और कहा कि मेरे बूब्स बहुत छोटे हैं इसलिए तेरे भैया यह दवा लाये हैं जिससे यह बड़े हो जाएंगे। मैने कहा क्या इसे पीना पड़ेगा तो वह बोली नहीं इसे तो वहां लगाना पड़ता है, मैने भाभी से कहा चलो मैं लगा दुंगा तो वह कुछ नहीं बोली। दूसरे दिन मैं दोपहर में गया तो देखा भाभी दवा लगा रही थी मैने भाभी से कहा कि लाओ मैं लगा देता हूं कुछ सोचने के बाद भाभी ने कहा दरवाजा तो बंद कर आओ

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