सपना सच हो गया - 2
इससे पहले कि आप ये स्टोरी पढ़ें, आपको इसका भाग 1 पढ़ना जरूरी है। ये स्टोरी जहां रुकी थी मैं वहीं से शुरु करती हूं।
बाहर से हंसने की और बातचीत की आवाजें आ रही थी। मुझे चिंता हो रही थी। रुपा मेरे साथ ही थी। मैं चाय की ट्रे लेकर बाहर आ गयी। सब बातचीत बंद हो गई। मैने अपनी गर्दन कहने के अनुसार नीचे की हुई थी। मैने लड़के को और उसकी बुआ को कप दे दिये। किसी ने सन्नाटा तोड़ते हुए फीर से बोलना शुरु किया बुआ मेरी और देख के बोली "कितनी सुन्दर है हमारी होने वाली बहु" मैं ये सुनकर अन्दर चली गयी। सब देखने लगे पर फीर से बातें, हंसना शुरु हो गया। रुपा की मां ने मुझे कहा "रुपा दुल्हा नहीं देखोगी"? मैने कहा "मुझे किसी से बात नहीं करनी" इतने में पीछे से आवाज आई "लेकिन मुझे रुपा जी से अकेले में कुछ बात करनी है" मैने पलट कर देखा तो वो रुपा का होने वाला पति था। वो लड़का अनाथ था उसकी परवरिश उसकी बुआ ने की थी। वो अच्छे स्वभाव और संस्कार का था। वो यूके में पढ़ाई करके वापस आया था और उसका शिपिंग कम्पनी का बिजिनेस था। उसने कहा कि मैं रुपा से अकेले में कुछ बातें करना चहता हूं। रुपा की मां ने कहा "जरूर मिलना" कहके हम दोनो को मकान के पीछे के गार्डन में जाने को कहा। मेरा काम बस उसे हां कहना था।
हम दोनो गार्डन में चले गये। वो गार्डन बड़ा और जंगल की तरह घना था। हम दोनो एक जगह खड़े हो गये। वहां से मकान के लोग हमें पहली मन्ज़िल से भी नहीं देख सकते थे। हम बेंच पर बैठ गये। मैं चुप थी। उस लड़के का नाम केदार था। केदार ने मुझे कहा कि "मैं तुम्हारी फोटो देखकर ही तुम्हारा दीवाना हो गया था। तुम जिसकी दुल्हन बनोगी वो सबसे खुशनसीब होगा तुम्हे पाकर मैं वो खुसनसीब बनना चाहता हूं"। केदार ने मुझसे पूछा "क्या तुम इस शादी से खुश हो"? मैने हां कहा। मैं उस वक्त डरी हुई थी रुपा की मां ने मुझे साड़ी टाइट पहनाई हुई थी इसलिये मेरे चूतड़ बड़े सेक्सी लग रहे थे।
मेरे हां कहते ही उसने मेरे गाल पर किस किया। मैं चौंक गई। तो वो बोला "अब तुम मेरी बीवी बनोगी तो इससे क्यों शरमाना" मेरे जिस्म में एक सनसनी फ़ैल गयी। वो सुन्दर था हाइट लगभग 6 फ़ीट होगी। मेरी हाइट 5'3" थी। मैं खड़ी हो कर वापस जाने लगी लेकिन केदार ने मेरा पल्लू पकड़ लिया तो वो मेरे सीने से सरक गया। अब मेरे बूब्स और नंगे पेट उसके सामने थे उसने पल्लु खींचकर अपनी और ले लिया वो बेंच पर बैठा था मैं खड़ी थी। केदार ने मेरी कमर में अपने दोनो मजबूत हाथों से पकड़ लिया और मेरे पेट पर हल्के से किस किया ये मुझे भी अच्छा लगा। इतने में रुपा की मां की आवाज आई और मैने साड़ी ठीक की। हम वापस चले गये। इस बात ने मेरे अन्दर आग लगा दी थी। लेकिन मैं शादी शुदा थी पर मुझे केदार की आवाज और उसका किस याद आ रहा था। वो मेरे लिये पागल सा हो गया था। मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करुं। अगले दिन केदार की बुआ ने मैसेज भेजा कि "दूसरे दिन ही शादी करनी होगी केदार यही चाहता है" शादी की तैयारी पहले ही पूरी हो गई थी।मैं डर गई कि केदार को पता चला कि मैं रुपा नहीं हूं तो वो क्या कर लेगा। उस रात मैने रुपा की मां की डेयरी से केदार का फोन चुरा लिया और उसे फोन पर ही सारी बात बता दि। उसने कहा कि "अगर तुम उस नरक से निकलना चाहती हो तो इससे अच्छा मौका फिर नहीं मिलेगा। तुम मुझसे ही शादी कर लो मैं तुम्हे हमेशा खुश रखुंगा तुम भी कभी यही चाहती थी" मैने हां कर दी।
अगले दिन शादी के मंडप में हम आ गये। रुपा और मैने एक ही रंग की साड़ी पहनी थी। मुझे शादी के जेवर पहनाये गये थे। सब लोग आ चुके थे शादी की सब तैयारी हो चुकी थी। मुझे और रुपा को ड्रेसिंग रूम में लया गया। मेरे जेवरात उतार कर उसे पहनाये गये। उसका चेहरा पल्लु से ढका गया तभी बूढ़ी बुआ अपने कुछ नौकरानियों के साथ अन्दर आ गयी। सब चुप हो गये मैं रूम के एक अंधेरे कोने में खड़ी थी। बुआ ने दुल्हन का चेहरा देखने के लिये घुंघट उठाया तो वो चौंक गई। और कुरसी पर बैठ गई। इतने में केदार आ गया सब डर गये थे। रुपा के पिता ने कहा कि" बेटा हमे माफ़ करो हमसे गलती हो गई" केदार ने मुझे सामने बुलाया और कहा कि" अगर आप लोगो ने मेरी शादी इससे कर दी तो मैं आपको माफ़ कर सकता हूं। तो वो बोले कि ये शादी शुदा है तो केदार बोला कि आपने इसे ही मेरे सामने पेश किया था तब आपने ये क्यों नहीं सोचा अगर आप मेरी शादी इससे नहीं कराओगे तो मैं पुलिस को बुलाकर तुम्हे जेल भेजुंगा और कोर्ट में भी घसीटुंगा। रुपा के पिताजी ने मेरी सास और शराबी पति की और देखा तो वो उनसे बोले अगर आप हमे इसके बदले में लाख रुपये दोगे तब ये शादी हो सकती है। उन लोगों ने मेरा सौदा कर लिया था पर मैं इससे खुश थी क्योंकि मैं उनके चंगुल से छूट गई थी। पर मैने ये एहसास किसी को होने नहीं दिया। मुझे केदार के लाये हुए जेवर पहनाये गये और फिर मंडप में ले जाकर मेरी शादी हो गई।
बाद में मैं केदार की शानदार कार से उसके घर पर आ गई। साथ में बुआजी भी थी। मैने उसका घर देखा तो वो एक महल जैसा शानदार मकान था। हम अन्दर आ गये। शाम होने को आयी थी। केदार ने मुझे बाहों में भर कर किस किया तो बुआजी बोली "उसे छोड़ो और रात का इन्तज़ार करो आज से वो तेरी है" केदार अपने बेडरूम में चला गया। बुआजी ने अपनी दो बूढ़ी नौकरानियों को बुलवाया और कहा कि मेरी बहु को आज की सुहागरात के लिये तैयार करो" वो मुझे लेकर दूसरे कमरे में आ गयीं। केदार के घर में सारे काम वो दोनो ही करती थी। केदार के घर में वो दोनो, केदार और बुआजी के अलावा कोई नहीं था।
कमरे में आने के बाद उन्होनें दरवाजा बंद कर लिया और मेरे जेवरात उतारने लाग गईं। उसके बाद उन्होनें मेरी साड़ी उतारी मैने कहा "साड़ी क्यों उतार रही हो" तो वो बोली कि अब तुम्हे नहा कर मालिक के लिये तैयार होना है। उन्होनें मेरे सारे कपड़े उतार दिये। मैं उनके सामने नंगी हो गई। वो मुझे बाथरूम ले गईं और नहलाने लगी। वो 75 साल की थी पर बड़ी होट बातें कर रही थी वो मुझे कुछ सेक्सी लग रही थी। नहाने के बाद उन दोनो ने मेरा बदन पोंछा। उसमे से एक ने मुझे पैंटी पहनाई। मुझे कुछ भी करने की जरूरत नहीं थी। दूसरि ने एक पेटीकोट पहनाया। मैने साड़ी देखी तो वो हरे रंग की और पारदर्शी थी। ब्लाउज़ भी हरा और पतले कपड़े का डीप लो कट था। मैने कहा कि मैं इतने हल्के कपड़े नहीं पहनुंगी मेरे पहले वाले कपड़े लाओ। वो हंस पड़ी बोली के ऐसे वक्त यही कपड़े पहनते हैं। वो मेरी कमर पर सड़ी लपेटने लगी। दूसरि ब्लाउज़ पहनाने लगी मैने कहा ब्रा तो दो वो फीर हंसी कहा कि तुम्हारा बदन तो कसा हुआ है तुम्हे उसकी क्या जरूरत? ब्लाउज़ पहनाकर हुक्स भी लगा दिये। ब्लाउज़ डीप ंएकलाइन का था। वो टाइट और छोटा पर मखमली कपड़े का था। उसमें से मेरे बूब्स उभर कर दिख रहे थे। मुझे कुछ गहने चूड़ियां पहनाकर लाल लिपस्टिक लगाई फ़ेस पर हल्का सा मेकअप भी किया। बाद में मुझे शीशे के सामने ले आई। मैने एक नज़र अपने आपको देखा। मेरी साड़ी नाभि के नीचे बांधी गयी थी मेरे चूतड़ उभरे लग रहे थे। ब्लाउज़ में मेरे सेक्सी बूब्स थोड़ी सक्ति से भर गये थे क्लीवेज में से बड़े बूब्स का नज़ारा दिख रहा था। मेरे निप्पले भी झलक रहे थे। और मंगलसूत्रा बूब्स के खुले हिस्से पर था। दोनो में से एक ने कहा वाह! क्या गठीला बदन है इसका और ये कसी छाती(बूब्स) मालिक तो इसे चूस ही डालेंगे। दूसरी ने मेरा पल्लु रख दिया। साड़ी बहुत ही ट्रास्पेरेंट थी उसमें से मेरी नाभि और खुला हुआ पेट साफ़ दिख रहा था।
फीर वो चली गई। मैं बेड पर बैठ कर केदार का इन्तज़ार करने लगी। थोड़ी देर बाद केदार आया। आते ही उसने मुझे बाहों मे भरकर किस किया। मैं उस से दूर हो गई और बेड के दूसरी तरफ़ जाने लगी। तो केदार ने बेड पर बैठ कर पिछली बार की तरह पल्लु खींचा। मेरा गठीला बदन और बूब्स वो पहली बार देख रहा था वो मेरी तरफ़ कामुकता से देखने लगा। मैं उससे शर्मकर दूर जाने की कोशिश करने लगी पर उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया। वो मेरे पेट, नाभि पर हाथ फीराने लगा। वो मेरी गर्दन, पीठ को किस कर रहा था। अब वो हाथ मेरे बूब पर ले गया और धीरे से गोल गोल फीराने लगा। मैं गरम होने लगी थी, उसने मुझे अपनी तरफ़ करके बेड पर लिटा दिया। अब मेरे टाइट बूब्स ब्लाउज़ के ऊपर से चूमने और चूसने लगा वो मेरी क्लीवेज को भी किस कर रहा था। अब उसने अपने सारे कपड़े उतारे मेरे भी उतारने लगा। ब्लाउज़ के उतरते ही वो बूब्स चूसने लगा। वो मेरे निप्पले मुंह में लेकर बारी बारी चूस रहा था। उसने अपना monster tool मेरी चूत में घुसा दिया और तेज़ी से झटके देने लगा थोड़ी देर बाद उसने अपना सारा माल मेरी चूत में छोड़ दिया वो शान्त हो गया मैं भी थक गई थी हम दोनो सो गये। सुबह मैं उठी तो वो सो रहा था मैने वापस सब कपड़े पहन लिये तभी मेरी नज़र उसके लंड पर पड़ी मैने उसे हाथ में लेकर आगे पीछे किया अब केदार जग गया था और मुझे देखकेर उसका लंड चार्ज हो गया। मैं उसे अपने मुंह में लेकर चूसने लगी। लंड से निकला हुआ वीर्य मैने चूस लिया। बाद में केदार उठकर नहाने चला गया आने के बाद उसने मुझे पकड़ लिया और ब्लाउज़ में से मेरे बूब्स चूमने लगा। ये सब अब तो हमेशा होने वाला था। सो इस तरह मेरा सेक्सी सपना सच हो गया।
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