Friday, March 14, 2008

जबरदस्त चुदाई

द्वारा: राज
मैं आपको अपनी गर्लफ़्रेंड स्वेता के साथ हुई जबरदस्त चुदाई के बारे में बताता हूं उम्मीद है इस स्टोरी को आप पसंद करेंगे। अगर कोई girl or group of girls,ladies जो मुझसे मिलना चाहे या contact करना चाहे जो जयपुर के पास या जयपुर में रहती हो, .
मेरा नाम राज है। मैं 32साल का हूं। मेरी गर्लफ़्रेंड का नाम स्वेता है वो 22 साल की है। और उसकी फ़ीगर तो ऐसी थी की पूछो मत। वो बहुत ही सुंदर है, एकदम गोरी चिट्टी लम्बे लम्बे काले बाल, हाइट करीब 5'5" और फ़ीगर 36-25-38 है। उसका फ़ीगर मस्त है। हम दोनो घर से बाहर आगरा में एक ही रूम में रह कर पढ़ते थे। मैं ने रूम में पढ़ने के लिये कुछ गंदी किताबें रखी हुई थी। जो एक दिन स्वेता के हाथ लग गयी। इसलिये मैं अपने लंड और वो अपनी चूत की प्यास नही रोक सके। वो बोली मैं ही तुम्हारी वाइफ़ बन जाती हूं और मुझे अपनी ही समझो और मेरे साथ सेक्स करो। वो जींस शर्ट में आयी और बोली चलो शुरू हो जाओ। उसने मुझे किस करना शुरु कर दिया मेरे लिप्स को वो बुरी तरह से किस करने लगी। मैं भी जोश मे आ गया और उसको किस करने लगा। और उसको अपनी बाहों मे दबाने लगा। उसको मैं ने खींच के बेड पे लिटा दिया और मैं उसके ऊपर आ गया और उसको चूमना शुरु कर दिया। 10 मिनट तक मैं उसको चूमता रहा।
फिर मैं ने उसका शर्ट खोल दिया । उसके बाद मैं ने उसकी ब्रा भी खोल दी। जैसे ही मैं ने ब्रा खोली तो उसके दूध उछल के बाहर आ गये मैं उसे देखकर उसको दबाने लगा। कितने दिनो के बाद इसके पूरे के पूरे बूब्स देखने को और दबाने को मिले फिर मैं ने उसकी निप्पल को मुंह मे रख दिया और चूसने लगा वो आआआह्हह्हह्हह्हहाआआआह्हह्हह्हहाह्हह्हह कर रही थी। मैं उसे चूसता ही रहा थोड़ी देर बाद मैं ने उसकी जींस खोल कर उसको पैंटी पे ला दिया उसकी चूत बहुत गरम हो गयी थी तो उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी। मैं ने पैंटी को निकाल के उसकी चूत को फैला के चाटने लगा। वो सिसकारी भर रही थि। अहाआआ अस्सस्सशहस आआआअह्हह्हह्हह्हस्सस्स स्सशाआ आआहस्सह्हस्सस अह्हह्हह्हह्हह ह्हहह्हह हस्साआ आअह्ह ह्हहा ह्हह्हाआ ह्हह्हाहह…
वो मेरे लंड को हाथ में लेकर खींच रही थी और कस कर दबा रही थी। फिर स्वेता ने कमर को ऊपर उठा लिया और मेरे तने हुए लंड को अपनी जांघो के बीच लेकर रगड़ने लगी। वो मेरी तरफ़ करवट लेकर लेट गयी ताकि मेरे लंड को ठीक तरह से पकड़ सके। उसकी चूची मेरे मुंह के बिल्कुल पास थी और मैं उन्हे कस कस कर दबा रहा था। अचानक उसने अपनी एक चूची मेरे मुंह मे ठेलते हुए कहा, चूसो इनको मुंह में लेकर। मैं ने उसकी लेफ़्ट चूची मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा। थोड़े देर के लिये मैं ने उसकी चूची को मुंह से निकाला और बोला, मैं हमेशा तुम्हारी कसी चूची को सोचता था और हैरान होता था। इनको छूने की बहुत इच्छा होती थी और दिल करता था कि इन्हे मुंह में लेकर चूसू और इनका रस पीऊं। पर डरता था पता नहीं तुम क्या सोचो और कहीं मुझसे नाराज़ न हो जाओ। तुम नहीं जानती स्वेता कि तुमने मुझे और मेरे लंड को कितना परेशान किया है? अच्छा तो आज अपनी तमन्ना पूरी कर लो, जी भर कर दबाओ, चूसो और मज़े लो; मैं तो आज पूरी की पूरी तुम्हारी हूं जैसा चाहे वैसा ही करो, स्वेता ने कहा। फिर क्या था, स्वेता की हरी झंडी पाकर मैं जुट पड़ा स्वेता की चूची पर।

मेरी जीभ उसके कड़े निप्पल को महसूस कर रही थी। मैं ने अपनी जीभ स्वेता के उठे हुए कड़े निप्पल पर घुमाया। मैं ने दोनो अनारों को कस के पकड़े हुए था और बारी बारी से उन्हे चूस रहा था। मैं ऐसे कस कर चूचियों को दबा रहा था जैसे कि उनका पूरा का पूरा रस निचोड़ लुंगा। स्वेता भी पूरा साथ दे रही थी। उसके मुंह से ओह! ओह! अह! सी, सी! की आवाज निकल रही थी। मुझसे पूरी तरह से सटे हुए वो मेरे लंड को बुरी तरह से मसल रही थी और मरोड़ रही थी। उसने अपनी लेफ़्ट टांग को मेरे कंधे के उपर चढ़ा दिया और मेरे लंड को अपनी जांघो के बीच रख लिया। मुझे उसकी जांघो के बीच एक मुलायम रेशमी एहसास हुआ। ये उसकी चूत थी। स्वेता ने पैंटी नहीं पहन रखी थी और मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी झांटों मे घूम रहा था। मेरा सब्र का बांध टूट रहा था। मैं स्वेता से बोला, ‘स्वेता मुझे कुछ हो रहा और मैं अपने आपे मे नहीं हूं, प्लीज मुझे बताओ मैं क्या करौं? स्वेता बोली, करो क्या, मुझे चोदो, फाड़ डालो मेरी चूत को।
मैं चुपचाप उसके चेहरे को देखते हुए चूची मसलता रहा। उसने अपना मुंह मेरे मुंह से बिल्कुल सटा दिया और फुसफुसा कर बोली, अपनी स्वेता को चोदो’ स्वेता हाथ से लंड को निशाने पर लगा कर रास्ता दिखा रही थी और रास्ता मिलते ही मेरा लंड एक ही धक्के में सुपाड़ा अंदर चला गया। इससे पहले कि स्वेता सम्भले या आसन बदले, मैं ने दूसरा धक्का लगाया और पूरा का पूरा लंड मक्खन जैसी चूत की जन्नत में दाखिल हो गया। स्वेता चिल्लाई, उईई ईईईइ ईईइ माआआ हुहुह्हह्हह ओह रोहित, ऐसे ही कुछ देर हिलना डुलना नहीं, हाय! बड़ा जालिम है तुम्हारा लंड। मार ही डाला मुझे तुमने मेरे राजा। स्वेता को काफ़ी दर्द हो रहा था। पहली बार जो इतना मोटा और लम्बा लंड उनके बुर में घुसा था। मैं अपना लंड उसकी चूत में घुसा कर चुपचाप पड़ा था। स्वेता की चूत फड़क रही थी और अंदर ही अंदर मेरे लौड़े को मसल रही थी। उसकी उठी उठी चूचियां काफ़ी तेज़ी से ऊपर नीचे हो रही थी। मैं ने हाथ बढ़ा कर दोनो चूची को पकड़ लिया और मुंह में लेकर चूसने लगा। स्वेता को कुछ राहत मिली और उसने कमर हिलानी शुरु कर दी। फिर स्वेता बोली, अब लंड को बाहर निकालो, लेकिन मैं ने मेरा लंड धीरे धीरे स्वेता की चूत में अंदर-बाहर करने लगा। फिर स्वेता ने स्पीड बढ़ाने को कहा। मैं ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और तेज़ी से लंड अंदर-बाहर करने लगा। स्वेता को पूरी मस्ती आ रही थी और वो नीचे से कमर उठा उठा कर हर शोट का जवाब देने लगी। रसीली चूची मेरी छाती पर रगड़ते हुए उसने गुलाबी होंठ मेरे होंठ पर रख दिये और मेरे मुंह में जीभ ठेल दिया।
चूत में मेरा लंड समाये हुए तेज़ी से ऊपर नीचे हो रहा था। मुझे लग रहा था कि मैं जन्नत पहुंच गया हूं। जैसे जैसे वो झड़ने के करीब आ रही थी उसकी रफ़्तार बढ़ती जा रही थी। कमरे में फच फच की आवाज गूंज रही थी मैं स्वेता के ऊपर लेट कर दनादन शोट लगाने लगा। स्वेता ने अपनी टांग को मेरी कमर पर रख कर मुझे जकड़ लिया और जोर जोर से चूतड़ उठा उठा कर चुदाई में साथ देने लगी। मैं भी अब स्वेता की चूची को मसलते हुए ठका ठक शोट लगा रहा था। कमरा हमारी चुदाई की आवाज से भरा पड़ा था। स्वेता अपनी कमर हिला कर चूतड़ उठा उठा कर चुदा रही थी और बोले जा रही थी, “अह्हह आअह्हह्हह उनह्हह्ह ऊओह्हह्ह ऊऊह्हह्हह हाआआन हाआऐ मीईरे रज्जज्जजा, माआआअर गयययययये रीईए, लल्लल्लल्ला चूऊओद रे चूऊओद।
उईईईई मीईईरीईइ माआअ, फाआआअत गाआआयीई रीईई शुरु करो, चोदो मुझे। लेलो मज़ा जवानी का मेरे राज्जज्जा,” और अपनी गांड हिलाने लगी। मैने लगातर 30 मिनट तक उसे चोदा। मैं भी बोल रहा था, “लीईए मेरीईइ रानीई, लीई लीईए मेरा लौड़ा अपनीईइ ओखलीईए मीईए। बड़ाआअ तड़पयययययया है तूनीई मुझीई। लीईए लीई, लीई मेरीईइ स्वेताआअ ये लंड अब्बब्बब तेराआ हीई है। अह्हह्हह्ह! उह्हह्हह्हह्ह क्या जन्नत का मज़ाआअ सिखयाआअ तुनीईए। मैं तो तेरीईईइ गुलाम हूऊऊ गयीईए।” स्वेता गांड उछाल उछाल कर मेरा लंड चूत में ले रही थी और मैं भी पूरे जोश के साथ उसकी चूचियों को मसल मसल कर अपनी स्वेता को चोदे जा रहा था। स्वेता मुझको ललकार कर कहती, लगाओ शोट मेरे राज”, और मैं जवाब देता, “ये ले मेरी रनी, ले ले अपनी चूत में। “जरा और जोर से सरकाओ अपना लंड मेरी चूत में मेरे राज”, “ये ले मेरी रानी, ये लंड तो तेरे लिये ही है।” “देखो राज्जज्जा मेरी चूत तो तेरे लंड की दिवानी हो गयी, और जोर से और जोर से आआईईईईए मेरे राज्जज्जज्जजा। मैं गयीईईईईए रीई,” कहते हुए मेरी स्वेता ने मुझको कस कर अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसकी चूत ने ज्वालामुखी का लावा छोड़ दिया। अब तक मेरा भी लंड पानी छोड़ने वाला था और मैं बोला, “मैं भी अयाआआ मेरी जाआअन,” और मैने भी अपने लंड का पनी छोड़ दिया और मैं हांफ़ते हुए उसकी चूची पर सिर रख कर कस के चिपक कर लेट गया। तो दोस्तो ये थि मेरी स्वेता की चुदाई की जबरदस्त कहानी।
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