आज भी सब लड़को को वो दीन याद है जब राज कपूर की “राम तेरी गंगा मैली” फील्म थेत्रे मे लगी थी और कयी कुंवार्वे लड़को ने मंदाकिनी को सफ़ेद पतले झिलिदर कपडे मे नहाते हुए देखा था तो कई लड़को ने उसकी रस भरी जवानी पर मदहोश होते हुए घर आकार रात मे उसको अपने ख्वाबो मे लाकर तरह-तरह से चोदा था और अपने अपने तरीके से सुहागरात मनाई थी.
कई लड़के तो इन्त्ने फिदा हुए की उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों के दर्शन पाकर अपने लंड (पेनिस) को संभल नहीं पाये और उसकी शराब से नशीली आँखों की और मस्त अंगूरी बदन के गाद्राये शारीर के बद उसके भीगे हुए बडे-बडे गोरे-गोरे आधा-आधा कीलो भरी बूब्स देखकर हॉल मे ही पंत से खडे हुए लंड (पेनिस) को बहार लाकर सदका (हस्त-मैथुन) कर शांत हो सके.
मैंने भी उस फील्म को कई बार देखा सिर्फ मंदाकिनी की गोरी चूचियों की खतीर. दोस्तों, मर्द को सबसे पहले औरत का गोरा जिस्म और मसल झंघे भरी हुई चूची और मस्त गोल साडी के नीचे से झांकती गोल गहरी तोंदी (नाभी) (navel) हे अकर्षित करती है. हर मर्द इस पर ही मर मीता है, और जे भर कर औरत को चोदना चाहता है.
इस फील्म के बद मेरा भी पहाड़ (हिल्स) पर जाना हुआ. वहाँ एक दीन मुझे एक शादी-शुदा गोरी, अल्हड़ मस्त जवान औरत दीखी. बाज़ार मे वो कुछ लेने आये थी. आज भी वो दीन याद अता है, एक दम मंदकिनी की तरह दिखती थी. उसको देखते ही दील ने कहा इस जवानी केसमुन्दर मे ज़रुर डूबना है. इसकी बड़ी-बड़ी चुचियाँ और पीछे से भरी मसल चुतर अन्दर गंद की खुबसुरती बता रहे थे. मुह मे पानी बहर आया लार टपकने लगी और लंड (पेनिस) खड़ा हो कर पानी छोड़ने लगा. देखने वाले सब लड़के उसके ऊपर ही लीन मर रहे थे और वो बेखबर समन ले रही थी और हर कोई उसका समन (चूत) देखने को उतावला नज़र आया.
मैंने भी अपने मन मे उसका पीछा करना सोचा और उसके पीछे पहाड़ के ऊपर उसके घर की ओरे चल पड़ा. थोड़ी दूर जाकर सनते के करीब हिम्मत कर उसको आवाज़ दे कर रोका. “सुनिए, एक मिनट..” “क्या है?” उसका सवाल सुन बड़ा अछा लगा चलो उसकी आवाज़ तो सुनी. मैंने कहा “आप मुझे बड़ी अची लग रही हो. मैं आप से दोस्ती करना चाहता हूँ.” वो हान्स पडी —“क्या मई इतनी खुबसुरत हूँ?” “yes, u are beautiful”, मैंने कहा. आपका नाम जन सकता हूँ ?” उसने कहा “मेरा नाम पायल है” मैंने कहा –“आप पायल जितनी ही सुन्दर हैं और मई आपके दोस्त बनना चाहता हूँ” वो बोली मैं घर मे अकेली रहती हूँ यहाँ, मेरा Husband बहार काम कर्ता है. तुम इस जगह के नही लगते. बहार से आये हो?” “हाँ, देल्ही से.”
“I want to make Love to you” मैंने बहुत डर कर कहा. वो हान्स पडी और बोली-“Love भी करना है और डरते भी हो,कईसे मर्द हो.”
घर चले आओ. मैं उसके साथ उसके घर पहुंच गया, वो बोली “चाय पेयोगे?”
“मैंने कहा पी लूँगा, असल मे तो मेरा मन पहले उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों से दूध पीने का हो रह था.” वो चाय बन लायी. मैंने चाय को देखते ही कहा-“यह तो कली चाय है, इसमे दूध कहॉ है?”
वो अपने blouse की तरफ अनख से इशारा कर बोली-“दूध तो यहाँ है, आप को निकलना पड़ेगा, और जितना पीते हो ले लो.”
मैंने मन ही मन खुश होते हुए कहा-“फीर चाय की क्या ज़रूरत है, दूध पीकर ही कम चला लूँगा. यह कह कर मैंने उसको अपनी बाँहों मे खींच लीया और उसको गोद मे उठाकर उसके बेडरूम मे ले आया. जहाँ लाकर उसको मैंने आराम से बिस्तर पे लीटा दीया. मैंने कहा “आप एक दम राज कपूर की मंदकिनी लगती हो, मैं आपको मंदकिनी ही कह कर बुलाऊंगा. वो हंसने लगी और बोली-“बात ही करोगे या कुछ करोगे भी, फीर कोई आ जाएगा. जल्दी से आप अपनी और मेरी प्यास बुझा दो.
मैं आराम से लेट गया और उसके गुलाबी नरम होंटो को अपने होंटों मे दबा कर चूसने लगा. साथ ही अपनी ज़बान से उसकी ज़बान के बीच युध करने लगा, उसकी आँखों मे नशा चढ़ रह था साथ ही मेरा लौड़ा भी तन कर क़ुतुब मीनार हुआ जा रह था.
उसकी खुशबूदार सांसे गरम हो रही थी और मैं मस्त हुआ जा रह था. धेरे धेरे उसका blouse के ऊपर से भरी भरी चुचियाँ सह्लानी शुरू की. उसके बद बटन खोल कर blouse फेक उसके ब्रा के ऊपर से बूब्स को प्रेस करते हुए massage कीया. फीर क्या था वो भी मस्त हो मेरा साथ देने लगी.
आग उसके अन्दर की जल उठी थी. उसके बद जब उसकी बड़ी-बड़ी चिचियाँ मेरे सामने आये तो उसके हलके ब्रोवं निप्प्लेस मैंने अपने होंटों मे लेकर चूसने लगा और दुसरे हाथ से उसकी चूची सहलाता रह, दबाता रह. एक हाथ उसकी गार्डन के नीचे से दल एक चूची पकड़ ली और मुह निप्प्लेस पर लगा चूसने लगा. वो अह अह ऊऊऊ करने लगे. लेफ्ट हैण्ड तो गर्दन के नीचे से उसकी चूची पर था और मुह मे निप्प्लेस भरे उसको आचे से सुक कर रह था तो राईट हैण्ड खली था जिसको मैंने धेरे धीरे नीचे चुत की फानको को अलग कर बीच मे चूत के सिंघादे को अपनी दोनो उँगलियों से सहलाना, रगड़ना शुरू कीया. बद मे उसका पेट्तीकोअत का नादा खोल कर ढील कर पेट्तीकोअत बहार फेका जिससे उसकी मोती-मोती गोरी-गोरी झाँगे मेरे सामने थी जिसके बीच गुलाबी बुर और हलके काले काले बाल (झंटे) बहुत सुन्दर नज़ारा बाना रहे थे.
दोनो झंघो को दबा दबा कर मैंने उसकी गुलाबी बुर के ऊपर के दोनो काले सिंघ्रो को गुलाब की पंखुड़ियों की तरह अलग कीया जिससे उसकी बुर के ऊपर सिंघरे को अपनी ज़बान की ढ़ेर साडी लार से टपका कर गीला कीया और फीर अपनी ज़बान से सांप की तरह लप-ला-पता हुआ चाटने लगा जिससे उसके पुरे जिस्म मे करंट दाद गया. वो आआया ह्ह्ह्ह्हूऊउ ऊऊह्ह्ह्ह्ह्ह् करने लगी. उसने भी मेरा पंत खोल लौड़ा मुह मे चूसने की इचा जताई. मैंने उसको अपने ऊपर उल्टा लेट जाने को कहा ताकी मैं उसकी चूत चाट सकूं और उसकी गंद के दर्शन कर सकूं.
वो मेरे ऊपर उल्टे लेट गए और मेरा कोक (लंड (पेनिस)) हाथ मे लेकर उसने मुह की गहराये मे उतर लीया. उसकी ज़बान मेरे गुलाबी सुपदे को चाट रही थी और मेरा लंड (पेनिस) उसके मुह के अन्दर-बहर हो रह था. उसकी ज़बान मेरे लौड़े को आचे से चाट रही थी. वो लंड (पेनिस) को तन कर क़ुतुब मीनार बाना चुकी थी. मैं भी नीचे लेटकर उसके बुर के अन्दर-बहार ज़बान को दाल रह था जिससे उसको बहुत सूच मील रह था. मैंने एक ऊँगली उसकी गंद मे दल दी और उसको दुगना मज़ा दीया.
वो बोली तुम्हारा रोच्केत तैयार है तो मुझे जल्दी से सैर करवा दो नहीं तो कोई अ जाएगा. मैंने कहा-जल्दी से लंड (पेनिस) पर बैठ जाओ रानी, यह तुमको जन्नत की सैर करा लायेगा. वो मेरे लंड (पेनिस) पर अपनी चूत फैला कर बैठ गए. उसकी गीली चूत मे मेरा लंड (पेनिस) घप-घप अन्दर बहार होने लगा. उसके चुतर ऊपर-नीचे उचकते हुए मैंने अपना मुह उसके निप्प्लेस पर लगा दीया ताकी चुदाई के साथ-साथ उसकी चुचियाँ भी आराम पति रहें. ७-८ मिनट तक उसको गोद मे बीत कर सेक्स करने के बाद मैंने उसको लीटा कर दोनो जंघे फैला दी और ऊपर आकार लंड (पेनिस) को सामने से चूत मे दाखिल कीया. अपने चुतर मैंने आगे-पीछे किये तो जवाब मे उसने भी अपनी गंद को उठा कर लंड (पेनिस) की ओरे धकेला ताकी धक्का लंड (पेनिस) का अन्दर गहराई तक जा सके.
उसकी गंद काफी सुन्दर थी तो मैंने लंड (पेनिस) बहार खींच खूब थूक लगा कर उसके गंद की एंट्री पर रखा और ताकत से लंड (पेनिस) की एंट्री प्यार की कली गुफा मे कराइ जिससे उसके मुह से थोड़ी दर्द भरी आवाज़ निकली. पर वो मेरा लंड (पेनिस) आराम से गांड मे ले अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ ऊऊऊऊऊह्ह्ह्ह्ह्ह् हेय्य्य्य्य येः..ओ येः fuck मे fuck me hard deeper ऊऊ येह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ yes कॉम ओं याआआअ यह मोरे इंटर.
ऐसे ही चोदो मेरे राजा….तुम्हारा लंड (पेनिस) बहुत आराम दे रह है… शादी के बद औरत को लंड (पेनिस) की कीमत समाझ आती है… जान. ऐसे ही धका देते रहो…लंड (पेनिस) अपने पुरे ज़ोर पे था, अन्दर बहार. लंड (पेनिस) को गांड से नीकल के फीर मैंने चूत मे डाला. धक्कों से उसकी चुचियाँ खूब हिलती जिसे देख कर आजब मज़ा मीलता. दोनो हाथ से उसकी बड़ी-बड़ी चुचियाँ थामे मैंने कास के सम्भोग कीया. फीर लंड (पेनिस) को झड़ने से पहले बहार खींच लीया और वो अपनी ज़बान निकल बैठ गए जिस पर मैंने अपना सारा प्यार के शहद (हनी) टपका दाल. इस तरह उस मंदकिनी के साथ मेरा sexy एन्कोउन्तेर हुआ.
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