प्यासी भाभी
मेरा नाम हससा दीन है. मेरी उमर २२ साल की है.और मेरा तलावुक कराची पकिस्तान से है. शादी के ३ साल बाद ही एक रोड एक्ससिदेंत में भैया का इनतेकाल हो गया था. मैं भाभी के साथ अकेला ही रहता था. भाभी का नाम सीअमा है. हमारा अपना खुद का business था. भैया के न रहने के बाद मैं ही business की देखभाल करता था. भाभी बहुत ही खूबसूरत थी. वो मुझे दीनोऊ कह कर ही बुलाती थी. पापा और मम्मी का इनतेकाल बहुत पहले ही हो चूका था. मैं एक दम तथा कत्था नौजवान था और बहुत ही ताकतवर भी. भाभी उमर में मुझसे १६ साल बरी थी. वो मुझे बहुत प्यार करती थी. भैया के गुजर जाने के बाद मैं भाभी की पूरी देखभाल करता था और वो भी मेरा बहुत ख्याल रखती थी. मैं सुबह ८ बजे ही घर से चला जाता था और फीर रात के ५ बजे ही घर वापस आता था।
ये उस समय की बात है जब भैया को गुजरे हुए ८ महीने ही हुए थे. एक दीन मेरी तबियत खराब हो गयी तो मैंने मेनेजर से पंप सँभालने को कहा और दोपहर के १ बजे ही घर वापस आ गया. भाभी ने पूछा, क्या हुआ दीनोऊ. मैंने कहा, मेरा सारा बदन दुःख रह है और लग रह है की कुछ fever भी है. मेरी बात सुनकर वो परेशान हो गयी. उन्होने मुझसे कहा, तुम मेरे साथ doctor के पास चलो. मैंने कहा, मैंने मेडिकल स्टोर से कुछ मेदिसीने ले ली है. मुझे थोडा आराम कर लेने दो. वो बोली, ठीक है, तुम आराम करो. मैं तुम्हारे बदन पर तेल लगा कर मालिश कर देती हूँ. मैंने कहा, नहीं, रहने दो, मैं ऐसे ही ठीक हूँ. वो बोली, चुप चाप अपने कमरे में जा कर लेट जाओ. मैं अभी तेल ले कर आती हूँ. मैं कभी भी भाभी की बात से इंकार नहीं करता था।
मैं अपने कमरे में आ गया. मैंने अपनी शर्ट और पन्त उतर दी और बनियान और नेकर पहने हुए ही लेट गया. मैं एक दम ढीला था और थोडा छोटा नेकर ही पहनता था. भाभी तेल ले कर आई. उन्होने मेरे सीर पर टेल लगाया और मेरा सीर दबाने लगी. उसके बाद उन्होने मेरे हाथ, सीने और पीठ पर भी तेल लगा कर मलीश कीया. आखीर में वो मेरे पैर पर तेल लगा कर मलीश करने लगी. आखीर मैं भी मर्द हौं . उनके हाथ लगाने से मुझे जोश आने लगा. जोश के मरे मेरा लंड खड़ा होने लगा और मेरा नेकर टेंट की तरह से ऊपर उठने लगा. धीरे धीरे मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया और मेरा नेकर एक दम टेंट की तरह हो गया. मैं जनता था की नेकर के छोटा होने की वजह से भाभी को मेरा लंड थोडा सा दिखाई दे रह होगा. वो मेरे पैरों की मलीश करते हुए मेरे लंड को देख रही थी और उनकी आंखें थोडा गुलाबी सी होने लगी थी. उनके चेहरे पर हलकी सी मुस्कान भी थी. मलीश करने के बाद वो चली गयी. उसके बाद मैं सो गया।
शाम के ७:३० बजे मेरी नींद खुली और मैं उठ गया. भाभी चाए लेकर आई. मैंने चाए पी. उसके बाद मैं बाथरूम चला गया. बाथरूम से जब मैं वापस आया तो भाभी ने कहा, अब लेट जाओ, मैं तुम्हारे बदन की फीर से मलीश कर देती हूँ. मैंने कहा, अब रहने दो न, भाभी. वो बोली, क्या मलीश करने से कुछ आराम नहीं मीला. मैंने कहा, बहुत आराम मीला है. वो बोली, फीर क्यों मना कर रहे हो. मैंने कहा, टीक है, तुम सिर्फ मेरे पैर की ही मलीश कर दो. वो खुश हो गयी और मै भी अंदर ही अंदर खुश हो गीया मै भी यही छत्ता था क वो दौबरा मलीश करं. उन्होने मेरे पैर की मलीश शुरू कर दी. मेरा लंड फीर से खड़ा हो गया. इस बार मेरा नेकर थोडा पीछे की तरफ खिसक गया था जीस से भाभी को मेरा लंड इस बार कुछ ज्यादा ही दिखाई दे रह था. भाभी मेरे लंड को देखते हुए मेरे पैरों की मलीश करती रही.
थोडी देर बाद वो बोली, मैं जब तेरे पैर की मलीश करती हूँ तो तुझे क्या हो जाता है. मैं कहा, कुछ भी तो नहीं हुआ है मुझे. उन्होने मेरे लंड पर हलकी सी चपत लगते हुए कहा, फीर ये क्या है. मैंने कहा, जब तुम मलीश करती हो तो मुझे गुदगुदी सी होने लगती है, इसी लीये तो मैं मना कर रह था. उन्होने मेरे लंड पर फीर से चपत लगते हुए कहा, इसे काबू में रखा कर. मैंने कहा, जब आप मलीश करतीं हो तो ये मेरे काबू में नहीं रहता. वो बोली, तुम भी अपने भैया की तरह ही हो. मैं जब उनके पैर की मलीश करती थी तो वो भी इसे काबू में नहीं रख पते थे।
मैंने मजाक करते हुए कहा, फीर वो क्या करते थे. वो बोली, बदमाश कहीं का. मैंने कहा, बताओ न भाभी, फीर वो क्या करते थे. भाभी शरमाते हुए बोली, वही जो सभी मर्द अपनी बीवी के साथ करते हैं. मैंने कहा, तब तो तुम्हें भैया के पैरों की मलीश नहीं करनी चाहिऐ थी. उन्होने पूछा, क्यों. मैंने कहा, आखीर बाद में परेशानी भी तुम्हें ही उठानी पड़ती थी. वो बोली,परेशानी कीस बात की, आखीर मेरा मन भी तो करता था. मैंने कहा, मेरा भी काबू में नहीं है, अब तुम ही बताओ की मैं क्या करूं. वो बोली, शादी कर ले. मैंने कहा, मैं अभी शादी नहीं करना चाहता. उन्होने मुस्कुराते हुए कहा, फीर बाथरूम में जा कर मूठ मर ले. मैंने अंजान बनते हुए पूछा, वो क्या होता है. वो बोली, क्या सच में तुझे नहीं मालूम है की मूठ मारना कीसे कहते हैं. मैंने कहा, नहीं. उन्होने मेरे लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा, इसे अपने हाथ में पकड़ कर अपना हाथ तेजी से आगे पीछे करना. थोडी ही देर में इसका जूस नीकल जाएगा और ये शांत हो जाएगा. मैंने कहा, तुम मुझे थोडा सा कर के बता दो।
भाभी जोश में आ ही चुकी थी. वो बोली, तू बहुत ही बदमाश है. इसे बाहर नीकल, मैं बता देती हूँ की कैसे करना है. मैंने कहा, तुम खुद ही इसे बाहर नीकल कर बताओ की कैसे करना है. उन्होने शरमाते हुए मेरे लंड को पकड़ कर नेकर से बाहर नीकल लीया. जैसे ही मेरा ६.५ इंच लम्बा और २ इंच मोटा लंड बाहर आया तो वो बोली, बाप रे, तेरा तो बहुत ही मोटा ही. मैंने पूछा, अच्छा नहीं है क्या. वो शरमाते हुए बोली, बहुत ही अच्छा है. मैंने पूछा, भैया का कैसा था. वो बोली, उनका भी अच्छा था लेकीन तेरे जैसा मोटा नहीं था. मैंने कहा, अब बताओ की कैसे करना है. उन्होने मेरे लंड को पकड़ कर अपना हाथ आगे पीछे करना शुरू कर दीया. मुझे बहुत मज़ा आने लगा. वो भी जोश में आने लगी।
२ मं मूठ मरने के बाद वो बोली, ऐसे ही कर लेना. अब जा बाथरूम में. मैंने कहा, बाथरूम में क्यों, अगर मैं यहीं लेटा हूँ तो इसमें क्या बुराई है. वो बोली, तेरा जूस यहाँ गिरेगा और मुझे ही साफ करना पड़ेगा. मैंने कहा, मैं ही साफ कर दूंगा. वो बोली, ठीक है, यहीं कर ले. मैं जाती हूँ. मैंने उनका हाथ पकड़ कर कहा, आप यहीं बैठो न. वो बोली, तेरे लंड पर हाथ लगाने से मुझे पहले ही थोडा सा जोश आ चूका है. अगर मैं तुझे मूठ मरते हुए देखूंगी तो मुझे और ज्यादा जोश आ जाएगा. फीर मेरे लीये बर्दास्त करना मुश्किल हो जाएगा. आखीर मैं भी तो औरत हूँ और अभी जवान भी. मैंने कहा, मुझ पर भरोसा रखो, मैं तुम्हारे साथ कुछ भी नहीं करूँगा. वो बोली, मुझे पूरा भरोसा है तभी तो मैंने तेरे लंड को पकड़ कर तुझे मूठ मारना बताया है. मैंने पूछा, नेकर उतर दूं या ऐसे ही मूठ मर लूं. वो बोली,उतर दे इसे।
मैंने अपना नेकर उतर दीया और मूठ मरने लगा. भाभी मुझे मूठ मरते हुए देखती रही. मैं भाभी को देखता हुआ मूठ मर रह था. धीरे धीरे वो और ज्यादा जोश में आ गयी. जोश के मरे मेरे मुह से आह... ऊह... की आवाज़ नीकल रही थी. वो मुझे और कभी मेरे लंड को देख रही थी. उन्होने अपना एक हाथ अपनी चूत पर रख लीया और सहलाने लगी. मैंने पूछा, क्या हुआ. वो बोली, तू मुझे एक दम पागल कर देगा।
मैं जा रही हूँ. मैंने उनका हाथ पकड़ लीया और कहा, बठो न मेरे पास. वो चुप चाप बैठ गयी. मैं मूठ मरता रहा. भाभी जोश के मरे पागल सी हो चुकी थी. थोडी ही देर में उन्होने मेरा लंड पकड़ लीया और बोली, अब रहने दे, अब मुझसे बर्दास्त नहीं हो रह है. मैंने पूछा, क्या हुआ. उन्होने अपना पेट्तिकोअत ऊपर कर दीया और बोली, देख मेरी चूत भी एक दम गीली हो गयी. तुने तो मुझे पागल सा कर दीया है. अब मुझे बर्दास्त नहीं हो रह है, तू मेरी चूत को सहला दे, मैं तेरा लंड सहला देती हूँ. मैंने कहा, केवल सहलाना ही है या कुछ और करना है. वो बोली, अगर तेरा मन करे तो मेरी चूत को थोडा सा चाट ले जीस से मुझे भी थोडा आराम मिल जाएगा. मैंने कहा, कपडे तो उतर दो. वो बोली, तू खुद ही उतर दे।
मैंने भाभी के कपडे उतर दीये. अब वो एक दम नंग हो गयी. उनकी चूत एक दम साफ थी. मैंने कहा, तुम्हारी चूत तो एक दम साफ है. वो बोली, मुझे चूत पर बाल बिल्कुल भी पसंद नहीं हैं इसी लीये मैं इसे हमेशा ही साफ रखती हूँ. तेरा भी तो एक दम साफ है. मैंने कहा, मुझे भी बाल पसंद नहीं हैं. वो लेट गयी तो मैंने उनकी चूत पर अपनी जीभ फिरनी शुरू कर दी. वो बोली, ऐसे नहीं. मैंने कहा, फीर कैसे. वो बोली, मुझे भी तो तेरा चूसना है. तू मेरे ऊपर उल्टा लेट जा और अपना लंड मेरे मुह के पास कर दे फीर चाट मेरी चूत को।
मैं भाभी के ऊपर ६९ की पोसिशन में लेट गया. मैंने उनकी चूत पर जीभ फिरना शुरू कीया तो उन्होने मेरे लंड का सुपदा अपने मुह में ले लीया और चूसने लगी. मुझे खूब मज़ा आने लगा. भाभी भी जोश के मरे सिस्कारियां भरने लगी. मैंने उनकी clit को अपने होठों से दबाना शुरू कर दीया तो उन्होने जोर की सिसकारी ली. मैंने पूछा, क्या हुआ. वो बोली, बहुत मज़ा आ रहा है, और जोर जोर से दबा. मैंने उनकी clit को और ज्यादा जोर से दबाना शुरू कर दीया तो उन्होने मेरा लंड अपने मुह में और ज्यादा अन्दर ले लीया और तेजी के साथ चूसने लगी. मैंने एक ऊँगली उनकी चूत में डाल दी और अन्दर बाहर करने लगा. थोडी ही देर में भाभी की चूत से जूस नीकल आया. वो बोली, चाट ले इसे. मैंने उनकी चूत का सारा जूस चाट लीया. थोडी ही देर में मेरे लंड का जूस भी निकलने लगा तो भाभी सारा का सारा जूस निगल गयी. उसके बाद मैं हट गया और उनके बगल में लेट गया।
भाभी मेरा लंड सहलाने लगी. थोडी देर बाद वो बोली, आज तो वो हो गया जो की नहीं होना चाहिऐ था. मैंने कहा, मैंने ऐसा क्या कर दीया. वो बोली, तुने मुझे अपना लंड दीखा कर आज मुझे पागल सा कर दीया. मैंने कहा, मैंने तो नहीं दीखाया था. वो बोली, तेरा नेकर ही इतना छोटा और ढीला था की मुझे तेरा लंड दिखाई दे गया. मैं अपने आप को काबू में नहीं रख पाई इसी लीये मैंने तुझसे पैर की दोबारा मलीश करने के लीया कहा था. मैं तेरा लंड देखना चाहती थी क्यों की मुझे तेरा लंड बहुत ही लम्बा और मोटा दीख रहा था. मैंने कहा, अब तो देख लीया न. वो बोली, हाँ, देख भी लीया और पसंद भी कर लीया. मैंने कहा, अब क्या इरादा है. वो बोली, तू भी वही कर जो तेरे भैया मेरे साथ करते थे. मैंने कहा, ये ठीक नहीं है. वो बोली, क्या ठीक है क्या नहीं, मैं कुछ नहीं जानती. अगर तू मेरे साथ नहीं करेगा तो मैं मर जाउंगी. मैंने पूछा, मैं तुम्हारे साथ क्या करूं. वो बोली, जो तेरे भैया मेरे साथ करते थे. मैंने कहा, मैंने तो कभी देखा ही नहीं की भैया तुम्हारे साथ क्या करते थे. भाभी ने मेरे गलों को जोर से कट लीया और बोली, अब चोद दे मुझे. मैंने कहा, दर्द होगा. वो बोली, तो मैं क्या करूं, होने दे. जो होगा देखा जाएगा. मैंने कहा, तुम मेरी भाभी हो, मैं तुम्हें कैसे चोद सकता हूँ. भाभी का तो जोश के मरे बुरा हाल था. वो बोली, तू मुझे नहीं चोदेगा लेकीन मैं तो तुझे छोड़ सकती हूँ. मैंने कहा, फीर तुम ही छोडो।
मेरा लंड फीर से खड़ा हो चूका था. भाभी मेरे ऊपर आ गयी. उन्होने मेरे लंड के सुपदे को अपनी चूत के बीच रखा और दबाने लगी. उनके चेहरे पर दर्द की झलक साफ दीख रही थी फीर भी वो रुकी नहीं. मेरा लंड धीरे धीरे उनकी चूत में घुसता ही जा रहा था. उनकी चूत बहुत ही तिघ्त थी. उन्होने दबाना जरी रखा तो थोडी ही देर में उनकी आंखों में आंसू भी आ आगये. मैंने पूछा, क्या हुआ. वो बोली, दर्द बहुत हो रहा है. मैंने कहा, फीर रूक जाओ न, क्यों इतना दर्द बर्दास्त कर रही हो. वो बोली, मैं पागल हो गयी हूँ. अब तक मेरा लंड भाभी की चूत में ४" तक घुस चूका था. दर्द के मरे भाभी का बुरा हाल हो रहा था. तभी वो अपने बदन का सारा जोर देते हुए अचानक मेरे लंड पर बैठ गयी. मेरा पूरा का पूरा लंड उनकी चूत में समां गया. उनके मुह से जोर की चीख निकली. उनका सारा बदन थार थार कांपने लगा. उनके चेहरे पर पसीना आ गया. उनकी सांसें बहुत तेज चल रही थी.
वो मेरे ऊपर लेट गयी और मेरे होठों को चूमने लगी. मैं उनकी कमर और चुताद को सहलाने लगा. तभी मुझे बदमाशी सूझी. मैंने उनकी गांड के छेद पर अपनी ऊँगली फिरनी शुरू कर दी तो उन्हें मज़ा आने लगा. अचानक मैंने अपनी ऊँगली उनकी गांड में डाल दी तो उन्होने जोर की सिसकारी ली और बोली, बदमाश कहीं का. पहले तो कह रहा था की तुम मेरी भाभी हो, मैं तुम्हें कैसे चोद सकता हूँ. अब मेरी गांड में ऊँगली डाल रहा है. क्या मैं अब तेरी भाभी नहीं रह गयी. मैंने कहा, बिल्कुल नहीं, अब तो तुमने मेरा लंड तुमने अपनी चूत में डाल लीया है. अब तुम मेरी भाभी नहीं रह गयी हो. वो बोली, फीर मैं अब तेरी क्या लगती हूँ. मैंने कहा, बीवी. वो बोली, फीर चोद दे न अपनी बीवी को. क्यों तरसा रहा है मुझे. अब तो मैंने तेरा पूरा का पूरा लंड अपनी चूत के अन्दर ले लीया है. मेरी ऊँगली अभी भी भाभी की गांड में थी. मैंने फीर शरारत की और कहा, मैं तुम्हें एक ही शर्त पर चोद सकता हूँ. वो बोली, कैसी शर्त. मैंने कहा, मैं तुम्हारी गांड भी मरूँगा.
वो बोली, अपनी बीवी से भी पूछना पड़ता है क्या. मैंने कहा, मुझे नहीं मालूम. वो बोली, तेरे भैया ने तो मुझसे कभी नहीं पूछा, जब भी उनका मन कीया उन्होने मेरी चुदाई की और जब उनका मन हुआ तो उन्होने मेरी गांड भी मरी. मैंने कहा, इसका मतलब तुम भैया से गांड भी मरवा चुकी हो. वो बोली, तो क्या हुआ, मज़ा तो दोनो में ही आता है. अब मुझे ज्यादा मत पर्शन कर, चोद दे न. मैंने कहा, थोडा सा तुम छोडो फीर थोडा सा मैं चोदुन्गा. वो बोली, ठीक है, बाबा.
भाभी ने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दीये तो उनके मुह से चीख निकलने लगी. मैंने पूछा, अब क्या हुआ. वो बोली, दर्द हो रहा है. मैंने पूछा, क्यों, अब तो पूरा अन्दर ले चुकी हो. वो बोली, अन्दर लेने से क्या होता है. मेरी चूत अभी तेरे लंड के साइज़ की थोडे ही हुयी है. मैंने पूछा, मेरे लंड की साइज़ की कैसे होगी. वो बोली, जब तू मुझे कई बार चोद देगा तब. वो धीरे धीरे धक्के लगाती रही. मैंने पूछा, तुम्हारी चूत को चौडा करने के लीये मुझे कितनी बार चोदना पड़ेगा. वो बोली, ये तो तेरे ऊपर है की तू कीस तरह से मेरी चुदाई करता है. मैंने पूछा, क्या एक बार में भी हो सकता है. वो बोली, बिल्कुल हो सकता है, अगर तू मुझे पहली बार में ही कम से कम १ घंटे चोद सके तो. लेकीन मैं जानती हूँ की तू ऐसा नहीं कर पायेगा. मैंने पूछा, क्यों. वो बोली, तुने कभी किसी को पहले चोदा है. मैंने कहा, नहीं. वो बोली, तो फीर तू १० मं से ज्यादा रुकेगा ही नहीं. मैंने कहा, रुकुंगा क्यों नहीं. वो बोली, तुझे मेरी चुदाई करने में जोश ज्यादा आ जाएगा इस लीये.
भाभी को धक्के लगते हुए लगभग १० मं हो चुके थे और वो इस दौरान १ बार झाड़ भी चुकी थी. तभी मेरे लंड का जूस नीकल पड़ा और साथ ही साथ वो भी फीर से झाड़ गयी. वो मुस्कुराते हुए बोली, क्या हुआ पहलवान. मैंने कहा, वही हुआ जो तुम कह रही थी. वो बोली, मेरी चूत ढीली करने के लीये तुझे कम से कम १ घंटे तक मेरी चुदाई करनी पड़ेगी. मैं ये भी जानती हूँ की अगली बार तू ज्यादा से ज्यादा १५ मं ही मुझे चोद पायेगा. इस तरह जब तू ३-४ बार मेरी चुदय कर देगा तब कुल मिलकर १ घंटे हो जायेंगे और मेरी चूत ढीली हो जायेगी और तेरे लंड के साइज़ की हो जायेगी, सम्जः गए बच्चू. मैंने कहा, बिल्कुल समझ गया, मैडम.
--
........raj.........
No comments:
Post a Comment
कामुक कहानियाँ डॉट कॉम
राज शर्मा की कहानियाँ पसंद करने वालों को राज शर्मा का नमस्कार दोस्तों कामुककहानियाँब्लॉगस्पॉटडॉटकॉम में आपका स्वागत है। मेरी कोशिश है कि इस साइट के माध्यम से आप इन कहानियों का भरपूर मज़ा ले पायेंगे।
लेकिन दोस्तों आप कहानियाँ तो पढ़ते हैं और पसंद भी करते है इसके साथ अगर आप अपना एक कमेन्ट भी दे दें
तो आपका कया घट जाएगा इसलिए आपसे गुजारिश है एक कमेन्ट कहानी के बारे में जरूर दे