Saturday, May 31, 2008

Cousin's Gang Bang -2


फीर वह मुझे अपने रूम मैं लेकर आयी. उसने अपनी वार्द्रोबे से दो बहुत ही झीने कप्रे की तिघ्त शर्ट और मिनी स्किर्ट निकली. हम डॉन वन वह पहनी और फीर मके-उप कीया और एक नशीली सेक्ष्य् परफ्यूम लगाकर इठलाते हुवे वापस आये. रूम मैं आते ही दोनो की नज़रें हमपर पडी तू उनके मुँह खुले रह गए.

नीलेश बोले, "हाय हाय क्या बात है. तुम दोनो तू इन कप्रों मैं कितनी सेक्ष्य् लग रही हो."

"हाँ यार दोनो कितनी खूबसूरत हैं. मैंने तू आज पहली बार अपनी Cousin को इतनी खूबसूरत पाया है."

Urmila अपने Cousin की बात सुन मुस्कराती हूई बोली, "नीलेश मैं तू पहले भी इतनी ही खूबसूरत थी आपने कभी मुझे ठीक से देखा ही नही."

"साली तू मुझे पहले दिखाती ही नही थी वर्ना तेरी तू मैं चोदा चोदाकर फैला देता."

"नीलेश अब फैलाओ ना. आओ चोदाओ अपनी खूबसूरत Cousin को." वह में ऊर देख बोला, "हाय समझ मैं नही आ रह की किसे चोदाए. तुम दोनो ही बहुत mast लग रही हो. तुम्ही बताओ उर्मी तुम किस्से चुद्वोगी?"

"नीलेश जो चाहे चोदाए मुझे. मुझे तू बस चुद्वाना है." मैं उनकी बात सुन बोली, "Urmila ऐसा कर मैं अपने Cousin से चुद्वाती हूँ और तू अपने Cousin से चुद्वाले क्योंकी तू मेरे नीलेश से तू चुद्वा चुकी है. एक बार अपने नीलेश का लंड खाकर देख कैसा है."

तब वह अपने Cousin के पास गयी तू उसने उसे गोद मैं उठा बेद पर लिटाया और उसका स्किर्ट ऊपर कर अपने मुँह को उसकी चूत पर रख दिया. अब मुझे भी नीलेश ने Urmila की बगल लिटाया और मेरा स्किर्ट ऊपर कर मेरी चूत पर झुक गए. अब दोनो दोस्त अपनी अपनी Cousin की चूत को चाट रहे थे.

तभी राजेश ने मेरी शर्ट के बटन खोल दोनो चूचियों को नंगा कीया और मेरी एक चूची पाकर ली. मेरी दूसरी चूची को नीलेश ने अपने हाथ मैं ले लिया. मैंने हाथ आगे कर Urmila की शर्ट खोल दी. हमदोनों के मुँह से सिस्कारी निकल रही थी. तभी नीलेश ने जीभ को मेरी चूत मैं दाल दिया और कच कच चूत को जीभ से चोदाने लगे. घर पर नीलेश ऐसे ही मुझे झारते थे. यहाँ भी यही हुवा. ३०-३५ बार ही जीभ पली होगी की मैं हाय हाय कर झरने लगी.

मैं झर रही थी तू Urmila ने मेरी ऊर देखते कहा, "हाय Priyanka क्या हुवा?"

"आह मज़ा आ गया नीलेश ने एक पानी निकल दिया मेरा. अब चुदवाने मैं मज़ा आयेगा."

"अआह्छ मेरी नही झारी हाय यार मेरी भी झारवा देना. मेरे नीलेश अभी चाटना नही जानते वर्ना मेरी भी झर जति."

तब मैं उसकी चूत के पास गयी और उसके Cousin के सर पर हाथ फेरती बोली, "नीलेश ऐसे नही अब इसकी चूत मैं अपनी जीभ डालकर जीभ से चोदाओ इसकी तू यह झर जायेगी. एक बार झारकर चोदाइयेगा तू इसको भी बहुत मज़ा आएगा और आपको भी."

तब वह मेरे बताये तरीके से अपनी Cousin की चाटने लगा. और ६-७ मिनट बाद ही Urmila हाय हाय करती अपने Cousin के मुँह पर झरने लगी. मैं उसकी चूत को झरते देख उसके Cousin के साथ साथ उसकी चूत का पानी चाटने लगी. दो जीभ पा वह mast हो गयी. वह झरने के बाद कुछ नॉर्मल हो अपने Cousin को देख मुस्काती बोली, "नीलेश आप तू एक ही दीन मैं सब कुछ सीख गए हैं."

"तुब ही तू पहली बार मैं ही सीख गयी."

"हाँ नीलेश असली काम तू लड़को का होता है. उनको ही लड़कियों को ठण्डा करमा पड़ता है."

फीर मैंने अपने नीलेश से कहा, "नीलेश अब लंड पिलाओ. आज तू मज़ा आ गया. अकेले से ज़्यादा मज़ा आज आ रह है ग्रुप मैं."

अब मैं बेद पर बैठ गयी तू नीलेश मेरे सामने खरे हुवे और अपने लंड को मेरे मुँह के पास कीया. मैंने लंड को पाकर कर मुँह मैं लिया और फीर दोनो हाथ नीलेश की गांड पर लगा चूसने लगी. Urmila ने मुझे देख इसी तरह से अपने नीलेश के लंड को मुँह मैं लिया. हम दोनो अगल बगल बैठी अपने अपने Cousin के लंड पी रही थी. ४-५ मिनट इसी तरह लंड चूसने के बाद मैंने लंड बहार कीया और बोली, "नीलेश अब चोदाओ."

तब नीलेश ने मुझे बेद पर घोड़ी बन्ने को कहा. मैं बन गयी तू नीलेश मेरे ऊपर चढ़ गए और ३-४ बार चूत को चाटने के बाद सुपर को गीली चूत पर लग तेज़ धक्का मार पेल दिया. Urmila और उसका Cousin हमदोनों को देख रह था. उन्दोनो ने भी चुदाई शुरू करने के लिए लंड बहार कीया और Urmila मेरे निचे घुस गयी की उसका मुँह मेरी चूचियों के पास आ गया. तब उसका Cousin उसके ऊपर आया और अपना लंड उसकी चूत पर लगा झुककर उसकी चूची को मुँह मैं भर पेलने लगा. वह मेरी चूचियों को पारकर दबाते हुवे अपने Cousin के लंड को अपनी चूत मैं लेने लगी.

कुछ देर बाद हमदोनों की चुदाई अपने अपने Cousin के साथ शुरू हो गयी. बेद बहुत तेज़ी से हिल रह था. Urmila चुद्वाते हुवे मेरी चूचियों से भी खेल रही थी जिससे मुझे बहुत मज़ा मिल रह था. नीलेश मेरी चूत को बहुत तेज़ी से चोदा रहे थे. वह बीच बीच मैं Urmila की चूचियों को भी दबा देते थे. Urmila अब अपनी गांड उछलने लगी थी. मेरी चूत भी नीलेश का लंड खाकर mast थी. तभी नीलेश ने अपना लंड मेरी चूत से निकला और बेद पर लेट गए. मैं समझ गयी की नीलेश क्या चाहते हैं. मैं फौरन उनके ओप्पर आयी और लंड पर चूत रख बैठने लगी. अब मैं ऊपर थी और उछल उछल अपनी चुदवाने लगी. वह दोनो अभी भी चुदाई मैं खोये थे. नीलेश निचे से गांड उठा लंड कोप एल रहे थे. मैं नीलेश पर झुकी उनके हूंत चुस्ती चुद्वा रही थी.

कुछ देर बाद नीलेश मेरी चूचियों को पाकर कसकर दबाते बोले, "ह्ह्ह्हाछ आह मेरी जान Priyanka मेरी रानी हाय Priyanka मेरा निकलने वाला है. साली बोल कहॉ लेगी पानी?"

"नीलेश आह्ह लंड बहार नही करा. हाय अपना गरम रस मेरी चूत मैं ही डालना नीलेश. हाय मेरी चूत अपने भा के लंड का पानी पीकर बहुत खूबसूरत हो गयी है."

मेरी बात सुन Urmila बोली, "Priyanka पानी अन्दर लेने से तू खतरा होता है?"

"नही पगली मेरे नीलेश इतने बेवकूफ नही हैं. वह सब जानते हैं. नीलेश ने एक गोली दी थी जो १५ दीन काम करती है. चाहे जितना चुद्वाओ चाहे जितना पानी अन्दर लो कुछ नही होने वाला."

"हाय मुझे भी वह गोली दीजियेगा मैं भी आपका और अपने नीलेश का पानी चूत से पियोंगी."

"ला दूंगा तुमको भी. हाय आह निकला मेरा हाय Priyanka साली ले अपने Cousin के पानी को अपनी चूत मैं."

नीलेश झरने पर बहुत पानी निकलते थे. पूरी चूत भर गयी और कुछ पानी बहार निकल बेद्शीत को भिगोने लगा. २ मिनट बाद नीलेश ने लंड बहार निकला और Urmila के मुँह मैं दाल दिया जिसे वह चूसने लगी. मैं उठकर उसकी चूत के पास गयी और उसकी चुद्ती चूत और उसके Cousin के लंड को चाते लगी. मेरी इस हरकत से दोनो की मस्ती तेज़ हूई और Urmila का Cousin हाय हाय कर्ता हुवा झरने के करीब आया तू मैंने उससे कहा, "आप बहार झारियेगा. कल नीलेश गोली ला देंगे तू अन्दर निकलियेगा चाहे बहार पर आज बहार." उसने फौरन अपना लंड अपनी Cousin की चूत से निकल उसके मुँह मैं पेल दिया और फीर पानी छोरने लगा. वह पानी को मुँह से निगलती रही. फीर जब दोनो नॉर्मल हुवे तू मैंने घरी देखी १ बज गया था. मैंने Urmila से पूछा, "Urmila क्या प्लान है, १ बज गया है."

"Priyanka कल कोई काम नही है देर से उठेंगे सोकर पर अभी तू मुझे और चुद्वाना है."

"अरे मैं भी कहॉ अभी सोने वाली हूँ. मैं तू यह चाह रही हूँ की अब तुम ज़रा अपने नीलेश को मेरे लिए भी छोर दो या सारा मज़ा अपने नीलेश से खुद ही ले लोगी."

"अरे यार ले ना नीलेश को मैं तेरे नीलेश का लेटी हूँ तू मेरे नीलेश का ले."

फीर हम दोनो उठकर बाथरूम मैं गए और अपनी अपनी चूड़ी और झारी चूत धोकर साफ कर वापस कित्चें मैं गए और चार ग्लास दूध लेकर वापस आये. नीलेश ने एक ग्लास लिया और उसका दूध Urmila की चूत पर दाल दाल चाट चाट पिने लगे. इस तरह नीलेश घर पर मेरी चूत मैं भी दूध दाल कर पिटे थे. यह देख मैंने भी अपना ग्लास लिया और उसमे राजेश के लंड को डालती फीर लंड चुस्ती. हम डॉन वन इस तर्तः दूध पी लिया तू उन्दोनो ने भी ऐसा ही कीया.

यह कर बोला, "यार तुमलोग तू बहुत मज़ा लेते हो घर पर."

"नीलेश अब हमलोग भी इसी तारा लिया करेंगे."

"हाँ Urmila अब तुम मेरी बीवी बन गयी हो. रात भर बीवी और दीन मैं भाहन."

"हाँ नीलेश अब तू रोज़ रात मैं हमलोग सुहागरात मनाया करेंगे." मैंने नीलेश से कहा, "नीलेश हाय ईक बार आप मेरी गांड मार दीजिए बड़ा मॅन कर रह है मरवाने का."

"अरे यार तुब ही कैसी बात करती है? राजेश से मर्वाले. क्यों राजेश मरेगा इसकी गांड?"

"यार कभी मारी नही है किसी की."

"अबे तुने तू कभी किसी को चोदाअ भी नही था पर आज पहली ही बार दो दो लड़कियों को चोदाअ या नही."

तब वह मेरी गांड मारने को तैयार हो गया. मैंने उससे कहा, "कोई करें ले लो गांड बिना करें के न्शी मर्वती."

तब वह अपनी Cousin से बोला, "Urmila अपनी कोई कोलद करें दे."

वह जल्दी से करें लायी और अपने Cousin को देती बोली, "लो नीलेश मारो इसकी गांड हाय मैं भी इसके Cousin से मर्वती हूँ."

मैंने अपनी गांड का छेड़ खोलते कहा, "राजेश मेरे रजा लो इस छेड़ को चाटकर मारो."

वह जीभ को मेरी गांड पर लगा चाटने लगा. १०-१५ बार चाटने के बाद बोला, "Priyanka रानी तेरी गांड की महक बड़ी सोंधी है हाय कितनी खुश्बोदार गांड है."

तब मैंने अपनी गान पर करें लगा उसके लंड को भी करें से चिकना किया और घोड़ी बन बोली, "करो सवारी इस घोड़ी की."

वह पीछे आ लुंड को गांड के छेड़ पर लगा अन्दर करने लगा. मेरी तू नीलेश कई बार मारकर खोल चुके थे इसलिये आराम से अन्दर जाने लगा. २ मिनट मैं ही अन्दर पेल वह मेरी गांड मारने लगा.

मैं गांड मर्वाते हाय हाय करती नीलेश से बोल रही थी, "हाय नीलेश तुम्हारे दोस्त बहुत बधिया गांड मार रहे है. नीलेश इनका लंड गांड मैं बहुत मज़ा दे रह है. आप भी देखिए इनकी कोउसिं कि गांड कैसी है. आपकी अपनी कोउसिं कि गांड जैसी है कि नही?" उधर उर्मिला भी नीलेश का लंड मुँह मैं लिए थी और नीलेश उसकी गांड चाट रहे थे. मेरी गांड मैं लंड तेज़ी से अन्दर बहार हो रह था. अब नीलेश भी उर्मिला कि गान को मारने को तैयार थे. उर्मिला कि गांड बहुत कासी थी. नीलेश का सुपर बहुत मुश्किल से गया था. वह चिल्ला रही थी और उसकी आंखों मैं आँसू थे. अपनी Cousin का दर्द देख राजेश से रह ना गया और वह बोली ही पड़ा, "प्रियंका अपने Cousin से कहो मेरी Cousin की गांड ना मरे वह अभी छोटी है."

"कहां छोटी है, मेरी उमर की ही तू है."

"हाँ लेकिन वह अभी पहली बार चुद रही है ना."

"आप ही कहिये ना."

"प्लेस तुम कहो मैं कैसे कह सकता हूँ मैं तू खुद उसकी Cousin की गांड मार रह हूँ."

मैं उसकी बात सुन मुस्काते हुवे बोली, "नीलेश रहने दो वर्ना इसकी फट जायेगी. अभी आप चूत ही मैं डालो. अभी इसकी गांड खुलने मैं टिम लगेगा."

मेरी बात सुन नीलेश ने उसकी गांड से लंड निकला और उसकी चूत मैं दाल दीया.

१० मिनट बाद वह मेरी गांड मैं झाड़कर अलग हुवा. मैं अपनी चूड़ी गांड लिए उर्मिला के पास गयी और उसकी चूत को सहलाती उसकी चूसियों को बरी बरी पिने लगी. राजेश भी हमारे पास आया और अपनी Cousin की गान को देखने लगा. मैं उसको देख बोली, " क्या देख रहे हो?"

"देख रह हूँ की यह छेड़ भी जल्दी से खुले तू इसकी मार कर मज़ा लूं."

" नीलेश मृत उ मारली अब अपनी Cousin का छेद चाटकर देखो कैसा है."

उसने अपनी Cousin की गांड चाटना शुरु कर दीया. इससे उर्मिला की मस्ती बढ़ गयी. कुछ देर बाद नीलेश ने लंड बहार खींचा और राजेश को हटा उर्मिला की गांड पर झरने लगा. गान पर ढ़ेर सारा पनि छोरा. मैं उर्मिला की गांड पर गिरे पनि को हाथ से उसके पूरी गांड चूतअर और चूत पर लगाने लगी.

३०-३५ मिनट तक हम्चारो वही बेद पर सुस्ताते रहे. मैं अपने नीलेश के ऊपर थी और उर्मिला अपने Cousin से चिपकी थी. फिर हम सब लोग फ्रेश हो गए तू उर्मिला सबके लिए काफ़ी बाना लायी. मैं राजेश के साथ बैठी थी और वह मेरे Cousin के साथ.

तब उर्मिला उठी और अपने Cousin के पास जा नज़रे झुका बोली, "नीलेश." "नीलेश मुझे आपके यह दोस्त बहुत अछे लगे हैं. प्रियंका को भी मैं अच्छी लगी हूँ. मैं आपके दोस्त से शादी करमा चाहती हूँ."

वह अपनी Cousin की बात सुन नीलेश को देखने लगा तू नीलेश मुझसे बोले, "क्या सच प्रियंका?"

"हाँ नीलेश मैं उर्मिला को अपनी भाभी बाना चाहती हूँ."

"अरे यार यह तू बहुत अच्छी बात है. मैं कल ही मम्म्य पापा से बात कर्ता हूँ. राजेश तुम क्या कहते हो?"

"अरे मेरे दोस्त यह तू बहुत अच्छा रहेगा. हमारी दोस्ती और पक्की हो जायेगी. "

मैं दोनो की बात सुन बोली, "नीलेश मेरी एक शर्त है?"

नीलेश ने कहा, "क्या प्रियंका?"

"नीलेश जब आप उर्मिला से शादी करे और इसके साथ सुहागरात मनाये तू मुझे भी अपने साथ रखियेगा."

"हाय उसदिन?"

"हाँ नीलेश मैं उस्दीन कुछ भी नही करुँगी. बस चुपचाप अपने नीलेश और भाभी की सुहागरात देखूंगी."

"अरे यार सही तू कह रही है. तू मेरी Cousin से शादी कर ले और सुहागरात भी दिखा."

फिर नीलेश उर्मिला को अपनी गोद मैं ले उसके हूंत चूमते बोले, "तुम खुश हो?"

वह शर्माती सी बोली, "जी आप जैसा पति पा तू मेरी किस्मत खुल गयी."

"नीलेश काश मेरी शादी ना पक्की होती तू मैं भी राजेश से शादी करती पर क्या हो सकता है."

"एक काम हो सकता है प्रियंका."

"क्या नीलेश?"

"राजेश की शादी विनीता से करवा देते हैं."

"हाँ नीलेश से सही रहेगा. उस बेचारी को भी राजेश जैसा पति मिल जाएगा तू वह बहुत खुश होगी."

राजेश ने मेरी छोटी Cousin विनीता को देखा था. वह खुश होकर बोला, "मैं तैयार हूँ यार तेरी छोटी Cousin भी बहुत मस्त माल है."

मैं उनकी बात सुन बोली, "राजेश नीलेश एक बात तू बताइए, आप क्या मेरी छोटी Cousin विनीता को पसंद करते हैं?"

"हाँ बहुत."

"ओह्ह नीलेश अब शर्माने की क्या बात खुलकर बताओ."

वह मेरी बात सुन मेरी चूसियों को पाकर बोला, "सच तू यह है प्रियंका की मैं जब भी नीलेश से मिलने जता ठाट उ तुम दोनो को देखकर सोचता था कित उम् दोनो की चोदने को मिल जाये तू मज़ा आ जाये."

"ओह्ह तू आपने कभी त्रय क्यों नही किया."

"व्व्वो असल मैं."

"अबे क्या व्व्वो वो कर रह है. सेल अबे अगर मेरी Cousin तुझे अच्छी लगती थी तू तू इन्दोनो को दबाकर या गांड पर हाथ लगा छेर्ता तू शायद तेरा काम बन जता." नीलेश ने उससे कहा.

वह बोला, "अरे यार कभी किसी को चोदअस नही था इसलिये ट्रिक नही जानता था."

"चल कोई बात नही Priyanka को तू चोद लिया अब विनीता से तेरी शादी कर दूंगा हाँ अगर तू चाहे तू विनीता को चोद सकता है."

"अरे यार कब?"

"इसके लिए तुझे दो महिने वेट करमा पारेगा. क्योंकि वह मामा के घर गयी है. आयेगी तू तुझे उसके साथ शादी से पहले सुहागरात मानाने को मिलेगी."

इसके बाद मैं राजेश से चिपककर सो गयी. नीलेश भी उर्मिला के साथ लेते थे. अगले दिन हम लोगो ने फिर चुदाई का मज़ा लिया और फिर घर चलत वक़्त नीलेश ने राजेश से कहा, "यार आज मम्म्य से हम्दोनो का कोउसिना शायद ना चल पाये. मैं चाहता था की आज रात भी मज़ा लिया जाता."

तभी उर्मिला बोली, "हाय अगर Priyanka ना आ सके तू आप ही आ जाइएगा. आप मुझे चोद लीजियेगा."

मैं उसकी बात सुन बोली, "उर्मिला अगर मैं ना आ सकी तू तुम मेरे राजेश नीलेश को तरसने मत देना. तुम मेरे होने वाले जीजा को अपनी चूत चोद लेने देना."

"अरे मेरी होने वाली ननद रानी अभी तू पूरा दिन नीलेश से ही चुद्वौंगी. मेरे रजा तू अब रात को ही आएंगे."

फिर हम दोनो घर वापस आ गए.

इतना कह मैं विनीता से बोली, "सुन्ली मेरी नीलेश के दोस्त से चुदाई की कहानी. अब जान गयी की तेरी शादी राजेश से कैसे हो रही है. नीलेश उसकी Cousin उर्मिला से शादी करेंगे."

"हाय दीदी तुम तू मेरे होनेवाले पति से पहले ही चुद चुकी हो. हाय नीलेश आपने मुझे राजेश से नही चुद्वाया. प्लेस अभी तू दीदी की शादी मैं १० दिन है. नीलेश प्लेस मुझे भी दीदी के साथ अपने दोस्त से चुद्वा दो. आपने तू वादा किया था उनसे. नीलेश मैं भी देखूंगी की दीदी को कोई दूसरा लड़का कैसे चोदता है."

"अरे विनीता मेरी Cousin Priyanka की शादी हो जाये फिर तुमको ले चलूँगा अपने दोस्त के पास."

"नही दीदी कल ही मेरी भी चुद्वाओ."

"जो कहना है नीलेश से कहो."

नीलेश हमारी बात सुन बोले, "ठीक है विनीता कल तुम दोनो चलना राजेश के घर कई दिन से मैंने भी उर्मिला की ली नही हां."

"नीलेश आपकी शादी भी ३-४ महिने मैं हो जायेगी और आप उर्मिला भाभी की चूत मैं खो जाओगे फिर मेरा क्या होगा. नीलेश मेरे लिए लंड का इंतज़ाम आपको ही करमा है."

"पगली तू घबरा मत शादी के बाद भी तू रोज़ रात को मेरे पास ही सोना जैसे आजकल सोती हो. मेरी दोनो बिविया होंगी. तुम भी उर्मिला भी. पहले तुमको ही चोदअ करुंगा फिर उर्मिला. इस लंड पर पहला हक मेरी दोनो बहनों का है. वैसे भी तुम जब चाहो राजेश के पास जा सकती हो. साल भर मैं ही तेरी शादी भी कर दूंगा राजेश से." नीलेश की बात सुन विनीता खुश हो बोली, "त्य्हंक यू नीलेश."

मैं उसकी चूत को सहला बोली, "और जब तेरा मॅन करे तू इस चूत को मेरे घर आ अपने जीजा के लंड से चुद्वा अपना तस्ते भी बदल सकती है."

फिर नीलेश का लंड पाकर बोली, "नीलेश इसको स्टोरी सुनाने मैं चुदाई का मज़ा नही आया आप फिर चोदओ."

"अरे दीदी एक बात तू बताओ. फिर अगले दिन क्यत उम् भी नीलेश के साथ राजेश के घर गयी थी"

"अरे कहां जा पायी हाँ रात मैं नीलेश गए थे. वह नीलेश ने राजेश के साथ मिलकर रात भर बेचारी उर्मिला को जमकर चोदअ.

दोनो ने उसकी चूत चोदई और गांड मरी. बेचारी अगले दिन मुझसे फ़ोन पर कह रही थी की Priyanka अब कभी अकेले अपने नीलेश को नही भेजना. दोनो ने मिलकर मेरी चूत को फाड़ कर रख दीया है."

"दीदी फिर आपने राजेश से कब चुद्वाया?"

"अगले दिन नीलेश राजेश को घर पर लाए और मेरे रूम मैं कर दीया. वहाँ हम डॉन वन ३ घंटे तक चुदाई का मज़ा लिया और नीलेश ने बहार पहरा दीया. विनीता अपने नीलेश जैसा Cousin कोई नही होगा. हम्दोनो बहनों का कितना ख्याल रखते हैं."

"ओह्ह नीलेश अब दीदी की स्टोरी सुन मैं बहुत गरम हो गयी हूँ. प्लेस अब दीदी को बाद मैंचोदना पहले एक बार मेरी झाड़ दो."

"चल लेट मैं तेरी नीलेश से चात्वाकर झारवा देती हूँ."

"ओह्ह दीदी केवल चात्वाना ही नही चुद्वा भी देना, हाय आपकी स्टोरी सुन बड़ा मन कर रह है नीलेश के लंड का पनि चूत के अन्दर लेने का."

"ठीक है आओ नीलेश जब तक इसकी लो तब मैं ज़रा मूत कर आती हूँ."

फिर मैं बाथरूम गयी और छार्र छाराकर मूता और अपनी मूत से भीगी चूत ले वापस आयी तू नीलेश विनीता की चूत को चाट रहे थे. मैं आयी तू नीलेश ने पूछा, "Priyanka मूत लिया."

"हाँ नीलेश."

"धोया तू नही मूतने के बाद?"

"नही नीलेश आपने मन किया था ना की मूतने के बाद धोना नही."

"तू ला ज़रा तेरी चूत का मूत चाट लूं."

फिर नीलेश ने मेरी चूत को ७-८ बार छठा. उसके बाद नीलेश को एक चिर पर बिठा खुद उनके मुँह पर अपनी चूत रख नीलेश से चात्वाते कहा, "विनीता तू खुद नीलेश के ऊपर आ अपनी चुद्वा ले तू फिर मैं नीलेश का अपने अन्दर लेकर अब सोना चाहती हूँ. रात बहुत हो रही है ३ बज रहे हैं."

उसके बाद विनीता ने १५ मिनट नीलेश से चुद्वाया और झारकर अलग हूई तू मैं बेद पर लेटी और नीलेश ने मेरी चूत मैं लंड डाला और मुझसे चिपककर सो गए. विनीता भी हम्दोनो के ऊपर लेट गयी.

अगले दिन सुबह सोकर उठे और फ्रेश हुवे. सुन्दय का दिन था ममी पापा घर ही थे. करीब ११ बजे नीलेश ने ममी से कहा की वह अपने एक दोस्त के घर जा रहे हैं और शाम को ६-०७ बजे तक आएंगे.

उनकी बात सुन मैं बोली, "नीलेश आप किधर जाओगे?"

नीलेश ने बताया तू मैं बोली, "नीलेश उधर ही मेरी सहेली भी रहती है, आप मुझे लिए चलिये और जब शाम को वापस आयें तू मुझे भी लेते आना. ममी चली जाऊं कई दिन से गयी नही हूँ."

"ठीक है बेटी चली जा. विनीता को भी लेटी जाओ इसका मॅन भी बहल जाएगा वर्ना पूरा दिन घर पर बोअर होगी."

हमारी प्लानिंग सफल रही. हम तीनो राजेश के घर पहुंचे. वहाँ उर्मिला ने दरवाज़ा खोला और हमको देखकर बहुत खुश हूई पर विनीता को देख वह हिचकी. नीलेश ने राजेश के बारे मैं पूछा तू उसने बताया की बहार गए हैं. फिर वह हमे अपने रूम मैं ले गयी.

नीलेश सोफा पर बैठे तू हम दोनो नीलेश के दोनो ऊर बैठ गए. तभी नीलेश ने उर्मिला को पकरकर अपनी गोद मैं खींच लिया. वह विनीता को देख सिकुड़ने लगी तू नीलेश ने कहा, "अरे मेरी जान यह तेरी होनेवाली भाभी विनीता है. आज तेरे Cousin को यही सम्हालेगी.

देखना यह साली कितनी मस्त"

नीलेश की बात सुन खुश होती विनीता के पास जा विनीता के गाल पर हाथ फेर बोली, "ओह्ह मेरी प्यारी भाभी, हाय अभी नीलेश को बुलाती हूँ."

फिर उसने राजेश के मोबाइल पर फ़ोन कर उसे बताने लगी, "नीलेश आप कहां हो जल्दी आओ नह आये नीलेश आपकी होने वाली बीवी आपकी राह देख रही हैं."

विनीता उसकी बात सुन शर्म गयी. फिर वह फ़ोन रख विनीता के पास गयी और उससे बोली, "भाभी आप बहुत खूबसूरत हैं."

तब विनीता उससे बोली, "उर्मिला अभी मुझे भाभी ना कहो मुझे शरम आती है."

"अरे शर्माने की क्या बात, आप मेरी भाभी बनोगी ही. अभी नीलेश अजये तू आपको चोदकर वह तुमको मेरी भाभी बाना देंगे. एक बार नीलेश से चुद जाओ फिर तू भाभी बन ही जोगी."

हम सब उसकी बात पर हँसे. नीलेश ने उर्मिला को खींचकर अपने पास बिठाया और विनीता के हूंत चूमकर बोले, "विनीता अभी राजेश आता होगा. आज तू उससे चुद्वाकर उसका लंड भी देखले और अपना तस्ते भी बदल ले. रोज़ रोज़ मुझसे चुद्वाती है. आ ज़रा तेरी चूत चाट लूं."

उर्मिला फौरन बोली, "नही नही. इसकी तू अब नीलेश ही चोदएंगे और चातेंगे. अखिर उनकी होने वाली बीवी है. आज तू उनको ही इसके साथ सब करने दो. आप तू आज बस मुझे ही चोदइये. हाय बहुत दिन हुवे आपका लंड खाए. आज ख़ूब चूसुंगी इस मस्ताने लंड को."

मैं उनकी बात सुन बोली, "ओह्ह नीलेश विनीता तू राजेश से चुद्वायेगी और आप उर्मिला की लोगे तू फिर मेरी कौन लेगा. मैं क्या अपनी चूत मैं आपके होते हुवे भी ऊँगली दलूँगी?"

"अरे नही मेरी प्यारी बहना. तेरा Cousin है ना तेरी लेने के लिए. घबरा मत तेरी मस्त जवानी चखकर ही तू तेरा Cousin चोदना सीखा है, भला तेरा Cousinचोद Cousin तुझे नही चोदएगा. मैं तुम दोनो को बरी बरी चोदउन्गा. आजो दोनो."

मैं फौरन नीलेश की गोद मैं कूदी. उर्मिला भी नीलेश से चिपक गयी. विनीता बेचारी अपने चोदउ का इंतज़ार करने लगी. नीलेश मेरे कप्रे उतारने लगे तू उर्मिला ने नीलेश को नंगा किया. फिर मैंने उर्मिला को नंगा कर दीया और हम तीनो नंगे होकर बेद पर चले गए.




तभी बहार दूर बेल बजी. उर्मिला के पूछने पर राजेश की आवाज़ आयी तू मैंने विनीता से कहा जा दरवाज़ा खोल आ. वह बेचारी शर्माती सी गयी. फिर मैं नीलेश के लंड को पाकर मुँह मैं ले चूसने लगी. उर्मिला ने भी मेरे साथ नीलेश के बल्ल्स मुँह मैं ले लिए.

हम दोनो नीलेश के लंड से खेल रहे थे.

तभी राजेश विनीता को गोद मैं उठाये रूम मैं आया. विनीता उसके गले मैं हाथ डाले आँखें बंद किये शर्म रही थी. हम सब उनको देखने लगे. वह विनीता को लिए हमारे पास बेद पर आया और उसे बेद पर लिटा बोला, "हाय मेरी रानी कितनी खूबसूरत है. यार नीलेश तू अपनी इन दोनो मस्तानियों को उधर सोफा पर ले जा यार. आज मैं विनीता की जमकर लूँगा. हाय आज तू इसके साथ सुहागरात माननी है. हाय एक महिने से अपनी Cousin की ले रह था. आज लंड को नया माल मिलेगा. हाय उर्मिला जा तू अपने यार के साथ तू मैं तेरी भाभी के साथ सुहागरात मन लूं."

"नीलेश तुम ख़ूब जी भरके मनाओ सुहागरात और चोदलो मेरी भाभी को. मैं भी अपने रजा से चुद्वा लूं."

मैं राजेश से बोली, "रजा ख़ूब मज़ा लो अपनी रानी से पर यार ज़रा अपनी इस साली को और अपनी Cousin की ननद मत भूल जाना."

"नही मेरी जान तुझको भूल नही सकता आज भी तुमको एक बार चोदउंगा ज़रुर, तेरे साथ तू कई रिश्ते हैं."

"हाय कौन कौन से रिश्ते मानते हो मेरे साथ."

"अरे Priyanka रानी पहला रिश्ता तू यह कित उ मेरे दोस्त की Cousin है, दूसरा कित उ मेरी Cousin की नानंद है और तीसरा यह कित उ मेरी साली है."

"अच यह तू बताओ जब मुझे चोदते हो तू कौन सा रिश्ता मॅन मैं सोचते हो?" मैंने हस्नते हुवे उसके लंड को हिलाया.

वह मेरी चूचियों को पाकर कसकर मसलते बोला, "अरे सोचा तू हमेशा यही की यह मेरे दोस्त की मस्त जवान Cousin है."

नीलेश दोनो की बात सुन बोले, "यार राजेश तू सच कहता है. चोदने का असली मज़ा तभी आता है जब तू जिसको भी चोदए उसे अपनी Cousin समझ या अपने दोस्त की."

फिर नीलेश हम दोनो का हाथ पाकर सोफे पर लाए और मुझे सोफे पर बिठाया और खुद मेरे बीच आये और मेरी चूत पर झुके और फिर मेरे मन पसंद मज़े को मुझे देने लगे. वह मेरी चूत को फैलाकर चाट रहे थे. उर्मिला अब नीलेश के निचे गयी और उनके लंड को मुँह मैं ले लिया और ज़ोर से चूसने लगी. मैंने नीलेश के हाथ अपनी चूचियों पर रखे तू वह दोनो को दबा दबा चाटने लगे.

उधर विनीता पूरी नंगी हो चुकी थी और वह राजेश को नंगा कर रही थी. फिर राजेश का लंड पाकर उसपर अपनी जीभ ऊपर से निचे तक चलाने लगी. राजेश उसको अपना लंड चाटते हुवे बहुत खुश लग रह था. वह बार बार लंड को झटके दे रह था. तभी उसने मेरी ऊर देखा और मुझे अपनी ऊर देखता प वह मुस्कायी तू मैंने उसे मुँह मैं लेने का इशारा किया. वह भी इशारे मैं मुझे बोली की ले रही हूँ.

इधर उर्मिला ने नीलेश के
लंड को छोड़ा और ऊपर मेरे पास आ मेरी चूसियों से खेलने लगी. वह एक को मुँह से चुस्ती दूसरी को मसलने लगी. वह मेरे ऊपर लेती थी जिससे उसकी चूत भी मेरी छूट के ऊपर आ गयी थी. अब नीलेश हम दोनो कि छूट साथ साथ चाट राहे थे. मैने उर्मिला की चूचियों को पाकर और दबाते हुवे विनीता को देखने लगी. अब वह पूरा मुँह के अन्दर लेकर चूस रही थी. राजेश का लंड उसके थूक से भीगा बहुत चमक रह था.

तभी मैने उर्मिला को अपने पास किया और उसके हूंत चूम उससे बोली, "उर्मिला ज़रा उधर भी देख तेरे नीलेश कैसे मेरी छोटी कोउसिं को अपना ल्डं चूसा राहे हैं."

वह अपने कोउसिं की ऊर देख बोली, "हाँ प्रियंका मेरा Cousinचोद कोउसिं साल दो महिने मैं ही बहुत अच्छी चुदाई करमा सीख गया है. यार तुने ही उसे इतनी अच्छी चुदाई करमा सिखा दिया है."

"अरे पहले मुझे भी कहॉ आता था चुद्वाना, नीलेश ने जब पहली बार मेरी लिट ही तू मैं तू अपनी चूत चात्वाना भी नही जानती थी.

नीलेश ने मुझे एक महिने की ट्रैनिन्ग दी थी."

"अरे क्या किया था training मैं?"

"नीलेश ने पहले ५ दिन मेरी चूत चाटकर मुझे चूत चात्वाना सिखाया. फिर अगले ५ दिन ल्डं चूसना सिखाया. फिर ५ दिन चूचियों का मज़ा लेना सिखाया और १० दिन चुद्वाना सिखाया. तभी तू नीलेश इतनी मस्त चुदाई करते हैं की क्या बातों."

"पर यार प्रियंका यह तू केवल २५ दिन हुवे. बाकी ५ दिन क्या कुछ नही बताया?"

"अरे बताया ना ३ दिन नीलेश ने मुझे गांड मरवाना सिखाया और दो दिन नीलेश ने अपने सामने नंगे होकर डान्स करमा सिखाया. जानती हो नीलेश रोज़ रात हम दोनो का डान्स देखते हैं."

"हाय मुझे भी सिख्वा दो डांस करमा."

"अरे भाभी तू मेरे नीलेश से सब सीख जायेगी."

फिर वह मेरे ऊपर से हटी और नीलेश को ऊपर सोफे पर बिठाया और उनका ल्डं पाकर चूमती बोली, "नीलेश यह तू बताओ की तुमने इतनी अच्छी चुदाई किस्से सीखी?"

"अरे यार मैने तू ब्लू फिल्म देखकर और ४-५ लड़कियों को चोदकर सीखा था. फिर जब से प्रियंका को चोदअ तब से सब कुछ सीख गया?"

"आह अच्छा आपने अपनी दोनो बहनो के अलावा और किसे चोदअ?"

"अरे ४-५ बाहरी लड़कियों को चोदने के बाद जब अपनी Cousin को चोदकर Cousinचोद बाना तब से तू कोई बहार की चोदने का मॅन ही नही कर्ता. बस अपनी मौसी को ही चोदअ था. अब तुम हो जो मुझे अपनी कोउसिनों के बाद अच्छी लगी हो."

वह नीलेश की बात सुन खुश हो गयी और बोली, "रजा अब एक बार मेरी चोदकर पनि निकल दो फिर आज मुझे अपनी Cousinचोद बन्ने की कहानी बताना."

"आजा मेरी जान तेरा पनि निकल दो अपना ल्डं डालकर."

तब नीलेश ने उसे सोफे पर लिटाया तू मैने नीलेश का ल्डं पाकर उसकी चूत पर लगाया और फिर मैं नीलेश के ऊपर लेट गयी. इस तरह नीलेश हम दोनो के बीच दब गए. मेरे ऊपर लड़ने से नीलेश का ल्डं उर्मिला की चूत मैं घुस गया. मेरे ऊपर होने से नीलेश को ल्डं अन्दर बहार करने मैं बहुत ताकत लग रही थी. उर्मिला मज़े से भर गयी थी. मैं उसकी चूचियों को भी दबा रही थी. वह मुझे देख मुस्करा रही थी. मैं भी उसे देख मुस्करा अपनी चूचियों को नीलेश की पीठ से दबा रही थी.

उधर विनीता ने राजेश का ल्डं चाटकर अपने चहरे पर ही झाड़ लिया था. मैने देखा की वह अपने चहरे पर गिरे राजेश के ल्डं के पनि को हाथ से साफ कर रही है तू मैं उसके पास गयी और बोली, "अरे विनीता पगली इसे तुने अपने मुँह मैं क्यों नही झादा. देख इनका पनि कितना तस्त्य है."

फिर मैं उसके मुँह को चाटने लगी तू वह मेरे हूंत चूम बोली, "प्रियंका दीदी नीलेश के दोस्त बहुत अछे हैं."

"पगली अब यह सिर्फ नीलेश के दोस्त नही बल्कि तेरे पति भी हैं. शादी तू बाद मैं होगी परतु इनके साथ शादी का मज़ा अभी से ले ले. अब तू इनके साथ मज़ा ले. नीलेश तू उर्मिला की चोद राहे हैं, मैं भी नीलेश का ही लूंगी. तू आज राजेश को तू छोरेगी नही."

"नही दीदी आज तू राजेश जी सिर्फ मुझे ही चोदएंगे. तुम नीलेश से चुद्वाओ."

फिर मैं उन्दोनो को छोर नीलेश के पास आयी और नीलेश के मुँह पर अपनी चूत रख चात्वाते उर्मिला से बोली, "उर्मिला देख तेरे नीलेश कैसे मेरी छोटी Cousin की चाट रह है."

"हाँ प्रियंका नीलेश को चूत चाटने मैं बहुत मज़ा आता है.

वह मेरी भी खोइओब चाटकर ही चोदते हैं. नीलेश की जीभ चूत मैं ल्ल्ल्की तरह चलती है. मेरा तू मॅन कर्ता है हर समय नीलेश से चात्वती रहूँ."

"तू तुम चत्वा लिया करो ना अपने नीलेश से."

"अरे यार चात्वती तू हूँ. मुम्म्य पापा तू बहार ही रहते हैं. इसलिये नीलेश दिन भर घर पर मुझे नंगी रखते हैं और मेरी चूचियों को मसल मसल ख़ूब चाटते हैं."

"घर पर ही अपने Cousin से मज़ा लेने की बात ही कुछ और है." मैने नीलेश की जीभ चूत के अन्दर लेते कहा.

वह अपनी गांड उछल चूत को नीलेश के ल्डं पर दबाती हांफती बोली, "तू सच कहती है. मैं दिन रात सोचा करती थी कोई मुझे भी चोदकर मज़ा दे पर बहार के लड़को से डरती थी की बदनामी होगी. अब तुमने मेरा चक्कर नीलेश से चल्वाकर मेरा काम बाना दिया है. जानती हो नीलेश भी बहुत खुश हैं. वह मुझसे कह राहे थे की मेरे जैसी खूबसूरत और जवान Cousin को चोदकर वह बहुत खुश हैं. जानती हो प्रियंका मैं जब नीलेश को नीलेश या राजेश के नाम से बुलाती हूँ तू वह कहते हैं की मुझे नीलेश नही बल्कि Cousinचोद कहा करो. मैं उनको अब घर मैं Cousinचोद के नाम से ही बुलाती हूँ."

"अच्छा कैसे?"

"ऐसे की आओ बहिनचोद खाना खा लो या
बहिनचोद सुबह हो गयी है उठना नही है क्या. जानती हो वह मुझे क्या कहते?"

"क्या?"

"जब मैं उनको Cousinचोद कहती हूँ तू वह मुझसे कहते हैं की अरे साली उठ रह हूँ ना, अरे रंडी Cousin की रखैल अभी time ही क्या हुवा है."

"हाय तुमलोग तू पूरा मज़ा ले राहे हो. चुदाई का मज़ा तभी आता है जब खुलकर बोलो और चोदओ. यार हमारे घर पर तू मुम्म्य रहती हैं इसलिये रात मैं ही चुदाई होती हमारी."

तभी नीलेश ने मुझे अपने मुँह से हटाया और फिर उर्मिला को निचे लिटाया और ७-८ बार कसकर ढके लगाए तू मैने पूछा, "क्या नीलेश निकलनेवाला है क्या?"

"हाँ प्रियंका मेरी Cousin तेरा Cousin अब झड़ने वाला है."

"ओह्ह नीलेश इसकी चूत भर दो अपने पनि से."

"तू पीयेगी नही?"

"नीलेश तुम इसकी चूत मैं पनि भार्दो मैं इसकी चूत से चाट लूंगी."

फिर नीलेश ने उर्मिला को कसकर जकड लिया और झड़ने लगे. उम भी झाड़ रही थी और वह हांफ रही थी. २-३ मिनट तक नीलेश उसकी चूत मैं ही झाड़ते राहे फिर ल्डं बहार किया तू उर्मिला ने उसे अपने मुँह मैं लेकर चाट कर साफ किया. ल्डं ढीला कर नीलेश लेट गए तू मैं भी उनकी बगल लेट उर्मिला को अपने ऊपर आने का इशारा किया. वह उठी और अपनी चूत को मेरे मुँह पर रख घोड़ी बनी तू उसकी चूत से नीलेश के ल्डं का पनि निकल कर मेरे मुँह पर गिरने लगा. मैने मुँह खोल दिया और पनि मेरे मुँह मैं गिरा जिसे मैने चाट लिया फीर उसकी चूत को चाटने लगी.

कुछ देर तक चात्वाने के बाद वह नीलेश के ऊपर लेट गयी तू नीलेश ने उसे कास कर भींच लिया. तभी मेरी नज़र विनीता पर पडी. वह राजेश के ऊपर लेती उसके ल्डं को अपनी चूत मैं लिए थी. मैने नीलेश को इशारे से दिखाया तू नीलेश ने दोनो को देखा फीर मुस्कराते हुवे बोले, "यार राजेश कैसी लगी मेरी छोटी Cousin?"

"यार तुम्हारी दोनो बहने मस्त मॉल है. हाय विनीता की बहुत प्यारी है. यार चाटकर मज़ा आ गया."

मैने विनीता से कहा, "विनीता तुमको नीलेश का दोस्त कैसा लगा?"

"दीदी सच नीलेश के दोस्त भी नीलेश की तरह मस्त हैं. बहुत अच्छी तरह से चाता था और चोद भी बहुत अच्छा रहें हैं."

"चोदएंगे कैसे नही, इतने दिनों से अपनी Cousin को चोदकर प्रक्टिस कर राहे थे."

फीर मैं नीलेश से बोली, "नीलेश मेरी भी चोदलो एक बार फीर उर्मिला को ही खिलाना अपना ल्डं."

तब नीलेश ने मुझे कसकर चोदअ और फीर एक बार उर्मिला को और चोदअ. तब तक विनीता तीन बार राजेश से चुद चुकी थी. नीलेश हम्दोनो को चोदकर एकदम ठण्डा करने के बाद विनीता के पास गए और उसकी चूचियों को पाकर सहलाते बोले, "विनीता मज़ा आया मेरे दोस्त से चुदवाने मैं?"

"बहुत हाय नीलेश आपके दोस्त का ल्डं बहुत जबर्दस्त है. मज़ा आ गया."

"और मज़ा लेना हो तू ले लो फीर घर चलत है मुम्म्य वेट कर रही होंगी."

"ठेक है नीलेश चलिये अब फीर कभी, आज बहुत मज़ा लिया."

उसके बाद हम दोनो नीलेश के साथ वापस आ गए.

घर पर आ नीलेश अपने काम निप्ताये. फीर रात को हम दोनो को अपने रूम मैं बुलाया. विनीता आते ही नीलेश की गोद मैं गयी और उनके ल्डं को पाकर लिया. नीलेश ने उसकी चूसियां को पाकर और दबाते हुवे पूछा, "बहुत खुश लग रही है तू."

"हाँ नीलेश आज मुझे चुदवाने मैं बहुत मज़ा आया."

"क्यों क्या हुवा था?"

"नीलेश रोज़ आपसे चुद्वाती हूँ तू सच बहुत मज़ा आता है. पर नीलेश आज अपने Cousin के सामने उसके दोस्त से चुदवाने का मज़ा ही कुछ और था."

"इसका मतलब विनीता तुझे मेरे साथ चुदवाने मैं मज़ा नही आता?"

"ओह्ह नीलेश यह बात नही, हाय आप तू बुरा मान गए. आप तू मेरा पहला प्यार हैं नीलेश. मेरा कहने का मतलब यह है की किसी दुसरे लड़के से चुदवाने मैं भी बहुत मज़ा आया."

मैं दोनो की बात सुनकर बोली, "ओह्ह नीलेश बेचारी अपने पति से चुद्वाकर आ रही है ना इसलिये बहुत खुश है. शायद इसीलिये उल्टा सीधा बोल रही है."

इस पर हम सब हंसने लगे. फीर नीलेश ने हम्दोनो को ज्जमकर चोदअ और चिपककर सो गए.

मेरी शादी क ईक दिन पहले घर पर बहुत मेहमान आ गए थे. मैं अपने रूम मैं ऊपर थे. सब लोग निचे थे. रात को सब सोने लगे.

मैं अपने रूम मैं विनीता के साथ थी. वह मेरे हाथो मैं मेहंदी लगा रही थी. दोनो हाथों मैं मेहंदी लग गयी तू मैं धीरे से लेट गयी. करीब ११ बजे नीलेश आये और हमारे पास बैठ बोले, "प्रियंका कल तेरी शादी है. कल तू अपनी ससुराल चली जायेगी."

"ओह नीलेश उदास ना हो. ससुराल से आया भी तू करुँगी. जब भी मौका मिल आ जाया करुँगी. मेरा वहाँ आपके बिना मॅन भी तू नही लगेगा."

"हाँ दीदी जल्दी जल्दी आया करमा." विनीता बोली.

"औंगी विनीता. नीलेश विनीता तू है ना आपका ख्याल रखने के लिए."

"हाँ पर तू नही होगी तू मेरा दिल नही लगेगा."

"ओह्ह नीलेश मैं भी अपने नीलेश के बिना नही रह पाऊँगी पर क्या करें. नीलेश आओ आज मुझे और चोद लो फीर तू कल मैं ससुराल चली जाउंगी. विनीता तू नीलेश की हेल्प करमा मेरे हाथो मैं तू मेहंदी लगी है."

"ठीक है दीदी."

"चल पहले नीलेश के कप्रे उतार फीर मेरी मक्षि खोल दे."

आज मैं मक्षि पहने थी जो आगे से खुलती थी. इसे बिना उतारे ही मैं पूरी नंगी हो जति थी. विनीता ने नीलेश को नंगा कर मेरी मक्षि खोल दी. फीर मेरे कहने पर नीलेश के ल्डं को पाकर मेरे मुँह मैं दे दिया जिसे मैं चूसने लगी. मुझे आज नीलेश का ल्डं बहुत प्यारा लग रह था. आज नीलेश के ल्डं मैं नया जोश लग रह था. कुछ देर बाद मैने विनीता से कहा, "विनीता तू मेरी चूत अपने हाथ से फैलाकर नीलेश से चत्वा दो फीर चुद्वा भी देना."

उसने मेरी चूत के फांक खोलें तू नीलेश ने अपनी जीभ अन्दर तक पेल दी. मैं गांड उठा उठा चात्वाते बोली, "नीलेश."

"हाँ प्रियंका."

"नीलेश अपने दोस्त को बुला लो ना. आज तू शादी का हंगामा है. उसे काम के कोउसिने बुलाकर मुझे उससे भी चुद्वा दो फीर पता नही कब मौका मिले. आपके अलावा आपके उसी दोस्त का ल्डं ही खाया है मैने."

और पैरों से नीलेश के सर को अपनी चूत पर दबाया.

"ठीक है प्रियंका. विनीता चल राजेश को फ़ोन करके बुलाले."

फीर विनीता ने फ़ोन किया वह आने को तैयार हो गया. नीलेश मेरी चूत को अब अपनी जीभ से चपड राहे थे. जीभ पेल पलकर नीलेश ने ५ मिनट मैं ही मेरी झाड़ दी. तभी बहार से किसी ने राजेश के आने का बताया तू नीलेश जल्दी से कप्रे पहन उसे अपने रूम मैं ले गए.

फीर कुछ देर बाद मैं भी वहाँ पहुंची. वह मुझे इस तरह देख बहुत खुश हुवा. वह मेरे पास आ मुझे चूम बोला, "यार नीलेश तेरी Cousin तू दुल्हन बन गयी. मज़ा आएगा आज इसको चोदकर."

"हाँ यार तू इमेरी Cousin के साथ सुहागरात मन ले. मैं भी इसकी कल ज़रूर चोदउन्गा जब यह दुल्हन वाले कप्रे पहनेगी."

"नीलेश जब चाहे तब चोदना आप पर अभी मुझे अपने दोस्त से चुदवाने दीजिए." फीर मैं बेद पर लेट बोली, "ओह्ह राजेश आप इधर आइये ना. मेरे हाथो मैं मेहंदी लगी है इसलिये मैं कुछ करुँगी नही. आप मुझे चाटकर चोदइये. ह्ह्हाछ ख़ूब जमकर चोदना आज. नीलेश आज कुछ नही करेंगे."

"क्यों मैं क्या ऐसे ही रहूँ."

"हाँ नीलेश आप देखिए आपका दोस्त आपकी Cousin को उसकी शादी वाली रत कैसे चोदता है. आप तू मुझे रोज़ चोदते ही हैं. आज अपने दोस्त को चोद लेने दीजिए."

"ठीक है प्रियंका चुद्वा मेरे दोस्त से. मैं तेरी कल चोद लूँगा."

फीर राजेश ने मेरी साड़ी अलग की और ब्लौसे भी उतार दिया. थोरी देर पहले नीलेश के साथ थी isliye bra panty नही पहनी थी. जब मैं नंगी हो गयी तू वह भी नंगा हो गया और मेरी चूत पर झुक गया. अब वह मेरी चूत को चाट रह था और हाथ से चूचियों को भी दबा मज़ा ले रह था. नीलेश वही एक चिर पर बैठे हमको देख राहे थे.

तभी वह बोले, "यार जल्दी से चोद ले मेरी Cousin को. आज कोई भी आ सकता है."

फीर नीलेश के दोस्त ने मुझे कसकर चोदअ और फीर नीलेश ने उसे चुपके से बहार कर दिया. उसके बाद मैं अपने रूम मैं आ गयी.

विनीता मेरा इंतज़ार कर रही थी. पास गयी तू पूछा की चुद्वा लिया तू मैने कहॉ हाँ. फीर हमलोग सो गए.

--
........raj.........

No comments:

Post a Comment

कामुक कहानियाँ डॉट कॉम

राज शर्मा की कहानियाँ पसंद करने वालों को राज शर्मा का नमस्कार दोस्तों कामुककहानियाँब्लॉगस्पॉटडॉटकॉम में आपका स्वागत है। मेरी कोशिश है कि इस साइट के माध्यम से आप इन कहानियों का भरपूर मज़ा ले पायेंगे।
लेकिन दोस्तों आप कहानियाँ तो पढ़ते हैं और पसंद भी करते है इसके साथ अगर आप अपना एक कमेन्ट भी दे दें
तो आपका कया घट जाएगा इसलिए आपसे गुजारिश है एक कमेन्ट कहानी के बारे में जरूर दे

460*160

460*60

tex ade

हिन्दी मैं मस्त कहानियाँ Headline Animator

big title

erotic_art_and_fentency Headline Animator

big title