मांगता हूँ तो देती नही,
जवाब मेरे सवाल का
देती है तो खड़ा हो जता है,
रोम रोम जज्बात का
कहता हूँ उसे ऐसे ना अंदर रखो,
यूं जवाब सवाल का
वो कहती है पहले तुम दिखाओ,
रुख़ अपनी बात का
कल शाम को जब कर रहे थे साथ में,
काम अपने आफिस का
खुल गया अचानक उसके आंखों के सामने,
भेद कोदिंग लोजिक का
इशारा करके कहती है पकड़ने को मुझको,
गरम कप काफ़ी का
और खुद पकड़ लती है मेरा...
ठण्डा ग्लास जूस का
सोचता हूँ आज बाँहों में पकड़ के डाल ही दूं,
बालूं में फूल गुलाब का
डालते ही गीर जता है,
पत्ता पत्ता गुलाब का... !

........raj.........
No comments:
Post a Comment
कामुक कहानियाँ डॉट कॉम
राज शर्मा की कहानियाँ पसंद करने वालों को राज शर्मा का नमस्कार दोस्तों कामुककहानियाँब्लॉगस्पॉटडॉटकॉम में आपका स्वागत है। मेरी कोशिश है कि इस साइट के माध्यम से आप इन कहानियों का भरपूर मज़ा ले पायेंगे।
लेकिन दोस्तों आप कहानियाँ तो पढ़ते हैं और पसंद भी करते है इसके साथ अगर आप अपना एक कमेन्ट भी दे दें
तो आपका कया घट जाएगा इसलिए आपसे गुजारिश है एक कमेन्ट कहानी के बारे में जरूर दे