Friday, May 30, 2008

Boobs का दीवाना

आज का टाइटल पढ़ के आप को लगेगा, इस मे कौन सी नई बात है ? ये तो हम सब जानते ही है ki सरे मर्द औरतों के Boobs को पसंद करते है.

लेकीन इस वीशय पर जो कुछ रोचक बातें मेरे या अन्यों के सामने आई है, उन्हें इकट्ठी कर के पेश ki है. ये कोई कहानी नही है, मेरे या अन्यों के अनुभव है. पर In सरे अनुभव एक ही सूत्र सी बंधे है.


शुरुआत मेरे ही अनुभव से करती हूँ. Meri शादी सी पहले ki बात है. Meri एक सहेली, कवी, ki शादी हो चुकी थी और शादी के एक ही साल मे उसने जुड़वाँ बच्चों को जन्म दीया था. एक बेटा और एक बेटी. मैं उसके वहाँ गई तो वी करीब तीन महीने के थे. काफी समय बाद हम मील थे, तो बहोत् सी पुरानी बाते याद कर रहे थे. बिच बिच मे बच्चे उठ जाते थे. वो उन्हें अपना दूध पीलाती थी. दोनो साथ ही भूखे होते थे. शायद, जुद्वे थे इस लिए. कवी अपने दोनो Boobs सी उन्हें साथ मे ही पीलाती थी. दोनो को तो एक साथ गोद मे ले नही सकती थी. इस लिए दोनो बाजु डबल पिल्लोव्स रखती थी, ताकी दोनो को एक साथ पीला सके. अब उनका सिर्फ़ सीर ही गोद मे रखती थी, बाकी बदन पिल्लो पर रखती थी.

उस din वो मुझे घर पर छोड़ के थोडी देर के लीये बाहर गयी थी. मैं अकेली ही घर पर थी. उसके जाने के कुछ समय बाद ये दोनो जाग उठे और रोने लगे. मैंने खीलोनो से उनका ध्यान आकर्षित करने का और उन्हें शांत करने का प्रयत्न कीया. पर वी रोये ही जा रहे थे. तो मैंने सोचा, क्यों न उन्हें Boobs पर लगा के देखु ? दूध तो नही है, पर देखूं तो सही, क्या होता है ? मैंने स्किर्ट-ब्लौसे पहन रखा था. अपना ब्लौसे खोला, और बिल्कुल कवी ki तरह दोनो को मेरे Boobs पर लगाया.
निप्प्ले मिलते ही दोनो शांत हो के उसे चूसने लगे. मेरे लीये भी नया अनुभव था. मज़ा आ रह था. लेकीन Boobs मे दूध तो था नही. थोडी ही देर मे, बेटी ने निप्प्ले छोड़ दीया. लेकीन मैंने आश्चर्य के साथ देखा ki बेटा बड़ी मस्ती से निप्प्ले चूसे जा रह था !!!!! मर्द था न ? Boobs कैसे छोड़ता ? चाहे दूध हो या न हो !!!! उतने मे कवी आ गयी. इस बात पर हम दोनो बहोत् हँसे.

एक बार Meri एक और सहेलीकी बड़ी दीदी, मालीनी, ki शादी थी. तो मैं वहाँ गयी थी. सारी औरते तैयार होने के लीये एक कमरे मे थी. करीब ८ औरते और उनके ४ बच्चे, करीब ३-४ साल के, कमरे मे थे. सब ड्रेस बदल रही थी, तो सब के Boobs खुले हुए थे. किसिने सेक्स ki बात चला दी. सब हंस हंस के अपने अनुभव कह रही थी. मैंने मालीनी से कहा, वह मालीनी, क्या Boobs पाए है ! जीजाजी तो ऐसे मसलेंगे !! ऐसा कह के मैं मसलने लगी. बाकी औरते खिल्खिलाके हंस रही थी.
मालीनी शर्म रही थी. इतने मे कमरे मे जो बच्चे थे, उस मे से एक बच्चा बेद पर चढ़ते हुए बोल उठा ; ऐसे नही, इस तरह से मसलते है !! ३ साल के बच्चे से मुह से ऐसा सुन के और उसे स्तन मसलता देख के सब हैरान हो गए. उसकी माँ वहीं थी, उसने पूछ लिया, अरे, तुने कहाँ से सीखा ? तो वो फट से बोल उठा, मैंने एक रात को पापा को देखा था तुमसे ऐसा करते हुए !!! उसकी ४ साल ki बहन भी वहाँ मौजूद थी. पर उसने कभी नही देखा ! और ये मर्द था न? बडे इन्टरेस्ट से देखा होगा!!!!

Meri एक सहेली, शर्मीला, का अनुभव भी जानने जैसा है. उसके स्तन बहुत बडे मगर shapely थे. और उसे अपना cleavage दिखाके मर्दों को अपनी और आकर्षित करना पसंद था. तो कपडे भी ऐसे ही पहनती थी. उसका टॉप हमेशा लो-कट हुआ करता था.. आगेकी बात उसके मुह से ही सुनीये.

"उस din मैं कोलकता से सिलिगुदी जा रही थी. बस journey थी. शाम को बस चलती थी, और दुसरे din सुबह पहुंचती थी. मुझे window सीट मिली थी. मैं अकेली थी और लम्बा सफर था, तो मैं सोचती थी कोई नौजवान बाजु मे आये तो अच्छा. लेकीन है रे किस्मत ! एक ८० साल का बुड्ढा बाजु मे आ गया. मैंने भाग्य को कोसा और window से बाहर देखती रही.

लेकीन बुड्ढा मेरे स्तनों ki और देख रह था. मुझे उसकी आँख मे वासना नज़र आई. थोडी देर मे वो सो गया, और उसका सीर मेरे शौल्देर्स पर गीर गया. मैं हल्का ज़टका देती तो वो जाग के सीर उठा लेटा था. पर फीर वोही होता था. शाम ढलने लगी थी. मुझे मजाक सुजा. मैंने अपना दायां हाथ उठाके उसके सीर के पीछे सीट के हंदले बार पर रख दीया. वो थोडी देर मे फीर लुढ़का, मेरे शौल्डर ki और. लेकीन क्यों ki मेरा हाथ पीछे फैला हुआ था, उसका सीर जुक के मेरे स्तन पर ठहर गया.
अब बस उछलती थी तो उसका सीर भी उठ उठ के मेरे स्तन पर गिरता था. उसे पता नही था, लेकीन मुझे मज़ा आता था. मैंने ऐसे ही चलाने दीया. कुछ देर के बाद बस डिनर के लीये ढाबे पर रुकी.

जब फीर चली तो रात हो गयी थी और अँधेरा छा गया था. मुझे भी नींद आ रही थी. मैं अपने दोनो हाथ आगे ki सीट के हन्दले बार पर क्रॉस कर के , आगे जुक के , अपना सीर उसके सहारे रख के सो गयी. बुड्ढा भी ऐसे ही सोया. Meri नींद लग गयी. थोडी देर मे एक सपना सा महसूस हुआ, जिस मे कोई मेरे Boobs को सहला रह था. फीर ख्याल आया ki, ये सपना नही, सच है. मेरे टॉप पर बुड्ढे का हाथ फीर रह था. मैंने सोने का ढोंग चालू रखा. बुड्ढा अब हाथ फिरने के बजे ,
स्तनों को टॉप के ऊपर से ही हलके से मसल रह था. थोडी ही देर मे उसने cleavage के नाज्दिक्के मेरे स्तन के खुल्ले भाग को दबाना चालू कीया. अब मैंने ढोंग बांध कीया, और दबे स्वर से उसे बोला, ये क्या कर रहे हो ? शर्म नही आती ? बुड्ढा भी दबे स्वर मे बोला, जब तेरे स्तन पर मेरा सीर उछल उछल कर ठहरता था , टब तो अच्छा लग रह था ! ज़माना मैंने भी देखा है लड़की, मुझे मालूम है तू भी यही चाहती है !! ऐसे ही सोई रहे !!! मैं कुछ सोचु समजू उससे पहले वो मेरे टॉप के आगे के बटन खोल चुक्का था, और देखते ही देखते ब्रा भी खोल डाली. मेरे दोनो स्तन खुली हवा का स्पर्श पाते हुए लटक रहे थे. बुड्ढा उस पर चालू हो गया. मैंने सोचा, इसीके लीये तो मैं नौजवान को चाह रही थी. बुड्ढा वही कर रह है तो क्या बुरा है ? उस रात उसने खूब मज़ा लिया और मुझे भी आनंद दीया. वो सही मे Boobs से खेलने मे निपुण था."


--
........raj.........

1 comment:

  1. kya mja aa gya kash mere boobs bhi koi es trha se press karta

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