Sunday, May 25, 2008

मेरा परिवार

हम भाई बेहान शुरू से ही एक दूसरे रहे है हैर तरह का हमारा मज़ाक हो जाता है मेरा भाई एक ख़ूबसूरत नौजवान है क़द और टंडरुस्त शरीर. मेरी बेहें भी मेरी ही तरह गाड्राई हुई है बूब्स 34क सीज़े हैं

मैं दोपहर को कॉल्लेगे से आने बाद उसुआल्लय अपने भाई बेहें रूम में ही चली जाती हूँ उस दिन भी कॉल्लेगे से आते ही अपने शॉएस उतर कर मैं उनके रूम में गयी देखा बेद पैर राज लेता हुआ सो रहा था. मैं भी ताकि हुई थी तो बजाए अपने रूम जाने उसके उसके बेद पैर ही लेट गयी एह कोई पेहली बार नही था मैं उसके लेती थी.

राज लेफ्ट सीदे पैर मूड कर लेता हुआ था. मैं उसके पीछे जा कर लेट गयी और अपना हाथ उसकी कमर पैर डाल दिया. मैं सात कर उसके लेती हुई थी और मेरे बूब्स उसकी पीठ को तौछ कर रहे थे. उसके शरीर में कुत्च हलचल हुई पैर मैने इतना ध्यान नहीं दिया. अचानक मेरा हाथ खिसक कर उसके लंड पैर पद गया.

बाप रे...मेरे मान में निकला. एकडुं टन्नया हुआ था उसका लंड.

राज, एह तुझे क्या हुआ, तेरा लंड ऐसे कैसे खड़ा हुआ है

यार अभी अभी टांया से मिलकर आया हूँ हम दोनो पार्क में बैठे थे तो बस तोड़ा बहुत छेड़ चाड चल रही थी जिससे लंड अभी तक खड़ा है फिर तू आके पास लेट गयी और तेरी बड़े बड़े बूब्स जब तौछ हुए तो लंड और भी खड़ा हो गया.

ओक्कक...तो मेरे भाई का लंड मुझे देख भी खड़ा होता है एह तो मुझे पता ही नहीं था और तूने कभी कहा भी नहीं.

मैने अभी तक उसके लंड से अपना हाथ नहीं हटाया था और हटाने का मनन भी नहीं कर रहा था. काम से काम 8" लंबा और 3" मोटा होगा. मेरा दिल तेज़ी से धड़क रहा था और हाथ धीरे धीरे पाजामे उपर से ही उसके लंड तो उपर से नीचे तक सेहला रहा था.

यार निशा, तू है ही इतनी सेक्ष्य किसी का भी लंड तुझे देख खड़ा हो जाए. और बस चले तो हैर लड़का तुझे छोड़ना चाहेगा. तेरे बूब्स इतने मज़ेदार है के मेरा मनन कितनी बार करता है के पकड़ कर

राज, पैर तूने कभी बात का भी नहीं अगर भी किया होता तो क्या मैं तुझे जिसका लंड इतना उसको कौन लड़की कर हैं हाए राज, क्या लंड है तेरा भाई. तेरी एह बेहान तो पागल हुई जा रही है इसके

राज पलटा और मेरी आँखों में लगा. फिर धीरे से बड़ा और उसने मेरे हूनत उसके हाथ मेरे बूब्स के उपर धीरे से फिसल रहे थे. मैने भी उसको चूमटे चूमटे धीरे से उसके पाजामे का नडा खोल के उसका लंड बाहर निकल दिया. राज ने अपना पाजामा टांगो से नीचे निकल दिया और मेरी शिर्त के बुट्तों खोलने लगा.

निशा, तेरे बूब्स तो मुझे पागल कर रहे है क्या मस्त और बड़े बड़े है

राज, तेरा लंड भी ज़बरदस्त है क्या मैं इसको चूम हूँ

निशा, मेरा लंड तेरे लिए ही है जान. जो करना चाहती है कर ले इसके साथ.

मैं उठ कर दूसरी दूसरी तरफ़ गयी और राज के लंड को प्यार से देखनी लगी फिर धीरे से मैने उसके सूपदे को चूम लिया. राज मेरी हरकत से सिहर उठा. मैने अपनी जीभ निकली और राज के सूपदे के छीड़ पैर रख दिया और उसको चटने लगी फिर मैने अपना मुह खोला और उसके सूपदे को अपने मुह में भर कर चूसने लगी मेरी इन हरकतों से राज पागल होता जा रहा था. इस बीच उसने मेरी स्कीरट और पंतय उतार दी थी और अपनी उंगली मेरी छूट में डाल कर धीरे धीरे मुझे छोड़ रहा था.

हाए राज, बहुत मज़ा आ रहा है तेरी उंगली मेरी छूट में और तेरा लौड़ा मेरे मुह में. ऐसा स्वाद लंड तो मैने कभी भी नहीं चूस. क्या पैर तू शहद लगता है और क्या मोटा और लंबा लंड है तेरा. टांया तो तेरी लंड की पूरी दीवानी होगी.

टांया तो को जब मौक़ा मिलता है मेरे लंड को चूसने लगती है दिन में काम से काम एक बार तो उसको मेरा लंड चाहिए ही चाहिए और पूरा मेरे लंड का पानी पीटी है चुस्ते चुस्ते मेरे लंड को अपने मुह में ही झड़ती है एक बूँद भी बाहर नहीं निकालने देती.

राज, तेरा लंड है ही ऐसा की कोई भी इसकी दीवानी बन जाए. हाए मारा भाई, क्यों छिपा रखा था इसको इतने दिन से. तेरी बेहान तो तरह के लंड के लिए तरस रही थी. आज तो तू मुझे ख़ूब जी भर कर छोड़ना. अपनी बेहान तो एक रंडी बना दे फाड़ डाल मेरी छूट.

तू चिंता मत कर बेहेना, आज तुझे पता चलेगा के छुड़ाई क्या होती है मेरा मोटा सख़्त लंड तेरी छूट जाम कर छोड़ेगा. आचा पेहले एक काम कर अपनी टांगे और खोल. मुझे तेरी छूट का स्वाद लेना है देखूं तो सही मेरी बेहें की छूट का कैसा स्वाद है

मैने अपनी टांगे और खोल दी और राज ने अपना सर मेरी टांगो के बीच में कर दिया. फिर ज़हीब निकल मेरी छूट चटने लगा. धीरे से उसने अपनी ज़हीभ मेरी छूट के अंदर डाल दी और अंदर तक छाटने लगा. उसके बाद अपनी उंगली से मेरी छूट खोली और जीभ चारों तरह घूमने लगा. मैं भी उसका लंड पूरा अपने मुह मे लेके लोल्लयपोप की तरह चुस रही थी. फिर उसके तथतो को चटने लगी और एक एक कर उसकी गोलियों को चूसने लगी उसके लंड के उपर उसके पानी की बूँद बीच बीच में आ जाती जिसको मैं मज़े ले के छत रही थी. क्या स्वाद था उसका पानी.

भाई, तू तो एकडुं खिलाड़ी है छूट चटने मैं टांया क्या ख़ूब चुसवती है अपनी छूट तुझसे.

हाँ बेहेना, साली को बहुत मज़ा आता है अपनी छूट मेरे मुह पैर रग़ाद कर. वोह केहटी है जैसे मेरा लौड़ा उसकी छूट मारता है उसकी छूट तरह से मेरा मुह छोड़ती है और काम से काम एक बार मेरे मुह के अंदर ही अपना पानी छोड़ती है

हाए राज, तेरे साथ तो बहुत मज़ा आएगा. अभी तो शुरुआत है देख मैं क्या हूँ तेरे साथ. तेरे लंड को कभी बैठने ही नहीं दूँगी.

तेरे जैसी रंडी बेहें हो तो किस भाई का लंड बैठेगा मेरी रानी. ला ज़रा अब तेरे बूब्स का मज़ा मुझे बूब्स को छोड़ने में बड़ा मज़ा आता है

और राज आकर मेरे उपर बैठ गया और अपना लंड मेरे बूब्स के बीच रख दिया. फिर मेरे दोनो बूब्स अपने हाथ में पकड़ कर एकडुं साथ कर दिए जिसमे उसका टन्नया लंड घुसा हुआ था. और धीरे धीरे धक्के मरने लगा. वह क्या नज़ारा था. उसका टन्नया लंड मेरे बूब्स के बीच में से निकल कर आ रहा था और लाल सूपड़ा पानी निकालने को तय्यार था. मुझसे रहा नहीं गया और मैने अपना सर उठा कर हैर धक्के के साथ उसके सूपदे को अपने मुह में ले लेती.

राज काफ़ी उत्तेजित हो गया था.

हाए निशा, तेरे बूब्स छोड़ने का तो मज़ा ही अलग है निशा...मैं झड़ने वाला हूँ मेरी रानी, तेरा भाई का लंड अपना पानी छोड़ने को तय्यार हैं

छ्छोड़ दे भाई अपना रस मेरे उपर. छोड़ मुझे ज़ोर से भर दे मुझे अपने मीठे रस से. तेरी रंडी बेहान तेरा रस पीने को तरस रही है

और राज अब तेज़ी से धक्के मारने लगा और कुत्च ही सेकोंड्स के बाद एक तेज़ पिचकारी मेरे चेहरे पे पड़ी. आह..एह उसके लंड का रस था. मैने जल्दी ही अपना मुह खोल दिया ताकि सारा रस मेरे मुह के अंदर जाए. उसके लंड से गाड़े सफ़ेद पानी ने मुझे पूरा भिगो दिया. पूरा मेरा चेहरा उसके विर्या से भर गया था. काफ़ी मैने पी भी लिया था.

हाए राज...क्या स्वाद रस है तेरा. मेरी बेहान का तो जीवन सफल हो गया मेरे छुड़डकड़ भाई. देख अपनी रंडी बेहान का चेहरा. कैसे भीगा हुआ है तेरे रस से.

जब पूरा पानी उसके लंड से निकल गया तो मैने उसका लंड पकड़ा और छाटने लगी छत छत कर मैने पूरा लंड साफ़ कर दिया. राज मेरे हो क़रीब लेट गया और मेरे चेहरे को चुउं लिया जो उसके रस से भरा हुआ था. फिर उसने मेरे चेहरे चाट से अपना विर्या चाट कर साफ़ कर दिया. मैने पेहली बार किसी को अपना विर्या चाट ते हुए देखा था.

मज़ा आ गया रानी...ऐसी छुड़ाई तो मैने कभी नहीं की. और छुड़ाई के बाद अपना ही रस चखने का पहला एक्शपेरिएनसे है मेरा.

मैं भी किसी लड़के को पेहली बार देख रही हूँ अपना ही विर्या चाट ते हुए. कैसा लगा मेरे भाई को अपना विर्या.

मज़ा आ गया बेहेना. मुझे नहीं मालूम था मेरा विर्या इतना स्वाद होगा. नहीं तो अभी तक ख़ूब पी चुका होता. अब तो रोज़ पियूबगा अपना भी और तेरा भी.

भाई, मेरी छूट में आग लगी हुई है मुझे तेरा मोटा लंड अपनी छूट में चाहिए. छोड़ दे अपनी बेहें की छूट मेरे राजा...छोड़ अपनी रंडी की. मैं तेरे लंड के लिए तड़प रही मेरे भाई.

और मैं उठ कर उसके लंड को चूसने लगी धीरे धीरे वोह मेरे मुह में टन्नाने लगा और जल्दी ही फिर से सख़्त हो गया. मैं और थोड़ी देर उसके लंड को चुस्ती रही और उसके तथतो से खेलती रही. उसके बाद राज उठा और मेरी टांगो के बीच अपना मुह डाल कर मेरी छूट चटने लगा. फिर मेरी छूट को अपनी उंगलियों से फैला कर अपना लंड उस तक लाया और एक ही झटके से पूरा अंदर डाल दिया.

एक बार तो मेरी साँस उपर की उपर और नीचे की नीचे रेह गयी फिर उसके हैर धक्के के साथ मज़ा आने लगा.

हाँ भाई...छोड़ मुझे ज़ोर से...तेज़ धक्का मार. छोड़ दे मुझे...फाड़ दे मेरी छूट..हाए भाई, क्या शानदार लंड है तेरा. मुझे अंदर तक छोड़ रहा है

हाँ रानी, तेरी छूट भी कमाल की है बहुत तिघ्ट है तेरी छूट. मज़ा आ रहा है इसको छोड़ने में. चल तू अपने अब घुटनो पैर आजा. मैं तुझे कुटिया की तरह छोदुँगा.

मैं पालटी और अपने घुटनो पैर आ गयी राज मेरे पीछे आ गया और फिर से अपना मोटा लौड़ा मेरी छूट के अंदर घुसा दिया. झुक कर उसने मेरे मम्मे पकड़ लिया और ख़ूब ज़ोर ज़ोर से छोड़ने लगा. साथ ही साथ मेरे मम्मे मसलता जा रहा था जिससे मुझे जन्नत का माज़ा आने लगा. मैं भी अपनी गांड उछाल उछाल कर उसका साथ देनी लगी

तक़रीबन 10 मिनुटे तक राज ने मुझे जाम के छोड़ा और अपना सारा पानी मेरी छूट में निकल दिया. झड़ने के बाद राज मेरे पैरों के पास सर रख लेट गया और मेरी टांगे खोल अपना रस मेरी छूट से छाटने लगा

हाए राजा, मज़ा आ गया और छुड़ाई के बाद जो तू छत ता है तो और भी मज़ा आ जाता है

नेहें, तेरी छूट तो और भी स्वादिष्ट हो जाती है मेरे रस के साथ. मज़ा आ गया निशा.

और हम एक दूसरे के साथ लिपट कर लेट गाये

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