शेयर कहें, शायरी कहें या गाएं कोई गाना
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तेरी नानी पैर उठाए, चोदे मेरा नाना
People were shocked to hear this though this shayar had a famous background of telling some really gandu shayaris. But this being a Royal Marriage, people requested him to say something about the wedding. To humare shayar sahab ne farmaya...
क्या हसीन फ़िज़ा है इंतज़ाम की...
People - WAH!, WAH, IRSHAAD, IRSHAAD !!!!
क्या हसीन फ़िज़ा है इंतज़ाम की...
क्या हसीन फ़िज़ा है इंतज़ाम की...
चुदेगी आज लौंडी निज़ाम की।
People were really angry to hear this. (probably most of them were not like us). They started abusing and throwing stones at him. On this he again started...
ऐ धरती के चाँद सितारो...
This calmed people a bit.
ऐ धरती के चाँद सितारो...
माँ के लौड़ो, पत्थर तो न मारो
People went out of control this time and started beating and kicking him. He begged for mercy but they were not ready to listen to him any more, so he finally stated.
गर्दिश मैं हैं सितारे गाँड मार लो हमारी..
गर्दिश मैं हैं सितारे गाँड मार लो हमारी..
जब बहारें चमन में होंगी, माँ चोद देंगे तुम्हारी।
Rest is history. But the history stayed with him when he grew up. अब ज़ाहिर है कि ऐसे चूतिए के प्रेम में कोई पड़ेगा नहीं। तो ये शायर हैदराबाद से मुम्बई प्यार का चक्कर चलाने के लिए आया। एक दिन उसने एक अच्छी लड़की को देखा। लड़की का ध्यान कहीं और था तो शायर साहब ने वहीं फ़र्मा दिया...
मुड़कर ज़रा इधर भी देख ज़ालिम
कि तमन्ना हम भी रखते हैं
चूत तेरे पास है तो क्या
लंड हम भी रखते हैं।
You won't believe it. But the girl liked this shayri and she fell for him. Things went well for them for next few days लेकिन वो लड़की कुछ आगे नहीं बढ़ने देती थी। तो एक सुहाने मौसम पर हमारे दोस्त ने उसे कह ही डाला...
दिल तो दिया है तुझे पर एक शर्त लगाई है
लेनी है वो चीज़ जो तूने टाँगों में छुपाई है
That was it! लड़की एकदम रूठ गई और शायर से मिलना जुल्ना छोड़ दिया। तो शायर की हालत भी खराब हो गई। दोस्त लोग भी खैरत पूछने चले आए। To cheer him up, they requested him to say a sher dedicated to her.
So he goes...
बेदर्द ज़माना क्या जाने
क्या चीज़ जुदाई होती है
हम लंड पकड़ कर बैठे हैं
जबकि घर घर में चुदाई होती है
ये सुनकर दोस्त लोग हिल गए। कोई बोला लंड को संभालो, तो कोई कहता है कि अगर लंड को पकड़ कर बैठोगे तो मूतने कैसे जाओगे? तो शायर बोलता है...
कौन कहता है कि लंड यहाँ मूतने को आता है?
कौन कहता है कि लंड यहाँ मूतने को आता है?
अरे वो तो चूत की याद में आँसू बहाने आता है
ये सुनकर सब दोस्त लोग और भी परेशान हो गए। एक दोस्त से तो ये सुना भी नहीं गया। तो वो दोस्त बोलता है कि में कैसे भी करके तेरी डार्लिंग को वापस बुलाऊँगा। तेरे पास वापस आके तुझ पे एक एहसान करने की भीख माँगूंगा। अब आप लोग तो जानते हो कि ये शायर लोग लितने independant होते हैं। तो हमारे शायर को ये एहसान लेने वाली बात कुछ पसंद नहीं आई। तो वो बोला...
एहसान किसी का क्या लेना, हम तो मुठ पे गुज़ारा करते हैं
एहसान किसी का क्या लेना, हम तो मुठ पे गुज़ारा करते हैं
जब भी याद उनकी आती है, उठ उठ दोबारा करते हैं।
महबूबा कभी वापस नहीं आई, तो उसकी याद भुलाने के लिए वही शायर दिल्ली चला गया। वहाँ जब कुतुब मीनार देखा तो बोला,
देख के कुतुब मीनार, शायर का दिमाग दौड़ा
आसमान को चोदने चला धरती का लौड़ा
इस पर दिल्ली पुलिस की गाँड में खुजली हुई उसे पकड़ लिया गया और कोर्ट में पेश किया गया। जब जज साहिबा ने पूछा "तुम्हें कुछ कहना है?" तो वो बोला:
ऐ सनम उठा कलम
मुझे कसम है रब की
मुझे कसम है रब की
माँ चोद दूँगा सबकी...
On such a contempt of court, he was ordered to be hanged till death. When he was burried, the judge sahiba visited his grave. Needless to say she was very mad so she pissed on his grave. जज साहिबा के जाने के बाद इस शायर के भूत ने अर्ज़ फ़रमाया...
वो आए हमारी कबर पर
और मूत कर चले गए
मूतने का तो बहाना था
वो चूत दिखा कर चले गए
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